Consultation in Corona Period-36

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Pankaj Oudhia पंकज अवधिया



"कोरोना के कारण कोई भी अस्पताल मुझे भर्ती करने के लिए तैयार नहीं है। मेरी किडनी बहुत बुरी हालत में है। 


मैं डायलिसिस पर हूं और डॉक्टर ने मुझे एक हफ्ते का समय दिया है। उसके बाद किडनी ट्रांसप्लांट करना हर हालत में जरूरी हो जाएगा। 


किडनी का प्रबंध मैंने कर लिया है पर अस्पतालों में फैली अव्यवस्था के कारण कुछ भी संभव नहीं हो पा रहा है।


 मैं आपसे यही मदद चाहता हूं कि आप इस तकलीफ को कुछ महीनों के लिए टाल दें ताकि कोरोना के खत्म होते ही मैं अस्पताल में भर्ती होकर किडनी ट्रांसप्लांट करा लूँ।


मुंबई से आए इस संदेश ने कोरोना काल में किडनी के मरीजों की हालत बयां कर दी। 


मैंने उनसे कहा कि मैं आपकी मदद करने की कोशिश करूंगा। 


आप मुझे अपनी सारी रिपोर्ट भेजें और यह भी बताएं कि आप अभी कौन-कौन सी दवा ले रहे हैं और उससे आपको लाभ हो रहा है या नहीं। 


उन्होंने बताया कि वे पांच तरह की दवा ले रहे हैं पर उन्हें लगता है कि इनसे कोई लाभ नहीं हो रहा है क्योंकि स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। 


मैंने उनकी दवाओं के बारे में विस्तार से जानकारी मांगी और उनसे कहा कि आपकी स्थिति बहुत खराब लगती है और मेडिकल साइंस जो उसके लिए कर सकता है वह कर रहा है। 


आप वैसे ही इतनी सारी दवाई खा रहे हैं तो और अधिक दवा की जरूरत नहीं है। 


हां, आप जो जड़ी बूटियों का सेवन कर रहे हैं अगर उसका फार्मूला आप अपने वैद्य से पूछ कर बतायें तो मैं उसमें कुछ सुधार कर सकता हूं जिससे कि वह फार्मूला और अच्छे से काम कर सके। 


पर यह फार्मूला जिनका है उन्हें यह मंजूर होना चाहिए। तभी यह संभव है। 


उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के जिस वैद्य से वे दवा ले रहे हैं वे अपने फार्मूले के बारे में जानकारी छुपाते नहीं है। बल्कि जड़ी बूटियों के नाम लिखकर दे देते हैं जिन्हें घर में लाकर पीसकर इस्तेमाल करना होता है। 


ऐसा कहकर उन्होंने जड़ी बूटियों की लंबी सूची मेरे पास भेज दी। 


मैंने सूची का अध्ययन किया और फिर उनसे पूछा कि आप मेरे पास किसी दवा की उम्मीद से आए हैं या बिना दवा के ठीक होने की उम्मीद से? 


उन्होंने कहा कि मैं आपके पास दवा की उम्मीद से आया हूं तब मैंने कहा कि मैं चिकित्सक नहीं हूं तथा आप चिकित्सक से दवा लीजिए। अगर आपको बिना दवा के ठीक होना है तो मैं आपकी मदद कर सकता हूं।


 यह शायद उनको अटपटा लगा।


 उन्होंने कहा आप को पहले बताना था कि आप दवा नहीं देते हैं तो मैं आपसे परामर्श ही नहीं लेता। फिर सोच कर बोले कि अब आप बिना दवा के कैसे इस खतरनाक मर्ज को ठीक कर सकते हैं?


 मैंने उनसे कहा कि आप अपनी वैद्य की दवा पूरी तरह से बंद कर दें और बाकी दवा चलने दे। आपकी किडनी बच जाएगी और किसी भी तरह के ट्रांसप्लांट की जरूरत नहीं पड़ेगी। 


आप ऐसा एक हफ्ते करके देख सकते हैं। चाहे तो 15 दिन तक करें तो और अच्छा है। उसके बाद आप मुझसे फिर से संपर्क कीजिए। 


मुझे उम्मीद है आप की स्थिति में सुधार होगा। 


उन्होंने कहा कि वैद्य को 50 साल का अनुभव है और किडनी की बीमारियों के उपचार में वे माहिर है। 


फिर भी आप कहते हैं तो मैं कुछ समय के लिए उनकी दवा बंद करके देखता हूं।


 15 दिन की बजाय 10 दिन में ही उनका फोन आया कि उनकी स्थिति में आश्चर्यजनक तरीके से सुधार आया है और अब ट्रांसप्लांट के लिए कुछ महीनों का समय उन्हें मिल गया है।


 उन्होंने बताया कि डायलिसिस की आवृत्ति भी कम हो गई है। वे जानना चाहते थे कि यह कैसे हुआ और वैद्य जी की दवा में ऐसी क्या गड़बड़ी थी जिसके कारण किडनी खराब हो रही थी।


 मैंने उन्हें बताया कि आपके वैद्य आप के फार्मूले में पनीर फूल या पनीर डोडा का इस्तेमाल कर रहे थे जिसके लंबे प्रयोग से निश्चित ही किडनी की वही हालत होती है जो आपकी किडनी की हुई है।


 देश भर के पारंपरिक चिकित्सक जानते हैं और मैंने इस बारे में अंग्रेजी और हिंदी में बहुत लिखा पर फिर भी बिना किसी शास्त्रीय प्रमाण के भारत ही नही बल्कि पूरे एशिया के लोग इस बूटी का प्रयोग कर रहे हैं और अपनी किडनी को बेकार कर रहे हैं। 


इस बूटी का प्रयोग करने से रक्त से शर्करा बहुत तेजी से आश्चर्यजनक रूप से कम हो जाती है। डायबिटीज से प्रभावित लोग दवा खा खा कर परेशान हो गए रहते हैं और मीठा खाना उनसे छूटता नहीं है तब इसका प्रयोग करने लग जाते हैं।


 यह सच है कि इससे रक्त में शर्करा की मात्रा तेजी से कम होती है पर किस कीमत पर होती है? इसके बारे में लोग नहीं जानते हैं।


 इससे शरीर को बहुत अधिक नुकसान होता है और सबसे पहले किडनी प्रभावित होती है। 


लोग सोचते हैं कि जो वे अंग्रेजी दवा का प्रयोग कर रहे हैं उसके खाने में किडनी खराब हो रही है जबकि पनीर फूल के नुस्खों के कारण किडनी खराब होती है। 


देश के पारंपरिक चिकित्सक इस स्थिति को जानते हैं इसलिए वे इसका प्रयोग बहुत कम ही करते हैं और जब भी करते हैं तो अपनी निगरानी में करते हैं और पनीर फूल को पूरी तरह से शोधित करने के बाद करते हैं। 


आम लोग इस बारे में जानकारी नहीं रखते हैं। उन्हें तो यह भी नहीं पता कि कितनी मात्रा में इसका प्रयोग करना चाहिए।


 वे अपने अंदाज से दुगुनी तिगुनी मात्रा में इसका प्रयोग करते रहते हैं और यह सोचते हैं कि उनकी डायबिटीज ठीक हो गई है। यहीं वे गलती कर बैठते हैं।


 पनीर फूल के नुस्खों ने मुझे Pancreatic cancer का वर्ल्ड एक्सपर्ट बना दिया है। पिछले 10 सालों में मैंने 25 हजार से अधिक पेनक्रिएटिक कैंसर प्रभावितों का उपचार किया है बिना दवा के अर्थात जितने भी मरीज आए उनमे से अधिकतर डायबिटीक थे और पनीर फूल के नुस्खों का प्रयोग कर रहे थे। 


पनीर फूल के प्रयोग से पेनक्रिएटिक कैंसर बहुत तेजी से फैलता है और लाइलाज हो जाता है विशेषकर जब इसे मेथी जैसी वनस्पतियों के साथ प्रयोग किया जाता है। 


मुझे बस रोगियों को यही कहना होता है कि आप पनीर फूल के नुस्खों का प्रयोग बंद कर दें। इससे उनके कैंसर का फैलना रुक जाता है और धीरे-धीरे शरीर फिर से मजबूत होकर कैंसर पर काबू कर लेता है। 


पनीर फूल के नुस्खों का एलो वेरा के नुस्खों के साथ प्रयोग कोलोन कैंसर को तेजी से फैलने में मदद करता है।


 इसी तरह पनीर फूल के नुस्खों का अलसी के साथ प्रयोग फेफड़े के कैंसर को फैलने में मदद करता है।


 ऐसी हजारों खाद्य सामग्रियों की सूची है जिनके साथ पनीर फूल के नुस्खों का प्रयोग शरीर के लिए जानलेवा बन जाता है और आम लोग समझ ही नहीं पाते कि सारी करामत पनीर फूल की है।


 इसकी जबरदस्त मांग है। पूरे देश में इस मांग को देखते हुए हमारे बीच के कुछ किसानों ने कहा था कि हमें इसकी खेती करनी चाहिए क्योंकि मुनाफा कमाने का यही सही समय है।


 मैंने उन्हें कहा कि पनीर फूल से स्व-चिकित्सा देश के लिए अभिशाप है इसलिए हम पाप की खेती नहीं करेंगे।



पुण्य की खेती करेंगे।


ऐसी खेती करेंगे जिससे जन स्वास्थ्य का किसी भी प्रकार से खिलवाड़ न हो।


सर्वाधिकार सुरक्षित

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