कैंसर में दुर्लभ और महंगी जड़ी-बूटियाँ, काश सभी को उपलब्ध हो पाती ये औषधीयाँ

कैंसर में दुर्लभ और महंगी जड़ी-बूटियाँ, काश सभी को उपलब्ध हो पाती ये औषधीयाँ
पंकज अवधिया



विदेशी राजनेताओं और राजदूतों की सिफारिशों से कैंसर ठीक नही होता है. आप ऐसे ही साधारण रोगी की तरह मेरे पास आती तो भी मैं आपकी समस्या का समाधान करने की कोशिश करता.

मुझे याद है कि आपने वर्ष 1997 में आपने मुझसे पहली बार सम्पर्क किया था. आपके आने से पहले आपकी सिफारिश वाले ढेरों फोन आ चुके थे. राज्य के बड़े अधिकारी आपके आगमन से पहले मेरे घर का मुआयना कर गये थे.

आखिर आप कनाडा से आ ही गयी. आपको ब्रेस्ट कैंसर था और इस बारे में आप भारत की पारम्परिक चिकित्सा का लाभ लेना चाहती थी.

आपने मुझसे पांच घंटों तक विस्तार से चर्चा की. मैंने आपको पांच पारम्परिक चिकित्सकों के पास भेजा पर आपकी जिद थी कि मैं आपको कैंसर के लिए दवा दूं.

मैंने आपके पति से बात की और अपनी समस्या बताई. मैं आपके कैंसर के लिए चालीस जड़ी-बूटियों का काली हल्दी पर आधारित एक फार्मूला प्रयोग करना चाहता था पर इसमें प्रयोग होने वाली सभी जड़ी-बूटियों दुर्लभ और महंगी थी.

आपके पति खर्च वहन करने के लिए सहर्ष तैयार हो गये.  मैंने दस लोगों की एक टीम बनाई और उन्हें देश के अलग-अलग  हिस्सों से जड़ी-बूटियाँ लेने भेजा.

इस प्रक्रिया में एक महीने से अधिक का समय लगाने वाला था. इसलिए अन्य फार्मूलों की सहायता से उपचार शुरू किया गया. पर इस महारोग की अंतिम अवस्था में सारे फार्मूले एक के बाद एक असफल होते गये.

जैसे-तैसे एक महीने का समय बीता और चालीस जड़ी-बूटियों के लिए चार लाख से अधिक रूपरे लग गये. आपके पति को इस बात की तसल्ली थी कि सारी जड़ी-बूटियाँ मिल गयी.

आपका उपचार शुरू हुआ और एक सप्ताह में ही असर दिखने लगा. आपकी स्थिति में तेजी से सुधार आया और तीन वर्षों में आप कैंसरमुक्त हो गयी. आप कनाडा वापस लौट गयी.

आपके जाने के बाद मैंने इन चालीस बूटियों  की खेती करने का प्रयास किया ताकि आप जैसे रोगियों की जान बचाने के लिए इतना अधिक इन्तजार न करना पड़े. केवल दस जड़ी-बूटियों की खेती में सफलता मिली.

बहुत सी जड़ी-बूटियाँ ठीक से उग नही पायी. कुछ जड़ी-बूटियाँ अच्छे से उगी पर जब उनका फार्मूला में उपयोग किया गया तो बेअसर साबित हुयी. जंगलों में प्राकृतिक रूप से उनगे वाली जड़ी-बूटियों की कोई बराबरी नही है. खेती से उत्पादन तो लिया जा सकता है पर प्रकृति जैसी गुणवत्ता लाना सम्भव नही है.

आपने कनाडा वापसी के इतने वर्षों बाद कल मुझसे फिर समपर्क किया. इस बार अपनी चिकित्सा के लिए आपने मुझसे समपर्क नही किया.

आप भारत में स्तन कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर आधारित एक अस्पताल आरम्भ करना चाहती है. आप चाहती है कि इस अस्पताल में मैं आपनी सेवायें दूं. आपके प्रस्ताव के लिए धन्यवाद.

आप अस्पताल के प्रोजेक्ट में आगे बढिए मैं महीने में पांच दिन आपको देने का आश्वासन देता हूँ.  

मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.
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कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की  फिल्में आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं. 
सर्वाधिकार सुरक्षित

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