Consultation in Corona Period-249 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

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Pankaj Oudhia पंकज अवधिया


"सर, शायद आपको याद होगा मैंने 18 साल पहले आप से पहली बार संपर्क किया था। उस समय मेरी एक निजी समस्या थी जिसका समाधान आपने किया था। मैं जिस प्रोफेशन में थी वहां पर मेरे छोटे आकार के ब्रेस्ट के लिए मुझे रोज ताने मारे जाते थे। इससे तंग आकर मैंने निश्चय किया कि अब मैं Breast Enlargement के लिए एक सर्जरी करवा लूंगी और हमेशा के लिए इन तानों से मुक्त हो जाऊंगी पर जब मैंने इस बारे में विस्तार से जानकारी एकत्र करनी शुरू की तो मुझे पता चला कि ज्यादातर केसों में ऐसी सर्जरी खतरनाक होती है और बाद में ब्रेस्ट के कैंसर के रूप में बदल जाती है। 

उस समय आप बॉटनिकल डॉट कॉम पर नियमित स्तंभ लिखा करते थे जिसे पढ़कर मैंने आपसे मिलने की योजना बनाई। मेरा मन था कि मैं किसी पारंपरिक चिकित्सक से मिलूँ और फिर उनकी सहायता से प्राकृतिक रूप से Breast Enlargement करवाऊँ। जब मैं समय लेकर रायपुर में आपसे मिलने पहुंची तो आपने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस तरह का प्रयास ठीक नहीं है। शरीर के प्राकृतिक अंगो से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। जो अंग जैसा है वह शरीर के आकार के अनुसार वैसा ही होना चाहिए। उससे छेड़छाड़ करना या उसमें किसी भी तरह का परिवर्तन करना चाहे वह प्राकृतिक तरीके से ही क्यों न हो बाद में कई परेशानियां उत्पन्न कर सकता है। आपने मुझे प्रेरित किया कि मैं अपने आत्मविश्वास को बढाऊँ और तानों पर ध्यान न दूं पर उस समय मेरी जिद थी कि मुझे प्राकृतिक उपायों को अपनाकर Breast Enlargement कराना है। मेरी जिद को देखकर आपने एक पारंपरिक चिकित्सक के पास मुझे भेजा जिन्होंने मुझे एक महीने तक एक विशेष तरह का लेप लगाने के लिए दिया। उसने आश्चर्यजनक रूप से कम समय में ही अपना प्रभाव दिखाया और 15 दिनों में ही मेरे ब्रेस्ट का आकार बढ़ने लगा। पारंपरिक चिकित्सक ने कहा था कि जब लक्ष्य की प्राप्ति हो जाए तो फिर दोबारा इस लेप का प्रयोग कभी मत करना। मैंने उनकी बात मानी और अपने दैनिक जीवन में व्यस्त हो गई।

 3 सालों बाद मेरे ब्रेस्ट में दर्द होना शुरू हुआ तो मुझे आपकी बात याद आई और लगा कि अब इसमें परेशानी होनी शुरू हो गई है। मैंने तरह-तरह की जांच कराई। जांच में पता चला कि ब्रेस्ट में गठान हो गई है जो कि बाद में कैंसर के रूप में विकसित हो सकती है। मेरा आधुनिक उपचार शुरू हुआ पर जल्दी ही उस से तंग आकर मैंने प्राकृतिक उपचार शुरू किया और फिर भी किसी भी तरह से न गठान कम हुई न ही दर्द गया। तब मैंने फिर से आपसे संपर्क किया था। आपने अपने परिचित के एक चिकित्सक के पास भेजा था जिन्होंने मेरी पूरी तरह से जांच की और फिर आप से फोन पर बात की। जब मैं आपसे मिलने आई तो आपने बताया कि समस्या उतनी गंभीर नहीं है। आपने सलाह दी कि मैं अपने पार्टनर से कहूँ कि वह मेरे प्रति संजीदगी बरतें और सेक्स करते समय वहशी न बने। आपने खुलासा किया था कि ब्रेस्ट पर बहुत अधिक दबाव पड़ने के कारण यह समस्या हो रही थी। आपने मुझे एक विशेष तरह का लेप दिया था जिसमें कि कई तरह के मेडिसिनल राइस का प्रयोग किया गया था। उस लेप का प्रयोग करने से गठान पूरी तरह से बैठ गई और जब मैंने अपने पार्टनर को यह बात बताई तो उन्होंने क्षमा मांग ली और कहा कि वह अब संजीदगी से पेश आएंगे और ब्रेस्ट के प्रति क्रूर व्यवहार नहीं करेंगे। 

Breast Enlargement के 18 साल बाद अब मुझे नई समस्या हो रही है जो कि ब्रेस्ट से संबंधित नहीं है। मुझे गर्दन में बहुत दर्द होता है। साथ ही कमर में और दोनों हाथों में भी इसी तरह का दर्द रहता है जो कि किसी तरह से पेन किलर से भी नियंत्रित नहीं होता है। यह दर्द साल भर रहता है। स्पोंडिलाइटिस से लेकर रूमेटाइड अर्थराइटिस तक की मैंने जांच कराई पर चिकित्सक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सके। उन्होंने मुझे सोने के लिए अच्छे बिस्तर का प्रबंध करने को कहा और कई तरह के उपाय सुझाए। मैंने दर्द के लिए घरेलू औषधियों का भी प्रयोग किया। मेथी से लेकर गुगुलु तक पर किसी तरह का लाभ नहीं हुआ। दर्द लगातार बढ़ता ही रहा। आयुर्वेद के चिकित्सकों ने इसे वात का प्रकोप बताया और वात को संतुलित करने के लिए कई तरह की दवाएं दी पर समस्या का समाधान नहीं हो सका। 

यह दर्द मेरे रोज के कामकाज में बाधा डालने लगा और मैं ऑफिस में चिड़चिड़ाने लगी। जब मैंने फेसबुक पर आपके लेख पढ़े तो मैंने सोचा कि आप से एक बार फिर से मिला जाए। हो सकता है आप किसी पारंपरिक खाद्य सामग्री के प्रयोग की सलाह दें या फिर किसी पारंपरिक चिकित्सक के पास भेजें जिससे कि मेरी इस विकट समस्या का समाधान हो सके इसलिए मैं आपसे समय लेकर मिलने के लिए आई हूँ।" पश्चिमी भारत से आई एक महिला ने जब मुझसे ये सब बातें कहीं तो मुझे सारी बातें याद आ गई कि कैसे इतने लंबे समय में उन्होंने बीच-बीच में मुझसे संपर्क किया था और अपनी समस्याओं को सुलझाया था। मुझे इस बात का अंदेशा था कि देर सबेर वे इस तरह के दर्द की शिकायत लेकर मेरे पास आएंगी पर जब बहुत सालों तक उन्होंने संपर्क नहीं किया तो मैंने सोचा कि हो सकता है कि मेरा ही अनुमान गलत रहा हो या उन्हें इस तरह की समस्या से किन्ही दूसरे उपायों से राहत मिल गई हो। उनके दर्द के विषय में अपनी सीधी राय व्यक्त करने की बजाय मैंने उनसे कहा कि आप मेरे परिचित की महिला चिकित्सक से मिले। वे आपकी कई तरह से जांच करेंगी और उसके बाद बता पाएंगी कि इस समस्या की जड़ क्या है। ये महिला चिकित्सक आधुनिक दवाओं का प्रयोग करती हैं और शहर में उनका बड़ा नाम है। जब महिला चिकित्सक ने उन महिला की जांच की तो मेरा संदेह सही होता नजर आया।

 उनकी जांच के आधार पर मैंने उन महिला से कहा कि आपने 18 साल पहले जो Breast Enlargement कराया था यह समस्या उसी से जुड़ी हुई है। आपके ब्रेस्ट का आकार तो बढ़ गया पर शरीर उसके लिए तैयार नहीं था। वजन अधिक बढ़ जाने के कारण अब आसपास के अंगों पर दबाव पड़ रहा है। इससे आपको इस तरह की समस्या हो रही है। यह भी Breast Enlargement का एक बड़ा साइड इफेक्ट है जिसके बारे में आमतौर पर बताया नहीं जाता है। यदि आपके ब्रेस्ट का आकार फिर से सामान्य हो जाए तो अपने आप इस समस्या का समाधान हो जाएगा। आपको किसी भी प्रकार की दवा की जरूरत नहीं है। मेरी बात सुनकर वे असमंजस में पड़ गई और सोचने लगी कि पहले उन्होंने छोटे आकार के ब्रेस्ट को बड़ा करने के लिए चिकित्सा की और अब वही अभिशाप बन गया और अब उसे आकार में छोटा करने की सलाह दी जा रही है। 

उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या आपके पास किसी तरह का लेप है जिसका प्रयोग करने से इसका आकार फिर से कम हो जाए तब मैंने उन्हें चेताया कि इस तरह के प्रयोग करने से बाद में और हानियां हो सकती हैं इसलिए यह सही रास्ता नहीं होगा।

 मैंने उनसे यह भी कहा कि यदि आप धैर्यपूर्वक मेरी सलाह मांगेगी तो आपकी समस्या धीरे-धीरे ठीक हो जाएगी। मैंने उन्हें सुझाव दिया कि आप कई तरह की हस्त मुद्राओं का लंबे समय तक प्रयोग करें जो कि ब्रेस्ट के आकार पर सीधा असर डालती हैं। साथ ही खानपान पर गहरा नियंत्रण रखें। इससे 6 से 7 महीने में ब्रेस्ट का आकार अपने आप कम हो जाएगा और उसके कारण या कहें उसके आकार के कारण होने वाली समस्याओं का भी इसी तरह समाधान हो जाएगा। मेरी बात सुनकर उन्होंने मुझे आश्वस्त किया कि वे इस मार्ग पर चलना पसंद करेंगी और किसी भी तरह की दवाइयों के प्रयोग से बचेंगी। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने इतने लंबे समय तक इस दर्द को सहन कर लिया है तो छह-सात महीने और सहन करने में किसी तरह की कोई समस्या नहीं है। उन्होंने दृढ़तापूर्वक न केवल 7 महीनों तक बल्कि 12 महीनों तक सारे नियमों का पालन किया। धीरे-धीरे जब ब्रेस्ट का आकार छोटा होने लगा तो अपने आप ही उनका सभी प्रकार का दर्द कम होने लगा और कुछ साल में उन्होंने इससे पूरी तरह से मुक्ति पा ली।

 मैंने उन्हें अब हस्त मुद्राओं के प्रयोग को रोक देने की सलाह दी और कहा कि वे अपने ब्रेस्ट की नियमित देखभाल करती रहे शरीर के दूसरे अंगों की तरह विशेषकर मेनोपॉज के बाद अन्यथा पुरानी समस्याएं फिर से उभर सकती है। 

उन्होंने ध्यानपूर्वक मेरी बातें सुनी और सारी जानकारियों को नोट करती रही। उन्होंने मुझे आश्वस्त किया कि बीच-बीच में वे संपर्क करती रहेंगी। इसके बाद वे वापस लौट गई मुझे धन्यवाद कहकर।

 मैंने उन्हें शुभकामनाएं दी और अपने मन से कहा कि अंत भला तो सब भला। 


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