Consultation in Corona Period-197
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Pankaj Oudhia पंकज अवधिया
"वैसे तो मुझे बचपन से बहुत अधिक पसीना आता था और मेरे मित्र बार-बार मुझे टोका करते थे पर जैसे जैसे मेरी उम्र बढ़ी तो इसकी समस्या बढ़ने लगी। हाल ही में यह समस्या इतनी उग्र हो गई कि मुझे हर थोड़े समय में अपनी शर्ट बदलनी पड़ती है और दिन में कई बार नहाना पड़ता है। ऐसी स्थिति होने पर मैंने निश्चय किया कि मैं चिकित्सक से मिलूंगा और अपनी स्थिति के बारे में बताऊंगा।
जब मैं चिकित्सक से मिला तो चिकित्सक ने कहा कि अधिक पसीना आना अच्छे स्वास्थ के लक्षण है। इससे यह स्पष्ट होता है कि उसके शरीर के सभी छिद्र खुले हुए हैं और शरीर अच्छे से काम कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि उससे अधिक पसीना तो उन चिकित्सक को आता है। इसमें घबराने की कोई बात नहीं है।
मैं निश्चिंत हो गया और सामान्य जीवन जीने लगा फिर जब यह समस्या और बढ़ने लगी तो मैंने पास के बड़े शहर में जाकर चिकित्सक से मिलने की योजना बनाई। जब मैं उन चिकित्सक से मिला तो उन्होंने कहा कि यह डायबिटीज के कारण होने वाली समस्या हो सकती है इसलिए उन्होंने परामर्श दिया कि मैं किसी अच्छे डायबिटोलॉजिस्ट से मिलूँ। जब मैं डायबिटोलॉजिस्ट से मिला तो उन्होंने कहा कि यह समस्या डायबिटीज के कारण है और उन्होंने कई सारी दवाईयाँ दी। इनका मैं नियमित प्रयोग करने लगा। इससे मेरी डायबिटीज तो नियंत्रण में रही पर अधिक पसीना आने की समस्या का किसी भी तरह से समाधान नहीं हुआ। जब मैंने बार-बार इस बात की शिकायत अपने चिकित्सक से की तो उन्होंने मुझे थायराइड के विशेषज्ञ के पास भेजा। उन्होंने बताया कि थायराइड की अति सक्रियता की वजह से अधिक पसीना आ रहा है। उन्होंने थायराइड की कई दवाएं दी जिन्हें मैं नियमित लेता रहा पर इसके बाद भी पसीने की समस्या का समाधान नहीं हुआ। उसके बाद मैंने फिर से उन चिकित्सक से शिकायत की कि मेरी पसीने वाली समस्या का समाधान हो नहीं रहा है जिसके लिए मैं आपसे मिलने आया था तब उन्होंने मुझे हृदय विशेषज्ञ के पास भेजा। उन्होंने बताया कि कार्डियक डीबिलिटी के कारण ऐसे लक्षण आ रहे हैं और उन्होंने बहुत सारी दवाएं दी और कहा कि इन दवाओं को अपनी अभी की दवाओं के साथ जारी रखा जा सकता है।
मैंने सोचा कि जब यह ह्रदय के कारण ही हो रहा है तो क्यों न आधुनिक दवाओं के साथ में पारंपरिक दवाओं का भी सहारा लिया जाए। मैं एक वैद्य से मिला। उन्होंने भी कई तरह की दवाएं दी पर समस्या जस की तस रही। एक मित्र की सलाह पर मैं न्यूरोलॉजी विशेषज्ञ से मिला जिन्होंने बताया कि स्पाइनल कॉर्ड की इंजरी या सिर में पुरानी चोट के कारण भी ऐसा होता है। उन्होंने तरह-तरह के परीक्षण किए और जब मैंने उन्हें बताया कि मुझे हाल ही में बहुत जोर से चोट लगी थी जिसमें सिर से बहुत खून बहा था और स्पाइनल कॉर्ड में भी हल्की चोट लगी थी तो उन्होंने उस आधार पर दवाई देना शुरू कर दिया जिनका मैं नियमित प्रयोग करता रहा पर इससे भी अधिक पसीना आने की समस्या का समाधान नहीं हुआ।
इतनी सारी दवाओं का सेवन करते हुए मुझे नई-नई स्वास्थ समस्याओं का सामना करना पड़ा। सबसे विकट समस्या कब्जियत की है जिसने कि जीना हराम कर दिया है। मुझे 10 दिनों तक किसी भी तरह से पेट साफ नहीं होता है और कभी-कभी तो इससे भी अधिक समय लग जाता है। जबकि मैंने खाने में किसी भी प्रकार की कटौती नहीं की है और मैं अक्सर परगेटिव का प्रयोग भी करता हूं पर ऐसा लगता है जैसे कि मल सूखकर पत्थर हो गया है और किसी तरह से उसे निकालना संभव नहीं हो पाता है।
मैंने आपसे परामर्श के लिए समय इसलिए लिया है ताकि आप मेरी कब्जियत की समस्या को दूर कर सके और संभव हो तो यह भी बता सके कि मुझे इतना अधिक पसीना क्यों आ रहा है?" मध्य भारत से आए युवक ने जिसकी आयु 35 वर्ष थी, जब परामर्श के लिए समय मांगा तो मैंने उससे कहा कि मैं उसकी मदद करूंगा।
मैंने उसके द्वारा ली जा रही दवाइयों के बारे में विस्तार से जानकारी एकत्र की। यह जानकारी सचमुच बड़े विस्तार से थी क्योंकि वह 35 से अधिक प्रकार की देसी विदेशी दवाओं का प्रयोग कर रहा था पर इन दवाओं से उसके पसीने की समस्या का किसी भी तरह से समाधान नहीं हो रहा था। सभी दक्ष चिकित्सकों ने उससे कहा था कि वह अपनी दवा जारी रख सकता है उनकी दवा के साथ। यही कारण था कि धीरे-धीरे दवाओं की संख्या बहुत अधिक हो गई।
इन दवाओं के बीच इतना अधिक ड्रग इंटरेक्शन हो रहा था कि संबंधित चिकित्सकों की सलाह के बिना उस युवक को किसी तरह का मार्गदर्शन देना संभव नहीं था। जब मैंने उसके द्वारा ली जा रही पारंपरिक दवाओं का अध्ययन शुरू किया तो मुझे समस्या का समाधान होता दिखा। मैंने उस युवक को बताया कि तुम्हारी कब्जियत की समस्या का समाधान तो मैं कर सकता हूं। हृदय की कमजोरी के लिए तुम्हारे वैद्य तुम्हे खस की जड़ से तैयार किया हुआ एक नुस्खा दे रहे हैं जिसमें खस को एक प्रमुख घटक के रूप में प्रयोग किया गया है। इस नुस्खे का प्रयोग करने से निश्चित ही हृदय की कार्य क्षमता बढ़ती है पर कब्जियत की शिकायत हो जाती है। अगर इस फार्मूले का उपयोग करना तुम बंद कर दो तो तुम्हारी कब्जियत की समस्या का समाधान हो सकता है। तुम्हारी कब्जियत की समस्या के लिए दूसरी दवाओं का कोई योगदान नहीं है।
मैंने उसे यह भी कहा कि बहुत अधिक पसीना आने की समस्या के लिए खस का यह नुस्खा कारगर है पर शायद दूसरी दवाओं के इंटरेक्शन के कारण यह तुम्हारी पसीने की समस्या का समाधान नहीं कर पा रहा है। उसके अनुमति देने पर मैंने उसके पैरों के तलवों में जड़ी बूटियों का लेप लगाकर परीक्षण किया तो मुझे उसकी शरीर की स्थिति के बारे में पता चला। उस आधार पर मैंने उससे कहा कि मुझे लगता है कि तुम्हारी नाभि और गले के बीच के भाग में किसी तरह की कोई गड़बड़ है। संभवत: कोई ट्यूमर है जिसके कारण तुम्हें इस तरह की समस्या हो रही है इसलिए तुम आधुनिक चिकित्सक से मिलकर शरीर के इन हिस्सों की सूक्ष्मता से जांच करवाओ। हो सकता है कि जांच के नतीजे तुम्हारी समस्या का समाधान कर दें।
वह युवक इस बात के लिए तैयार हो गया और शहर के एक चिकित्सक से मिलने चला गया। चिकित्सक ने जांच की तो बताया कि लिवर के पास में एक बड़ा सा ट्यूमर है जिसकी सर्जरी करना बहुत जरूरी है। उन चिकित्सक ने कहा कि वह चाहे तो तुरंत ही अस्पताल में भर्ती हो सकता है और शाम को ही उसकी सर्जरी हो सकती है।
सारी रिपोर्ट लेकर जब वह युवक मेरे पास आया तो मैंने उससे कहा कि इस ट्यूमर के कारण ही तुम्हें बहुत अधिक पसीना आने की समस्या हो सकती है। इस ट्यूमर के लिए तुम्हें जो उपाय करना है वह तुम कर सकते हो। सभी तरह के विकल्प उपलब्ध है। जिस विकल्प को अपनाना चाहो इस बात की तुम्हें स्वतंत्रता है। मैंने उसे यह भी बताया कि जबसे तुम्हें अधिक पसीना आने की समस्या हुई खासकर हाल के दिनों में तब से इस ट्यूमर ने बढ़ना शुरू किया होगा पर इस ओर ध्यान नहीं गया इसीलिए यह समस्या बढ़ती गई और अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ तुम्हारी समस्या को अपनी समझ के हिसाब से सुलझाते रहे। ट्यूमर पर किसी ने ध्यान नहीं दिया इसलिए तुम्हारी हालत ऐसी हो गई। उस युवक ने धन्यवाद दिया और फिर वापस अपने शहर लौट गया।
कुछ महीनों के बाद उसका फोन आया कि उसके ट्यूमर का ऑपरेशन सफल रहा है। अब उसे कब्जियत की शिकायत नहीं है क्योंकि उसने डायबिटीज, थायराइड और हृदय की कमजोरी के लिए दी जा रही 30 से अधिक दवाओं को पूरी तरह से बंद कर दिया है। उसने वैद्य जी का फार्मूला लेना भी बंद कर दिया है। उसने यह भी बताया कि अब उसे अधिक पसीना आने की समस्या नहीं हो रही है और वह इससे पूरी तरह से मुक्त हो चुका है।
यह एक अच्छी खबर थी।
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