Consultation in Corona Period-258 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-258 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "ये पारंपरिक चिकित्सक पिछले 3 सालों से मेरे लिए भगवान से कम नहीं है। इन्हीं के कारण मैं आज तक जिंदा हूँ क्योंकि सभी चिकित्सा पद्धतियों ने अपने हाथ खड़े कर दिए थे और मेरे गले के कैंसर के लिए कोई भी प्रयास करने को तैयार नहीं था। जब मुझे इन पारंपरिक चिकित्सक का पता मिला तो मैं दौड़ा-दौड़ा उनके पास गया अपनी सारी रिपोर्ट लेकर। पारंपरिक चिकित्सक ने रिपोर्ट देखने से इंकार कर दिया और साफ शब्दों में कहा कि वे इस बीमारी को किसी नाम से नहीं पुकारेंगे। पहले जांच करेंगे। उसके बाद ही बता पाएंगे कि शरीर में किस तरह की गड़बड़ हो रही है। जब उन्होंने जांच की तो बताया कि उनकी समस्या का कारण त्रिदोष है और उनके पास एक फार्मूला है जो इस त्रिदोष को दूर कर सकता है। यदि आप चाहें तो इस फार्मूले का प्रयोग कैसे करना है इसकी जानकारी मैं आपको दे सकता हूँ। उन पारंपरिक चिकित्सक ने कहा। मेरे पास कोई और विकल्प नहीं था। मैंने अपनी मंजूरी दे दी तो उन्होंने एक हफ्ते में दवा तैयार कर ली और फिर मैं उस दवा का प्रयोग करने लगा। दवा को असर करने में कुछ समय तो जरूर लगा पर कैंसर के अलावा जो साथ में समस्याएं थी वे भी कैंसर के साथ ठीक होने लगी ऐसा मुझे लगने लगा। 1 साल के बाद जब मैंने जांच कराई तो मेरे चिकित्सकों को भी आश्चर्य हुआ और उन्होंने कहा कि वे फिर से चिकित्सा शुरू कर सकते हैं। मेरी रिपोर्ट बहुत अच्छी आई थी। सालों के बाद इस तरह से मुझे खुशी मिली थी। मैंने आधुनिक चिकित्सा के स्थान पर पारंपरिक चिकित्सा को ही जारी रखने का मन बनाया। फिर जब 2 साल हो गए तो रिपोर्ट और अच्छी हो गई और मेरा शरीर तेजी से कैंसर से लड़ने के लिए तैयार हो गया। ढाई साल के बाद सारी तकलीफें दूर होती नजर आई पर उसके बाद अचानक ही कैंसर ने बहुत तेजी से फैलना शुरू कर दिया और सारी स्थिति बिगड़ गई। जब मैं अपनी शिकायत लेकर पारंपरिक चिकित्सक के पास गया तो उन्होंने कहा कि उनके फॉर्मूलेशन की यही तक सीमा है। इसके आगे वे कुछ नहीं कर सकते हैं। यह एक निराशाजनक खबर थी। मैंने उनसे बहुत मिन्नतें की पर उन्होंने अपने हाथ खड़े कर दिए और कहा कि उन्हें अब इस बारे में और जानकारी नहीं है। मैंने इंटरनेट पर अपने कैंसर के बारे में बहुत खोज की और खोज करते करते मैं आपके यूट्यूब चैनल तक पहुंच गया। जहां से फिर मैं कैंसर में ड्रग इंटरेक्शन से सम्बंधित आपके लेखों को पढ़ने लगा। मुझे लगा कि अब जब सभी रास्ते बंद हो चुके हैं तो फिर आपसे एक बार सलाह ली जाए। हो सकता है कि आप कोई उपाय सुझा सकें।" उत्तर पश्चिम भारत से आए एक सज्जन ने जब परामर्श के लिए समय लिया तो मैंने उनसे कहा कि मैं आपकी मदद करूंगा। मैंने उनका छोटा सा परीक्षण किया। इससे मुझे ज्ञात हुआ कि कैंसर उनके शरीर में तेजी से फैल रहा है और उनके शरीर की स्थिति अच्छी नहीं है। मैंने उनसे अनुरोध किया कि वे मेरी बात उन पारंपरिक चिकित्सक से कराएं। हो सकता है कि मैं उन्हें फार्मूले में सुधार करने की कोई सलाह दे सकूं। जब उन्होंने पारंपरिक चिकित्सक से बात कराई तब मैंने फोन पर सबसे पहले उन्हें अपना परिचय दिया। पारंपरिक चिकित्सक ने कहा कि सर, मैं तो आपको कई सालों से जानता हूँ और कैंसर के लिए मैं जिस फॉर्मूलेशन का प्रयोग कर रहा हूँ वह तो आपका ही दिया हुआ है। आपको याद होगा कई साल पहले आप प्रोफेसर अनिल गुप्ता के आमंत्रण पर नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन में बतौर विशेषज्ञ आए थे। उस समय मैं भी अहमदाबाद में इसी कार्यक्रम में भाग लेने आया था। आपसे उस समय अनौपचारिक चर्चा हुई और जब आपको पता चला कि मैं पारंपरिक चिकित्सक हूँ तो आपने कई तरह की रोचक जानकारियां दी और इस कैंसर के फॉर्मूलेशन के बारे में भी बताया। मुझे लगा कि सभी विशेषज्ञों की तरह ही आपने ऐसे ही किसी फॉर्मूलेशन के बारे में बता दिया है जिसका किसी भी तरह से कोई असर नहीं होता है क्योंकि विशेषज्ञ बिना फीस के इस तरह की जानकारी नहीं देते हैं। फिर भी मैंने आपकी बातों का विश्वास करके पूरे फॉर्मूलेशन के बारे में जानकारी ली और फिर वापस आकर इस फॉर्मूलेशन को आजमाने का निश्चय किया। यह फॉर्मूलेशन बेहद कारगर था और मेरे पास कैंसर की अंतिम अवस्था से प्रभावित लोगों की संख्या दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ती गई। मैंने अपना घर नया बनवा लिया। गांव में मेरी इज्जत बढ़ गई। देश विदेश से मुझे बुलावा आने लगा। हर तीसरे दिन हवाई यात्रा होने लगी। मैंने दो बड़ी महंगी गाड़ियां खरीद ली। समय पर लगाकर उड़ता रहा। एक दिन अचानक ही मुझे ख्याल आया कि यह फार्मूला आपने दिया है और उसके लिए किसी भी तरह से पैसे नहीं लिए हैं। अगर यह इतना कारगर फार्मूला है तो आपने इसके पैसे क्यों नहीं लिए? मुझे याद आया कि आपने बताया था कि आपको यह किसी पारंपरिक चिकित्सक से मिला है और उन पारंपरिक चिकित्सक ने कहा है कि किसी सुपात्र को देखकर इस फार्मूले को उसे दे देना ताकि जनहित में यह पीढ़ियों तक काम आता रहे। आपने मुझे सुपात्र समझा और सभी राज बता दिए पर मैं तो कुपात्र निकला जो इस पारंपरिक नुस्खे से धन कमाने लगा। काफी सोच विचार के बाद मैंने निश्चय किया कि अब मैं यह काम छोड़ दूंगा। यह काम मतलब लोगों से अनावश्यक ही पैसे लेना और उनकी मजबूरी का फायदा उठाना। मैंने यह निश्चित किया कि मैं केवल दवा का खर्च ही लूंगा और इसके अतिरिक्त किसी भी तरह से पैसे नहीं लूंगा। घरवालों को मेरा निर्णय बिल्कुल भी रास नहीं आया। जब परिवार का कमाऊं मुखिया अचानक से कहे कि अब वह सांसारिक से आध्यात्मिक होने वाला है तो परिवार वाले उसे घर से बाहर निकालने में जरा भी देर नहीं करते। मैंने गांव के बाहर अपना घर बनाया और अब मैं वहीं से मरीजों की सेवा करता हूँ। ऐसा कहकर उन पारंपरिक चिकित्सक ने अपनी बात खत्म की। जब उन्होंने अपनी तस्वीर भेजी तो मैंने उन्हें झट से पहचान लिया। मुझे अब उनके द्वारा उपयोग किए जा रहे फॉर्मूलेशन की पूरी जानकारी मिल चुकी थी। वह फॉर्मूलेशन आयुर्वेद के ग्रंथों में लिखे विजय भैरव रस से मिलता जुलता था पर उस में 15 से अधिक ऐसे घटक थे जिनके बारे में आयुर्वेद के ग्रंथों में नहीं लिखा हुआ है। इस फार्मूले के बारे में जब मैंने जानकारी अपने डेटाबेस में खंगाली तो मुझे विस्तार से उपयोगी जानकारी मिली। मुझे 1000 से अधिक ऐसे मेडिसिनल राइस पर आधारित फ़ार्मूलेशन्स के बारे में जानकारी मिली जिनका प्रयोग इस फार्मूले के साथ करने से फार्मूले का प्रभाव बहुत अधिक बढ़ जाता है। इसी तरह देशभर के पारंपरिक चिकित्सकों ने मुझे बताया था कि इस फार्मूले के साथ 50 से भी अधिक प्रकार के मेडिसिनल राइस का प्रयोग घटक के रूप में करने से इसका प्रभाव बढ़ जाता है। मैंने डॉक्यूमेंटेशन के उद्देश्य से इस ज्ञान को लिख लिया था पर कभी इसका प्रयोग नहीं किया था। आज इतने सालों बाद यह ज्ञान फार्मूले को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए तत्पर था। मैंने बिना किसी देरी के यह सारी जानकारी उन पारंपरिक चिकित्सक को दी और उनसे कहा कि आप अपनी निगरानी में ही इन मेडिसिनल राइस का प्रयोग करें। इससे आपका फार्मूला सही हो जाएगा और उसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाएगा। जब यह नया फार्मूला फिरसे अप्रभावी हो जाए तो दूसरे फॉर्मूलेशंस की सहायता से फिर से इसे प्रभावी बनाया जा सकता है। मुझे लगता है कि यदि आगे आने वाले 5 सालों तक इसका प्रयोग किया गया तो इन सज्जन को कैंसर से पूरी तरह से मुक्ति मिल जाएगी। मैंने उनके लिए देश के दूसरे हिस्सों में होने वाले मेडिसिनल राइस का प्रबंध कर दिया जो कि इस फार्मूले के प्रभाव को बढ़ाने में सक्षम थे। उन्हें उन किसानों से भी जोड़ दिया ताकि उन्हें इस मेडिसनल राइस की किसी भी तरह से कोई कमी न हो। मैंने उन सज्जन को धन्यवाद दिया जो उन्होंने मुझे अपने एक पुराने परिचित से मिलवा दिया था। मैंने उन्हें शुभकामनाएं भी दी और कहा कि यदि भविष्य में किसी भी तरह की तकलीफ हो तो वे नि:संकोच मुझसे संपर्क कर सकते हैं। सर्वाधिकार सुरक्षित

Comments

Popular posts from this blog

कैंसर में कामराज, भोजराज और तेजराज, Paclitaxel के साथ प्रयोग करने से आयें बाज

गुलसकरी के साथ प्रयोग की जाने वाली अमरकंटक की जड़ी-बूटियाँ:कुछ उपयोगी कड़ियाँ

भटवास का प्रयोग - किडनी के रोगों (Diseases of Kidneys) की पारम्परिक चिकित्सा (Traditional Healing)