Consultation in Corona Period-191
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Pankaj Oudhia पंकज अवधिया
"हत्था जोड़ी के लिए मैंने आपसे संपर्क किया है। मुझे इसकी सख्त आवश्यकता है। क्या आपके पास यह मिल सकता है या आप मार्गदर्शन दे सकते हैं कि यह कहां से मिलेगा?" उत्तर भारत से जब यह फोन आया तो मैंने उन सज्जन से कहा कि मैं आपकी मदद करूंगा। आप रायपुर आ जाएं। पास ही जंगल में यह मिल जाएगी। वहां से मैं आपके लिए इसे एकत्र कर दूंगा पर पहले आप बताइए आपको किस तरह के हत्था जोड़ी की आवश्यकता है?
उन्होंने विस्तार से बताना शुरू किया कि वे एक बहुत अच्छे फुटबॉल खिलाड़ी थे जो कि राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके थे। एक बार बरसात में जब वे अपने शहर में खेल रहे थे तब अचानक ही बिजली कड़की और उनके साथ खेल रहे चार खिलाड़ी मारे गए। बिजली का असर उनके ऊपर भी हुआ पर यह बहुत अधिक नुकसानदायक नहीं था। अस्पताल से उन्हें जल्दी ही छुट्टी मिल गई पर उन्हें जो मानसिक और शारीरिक आघात लगा वह अंदर ही अंदर रह गया और धीरे-धीरे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता तेजी से कम होने लगी। उन्होंने फुटबॉल खेलना छोड़ दिया और दिन भर घर में आराम करना शुरू कर दिया। उन्होंने कई चिकित्सकों से मदद ली पर सभी चिकित्सकों ने उन्हें अपना मन दूसरी जगह लगाने, अच्छा सोचने के लिए प्रेरित किया और उनकी शारीरिक कमजोरी के लिए तरह-तरह के टॉनिक सुझाये।
बाद में जब उन्हें डायबिटीज की समस्या हो गई तो धीरे-धीरे ये टॉनिक भी बंद हो गए। वे गहरे डिप्रेशन में चले गए और घरवालों को लगने लगा कि अब ज्यादा दिन का जीवन इनका नहीं है।
उन्होंने सभी पैथी आजमाईं पर उन्हें लाभ नहीं हुआ तो उन्होंने अध्यात्म का मार्ग चुन लिया। मेडिटेशन करने लगे और ईश्वर भक्ति में ही अपना जीवन लगाने का निश्चय कर लिया। इस बीच उन्हें पता चला कि उत्तर पूर्व में एक पारंपरिक चिकित्सक है जो इस तरह के मरीजों की चिकित्सा करते हैं। उन्होंने बिना देरी के उन चिकित्सक से मिलने की योजना बनाई। पारंपरिक चिकित्सक ने उनकी पूरी जांच की। हाथों और पैरों में तरह-तरह की जड़ी बूटियों का लेप लगाया फिर उनसे कहा कि हत्था जोड़ी की सहायता से उनकी समस्या का समाधान किया जा सकता है। अभी उनके पास हत्था जोड़ी उपलब्ध नहीं है इसलिए वे दूसरे स्रोत का पता करें जहां से उन्हें हत्था जोड़ी मिल सकती है। वे सज्जन वापस आ गए और हत्था जोड़ी की तलाश करने लगे। उन्होंने किसी दूसरे पारंपरिक चिकित्सक से मिलने की बजाय इंटरनेट का सहारा लिया जहां हत्था जोड़ी के बारे में बहुत सारी जानकारियां उपलब्ध है। इंटरनेट पर 10 रुपये से लेकर लाखों रुपए तक में मिलने वाली हत्था जोड़ी के बारे में जानकारी मिलती है। उन्हें कहा गया था कि वे एक पाव हत्था जोड़ी खरीद ले और फिर एक चुटकी भर हत्था जोड़ी को पीसकर रात भर पानी में भिगो दें और सुबह उस पानी को पी ले। हत्था जोड़ी के अवशेष को फेंक दें। इससे धीरे-धीरे उनकी तबीयत में सुधार होगा। शरीर की शारीरिक कमजोरी पूरी तरह से दूर हो जाएगी और मानसिक आघात में भी लाभ होगा। जब उन्होंने इंटरनेट की सहायता से हत्था जोड़ी को खोजना शुरू किया तो उन्हें पता चला कि हत्था जोड़ी तो वजन के हिसाब से नहीं बल्कि नग के हिसाब से मिलती है और हत्था जोड़ी की कीमत बहुत अधिक है।
उन्हें तरह-तरह की हत्था जोड़ी मिली पर एक भी ऐसी हत्था जोड़ी नहीं थी जिसे कि रात भर पानी में डुबोया जा सके फिर चूर्ण करके उसका उपयोग किया जा सके। लंबी तलाश के बाद बंगाल के एक तांत्रिक के पास उन्हें हत्था जोड़ी नामक एक वस्तु मिली। उन्होंने उसे खरीदने की इच्छा जताई तब तांत्रिक ने कहा कि इसके लिए आठ लाख लगेंगे क्योंकि यह बहुत दुर्लभ है। इतनी अधिक कीमत सुनकर उन सज्जन के होश उड़ गए पर घर वालों ने कहा कि जब इतने दिनों बाद पारंपरिक चिकित्सक मिले हैं और उन्होंने हत्था जोड़ी के प्रयोग की बात कही है तो हमें पैसे की चिंता नहीं करनी चाहिए और हत्था जोड़ी खरीद लेना चाहिए। सज्जन ने हत्था जोड़ी खरीद लिया तो भी उनके सामने असमंजस की स्थिति बनी रही क्योंकि वह कोई वनस्पति न होकर जुड़े पंजो वाली कोई वस्तु थी जिसे पीसकर रात भर भिगो कर उसका पानी पीना बिल्कुल भी संभव नहीं था इसलिए यह हत्था जोड़ी उनके पास पड़ी रही और वे इसका उपयोग नहीं कर पाए। इंटरनेट पर हत्था जोड़ी खोजते-खोजते हुए मेरे वीडियो तक पहुंचे और फिर उन्होंने मन बनाया कि एक बार वे मुझसे परामर्श लेंगे और पूछेंगे कि उनके पास जो हत्था जोड़ी है उसका उपयोग कैसे किया जाए जिससे कि उनकी समस्या का समाधान हो सके। इतना कहकर उन सज्जन ने अपनी बात पूरी की।
मैंने उनसे कहा कि आप एक बार रायपुर आ जाइए और साथ में उस आठ लाख वाली हत्था जोड़ी को भी ले आइए ताकि मैं उसकी जांच कर सकूं और आपको बता सकूं कि इसका उपयोग कैसे करना है? जब वे मुझसे मिलने आए और उन्होंने हत्था जोड़ी दिखाई।
मैंने उनसे कहा कि यह तो तांत्रिकों द्वारा बेची जाने वाली हत्था जोड़ी है। इसका आपकी चिकित्सा से किसी भी प्रकार का कोई संबंध नहीं है। यह Desert lizard को मारकर या कहे कि क्रूरता से मार कर बनाई गई हत्था जोड़ी है जो आजकल इंटरनेट पर खूब बिकती है। इसकी मनमानी कीमत वसूली जाती है और इसे लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं। भारत सरकार को इसके बारे में अच्छे से जानकारी है। अगर इंटरनेट में आपने ध्यान से पढ़ा होगा तो आपने पाया होगा कि वन विभाग लगातार देशभर में छापेमारी करता है और ऐसे हत्था जोड़ी बेचने वालों को गिरफ्तार कर लेता है। यह वन्य प्राणी से तैयार की हुई सामग्री है। इसे बेचने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है।
उत्तर पूर्व के पारंपरिक चिकित्सक में आपको जिस हत्था जोड़ी का प्रयोग करने के लिए कहा था वह वास्तव में एक प्रकार की वनस्पति है जिसके बारे में हमारे प्राचीन ग्रंथों में लिखा हुआ है। यूं तो हत्था जोड़ी के नाम पर कई प्रकार की वनस्पतियां और उनका वर्णन हमारे ग्रंथों में मिलता है पर आपकी समस्या के लिए जिस हत्था जोड़ी का सुझाव दिया गया है उसका इस हत्था जोड़ी से किसी भी प्रकार का दूर-दूर तक संबंध नहीं है।
उन्हें साथ लेकर मैं पास के जंगल में गया और उनके लिए हत्था जोड़ी एकत्रित करके उन्हें दे दी। उस हत्था जोड़ी को देखकर उनका सिर चकराने लगा। बोले मेरे आठ लाख का क्या होगा?
मैंने उनसे कहा कि आप तांत्रिक से सीधे बात करिए और बताइए कि मैं वन विभाग में शिकायत करने जा रहा हूं कि मैं ठगी का शिकार हुआ हूं और मुझे जानवर से तैयार की गई हत्था जोड़ी बेची गई है। आप चाहे तो मेरे बारे में भी उन तांत्रिक को बता सकते हैं और मेरे लेखों को दिखा सकते हैं जिनमें मैंने साफ-साफ लिखा है कि ऐसी हत्था जोड़ी क्रूरता से वन्य प्राणी को मारकर बनाई जाती है। मुझे विश्वास है कि तांत्रिक आपके कुछ पैसे तो जरूर वापस कर देगा।
उस वनस्पति वाली हत्था जोड़ी को लेकर वे सज्जन वापस लौट गए और फिर उन्होंने विधिपूर्वक उसका उपयोग करना शुरू किया। धीरे-धीरे उनकी कमजोरी दूर हो गई और वे फिर से फिट होने लगे।
इसके बाद उन्होंने एक बार फिर से मुझसे संपर्क किया और बताया कि तांत्रिक ने उनके आधे पैसे लौटा दिए हैं पर बचे हुए पैसे देने के लिए आनाकानी कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि हत्था जोड़ी के प्रयोग से उनकी तबीयत में सुधार तो हुआ है पर यह अब अपनी अधिकतम सीमा तक जा चुका है। अब इसके बाद इसका उपयोग करने से किसी भी तरह का लाभ नहीं हो रहा है।
मैंने उन्हें बताया कि कई बार ऐसा होता है और अगर वे चाहे तो मैं उन्हें कुछ विशेष तरह के मेडिसिनल राइस दे सकता हूं जिनका प्रयोग वे अगर इसके साथ करेंगे तो उसका प्रभाव कई गुना अधिक बढ़ जाएगा और उनकी समस्या का पूरी तरह से समाधान हो जाएगा। वे प्रसन्न हुए और मुझसे मेडिसिनल राइस लेकर वापस चले गए।
अगली बार जब उनका संदेश आया तो उसके साथ एक तस्वीर थी जिसमें वे फुटबॉल के मैदान में फिर से सक्रिय दिखाई दे रहे थे।
इस संदेश ने बहुत सुकून प्रदान किया।
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