कैंसर में शीशम, जड़ी-बूटियों का असर करे कम

कैंसर में शीशम, जड़ी-बूटियों का असर करे कम

पंकज अवधिया

कैंसर में स्व-चिकित्सा जानलेवा साबित हो सकती है. आपका ही उदाहरण लें. आपने फेसबुक में पढ़ा कि  शीशम कैंसर में फायदा करता है. रोज दस-बारह पत्तियाँ खाने से कैंसर ठीक हो जाता है और आपने बिना सत्यता के जांच किये शीशम का रस लेना शुरू कर दिया.

आपको यह पता लगाना चाहिए था कि यह संदेश कहां से आया, यह किसने लिखा और फिर उस चिकित्सक से जिससे आप कैंसर का इलाज करवा रहे हैं, से पूछने के बाद शीशम का प्रयोग शुरू करना चाहिए था.

यदि आपको पता चले कि यह संदेश किसी शरारती तत्व की करतूत है तो आप अपना सर पीट लेंगे. इंटरनेट में अक्सर ऐसा होता है. लोग तेजी से फैल रही बिना-सर पैर की सूचना को बिना जांचे परखे अपने परिवार के लोगों और मित्रों को फारवर्ड कर देते हैं और एक अनजान सूचना विश्वसनीय सूचना बन जाती है.

खैर, आपने बताया कि आपको हड्डियों का कैंसर है और आप किसी प्रसिद्ध आयुर्वेदिक चिकित्सक से दवा ले रहे हैं. दवा लेते हुए तीन वर्ष हो रहे हैं. इन दवाओं के साथ घरेलू उपचार भी कर रहे हैं और इसकी जानकारी अपने चिकित्सक को नही दे रहे हैं. इन उपायों में शीशम की पत्तियों का प्रयोग  भी है.
आपके शरीर में बड़े-बड़े चकत्ते हो गये हैं और उनका रंग हल्का नीला है. ये बहुत खुजलाते हैं और अधिक खुजलाने पर इनका स्थायी निशान त्वचा पर पड़ जाता है.

आपके चिकित्सक कह रहे हैं कि यह उनकी दवाओं से नही हो रहा है और न ही यह कैंसर के कारण हो रहा है. आपकी समस्या को देखते हुए आपके चिकित्सक ने मुझसे परामर्श लेने को कहा है. मुझे लगता है कि मैं आपकी मदद कर सकता हूँ.

आपके चिकित्सक एक औषधीय मिश्रण दे रहे हैं कैंसर से आपके शरीर को लड़ने की शक्ति देने के लिए. इस मिश्रण में बहुत सी ताकत देने वाली जड़ी-बूटियाँ हैं.

शीशम का रस उल्टी को रोकने की कारगर दवा है. यह कुछ हद शरीर में पाचन तंत्र को भी ठीक रखता है. कैंसर में इसकी भूमिका की जानकारी बहुत कम है. और वैसे भी कैंसर जैसे महारोग से केवल एक औषधि की सहायता से लड़ना मुश्किल है. आप भी इस बात को जानते हैं इसलिए आपने शीशम के साथ चिकित्सक की दवा भी जारी रखी.

शीशम बहुत सी जड़ी-बूटियों के साथ मिलकर कई प्रकार के त्वचा रोग उत्पन्न करता है जिनमे आपका त्वचा रोग भी शामिल है. दरअसल यह रोग न होकर शीशम की दूसरी औषधीयों के साथ मिलकर हो रही प्रतिक्रिया के कारण है.

आपके चिकित्सक ताकत के लिए विदारीकन्द और विधारा का प्रयोग कर रहे हैं. ये दोनों ही औषधीयाँ शीशम के साथ नही दी जाती हैं.

आप शीशम का मनमाना प्रयोग बंद कर देंगे तो आपकी समस्या का समाधान हो जाएगा. मैं आपके शीशम प्रेम के लिए चिकित्सक से विदारीकन्द और विधारा के प्रयोग को रोकने नही कह सकता. ये दोनों ही आपके कैंसर के लिए उपयोगी हैं.

आपसे एक बार फिर से अनुरोध है कि आप स्व-चिकित्सा से बचें और यदि आप फेसबुक पर आने वाले संदेशों को शेयर न करे तो यह मानवता की एक बड़ी सेवा होगी और असंख्य लोग इस तरह बेवजह कष्टों से बच जायेंगे.   

मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं. 


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