छुड़ाए शराब की लत, देशी चावल का सत

छुड़ाए शराब की लत, देशी चावल का सत

पंकज अवधिया

हाँ मित्र, मैंने तुम्हारे बेटे की मेडीकल रिपोर्ट देखी. लीवर बुरी तरह खराब हो रहा है. सारा खेल शराब के अति सेवन का है. आश्चर्य है कि लगातार दर्द के बावजूद अजय अभी भी इतना पी रहा है.
मित्र, उसे समझाओ. अजय मात्र तीस साल का है अभी तो उसकी पूरी जिन्दगी पड़ी है. चौबीसों घंटे शराब में डूबे रहना कहीं से ठीक नही है, तुम उससे बात करों और पूछो कि भला क्या दुःख छुपा है  उसके भीतर जो वह पीये जा रहा है.

मैं पिछली बार आया था तो उससे मुलाक़ात न हो सकी थी. मोबाइल पर मैं इस विषय में उससे बात नही करना चाहता हूँ.

भोपाल के डाक्टरों द्वारा दी गयी दवाइयाँ अब काम नही कर रही है. चार-पांच वैद्यों की जड़ी-बूटियाँ भी अब असर करने से इनकार करती दिखती है. सभी कहते हैं कि पहले शराब का सेवन बंद करवाओ नही तो लडका मर जाएगा. मैं भाभी जी की मानसिक हालत समझ सकता हूँ.

मित्र, तुन चेन्नई के शराब छुडवाने का दावा करने वाले के पास गये थे. तुमने बताया कि अजय ने कुछ दिन तक तो शराब नही पी दवा लेने के बाद पर बाद में शराब के स्थान पर दवा ही छोड़ दी. मुझे लगा था कि चेन्नई वाले की दवा से लाभ मिलेगा. काफी नाम सुना था उसका.

मेरे पहचान का एक और व्यक्ति बस्तर में है जो कि शराब पीने वाले के साथ छककर शराब पीता है पर जिसकी शराब छुडानी हो उसने बदबूदार पदार्थ डाल देता है बिना बताये. इसके कारण खूब बदबूदार उल्टियां होती है और शराब छूट जाती है.

उस व्यक्ति ने मुइझे बताया कि वह बाघ के मल का इस्तमाल इस काम के लिए करता है. पर मित्र, शराब ऐसी चीज है कि बड़ी मुश्किल से छूटती है. उस व्यक्ति के पास जाने वाले कुछ महीनों तक शराब छोड़ देते हैं पर बाद में फिर सब कुछ वैसा ही हो जाता है.

मैंने “तहलका” में मेरे बारे में छपी खबर की कतरने तुम्हे भेजी थी जिसमे मैंने बताया था कि कुछ वनस्पतियों के प्रयोग से शराब के नुकसान कम हो जाते हैं या नही होते हैं. ये कारगर उपाय हैं पर जब किसी को ऐसी चीज मिल जाती है जिससे जितनी भी शराब पीओ लीवर को नुकसान नही होता है तो वो दुगुनी मात्रा में शराब पीने लगता हैं.

मित्र, तुम मुझसे आशा रखते हो कि मैं तुम्हारी मदद करूं. बाजार में उपलब्ध औषधीयों से तो इस मदात्य से बचाव सम्भव नही जान पड़ता है. मैं तुम्हे जंगल की ओर भेजना चाहता हूँ.

एक पहुंचे हुए बुजुर्ग पारम्परिक चिकित्सक ने बताया है कि सांठी चावल इस मर्ज की बेहतरीन दवा है. सांठी चावल यानी साठ दिन में पकने वाला. छत्तीसगढ़ी में इसे हरुना धान कहते हैं. इसकी खेती बिना किसी खाद और कीटनाशक के हुयी हो.

मित्र, आज जब लम्बी अवधियों वाली धान की किस्मो का बोलबाला है और जब अनुमोदित मात्रा से दुगुना या तिगुना रसायन डालकर खेती की जाती हो ऐसे में विशुद्ध सांठी चावल का मिलना कठिन है. किसी किसान ने उगाया भी होगा तो भी उसके जैविक होने की कोई गारंटी नही है.

तुम्हे जंगलों के पार दूर दराज के गाँव में जाना होगा. शायद वहां अभी भी बाहरी हवा से बचकर कोई किसान इसे उगा रहा हो. मैं कुछ ऐसे किसानो के पते दे सकता हूँ.

मित्र, इस चावल को बस खाने में शामिल करना है. यह लीवर के लिए अमृत के समान है. अजय को निश्चित ही इससे लाभ होगा. तुम उससे कहना कि इस चावल को खाने से उसके बाल कभी झड़ेंगे नही. इस मोह में वह लीवर की इस दवाई को नियमित रूप से खाता रहेगा.

मित्र, पांच जड़ी-बूटियों से एक चूर्ण मैं तैयार करवा रहा हूँ केवल तुम्हारे लिए जिसे तुम अजय को गर्म भात के साथ दोगे तो कुछ ही हफ्तों में शराब से उसका जी उचट जाएगा. इस चूर्ण के साथ कुछ काउंसलिंग की जरूरत भी शायद उसको पड़े.

सांठी चावल के इस प्रयोग को और अधिक सशक्त बनाने के लिए तुम इसे पलाश जिसे तुम परसा के नाम से भी जानते हो, के पत्तों से तैयार पत्तल में परोस सकते हो.

मित्र, लोग “उड़ता पंजाब” की बात करते हैं पर शराब के सागर में समाते “डूबते छत्तीसगढ़” की बात नही करते हैं. भगवान बचाए हमारे लोगों को शराब के इस भंवरजाल में फंसने से.    


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