Consultation in Corona Period-180

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Pankaj Oudhia पंकज अवधिया


"पहले मुझे अस्थमा की समस्या थी। जब मुझे अस्थमा की अच्छी दवाई मिली तो मेरी अस्थमा की समस्या पूरी तरह से ठीक हो गई पर उसके बाद एग्जिमा की समस्या उभरने लगी। मुझे एक और शिकायत है कि मुझे हमेशा पेट में तेज दर्द होता है और उसके बाद दस्त होते हैं। यह अक्सर रोज ही होता है। इस समस्या के लिए मैंने कई प्रकार के चिकित्सकों से मुलाकात की और उन्हें अपनी समस्या बताई। सभी ने अपनी-अपनी समझ के अनुसार दवाएं दी पर पेट मरोड़ कर दस्त होने की शिकायत का किसी भी तरह से समाधान नहीं हुआ। इस दस्त के बाद मैं बहुत कमजोर हो जाती हूं और फिर मुझसे दिन भर का काम नहीं होता है। पहले मैं बहुत सक्रिय हुआ करती थी। दिन भर घर के काम में लगी रहती थी जिससे कि मेरा वजन नियंत्रण में रहता था। अब दस्त के कारण मेरा वजन बढ़ता जा रहा है और मोटापे के कारण कई प्रकार के दूसरे रोग हो रहे हैं जैसे कि मेरे घुटनों की समस्या शुरू हो गई है और डॉक्टर कहते हैं कि इसके लिए मोटापे को कम करना जरूरी है। 

हमने आपसे इसलिए परामर्श लिया है कि आप हमें कुछ ऐसी दवाएं बताएं जिससे कि मरोड़ कर दस्त होने की समस्या का पूरी तरह से समाधान हो जाए और मेरी एग्जिमा की समस्या भी काबू में आ जाए।" अपने पति के साथ परामर्श लेने आई एक महिला ने मुझे अपने बारे में यह जानकारी दी। मैंने उनसे कहा कि मैं आपकी मदद करूंगा। मुझे विस्तार से अपनी समस्या के बारे में बताइए।

 यह बताइए कि आपको अस्थमा की समस्या कब से थी और यह किस दवा से ठीक हुई? उन्होंने बताया कि उन्होंने अस्थमा के लिए पहले आधुनिक दवाओं का उपयोग किया। उन्हें कई तरह के इन्हेलर दिए गए पर उनकी समस्या पूरी तरह से जब ठीक नहीं हुई तो उन्होंने आयुर्वेद का सहारा लिया।

 इससे समस्या कम तो हुई पर पूरी तरह से ठीक नहीं हुई। किसी की सलाह पर वे एक होम्योपैथी डॉक्टर के पास गई जिन्होंने 1 हफ्ते के अंदर ही उनकी समस्या का समाधान कर दिया।

 मैंने पूछा कि क्या आप उनका नाम बता सकती हैं तो उन्होंने कहा कि वे है तो गणित के प्रोफेसर पर शाम को शौकिया तौर पर होम्योपैथिक दवाई देते हैं। वे अपनी फीस नहीं लेते हैं। केवल दवा का खर्च लेते हैं।

 उन्होंने आगे बताया कि होम्योपैथी की दवा से 5 महीनों तक तो अस्थमा पूरी तरह से नियंत्रण में रहा पर उसके बाद फिर से वह समस्या शुरू हो गई जिस पर उनके चिकित्सक ने कहा कि वे एक तरह का मिश्रण दे रहे हैं जिसे चाय पत्ती में मिलाकर रखना है और फिर जब चाय में पत्ती डाली जाए तो इसे भी साथ में डाल दिया जाए। इस तरह तैयार चाय को पीने से आपकी अस्थमा की समस्या अब पूरी तरह से ठीक हो जाएगी।

 मैंने उत्साहपूर्वक उस मिश्रण को लिया और उसका प्रयोग करने लगी। मुझे बताया गया कि यह एक तरह की हर्बल चाय है। इसका लगातार प्रयोग करने से अस्थमा के अलावा और भी कई रोगों में लाभ पहुंचता है। उस दिन के बाद से अस्थमा पूरी तरह से ठीक है पर कुछ समय बाद जब एग्जिमा की समस्या बढ़ने लगी तो फिर से मैंने उन चिकित्सक से संपर्क किया। 

उन्होंने इसके लिए एक और दवा दी पर उससे फायदा नहीं हुआ। फिर जब पेट में मरोड़ की समस्या शुरू हुई तो फिर से एक बार उन्होंने एक नई दवा का प्रयोग किया पर वह दवा भी कारगर सिद्ध नहीं हुई इसीलिए हम आपके पास आए हैं। ऐसा कहकर उन महिला ने अपनी बात पूरी की। 

मैंने उनसे कहा कि आप दवा की उम्मीद मुझसे न करें। अगर आप यह जानना चाहती हैं कि आपको यह समस्या क्यों हो रही है तो आपको मुझे वह मिश्रण लाकर देना होगा जिसका प्रयोग आप कर रही है और जिससे आपका अस्थमा पूरी तरह से नियंत्रण में है। उन्होंने जोर देकर कहा कि वह किसी दवा की उम्मीद में ही मेरे पास आई हैं और अगर मैं दवा नहीं दे सकता तो किसी प्रकार का मेडिसिनल राइस उनको दे दूं ताकि उनकी ये सब समस्याएं पूरी तरह से ठीक हो जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इस समस्या का कारण अस्थमा की दवा नहीं है क्योंकि वह हर्बल चाय है जो कि किसी भी तरह से नुकसान नहीं करती है।

 मैंने उन्हें विस्तार से समझाया कि किसी भी रोग का कारण जानना जरूरी है और फिर उसके बाद उसकी चिकित्सा करना इसलिए मुझे पहले आपकी समस्या का कारण जान लेने दीजिए फिर उसके आधार पर मैं आपको उपयुक्त किस्म का मेडिसिनल राइस दे सकूंगा जिससे आपकी सभी समस्याओं का एक बार में ही समाधान हो जाए। 

वे लोग वापस लौट गए और फिर उनके पति मेरे पास उस मिश्रण को छोड़ गए। मैंने उनके पति का मोबाइल नंबर ले लिया और कहा कि यदि जरूरत हुई तो मैं आपसे संपर्क करूंगा और इससे संबंधित पूरी जानकारी दूंगा। 

मैंने उनसे यह भी कहा कि मेरा फोन न आने पर आप अगले हफ्ते मुझसे संपर्क करें। ताकि मैं इस हर्बल चाय की जांच कर लूं और इससे संबंधित अध्ययन कर लूं। जब मैंने हर्बल चाय का विश्लेषण किया तो समस्या का समाधान नजर आने लगा पर इस समाधान को उनकी पत्नी को बताना खतरे से खाली नहीं था इसलिए मैंने उनके पति को फोन कर कहा कि आप अकेले ही मुझसे मिलने आए। मुझे आपसे जरूरी बात करनी है।

 जब उनके पति आए तो मैंने उन्हें विस्तार से समझाया कि आपकी पत्नी को जो समस्याएं हो रही है उसके लिए यह हर्बल चाय ही उत्तरदाई है। यह वास्तव में हर्बल चाय नहीं है बल्कि एक विशेष प्रकार के कीट से तैयार किया गया मिश्रण है। 

उन्होंने यह जानना चाहा कि यह विशेष प्रकार का कीट कौन सा है?

 मैंने कहा कि यह कॉकरोच को सुखाकर बनाया गया पाउडर है। इसे हर्बल चाय के नाम पर आपकी पत्नी को दिया जा रहा है। उनके चेहरे पर क्रोध के भाव आने लगे तो मैंने कहा कि आपको इसमें क्रोध करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि होम्योपैथी में अस्थमा के लिए जिस दवा का प्रयोग किया जाता है उन दवाओं में एक दवा ब्लाट्टा भी है जिसे कॉकरोच से बनाया जाता है। अक्सर होम्योपैथिक चिकित्सक इस दवा का प्रयोग करते हैं पर अपने रोगियों को जानबूझकर नहीं बताते हैं कि यह दवा कॉकरोच से तैयार की गई है। यदि आप होम्योपैथी के संदर्भ साहित्य को देखेंगे तो उसमें यह साफ-साफ लिखा है कि यदि किसी को चाय की केतली में कॉकरोच उबाल कर दिया जाए और फिर उस चाय को पीने को कहा जाए तो अस्थमा का दौरा जल्दी ठीक हो जाता है। इसी आधार पर होम्योपैथी में कॉकरोच का प्रयोग किया जाता है अस्थमा की चिकित्सा के लिए। बहुत से चिकित्सक एक कदम आगे बढ़ जाते हैं और वे अपनी दवा का असर कम होने पर इस तरह के प्रयोग करने लग जाते हैं जिस तरह के प्रयोग आपके चिकित्सक कर रहे हैं। वे कॉकरोच को मारकर धूप में सुखा देते हैं फिर उसे पीसकर उसका पाउडर बना लेते हैं। उस पाउडर में कुछ जड़ी बूटियां डालकर उसे सुगंधित बना देते हैं फिर अपने रोगियों को कहते हैं कि इस हर्बल चाय को चाय के साथ उबालकर लें। इससे आपकी अस्थमा की समस्या कम हो जाएगी। 

यह विज्ञान सम्मत है कि इस तरह कॉकरोच का प्रयोग करने से अस्थमा की समस्या में लाभ होता है पर यदि कॉकरोच को ठीक से नहीं सुखाया गया या उसका ठीक से शोधन नहीं किया गया तो बहुत सारी नई स्वास्थ समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं जैसे कि आपकी पत्नी को एक्जिमा की शिकायत हो रही है और पेट में मरोड़ के साथ दस्त हो रहे हैं। यह इसी हर्बल चाय के कारण हो रहे हैं।

 अगर चिकित्सक साफ शब्दों में बता दें कि वे1 कॉकरोच का प्रयोग कर रहे हैं तो रोगी भूलकर भी उनकी दवा का प्रयोग नहीं करेंगे और साथ ही उनके द्वारा दी गई तथाकथित हर्बल चाय का भी। इसलिए इस बात को गोपनीय रखा जाता है और मैं भी यह चाहता हूं कि इस बात को गोपनीय रखा जाए।

 आप अपनी पत्नी को धीरे से समझाएं कि वे अस्थमा के इस नुस्खे का प्रयोग करना बंद करें। इससे उनकी सारी समस्या का समाधान हो जाएगा। अस्थमा की समस्या के लिए मैं उन्हें एक विशेष तरह का मेडिसिनल राइस दे सकता हूं। इसका प्रयोग करने से वे इस समस्या से पूरी तरह से मुक्त हो सकती है पर मैं यह कहना चाहूंगा कि अस्थमा के लिए होम्योपैथी में भी बहुत सारी दवाएं हैं। केवल ब्लाट्टा ही एक विकल्प नहीं है।

 यदि आपके चिकित्सक इस बात के लिए तैयार होते हैं कि वे दूसरी दवा का प्रयोग करेंगे तो आप मेरे द्वारा दिए गए मेडिसिनल राइस का प्रयोग करने की बजाय उनकी दवा का उपयोग कर सकते हैं और अस्थमा से पूरी तरह से मुक्त हो सकते हैं।

 मेरी बात सुनकर सज्जन थोड़े से शांत दिखाई पड़े। उन्होंने कहा कि मैं कोई तरीका ढूंढता हूं जिससे कि मैं अपनी पत्नी को समझा सकूं। मैं उन्हें यह बिल्कुल नहीं बताऊंगा कि उन्हें कॉकरोच से तैयार चाय दी जा रही थी। मैं उनके चिकित्सक से भी बात करूंगा और आपकी बात उन्हें बताऊंगा कि इस तथाकथित हर्बल चाय से ही पत्नी की समस्या हो रही है।

 मुझे विश्वास है कि चिकित्सक आपकी बात सुनेंगे और होम्योपैथी की दूसरी दवा देंगे जिससे कि मेरी पत्नी सभी तरह से रोगों से मुक्त हो सके।

 उन्होंने मेरा धन्यवाद किया।

 मैंने उन्हें शुभकामनाएं दी। 


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