Consultation in Corona Period-112

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Pankaj Oudhia पंकज अवधिया


"ब्रेस्ट कैंसर की इस अवस्था के लिए आपके पारंपरिक चिकित्सक जिस फॉर्मूलेशन का प्रयोग कर रहे हैं वह बहुत ही अनोखा है।


 उसमें 400 से अधिक प्रकार की जड़ी बूटियां हैं और सभी जड़ी बूटियां संतुलन में है। इतनी सारी जड़ी बूटियों वाले फॉर्मूलेशंस का उपयोग करने से पहले बहुत दक्षता की आवश्यकता होती है।


 कम जानकार पारंपरिक चिकित्सक भूलकर भी ऐसे नुस्खों का प्रयोग नहीं करते हैं इसलिए मुझे ऐसा लगता है कि आपकी समस्या का कारण यह फॉर्मूलेशन नहीं है बल्कि कुछ और है।


 मुझे यह भी लगता है कि आप कोई दूसरी दवा भी ले रही है पर उसके बारे में जानकारी पूरी तरह से छुपा रही है। 


मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि आप हमें खुलकर पूरी जानकारी दीजिए ताकि हम आपकी समस्या का पूरी तरह से समाधान कर सकें। 


आपने जिस तरह से अपनी समस्या बताई है उससे लगता है कि आपकी हालत बहुत खराब है और ब्रेस्ट कैंसर से ज्यादा दूसरे लक्षणों के कारण आपकी हालत बिगड़ती जा रही है।


 आपके डॉक्टर भी चकित है और उन्हें भी कुछ नहीं सूझ रहा है। अगर आप जोर डालेंगी तो मैं आपके पारंपरिक चिकित्सक से बात कर सकता हूँ पर उनके फॉर्मूलेशन में थोड़ा भी फेरबदल करने के लिए बहुत मेहनत लगेगी। 


हो सकता है कि इसमें कई सप्ताह लग जाएं। उसके बाद अगर हम किसी निष्कर्ष पर पहुंच भी गए तो उस फॉर्मूलेशन को बनाने में कई महीनों का समय लगेगा। इस बीच आपकी समस्या बढ़ती जाएगी तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा?"


 मैं पूर्वी भारत की एक महिला से बात कर रहा था जिन्हें पिछले 7 सालों से ब्रेस्ट कैंसर था और वे किसी भी प्रकार की आधुनिक दवाई नहीं ले रही थी।


 वे लंबे समय से एक पारंपरिक चिकित्सक से दवा ले रही थी जो कि बहुत ही कारगर नुस्खे का प्रयोग कर रहे थे। इससे उनका ब्रेस्ट कैंसर पूरी तरह से नियंत्रण में था और ठीक होने की राह में था। 


अचानक 2 वर्ष पूर्व से उनको अजीब से लक्षण आने लगे और उन्होंने इसका पूरा दोष पारंपरिक चिकित्सक के फॉर्मूलेशन को दिया। 


पारंपरिक चिकित्सक भी पूरी तरह से अचंभित थे क्योंकि वे सैकड़ों लोगों को यह नुस्खा दे रहे थे और किसी ने भी इस तरह की कोई शिकायत नहीं की थी। 


उन्हें बार-बार यह लग रहा था कि महिला ने किसी नई दवा का प्रयोग शुरू किया है जिसके कारण इस तरह के लक्षण आ रहे हैं। 


उन्होंने साफ-साफ कह दिया कि ये लक्षण उनके नुस्खे के कारण नहीं आ रहे हैं और यदि महिला चाहे तो नुस्खे का प्रयोग पूरी तरह से रोक सकती हैं और अपनी मर्जी के अनुसार दूसरे पारंपरिक चिकित्सक से चिकित्सा करवा सकती हैं।


 पर महिला को लंबे समय तक इस फार्मूलेशन से फायदा हुआ था इसलिए वे दूसरे पारंपरिक चिकित्सक की दवा लेकर नए प्रयोग करने की स्थिति में बिल्कुल नहीं थी।


 ड्रग इंटरेक्शन पर मेरे शोध को देखकर उन्होंने मुझसे संपर्क किया और मुझे प्रेरित किया कि मैं पारंपरिक चिकित्सक के नुस्खे में फेरबदल करूं और उनकी समस्या का समाधान करूँ। 


मैंने बहुत हिचकते हुए पारंपरिक चिकित्सक से उस महिला की समस्याओं के बारे में बात की और अपना परिचय दिया। पारंपरिक चिकित्सक मुझे पहले से जानते थे इसलिए वे अपने फार्मूले के बारे में बताने के लिए तैयार हो गए। 


उन्होंने बताया कि इस फार्मूले को तैयार करने में 12 वर्षों का समय लगता है और उसमें 400 से अधिक प्रकार की जड़ी बूटियों का प्रयोग किया जाता है जो कि अति दुर्लभ है।


इस फार्मूले को बनाना बहुत कठिन है। मैंने उनकी अनुमति के बाद उस नुस्खे में सुधार करने की योजना बनाई।


 मैंने पारंपरिक चिकित्सक से अनुरोध किया कि वे उस फार्मूले से 5 तरह की जड़ी बूटियों को हटा दे। हो सकता है कि इससे महिला की समस्या में कमी आ जाये। 


जब उन्होंने ऐसा किया और फिर इस फॉर्मूलेशन का प्रयोग महिला पर किया तो उनके लक्षण कुछ हद तक तो काम हुए हैं पर पूरी तरह से ठीक नहीं हुए। 


फॉर्मूलेशन में और अधिक सुधार की गुंजाइश नहीं थी इसलिए मैंने निश्चय किया कि मैं उन महिला को रायपुर बुलाऊंगा और जड़ी बूटियों के कुछ परीक्षण करूंगा ताकि पता चल सके कि इस तरह के लक्षण क्यों आ रहे हैं?


 जब वे रायपुर आयीं तो मैंने उनसे विस्तार से उनके द्वारा प्रयोग की जा रही खाद्य सामग्रियों के बारे में जानकारी ली। 


एक बार फिर उनसे पूछा कि वे मुझे बिना बताएं किसी दवा का प्रयोग कर रही है क्या तो उन्होंने एक बार फिर से पूरी तौर पर इंकार कर दिया। 


मैंने कई तरह की जड़ी बूटियों का लेप उनके तलवों पर लगाया और उनकी प्रतिक्रिया देखने लगा। जब कुछ मिनटों के बाद उनके हाथों में लक्षण दिखने शुरू हुए तो मेरा शक सही साबित होता दिखा। 


मैंने उनसे एक बार फिर से पूछा कि क्या आप किसी आधुनिक दवा का प्रयोग कर रही है इस ब्रेस्ट कैंसर की चिकित्सा के लिए तो इस बार वे बहुत क्रोधित हो गई और उन्होंने कहा कि अगर आपको चिकित्सा नहीं करनी है तो आप न करें पर बार-बार मुझसे यह प्रश्न न पूछें। 


मैंने सत्य के साथ बने रहने का निश्चय किया और उन्हें साफ शब्दों में बताया कि आप ब्रेस्ट कैंसर के लिए एक विशेष प्रकार की कीमोथेरेपी दवा का प्रयोग कर रही हैं और उस दवा का पारंपरिक चिकित्सक के फॉर्मूलेशन से विपरीत प्रतिक्रिया हो रही है जिसके कारण ऐसे लक्षण आ रहे हैं। 


आपको किसी एक चिकित्सा पद्धति पर विश्वास करना चाहिए। आपके कीमोथेरेपी एक्सपर्ट यह नहीं जानते कि उनकी दवा पारंपरिक चिकित्सक के नुस्खे से कैसे प्रतिक्रिया करेगी और इसी तरह पारंपरिक चिकित्सक भी नहीं जानते कि उनका फार्मूलेशन कीमोथेरेपी एक्सपर्ट की दवा से कैसी प्रतिक्रिया करेगा इसलिए मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि यदि आपको इस तरह के विचित्र लक्षणों से बचना है तो आप एक दवा का प्रयोग करें। 


एक साथ दो दवाओं का प्रयोग न करें। इन दोनों दवाओं की प्रतिक्रिया से हो सकता है कि आपका कैंसर तेजी से फैलने लगे और आपकी कई सालों की मेहनत पर पानी फिर जाए। 


उन्होंने नाराजगी से मेरी तरफ देखा और फिर वे बिना बात किए ही बाहर निकल गई। 


उनके जाने के बाद उनके पति ने बताया कि पिछले 2 साल से वे कीमोथेरेपी ड्रग का उपयोग कर रही है क्योंकि उनका कैंसर फिर से बढ़ने लगा है। 


यह बात उन्होंने अपने कीमोथेरेपी एक्सपर्ट को नहीं बताई कि वे किसी पारंपरिक चिकित्सक से इसी रोग के लिए कोई दवा ले रही है और इसी तरह पारंपरिक चिकित्सक को भी अंधेरे में रखा। 


ऐसे लक्षण 2 साल पहले से ही आ रहे हैं और उन्हें लग रहा है कि यह ब्रेस्ट कैंसर के कारण हो रहा है जबकि आपका कहना सही है कि यह ड्रग इंटरेक्शन के कारण हो रहा है। 


उन्होंने यह भी कहा कि जिनसे भी सलाह ली जा रही है उनसे किसी भी तरह की जानकारी छुपानी नहीं चाहिए। अगर सब जानकारियां खुलकर बतायेंगे तो समस्या का पूरी तरह से समाधान हो सकता है। 


आप चिंता न करें। मैं अपनी पत्नी को अच्छे से जानता हूँ। मैं उन्हें समझाने की कोशिश करूंगा और मुझे लगता है कि वे मान भी जाएंगी। 


पिछले 2 साल उनके लिए नर्क के समान थे और थोड़ा सा समझाने के बाद वे इस नरक से दूर हटने के लिए तैयार हो जाएगी। उन्होंने मुझे धन्यवाद दिया।


 मैंने उन्हें शुभकामनाएं दी।


 सर्वाधिकार सुरक्षित


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