Consultation in Corona Period-110

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Pankaj Oudhia पंकज अवधिया


"हम दोनों पति-पत्नी होम आइसोलेशन में है। हम दोनों कोरोना पॉजिटिव है। 


हमें तीव्र लक्षण बिल्कुल भी नहीं आ रहे हैं। हम बहुत संभल कर रह रहे हैं और अपने स्वास्थ का बहुत अच्छे से ध्यान रख रहे हैं।


 मेरी पत्नी को बहुत अधिक दस्त हो रहे हैं और मुझे कम। इसके साथ ही हम दोनों को एक समस्या आम है और वह यह है कि हमारे अलग-अलग अंग दिन के अलग-अलग पहर में बहुत जोर से कांपते हैं और यह कंपन कई घंटों तक जारी रहता है। 


सुबह के समय हम दोनों के ओंठ जोर से काँपते हैं जबकि दोपहर के समय दोनों हाथों की तर्जनी में जबरदस्त कंपन होती है। शाम को यह कंपन पैरों तक चली जाती है और तलवों में बहुत अधिक कंपन महसूस होती है। 


जब हमने अपने चिकित्सक से इस बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि दस्त तो कोरोनावायरस के कारण हो सकते हैं पर जो लक्षण आप बता रहे हैं वे उनके लिए पूरी तरह से नए हैं और संभवत: इसका कोरोना से किसी भी प्रकार से संबंध नहीं है।


 वे आइसोलेशन में है इसलिए बाहर की किसी भी दवा का प्रयोग नहीं कर सकते हैं। यह समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है इसलिए हमने आपसे फोन पर परामर्श लेने का समय लिया है। 


हमें उम्मीद है कि आप इस दिशा में हमारा मार्गदर्शन करेंगे और इन अजीब सी समस्याओं को पूरी तरह से दूर करने में हमारी मदद करेंगे।" 


गुजरात से एक दंपत्ति का फोन आया। मैंने उन्हें दो टूक यही सलाह दी कि आप अभी डॉक्टरों की निगरानी में है इसलिए बेहतर यही होगा कि आप उनसे ही सलाह लें।


 उन लोगों ने इतने सारे कोरोनावायरस प्रभावितों को देखा है वो ही बता सकते हैं कि ऐसे लक्षणों का सही समाधान क्या है। 


पर वे इस जिद में अड़े रहे कि उन्होंने सारे प्रयास कर लिए हैं फिर भी उन्हें सफलता नहीं मिली है और उनके डॉक्टरों ने उन्हें यह छूट दी है कि वे बाहर से किसी से फोन पर बात कर सकते हैं और परामर्श ले सकते हैं पर किसी भी तरह की दवा का प्रयोग करने से पहले वे उनसे जरूर परामर्श कर ले। 


इसलिए हमने आपसे संपर्क करने की योजना बनाई और आप चाहे तो हम आपको वह व्हाट्सएप मैसेज भेज सकते हैं जिससे आपको विश्वास हो जाये कि डॉक्टरों ने हमें किस तरह की अनुमति दी है। 


उनकी बात सुनकर मैंने उनसे कहा कि मैं आपकी मदद करूंगा।


 उन्होंने बताया कि पति-पत्नी दोनों ही योग की ट्रेनिंग देते हैं और कोरोना काल में जब वे लोगों की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए घर-घर जाकर योग का प्रशिक्षण दे रहे थे उससे ही वे कोरोनावायरस की चपेट में आ गए और उन्हें होम आइसोलेशन में रहना पड़ रहा है। 


मैंने उनसे पूछा कि ये लक्षण कोरोना पॉजिटिव होने के पहले के हैं कि ऐसे लक्षण कोरोना से ग्रस्त होने के बाद शुरू हुए हैं। 


उन्होंने कहा कि ये लक्षण होम आइसोलेशन के बाद शुरू हुए हैं। कोरोनावायरस होने के बाद ऐसे लक्षण नहीं आ रहे थे।


मैंने उनसे पूछा कि वे उन दवाओं के बारे में बताएं जो कि वे इस समय ले रहे हैं।


 उन्होंने विस्तार से बताना शुरू किया कि रोज चिकित्सक आकर उन्हें हाइड्रोक्लोरोक्वीन की गोलियां दे रहे हैं जिन्हे उन्हें सुबह-शाम खाना पड़ता है। इसके अलावा वे जनवरी से ही आयुष द्वारा सुझाया गया काढ़ा इस्तेमाल कर रहे हैं। 


इस काढ़े के अलावा गिलोय से तैयार एक और काढ़ा वे उपयोग कर रहे हैं। रात को दूध के साथ में अश्वगंधा का प्रयोग करते हैं जबकि सुबह दूध के साथ पताल कुम्हड़ा के चूर्ण का प्रयोग करते हैं। 


वे लगातार सितोपलादि का प्रयोग कर रहे हैं। जिस दिन सितोपलादि का प्रयोग कम मात्रा में होता है उस दिन वे अडूसा के एक अवलेह का उपयोग करते हैं। 


वे च्यवनप्राश का भी उपयोग कर रहे हैं। दिन में कई बार गरारे करते हैं और उसके बाद मुलेठी मुंह में रखकर बैठे रहते हैं।


 उन्होंने भाप लेने की प्रक्रिया भी शुरू कर रखी है। इन सब दवाओं के अलावा वे नियमित रूप से हफ्ते में दो बार सनाय पत्ती का प्रयोग करते हैं और कभी-कभी इसबगोल का भी प्रयोग करते हैं। 


इससे उनका पेट साफ रहता है और किसी भी प्रकार की कब्जियत की शिकायत नहीं रहती है।


 उनकी पत्नी को बहुत सारी दूसरी स्वास्थ्य समस्याएं है इसलिए वे यूनानी दवाओं का प्रयोग भी करती हैं। इस कोरोना काल में उनकी दवाएं कम तो हो गई है पर फिर भी 5 दवायें उन्हें नियमित रूप से लेनी पड़ती हैं। 


उनकी दवाओं की लंबी सूची देखकर मैं दंग रह गया। मैंने उनसे कहा कि आपको जिन्होंने होम आइसोलेशन में रखा है क्या आपने उनको बताया है कि आप इतनी सारी दवाओं का प्रयोग कर रहे हैं।


 नियम से आपको पूरी जानकारी उन्हें देना चाहिए ताकि वे निर्णय कर सके कि किन दवाओं का सेवन आपके लिए उपयुक्त है और किन दवाओं का सेवन उपयुक्त नहीं है। 


उन्होंने धीमे स्वर में कहा कि उन्होंने यह जानकारी किसी को नहीं दी है और चोरी छुपे इन नुस्खों का प्रयोग कर रहे हैं। 


उन्हें लगता है कि यदि वे अपने चिकित्सक को इस बारे में बताएंगे तो वे तुरंत ही इनका प्रयोग बंद करवा देंगे। 


उन्हें विश्वास था कि कोरोनावायरस से लड़ने के लिए उनके नुस्खे कारगर भूमिका निभा रहे हैं पर जब मैंने उनसे पूछा कि जब आप पहले से ही इन नुस्खों को ले रहे हैं फिर आप कोरोना पॉजिटिव कैसे हो गए तो उन्होंने कुछ भी जवाब नहीं दिया। 


 मैंने उन्हें परामर्श दिया कि आपको जिस तरह के लक्षण आ रहे हैं उसके लिए मेरे पास कई तरह के फंक्शनल फूड्स हैं पर विडंबना यह है कि इन फंक्शनल फूड्स को मैं आपके पास तक नहीं पहुंचा सकता और न ही आप इसे बाजार में जाकर खरीद सकते हैं। 


आमतौर पर ऐसी समस्या होने पर मैं लोगों से कहता हूं कि वे जिन दवाओं का प्रयोग कर रहे हैं उनका सैंपल मुझे भेजें ताकि मैं स्थानीय लैब में उनकी जांच करा सकूं और पारंपरिक विधियों से उनका परीक्षण कर सकूं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कहीं ये सारे लक्षण इन दवाओं के कारण तो नहीं आ रहे हैं। 


आप होम आइसोलेशन में है इसलिए यह भी संभव नहीं है। फिर भी मैं आपकी मदद करने की कोशिश करूंगा।


 आप मुझे 1 दिन का समय दीजिए। मैं अपना डाटाबेस देखता हूं। मुझे उम्मीद है इससे कोई न कोई राह अवश्य निकलेगी।


 आप कल इसी समय मुझसे फिर से संपर्क करें। मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं। उन्होंने धन्यवाद दिया। 


मैं रात भर अपने डेटाबेस को खंगालता रहा और उनके द्वारा ली जा रही दवाओं की आपस में होने वाली प्रतिक्रियाओं के बारे में उपलब्ध जानकारी को पढ़ता रहा और नोट्स तैयार करता रहा।


 दूसरे दिन जब उनका फोन आया तो मैंने उनसे कहा कि आप तुरंत ही सितोपलादि का प्रयोग करना बंद कर दें। 


उन्होंने कहा कि यदि मैं सितोपलादि का प्रयोग करना बंद कर दूंगा तो मुझे कोरोनावायरस पूरी तरह से खत्म कर देगा। 


मैंने उन्हें विस्तार से समझाया कि आप जिस ब्रांड के सितोपलादि का उपयोग कर रहे हैं उसमें दोषपूर्ण वंशलोचन का प्रयोग किया गया है जिसके कारण ऐसे लक्षण आते हैं। 


भारतीय पारंपरिक चिकित्सा में जो पारंपरिक चिकित्सक सितोपलादि के प्रयोग में दक्ष होते हैं वे इस बात को जानते हैं कि सितोपलादि के किस घटक में गड़बड़ी होने से किस तरह के लक्षण आते हैं।


 मैंने इस पारंपरिक चिकित्सकीय ज्ञान का दस्तावेजीकरण किया है और उसी से मुझे पता चला कि इस तरह के लक्षण दोषपूर्ण वंशलोचन के प्रयोग से आते हैं। 


यदि आप सितोपलादि का ब्रांड बदलेंगे और यदि उसमें इस तरह के दोषपूर्ण वंशलोचन का प्रयोग नहीं किया गया होगा तो आपकी समस्या का पूरी तरह से समाधान हो जाएगा।


 मैं आपको यह भी बताना चाहता हूं कि आपको होम आइसोलेशन के दौरान हाइड्रोक्लोरोक्वीन के टेबलेट दिए जा रहे हैं। इस दवा की दोषपूर्ण सितोपलादि से विपरीत प्रतिक्रिया होती है जिससे कि ये लक्षण और अधिक उग्र हो जा रहे हैं।


 आप किसी भी हालत में हाइड्रोक्लोरोक्वीन का प्रयोग बंद नहीं कर सकते हैं इसलिए जरूरी यह है कि आप सितोपलादि का प्रयोग कुछ समय तक रोक कर देखें और यदि आपको लाभ हो तो आप इस दिशा में आगे बढ़े। 


उनकी पत्नी भी फोन पर थी और उन्होंने कहा कि वे 2 दिनों तक सितोपलादि का प्रयोग बंद करके देखेंगी और यदि लाभ हुआ तो मुझे फोन करके बतायेंगी जबकि उनके पति इस बात के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं हुए।


 अगले ही दिन उनका फोन आया कि उनके लक्षणों में काफी कमी आई है और 3 दिनों के बाद उन्होंने इस बात की पुष्टि कर दी कि उनके सारे लक्षण इसी ड्रग इंटरेक्शन के कारण आ रहे थे। 


उन्होंने बताया कि जो उनको लगातार दस्त हो रहे थे वे भी अब पूरी तरह से नियंत्रण में आ गए हैं। उनकी पत्नी ने आगे कहा कि उनके पति ने अपने संपर्कों के सहारे से नए ब्रांड का सितोपलादि मंगा लिया है। 


वे उसका प्रयोग कर रहे हैं और सितोपलादि का प्रयोग करने के बावजूद अब उन्हें इस तरह के लक्षण नहीं आ रहे हैं। 


आपका कहना सही था कि यह दोषपूर्ण सितोपलादि के कारण हो रहा था न कि सामान्य सितोपलादि के कारण। 


इसके बाद उनके पति ने भी मुझसे बात की और दोनों ने मिलकर मुझे धन्यवाद ज्ञापित किया।


 सर्वाधिकार सुरक्षित

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