कैंसर से जीतने के बाद, कैंसर हो सकता है दोबारा यह रखें सदा याद
कैंसर से जीतने के बाद, कैंसर हो सकता है
दोबारा यह रखें सदा याद
पंकज अवधिया
चंद दवाओं के बेअसर साबित होने पर कैंसर
के सामने घुटने टेक देना गलत है. कैंसर की सफल चिकित्सा के लिए लाखों औषधीय मिश्रण
धरती पर उपलब्ध हैं. कैंसर से आख़िरी सांस तक लड़ने का माद्दा होना जरूरी है तभी
सफलता मिल सकती है.
मुझे याद है आपने सबसे पहले मुझसे वर्ष
२००६ में संपर्क किया था. उस समय आपको विशेष विमान से लाया गया था .
आप ब्रेस्ट कैंसर की अंतिम अवस्था में थी
और आपको देश भर के कैंसर विशेषज्ञों से मिलवाया जा रहा था पर सभी आपकी चिकित्सा
करने से इंकार कर रहे थे. उस समय जब मैंने आपका आरम्भिक परीक्षण किया तो मुझे आपकी
जीवनी शक्ति का स्तर देखकर बहुत आश्चर्य हुआ.
आपको जीने की इच्छा थी और आप आखिर दम तक
कैंसर से लड़ने के लिए तैयार थी. कैंसर शरीर के दूसरे भागों में फैल चुका था और
डाक्टरों ने आपको कह दिया था कि अब गिने चुने दिन बाकी हैं.
मैंने सारे रास्ते बंद होने पर आपकी
चिकित्सा का बीड़ा उठाया और १६ प्रकार के मिश्रण आपको दिए जिन्हें आपको दिन भर अपने
पैरों के तलवों पर लगाना था और फिर सूखने पर धो लेना था.
आपके परिजनों ने ऐसी चिकित्सा पर असंतोष
व्यक्त किया और कहा कि मैं आपका दिल रखने के लिए झूठ-मूठ की चिकित्सा कर रहा हूँ.
आप मेरे पास एक सप्ताह तक रही.
आपकी हालत में तेजी से सुधार आया. आप
वापस लौट गयी और फिर हर महीने दवा लेने आती रही. अभी भी आपको कोई आंतरिक दवा नही
दी गयी.
बस आप मिश्रणों का लेप लगाती रहीं. एक
साल के बाद मैंने आपको कोलिहा कंद और कोलिहा केकडी पर आधारित मिश्रण आंतरिक तौर पर
देना शुरू किया. आपके आने का क्रम जारी रहा.
पहली मुलाक़ात के दो वर्ष बाद जब कैंसर
पूरी तरह से काबू में आ गया तब मैंने आपको स्वास्थवर्धक खाद्य सामग्रियों से
परिपूर्ण एक डाईट चार्ट बनाकर दिया जिसे आप आज तक अपनाए हुए हैं. आप कैंसरमुक्त
जीवन जी रही हैं.
मैं चाहता हूँ कि आप जीवन भर कैंसर से
बची रहें इसलिए इस बार जब आप आयेंगी तो मैं आपको पन्द्रह तरह के औषधीय चावल से बना
एक मिश्रण दूंगा जिसे आपको सप्ताह में एक बार लेना है. आप एक साल तक इसे लेंगी तो
कैंसर के दोबारा पैर जमाने का डर खत्म हो जाएगा.
मुझसे मिलने आने वाले बहुत से कैंसर रोगी
मेरे द्वारा उपचारित कैंसर से मुक्त हो चुके रोगियों से बात करना चाहते हैं और फिर
उसके बाद चिकित्सा शुरू करना चाहते हैं.
मैंने कई बार आपसे मिलने के लिए ऐसे
रोगियों को भेजना चाहा पर आपने प्राइवेसी का हवाला देकर हर बार रोक दिया. निजता
में दखल देना मैं भी सही नही समझता पर यह अच्छी बात है कि आप अपने स्तर पर कैंसर
से निराश होचुके रोगियों में कैंसर का डर दूर करने में लगी हैं.
मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.
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कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज
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सर्वाधिकार सुरक्षित
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