Consultation in Corona Period-98

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Pankaj Oudhia पंकज अवधिया


"बहुत सुना था सफेद मूसली के बारे में पर इसने तो मेरे ऊपर बिल्कुल भी असर नहीं किया। 


मुझे जरा सी भी उत्तेजना नहीं हुई जबकि मैं कई महीनों से इसका प्रयोग कर रहा हूँ। आपने भी अपने लेखों में इसके बारे में विस्तार से लिखा है और बताया है कि कामोत्तेजना के लिए यह एक प्रभावी वनस्पति है।"


 पश्चिम भारत से जब यह संदेश आया तो मैंने संदेश भेजने वाले से कहा कि वह अपने बारे में विस्तार से बताए और उसे सफेद मूसली लेने की आवश्यकता क्यों पड़ी इसकी जानकारी दे। 


यह भी बताए कि वह और कौन-कौन सी दवाएं इसके साथ ले रहा है। अपने दैनिक जीवन में उपयोग की जाने वाली खाद्य सामग्रियों के बारे में भी बताए। 


30 वर्षीय उस युवक ने ज्यादा कुछ नहीं बताया। बस यही कहा कि उसे कामोत्तेजना के लिए सफेद मूसली की जरूरत है पर उसे जो फार्मूला दिया गया है वह बिल्कुल भी काम नहीं कर रहा है। 


वह नवविवाहित है और जल्दी ही संतान उत्पत्ति के कार्य में लगना चाहता है। पर उसे नपुंसकता की समस्या है-ऐसा चिकित्सकों ने कहा है। 


मैंने उस युवक से कहा कि वह उस नुस्खे के बारे में बताए जिसका प्रयोग वह कर रहा है और जिससे किसी भी तरह का कोई फायदा नहीं हो रहा है। 


उसने जो नुस्खा बताया उसमें चार प्रकार की वनस्पतियां थी। मैंने उसे सलाह दी कि वह किसी आयुर्वेद चिकित्सक से मिले और उनसे कहे कि इससे अधिक प्रभावी फार्मूला वे उसे दें।


 मैंने अपने परिचित के एक आयुर्वेदिक चिकित्सक के पास उसे भेजा। उन आयुर्वेदिक चिकित्सक ने उसे 18 जड़ी बूटियों वाला एक फार्मूला दिया। इसमें मुख्य भूमिका सफेद मूसली की थी। 


यह कारगर फार्मूला था और मेरे आयुर्वेदिक चिकित्सक मित्र इसे वर्षों से उपयोग कर रहे थे। 


युवक ने धन्यवाद दिया। 


कुछ समय बाद उसका फोन फिर से आया कि यह फार्मूला भी कामोत्तेजना पैदा करने में असफल रहा है इसलिए उसने अनुरोध किया कि मैं उसे कोई और अच्छा फार्मूला बताऊँ। 


मैंने उसे कहा कि वह चाहे तो हिमाचल प्रदेश के एक पारंपरिक चिकित्सक से मिल सकता है जो सफेद मूसली के उपयोग में दक्षता रखते हैं। वे अच्छे से मार्गदर्शन कर सकते हैं। 


मेरे आयुर्वेद चिकित्सक मित्र के असफल हो जाने पर मुझे बहुत आश्चर्य था। मैंने उससे पूछा कि क्या तुम साथ में कोई और दवा ले रहे हो जिसके कारण फार्मूला काम नहीं कर रहा है तो उसने कहा कि वह किसी भी पद्धति की कोई भी दवा नहीं ले रहा है। वह पूरी तरह से स्वस्थ है और उसे दवाओं की आवश्यकता नहीं है।


 हिमाचल के पारंपरिक चिकित्सक से भी वह प्रभावित नहीं हुआ और जो फार्मूला उसे दिया गया उसके अनुसार वह भी पूरी तरह से असफल साबित हुआ। 


उसने परामर्श के लिए समय मांगा तो मैंने कहा कि अब मेरे पास इसके अतिरिक्त और कोई जानकारी नहीं है।


 उसने कहा कि आप अपना फार्मूला दें तो मैंने उसे साफ शब्दों में कहा कि मैं चिकित्सक नहीं हूँ। 


चिकित्सक ही बेहतर तरीके से बता सकते हैं कि तुम्हारे स्वास्थ के लिए कौन सा फार्मूला उपयुक्त रहेगा। इससे अधिक मैं तुम्हारी मदद नहीं कर पाऊंगा। 


इसके बाद उससे बहुत समय तक बात नहीं हुई। 


इस बीच पश्चिम भारत से ही एक महिला ने परामर्श के लिए समय मांगा और जब परामर्श का समय शुरू हुआ तो उन्होंने कहा कि वह उस व्यक्ति की पत्नी है जिन्होंने सफेद मूसली के बारे में आपसे कुछ समय पहले जानकारी ली थी। 


उन्होंने बताया कि उस युवक की हालत दो दिन पहले बहुत खराब हो गई थी। उसका ब्लड प्रेशर इतना अधिक कम हो गया था कि वह कोमा की स्थिति में जाने के लिए मजबूर हो रहा था।


 बड़ी मुश्किल से डॉक्टरों ने उसकी जान बचाई है। मैंने आपको इसलिए फोन किया है कि उन्होंने आपसे बहुत सारी बातें छुपाई है। वे लंबे समय से एक वैद्य से दवा ले रहे हैं। यह दवा नींद की है। 


व्यापार के सिलसिले में उन्हें देर रात तक नींद नहीं आती है इसलिए उन्होंने वैद्य से नींद की दवा ली है। यह दवा बहुत अधिक प्रभावी है। 


इसे खाते ही उन्हें नींद आ जाती है और लंबी नींद के बाद वे सुबह बहुत जल्दी उठते हैं। इसके बाद वे बहुत अधिक तरोताजा महसूस करते हैं। 


मैंने उनसे लाख बार कहा कि इस दवा के बारे में वे आपको बताएं और पता नहीं क्यों वे आपको कहते रहे कि वे किसी भी प्रकार की दूसरी दवा नहीं ले रहे है। 


मैंने उन महिला से कहा कि वे उस वैद्य का पता दें ताकि मैं उनसे उनके द्वारा दी जा रही दवा के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकूं। 


जब मैंने वैद्य से बात की तो उन्होंने साफ शब्दों में कह दिया कि वे अपने फार्मूले के बारे में किसी को नहीं बताते। चाहे कोई कितना भी दबाव बना ले। 


कुछ समय के बाद जब युवक ने फिर से संपर्क किया तो मैंने युवक से कहा कि वैद्य ने फार्मूले के बारे में बताने से पूरी तरह से इनकार कर दिया है इसलिए अगर संभव हो तो वह फार्मूले को मेरे पास भेजे। 


मैं पारंपरिक विधि से उसकी जांच कर यह पता लगाने की कोशिश करूंगा कि उसमें मुख्य घटक के रूप में किस वनस्पति का प्रयोग किया गया है। 


युवक इस बात के लिए तैयार हो गया और उसने झट से फार्मूला मेरे पास भेज दिया। 


आरंभिक परीक्षण से किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं मिली। जब गहन परीक्षण किया गया तब यह निष्कर्ष निकला कि इस फार्मूले में अधिक मात्रा में सर्पगन्धा की जड़ का उपयोग किया गया है। 


मैंने उस युवक को सर्पगंधा की उपस्थिति की बात बताई तो उसने बिना देर किये उस वैद्य को बताया कि अवधिया जी ने अपनी विधि से यह पता कर लिया है कि फार्मूले में सर्पगंधा है।


 इस पर वैद्य जी बहुत जोर जोर से हंसने लगे और कहा कि इसमें सर्पगंधा जैसी कोई बूटी नहीं है। वे मुख्य घटक के रूप में छोटी चांदड़ बूटी का उपयोग करते हैं।


 नवयुवक ने मुझे यह जानकारी दी तो मैंने उसे बताया कि सर्पगंधा और छोटी चांदड़ बूटी एक ही वनस्पति के दो नाम है। यह बात वह वैद्य को न बताए और उन्हें अपने में ही मस्त रहने दे।


 मैंने युवक को यह भी बताया कि सर्पगंधा का प्रयोग ब्लड प्रेशर को बहुत कम करता है और अच्छी नींद लाता है। तुम्हारी जो कुछ समय पहले बहुत बुरी हालत हुई थी उसके लिए सर्पगंधा का प्रयोग ही उत्तरदाई है। 


पारंपरिक चिकित्सा में हम सभी जानते हैं कि सर्पगंधा और सफेद मूसली को कभी साथ साथ नहीं दिया जाता है क्योंकि इन दोनों की प्रतिक्रिया विपरीत होती है। 


जिस कामोत्तेजना को सफेद मूसली उच्च सीमा तक ले जाती है सर्पगंधा का प्रयोग कुछ ही समय में उसके विपरीत काम करके उस उत्तेजना को न्यूनतम स्तर पर ले आता है। 


तुमने मुझे पहले नहीं बताया कि तुम सर्पगंधा का प्रयोग कर रहे हो। अगर यह जानकारी मुझे होती तो मैं तुम्हें कभी भी नहीं कहता है कि तुम सफेद मूसली का प्रयोग इसके साथ करो। 


मेरी बातें सुनकर युवक बहुत प्रभावित हुआ और उसने क्षमा मांगी कि उसे पहले ही बता देना था कि वह और कौन सी दूसरी दवा ले रहा है। 


उसने राज खोला कि वह एक होम्योपैथी दवा भी ले रहा है जो कि बलवर्धक के रूप में उसे दी जा रही है। मैंने जब उस दवा का नाम पूछा तो उसने चिकित्सक से सीधे बात करा दी। 


चिकित्सक ने भी बिना किसी टालमटोल के साफ-साफ बता दिया कि वे बेलिस पेरेन्नीस का उपयोग कर रहे हैं। 


उनके द्वारा दी गई यह सूचना बहुत महत्वपूर्ण थी क्योंकि पारंपरिक चिकित्सा की भाषा में सफेद मूसली, सर्पगंधा और बेलिस का यह मिश्रण डेडली कॉन्बिनेशन कहलाता है। 


इसके बारे में मैंने पहले भी बहुत कुछ लिखा है और कई शोध पत्रों में इसका उल्लेख किया है कि तीनों दवाइयाँ एक दूसरे के विपरीत काम करती है और लगातार इन तीनों दवाओं को साथ में लेने से सभी महत्वपूर्ण अंगों की कार्य क्षमता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। 


लंबे समय पर इस कंबीनेशन के प्रयोग से जान तक चली जाती है। आयुर्वेदिक दवा और होम्योपैथी दवा के बीच होने वाले ड्रग इंटरेक्शन के बारे में कहीं भी किसी प्रकार का शोध नहीं हुआ है। 


हमारे देश में ही नहीं बल्कि दुनिया के दूसरे देशों में भी इन दोनों तरह की दवाओं का धड़ल्ले से एक साथ प्रयोग किया जाता है। 


यह मानकर कि इनसे किसी भी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं होता है और न ही इनके बीच किसी प्रकार का ड्रग इंटरेक्शन होता है। मैंने न केवल इस पर गहनता से शोध किया है बल्कि इसके बारे में बहुत कुछ लिखा है। 


इस उम्मीद में कि आगे आने वाली पीढ़ी इस तरह के ड्रग इंटरेक्शन पर विशेष अनुसंधान करेगी ताकि इन दोनों तरह की दवाओं को एक साथ लेने से पहले कोई भी व्यक्ति कम से कम सौ बार सोचे। 


उस युवक ने धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि वह सर्पगंधा वाले नुस्खे का प्रयोग बंद कर देगा और उसके स्थान पर ऐसे नुस्खे का प्रयोग करेगा जिसकी कि सफेद मूसली के साथ विपरीत प्रतिक्रिया नहीं होती है।


 उसने यह भी आश्वासन दिया कि वह सफेद मूसली के साथ बेलिस पेरेन्नीस का प्रयोग नहीं करेगा।


 मैंने उसे शुभकामनाएं दी। 


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