तम्बाखू कैंसर से जब मुंह की लगाए वाट, अपनाएँ यह सरल और सटीक काट

तम्बाखू कैंसर से जब मुंह की लगाए वाट, अपनाएँ यह सरल और सटीक काट
पंकज अवधिया

आपका बेटा तो हीरो है. उसने न केवल कैंसर से लड़ाई की बल्कि अब वो जीत भी रहा है.

मुझे याद है आपने मुझे तीन साल पहले नागपुर बुलवाया था. आपका बेटा गुटखे के कारण होने वाली मुंह के कैंसर की अंतिम अवस्था में था. सारी दवाईयां बंद हो चुकी थी और डाक्टरों में सात दिनों का समय बचा होना बताया था.

आपके अनुरोध पर मैं नागपुर आया था और फिर मैं सात महीनों तक हर सप्ताह आता-जाता रहा. उसके बाद फिर घर से औषधीयाँ चलती रही. ये तो भगवान की कृपा रही कि सारी औषधीयाँ सही काम करती गयी और टयूमर तोड़ने वाली औषधीयों ने तो जैसे कमाल कर दिया.  आज कैंसर दोबारा अपने पैर न जमाए इसकी तैयारी हम आप कर रहे हैं.

मुझे आश्चर्य होता है कि  घर के एक सदस्य को इतना कष्ट होते देखने के बावजूद आपके बड़े बेटे ने गुटखे का साथ नही छोड़ा  और अब आप चिंतित हैं कि कहीं उसे भी मुंह का कैंसर न हो जाए. आपने एक छोटी सी गाँठ की भी बात कही है और बताया कि आपने मुम्बई के नामी अस्पताल में उसकी जांच कराई है. अभी सब कुछ ठीक है.

आपकी चिंता स्वावभाविक है.  अभी से ठोस उपाय करना जरूरी है. मैंने आपको बताया था कि बहुत सी जंगली जडी-बूटियाँ है जिनकी सहायता से गुटखे के कारण होने वाले मुंह के कैंसर से बचा जा सकता है.

हाल ही में एक प्रसिद्ध गुटखा बनाने वाली कम्पनी के मालिक ने मुझसे लम्बी चर्चा की है. वे ऐसा गुटखा बनाने की इच्छा रखते हैं जिसके बारे में वे खुले तौर पर दावा कर सके कि इससे कैंसर हो ही नही सकता. वे इन जड़ी-बूटियों का प्रयोग अपने गुटखे के निर्माण में करेंगे-ऐसा उन्होंने कहा है. यह गुटखा थोड़ा महंगा जरुरु होगा पर अन्य हानिकारक गुटखों से बाद के स्वास्थ व्यय की तुलना में इसकी कीमत कुछ भी नही होगी.

लौंग का प्रयोग पीढीयों से तम्बाखू के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए होता रहा है. गुटखा खाने वाले लौंग मुंह में दबा कर रखें तो वे काफी हद तक इसके प्रभाव से बच सकते हैं.

हमारे पारम्परिक चिकित्सक तो दस जड़ी-बूटियों जिनमे से पांच कडवी और पांच मीठी जड़ी-बूटियाँ होती है, के सत्व में रात भर लौंग को डुबोकर रखते हैं. इस लौंग को मुंह में रखने पर न केवल गुटखे के बुरे प्रभावों से रक्षा होती है बल्कि यह गुटखे के कारण होने वाले कैंसर की चिकित्सा में भी उपयोगी होती है.

आप एक पाव लौंग भिजवा देंगे तो मैं इस औषधीय घोल में डुबोकर उन्हें तैयार कर दूंगा. आप एक-दो दिन में इसे ले जाना और अपने बड़े बेटे को दे देना. यह कैंसर से प्रभावित आपके छोटे बेटे के लिए भी बहुत उपयोगी है.

मुझे विश्वास है कि सब कुछ पहले की तरह ठीक हो जाएगा.    


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