Consultation in Corona Period-248 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-248




Pankaj Oudhia पंकज अवधिया  


"हमारे राज्य के मुख्य सचिव महोदय को आपने लकड़ी का एक प्याला दिया है जिसमें उन्हें रात को पानी रखना है और फिर सुबह उस पानी को खाली पेट पी लेना है। यह प्याला आपने उनकी प्रोस्टेट की समस्या के लिए दिया है। एक बार जब उन्होंने मीटिंग में आपके बारे में जिक्र किया और उस प्याले के बारे में भी बताया उसी समय मैंने निश्चय किया कि मैं भी आपसे मिलूंगा। मुझे भी प्रोस्टेट की समस्या है पर मैं अपनी प्रोस्टेट की समस्या के लिए आपसे मिलने नहीं आया हूँ बल्कि एक दूसरी समस्या के लिए आया हूँ। इस समस्या के समाधान के साथ ही यदि मुझे वह लकड़ी का प्याला भी मिल जाए तो यह सोने में सुहागा वाली बात होगी। मेरी दूसरी समस्या है हमेशा फीवर जैसा लगने की। ऐसा लगता है जैसे चौबीसों घंटे मुझे हल्का सा बुखार चढ़ा हुआ है। यह थर्मामीटर में भी दिखता है और मुझे अपने शरीर पर भी महसूस होता है। 

मैंने जगह-जगह इसकी जांच करवाई तो मुझे बताया गया कि यह किसी तरह के इंफेक्शन के कारण हो सकता है। मैं लंबे समय तक एंटीबायोटिक पर भी रहा पर यह बुखार पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ। हमेशा हल्का बुखार रहने से आप दिनभर कैसे सक्रियता से काम कर सकते हैं। मुझे कहा गया कि मैं अपनी आबोहवा को बदलूँ इसलिए मैंने स्विट्जरलैंड की यात्रा की पर वहां भी इस तरह के लक्षण जारी रहे। उम्र के कारण मुझे कई तरह के दूसरे रोग भी हैं जिनके लिए मैं अलग-अलग चिकित्सकों से दवा ले रहा हूँ। मैं आपको एक-एक करके इन दवाओं के बारे में बताता हूँ। रियूमेटॉइड अर्थराइटिस के लिए मैं मालकांगनी पर आधारित एक फार्मूला अपने राज्य के पारंपरिक चिकित्सक से ले रहा हूँ। इस फार्मूले में 15 से अधिक प्रकार की जड़ी बूटियों का प्रयोग किया गया है जिसके बारे में जानकारी मेरे संदेश के साथ संलग्न है। पहले मैं बहुत अधिक मात्रा में शराब का सेवन करता था जिससे मेरा लीवर अनियमित हो गया है। इसके लिए मैं एक आयुर्वेद के चिकित्सक से कालमेघ पर आधारित नुस्खा लेता हूँ। इसमें 5 तरह के घटक है। मुझे बवासीर की भी समस्या है जिसके लिए मैंने एक बार ऑपरेशन भी कराया है पर उसके बाद समस्या फिर जब वैसी ही हो गई तो मैंने इसके लिए केऊ कंद पर आधारित एक फार्मूला लेना शुरू किया है जिसकी जानकारी भी संलग्न है। मुझे धूल से एलर्जी है ऐसा परीक्षणों से पता चला है। इसके लिए मैं एक एंटी एलर्जी मेडिसिन का प्रयोग कर रहा हूँ। इस मेडिसिन का प्रयोग में कई सालों से कर रहा हूँ। इससे मुझे एलर्जी के लक्षण नहीं आते हैं और मैं अच्छे से काम कर पाता हूँ। इसके अलावा मैं गिलोय का लगातार उपयोग करता हूँ। दो तरह की हर्बल चाय लेता हूँ जिससे मेरा डायबिटीज नियंत्रण में रहता है।

 ठंड के मौसम में मैं बिना किसी अंतराल के च्यवनप्राश का उपयोग करता हूँ जबकि बरसात के मौसम में पूरे समय में रिशी मशरूम पर आधारित एक नुस्खे का प्रयोग करता हूँ। खाने में मुझे नमकीन और मसालेदार चीजें पसंद है। मीठा बिल्कुल भी पसंद नहीं है पर अब मैं परहेज से रहता हूँ और महीने के ज्यादातर दिन अधिक मसालेदार भोजन का प्रयोग नहीं करता हूँ। मैं जिन दवाओं और खाद्य सामग्रियों का नियमित प्रयोग कर रहा हूँ उसका एक नमूना भी मैं अपने साथ लेकर आया हूँ ताकि आप इत्मीनान से जांच कर सके। मुझे किसी भी प्रकार की जल्दी नहीं है। मेरे एक रिश्तेदार आपके शहर में रहते हैं। मैं उन्हीं के पास रुका हुआ हूँ और एक हफ्ते रुकने की तैयारी से आया हूँ ताकि आप पूरी तरह से जांच कर सके।" उत्तर भारत से आए एक सज्जन ने जब मुझसे संपर्क किया तो मैंने उनसे कहा कि मैं आपकी मदद करूंगा। 

उनके द्वारा भेजी गई रिपोर्ट और दवाओं का अध्ययन करने में कई घंटों का समय लग गया। मैंने एक-एक करके उनके द्वारा उपयोग की जा रही दवाओं पर अपना ध्यान केंद्रित किया तो समस्या का समाधान नजर आया। जब वे मुझसे फिर से मिलने आए तो मैंने उनसे पूछा कि आप मालकांगनी पर आधारित नुस्खे का प्रयोग किस तरह से कर रहे हैं? जब उन्होंने प्रयोग की विधि बताई तो मैंने कहा कि क्या आप इस नुस्खे को दूध के साथ लेते हैं या पर्याप्त मात्रा में पानी के साथ तब उन्होंने कहा कि उनके चिकित्सक ने बताया है कि इस नुस्खे का प्रयोग करने के साथ बहुत अधिक मात्रा में पानी पीने या दूध पीने की जरूरत है पर उन्होंने इस ओर ज्यादा ध्यान नहीं दिया क्योंकि उन्हें ऑफिस में बैठना पड़ता है और नुस्खे को लेने के बाद यदि वे अधिक मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करेंगे तो उन्हें बार-बार मीटिंग से उठकर पेशाब जाना होगा इसलिए वे ऐसे ही चूर्ण को चाट लेते हैं और उसके बाद तरल का प्रयोग नहीं करते हैं।

 मैंने उन्हें सलाह दी कि आप इस दवा को लेने का समय बदल दें और यह सुनिश्चित करें कि इस दवा को लेने के बाद हर बार आप अधिक मात्रा में तरल का प्रयोग करेंगे। मुझे लगता है इससे आपको हल्का बुखार आने वाली समस्या का कुछ हद तक समाधान मिल जाएगा। उन्होंने मेरी बात मानी और 3 दिनों के बाद उन्होंने बताया कि अब उन्हें काफी राहत महसूस हो रही है। उन्होंने पूछा कि क्या अब उन्हें लौट जाना चाहिए। इस तरह धीरे-धीरे उनकी समस्या पूरी तरह से ठीक हो जाएगी तब मैंने उनसे कहा कि आपको अभी 1 सप्ताह और रुकना होगा। यदि आप रुक सकते हैं तो समस्या का जड़ से समाधान करने में सहायता मिलेगी। वे रुकने के लिए तैयार हो गए।

 मैंने उनसे पूछा कि आप एलर्जी के लिए कौन सी आधुनिक दवा का प्रयोग कर रहे हैं जब उन्होंने दवा का नाम बताया तो वह एंटीहिस्टामिनिक दवा थी। मैंने उनसे पूछा कि जब आपको किसी चिकित्सक ने यह दवा दी तो उन्होंने पूछा कि आपको और कौन-कौन सी शारीरिक तकलीफें हैं तब उन सज्जन ने कहा कि इस दवा का प्रयोग वे बिना चिकित्सकीय परामर्श के कर रहे हैं। अब भला एलर्जी की दवा के लिए बार-बार चिकित्सक की सहायता लेने में क्या तुक है ऐसा सोचकर उन्होंने अपने मन से ही इस दवा का प्रयोग करना शुरू कर दिया। 

मैंने उनसे कहा कि इस दवा का प्रयोग इतने लंबे समय तक नहीं किया जाता है। यदि इसका प्रयोग लंबे समय तक किया जाता है तो ड्रग फीवर के लक्षण आते हैं यानि कि दवा के कारण होने वाले फीवर के लक्षण। संभवत: आपके साथ भी ऐसा ही हो रहा है। फिर जब किसी को प्रोस्टेट की समस्या होती है तब इस दवा का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं किया जाता है। यदि आप अपने चिकित्सक से सलाह लेते तो वे आपको मना कर देते कि आप इस दवा का प्रयोग तुरंत ही बंद कर दें। आपके प्रोस्टेट की समस्या के लिए मैं आपको किसी तरह का लकड़ी का प्याला नहीं देने वाला। आप यदि एलर्जी की दवा का प्रयोग बंद कर देंगे तो आपके प्रोस्टेट की समस्या का काफी हद तक समाधान हो जाएगा। मैंने उनसे यह भी कहा कि मेरा डाटा बेस बताता है कि आप की एलर्जी की दवा से मालकांगनी की विपरीत प्रतिक्रिया होती है। दोनों ही शरीर में पित्त की वृद्धि करते हैं जिससे कि हमेशा बुखार जैसे लक्षण आते हैं। मैं तो आपको यही सलाह दूंगा कि आप जिस चिकित्सक से रियूमेटॉइड अर्थराइटिस के लिए दवा ले रहे हैं उन्हीं चिकित्सक से एलर्जी की भी दवा ले ताकि किसी प्रकार के ड्रग इंटरेक्शन की संभावना ही न रहे। मैंने उनसे यह भी कहा कि आपको हृदय की अनियमित धड़कन की भी समस्या होती है पर आपने सारी बातों को बताते वक्त इस महत्वपूर्ण बात को मुझे नहीं बताया। क्यों नहीं बताया?

 उन्होंने अपनी गलती के लिए क्षमा मांगी और कहा कि इस समस्या के लिए भी वे एक आधुनिक दवा का प्रयोग कर रहे हैं। मैंने उन्हें बताया कि आप अपनी एलर्जी की दवा को बंद कर देंगे तो आपकी इस समस्या का भी निराकरण हो जाएगा। आपको न

 किसी प्रकार के फंक्शनल फूड की जरूरत है न मेडिसिनल राइस की और न ही लकड़ी के प्याले की। आपके द्वारा अपनाई जा रही चिकित्सा आपके लिए अभिशाप बन गई है। आप किसी दक्ष चिकित्सक के मार्गदर्शन में दवाओं का प्रयोग करेंगे तो भविष्य में आपको इस तरह की कोई समस्या नहीं होगी। उन्होंने धन्यवाद दिया।


 मैंने उन्हें शुभकामनाएं दी। 


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