कैंसर में मार्फीन और अरिष्ट, फिर तो अनिष्ट ही अनिष्ट

कैंसर में मार्फीन और अरिष्ट, फिर तो अनिष्ट ही अनिष्ट
पंकज अवधिया

आपका बेटा कैंसर की अंतिम अवस्था में है और दिल्ली के एक बड़े अस्पताल में इलाज करवा रहा है. एक सप्ताह से उसकी हालत बिगड़ रही है और सांस में तकलीफ के कारण उसे बार-बार आक्सीजन देनी पड़ रही है. उसे बार-बार उल्टियां भी हो रही हैं.

पिछले तीन दिनों से उसका बायाँ हाथ काँप रहा है और शरीर के बहुत से अंग फड़क रहे हैं. आपके चिकित्सक कहते हैं कि कैंसर अब दिमाग तक पहुंच गया है जिसके कारण ऐसे लक्ष्ण आ रहे हैं. वे यह भी कहते हैं कि अब बेटे के पास गिनती के दिन हैं.

पिछली रात चिकित्सकों ने कह दिया कि यह आख़िरी रात है तब आपने आनन-फानन में मुझे बुलवा लिया. कुछ घंटों की सूचना पर मैं विमान में सवार होकर दिल्ली पहुंच गया  और अस्पताल में अचेत पड़े आपके बेटे को देखा.

आधुनिक दवाएं उसे दी जा रही थी. कैंसर की तीव्र पीड़ा पर काबू पाने के लिए मार्फीन के इंजेक्शन अनुमोदित मात्रा से कहीं अधिक मात्रा में लगाये जा रहे थे. लखनऊ के जाने-माने वैद्य की दवा भी चल रही थी. आपकी पत्नी ने बंगाल के प्रसिद्ध होम्योपैथ से भी दवा ले रखी थी. ये दवाएं अस्पताल में बिना किसी को बताये दी जा रही थी.

आप चाहते थे कि मैं वहां रुककर अपनी दवाएं बेटे को दूं पर अस्पताल में बिना वहां के चिकित्सक से अनुमति लिए दवा देने का सवाल ही नही था. बेटे की हालत सचमुच  चिंताजनक थी.

मैंने उसको हो रही तकलीफों की सूची बनाई और विस्तार से  उसके परिजनों से बात की. इस आधार पर कुछ निर्देश दिए और फिर वापस रायपुर जाने के लिए विमानतल की ओर रवाना हो गया.

मेरा इस तरह जाना आपको अच्छा नही लगा पर आपने मेरे द्वारा दिए गये निर्देशों का पालन करने का वचन दिया.

कुछ घंटों बाद विमानतल से घर आते हुए मुझे आपका फोन आया और आपने बताया कि बेटे की हालत में अप्रत्याशित सुधार आया है. चौबीस घंटों के बाद उसे पूरी तरह से आराम मिल गया और फिर कैंसर का उसका नियमित उपचार शुरू हो गया.

आपने तीन गुनी फीस देने के लिए फोन किया था जिसे मैंने स्वीकार नही किया.

कैंसर की अंतिम अवस्था में मार्फीन तो दी ही जाती है. लखनऊ के वैद्य जो दवाएं दे रहे थे वे अरिष्ट के रूप में थी. दवा में कोई खोट नही था बल्कि वह तो कैंसर के लिए बहुत उपयोगी दवा थी पर दोष अल्कोहल का था. इसी तरह बंगाल के होम्योपैथ की दवा कैंसर की बदबू मिटाने के लिए थी पर उसे भी अल्कोहल के माध्यम से दिया जा रहा था.

मार्फीन के साथ किसी भी रूप में अल्कोहल रोगी की हालत बुरी कर देता है और कैंसर के कारण नही बल्कि इन गलत काम्बीनेशन के कारण रोगी की मौत हो जाती है.  आपने अरिष्ट और होम्योपैथी की दवाओं को बंद कर दिया और देखते ही देखते रोगी की हालत में सुधार होने लगा.

यह बात आप दोनों चिकित्सकों को बताएं ताकि वे अपनी दवाओं से अल्कोहल को हटा सकें.

बेटे के स्वास्थ पर निगरानी रखें और आवश्यक्ता होने पर फोन करें. वापसी में जो आपने जबरदस्ती मेवे रखवा दिए थे उसके लिए धन्यवाद.  

मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं. 


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