Consultation in Corona Period-120

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Pankaj Oudhia पंकज अवधिया


"मेरे पति की बाएं पैर की हड्डी टूट गई है। हड्डी को टूटे बहुत दिन हो गए फिर भी ठीक से जुड़ नहीं पा रही है। 


क्या आप ऐसे पारंपरिक चिकित्सकों का पता दे सकते हैं जो कि हड्डी को जोड़ने में माहिर है और मेरे पति की समस्या का समाधान कर सकते हैं?"


 दिल्ली से जब मुझे यह फोन आया तो मैंने उनसे कहा कि आप मुझे अपने पति का एक छोटा सा वीडियो बनाकर भेजें और साथ में उनकी सारी रिपोर्ट भी भेजें ताकि मैं आपको उन पारंपरिक चिकित्सकों का पता दे सकूं जो कि हड्डियों की बीमारी को ठीक करने में दक्ष हैं।


 मैंने उन्हें दक्षिण छत्तीसगढ़ के एक पारंपरिक चिकित्सक के पास भेजा।


 कुछ समय बाद उनका फिर से फोन आया कि उनके पति के पैर की हड्डी अब पूरी तरह से जुड़ चुकी है और पारंपरिक चिकित्सक की दवा से उन्हें बहुत अधिक लाभ हुआ। उन्होंने धन्यवाद ज्ञापित किया।


 उसके कुछ समय बाद उनका फिर से फोन आया। उन्होंने बताया है कि उनके पति के दाहिने पैर की हड्डी टूट गई है। उनका फिर से कार एक्सीडेंट हो गया है और आपके बताए हुए पारंपरिक चिकित्सक से हम फिर से दवा लेने की कोशिश कर रहे हैं। 


उन्होंने मुझसे अनुरोध किया कि मैं पारंपरिक चिकित्सक को विशेष निर्देश दूं ताकि वे चिकित्सा ठीक से कर सके। 


मैंने उन्हें समझाया कि पारंपरिक चिकित्सक पीढ़ियों से यह काम कर रहे हैं। वे दक्ष हैं और उन्हें किसी भी प्रकार के विशेष निर्देशों की आवश्यकता नहीं है। मैंने उन्हें शुभकामनाएं दी। 


कुछ समय के बाद उनका फिर से फोन आया और उन्होंने बताया कि इतने कम समय अंतराल में तीसरी बार उनके पति का एक्सीडेंट हुआ है और इस बार हाथ की एक हड्डी टूट गई है। 


उन्होंने फिर से उन्ही पारंपरिक चिकित्सक की सहायता ली और हमेशा की तरह उन्हें जल्दी से ही लाभ हुआ। 


एक दिन अचानक उनका फोन आया और उन्होंने कहा कि वे सब रायपुर में है और मुझसे मिलना चाहते हैं। मैंने उन्हें समय दे दिया। 


जब वे मुझसे मिलने आए तो मुझे पता चला कि बार-बार एक्सीडेंट होने के कारण उन्हें लगा कि यह ग्रहों की कुछ समस्या है इसलिए वे रायपुर के एक प्रसिद्ध ज्योतिषी से मिलने आए थे। 


ज्योतिषी ने उनको बताया था कि यह शनि की कोई दशा है जिसके कारण बार-बार एक्सीडेंट हो रहे हैं। उन्होंने कई प्रकार के अनुष्ठान कराने की सलाह दी थी और यह भी कहा था कि वे लगातार एक विशेष प्रकार के मंत्र का जाप करें।


 मैंने उनसे कहा कि आप वैसे ही बहुत सारे उपचार कर रहे हैं विशेषकर ज्योतिषीय उपचार। अब मेरी क्या आवश्यकता है?


 उन्होंने अनुरोध किया कि यदि मैं इसका कोई वैज्ञानिक कारण बता पाऊं तो उनकी बड़ी मदद होगी। ऐसे में वे ज्योतिषी उपाय करना छोड़ सकते हैं।


 मैंने उनसे कहा कि वे Testosterone का टेस्ट करवाएं। उन्होंने रायपुर में ही यह टेस्ट करवाया। 


उनका Testosterone level सामान्य से बहुत अधिक था। उन्हें यह जानकर बहुत आश्चर्य हो रहा था। 


मैंने उनसे कहा कि आप जरूर किसी बलवर्धक नुस्खे का प्रयोग कर रहे हैं जिसके कारण आपका Testosterone इतना अधिक बढ़ा हुआ है। 


आप उस नुस्खे का प्रयोग पूरी तरह से रोक कर देखें। फिर मुझे बताएं कि आपको किसी तरह का फायदा हुआ या नहीं।


 उन्होंने बताया कि वे शिलाजीत पर आधारित एक नुस्खा लंबे समय से ले रहे हैं। 


जब उन्होंने इसका प्रयोग कुछ समय के लिए रोक दिया तो बार-बार एक्सीडेंट होने वाली समस्या का काफी हद तक समाधान हो गया। 


उन्होंने बाद में मुझे फोन कर बताया कि एक्सीडेंट की एक और वजह उनके शरीर में उपस्थित बहुत अधिक आलस भी था। 


वे जब भी गाड़ी चलाते थे तो गाड़ी चलाते हुए पूरी तरह से सो जाते थे और उनकी गाड़ी कहीं भी भिड़ जाती थी। 


मैंने उनसे कहा कि मुझे भी आपको देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ क्योंकि जब आपका पहला वीडियो मुझे मिला था तो आप बहुत दुबले पतले थे अब तो आप फुटबॉल की तरह मोटे हो गए हैं और आपको देखकर ही लगता है कि आपमें बहुत सारा आलस भरा हुआ है। 


उन्होंने बताया कि उन्हें दिन भर बहुत नींद आती है और इस कारण वे ऑफिस भी नहीं जा पाते हैं। उन्हें ऑफिस से यह धमकी मिली है कि उन्हें जल्दी ही नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। 


मैंने उनके द्वारा प्रयोग की जा रही खाद्य सामग्रियों के बारे में विस्तार से जानकारी मांगी और उसके बाद यह भी पूछा कि आप कौन-कौन सी दवाई ले रहे हैं। 


मैं यह जानना चाहता था कि कहीं किसी तरह के ड्रग इंटरेक्शन के कारण यह समस्या तो नहीं आ रही है क्योंकि यह सब अचानक ही हुआ था। पर मुझे किसी भी तरह का सुराग नहीं मिला।


 मैंने उन्हें सुस्ती दूर करने वाले कई तरह के मेडिसिनल राईस सुझाये और  उपलब्ध कराए पर इससे उनकी समस्या का पूरी तरह से समाधान नहीं हुआ। थोड़ा सा ही फायदा हुआ। 


इस बीच मुझे परामर्श के लिए राजस्थान बुलाया गया। राजस्थान से लौटते हुए मैंने दिल्ली में एक दिन रुकने का मन बनाया।


 जब उन सज्जन को यह पता चला कि मैं दिल्ली में रुका हुआ हूँ तो उन्होंने मुझे शाम के खाने के लिए आमंत्रित किया। 


मैंने उनसे कहा कि मैं बाहर खाना नहीं खाता हूँ और उनके बहुत अधिक अनुरोध करने पर मैं तैयार हो गया। 


जब मैं उनके घर पहुंचा तो मैंने उनसे कहा कि मैं सूर्यास्त से पहले भोजन कर लेता हूँ। 


उन्होंने जब भोजन परोसा तो मैंने अपने पास रखे घी का प्रयोग उस भोजन में करना चाहा।


 उन्होंने कहा कि उनके पास एक विशेष प्रकार का तेल है जिसे एक वैद्य ने दिया है। इसे रोटी में लगाकर खाने से बहुत अधिक फायदा होता है। 


मैं इसके प्रयोग के लिए तैयार नहीं था पर बार-बार अनुरोध करने पर मैन अनुमति दी। उन्होंने थोड़ा सा तेल रोटी में लगा दिया। 


तेल युक्त रोटी खाते ही मेरे दिमाग की घंटी बजने लगी। मैंने खाना बीच में ही छोड़ दिया। 


सबसे पहले दूसरे दिन सुबह की अपनी रायपुर की फ्लाइट कैंसिल की और उनसे कहा कि मेरी तबीयत बिगड़ रही है। मैं शायद होटल नहीं पहुंच पाउंगा।


 यदि संभव हो तो उनके घर में ही मेरे सोने का प्रबंध वे करें। हो सकता है कि मैं थोड़ी देर बाद ही सो जाऊं पर इसमें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। 


मुझे आराम से सोने दीजिएगा। अगर मैं 15-20 घंटे तक भी सोता रहा तो आप परेशान मत होइएगा। 


किसी डॉक्टर की सहायता मत लीजिएगा। उसके बाद मेरी तबीयत पूरी तरह से ठीक हो जाएगी। 


उन्हें बड़ा आश्चर्य हुआ पर मेरी हालत देखकर वे सारे प्रबंध करने को तैयार हो गए। उन्होंने बाद में बताया कि यह सब कहते कहते उस समय मैं अर्ध बेहोशी की स्थिति में आ गया।


 फिर उनके बेटे ने बताया कि मैं उस समय बार-बार केऊ केऊ कह रहा था। उन्होंने मुझे उठा कर बिस्तर पर लेटा दिया फिर उसके बाद दूसरे दिन दोपहर को मेरी नींद खुली। 


इतने लंबे समय तक मैं बेसुध रहा। उनके बेटे ने गरम-गरम कॉफी के साथ मुझे उठाया। उसने बताया कि उनका पूरा परिवार मेरे स्वास्थ को लेकर चिंतित था।


 मैंने आश्वस्त किया कि मैं पूरी तरह से ठीक हूँ और उन्हें धन्यवाद दिया कि आपने इस गहरी नींद में जो कि बेहोशी की तरह लग रही थी, मुझे सुरक्षित रखा और अपने घर में पनाह दी।


 फिर मैंने पूरे परिवार को विस्तार से समझाया कि वैद्य जी ने आपको रोटी में लगाने के लिए जो तेल दिया है वह बहेड़े का तेल है।


 बहेड़े का तेल भारत के ग्रामीण इलाकों में बहुत से लोग रोटी में लगाकर खाते हैं पर यह सब को फायदा नहीं पहुंचाता है। इसमें हल्का सा नशा होता है और इस नशे के प्रति अलग-अलग लोग अलग-अलग प्रतिक्रिया करते हैं। 


कई लोगों की हालत इस तेल को खाने के बाद ऐसी होती है जैसे कि मेरी हो रही थी। संभवत: आप भी संवेदी है और आपको भी इस तेल का ऐसा ही असर होता होगा।


 आपको वैद्य जी ने जो तेल दिया है वह बहेड़े का तेल होने के अलावा दोषपूर्ण वृक्षों से एकत्रित किए गए फलों से तैयार तेल भी है। 


भारत के पारंपरिक विशेषज्ञ इस बात को जानते हैं कि जब बहेड़े के फल को ऐसे स्थानों से एकत्र किया जाता है जहां कि वृक्षों में दीमक का प्रकोप बहुत अधिक स्तर पर होता है तब फलों में कई तरह के विकार आ जाते हैं। जब उनसे तेल निकाल कर खाने के साथ प्रयोग किया जाता है तो दिमाग पर बहुत अधिक विपरीत असर पड़ता है। 


ग्रामीण अंचलों में इस बात के बहुत सारे किस्से मिल जाते हैं कि फलां व्यक्ति ने बहेड़े का तेल खाया था उसके बाद उसका दिमागी संतुलन बिगड़ गया और वह पागल हो गया।


 दरअसल बहेड़े के तेल का उतना दोष नहीं है जितना कि दोषपूर्ण वृक्ष से एकत्रित किए गए फल के तेल के उपयोग में दोष है।


 मैंने उन्हें यह भी बताया कि जब पहली बार मैंने बहेड़े का तेल का उपयोग किया और मेरी ऐसी हालत हुई तो पारंपरिक चिकित्सक मेरे साथ थे और उन्होंने मेरी तबीयत को बिगड़ने नहीं दिया। 


उन्होंने तुरंत ही केऊ कंद नामक एक वनस्पति से एक विशेष तरह का व्यंजन तैयार किया और मुझे खाने को दिया। 


इससे बहेड़े का तेल का असर कुछ ही घंटों में समाप्त हो गया और मेरी स्थिति बिल्कुल भी नहीं बिगड़ी।


 उन्होंने मुझसे कहा कि मैं जीवन भर बहेड़े का तेल का प्रयोग भूल कर भी न करूं क्योंकि मैं संवेदनशील लोगों की श्रेणी में आता हूँ। 


मुझे क्या मालूम था कि सारी सावधानियां बरतने के बाद भी मुझे आपके घर अनजाने में ही इस तेल को फिर से चखना होगा।


 मैंने उनसे कहा कि अब आपको तो पता चल गया होगा कि आपकी समस्या का कारण क्या है? यह किसी तरह का ग्रह दोष नहीं है बल्कि इस तेल का लगातार उपयोग है।


 आप इसका प्रयोग तुरंत रोक दें तो आपकी समस्या का पूरी तरह से समाधान हो जाएगा और आप पहले की तरह फिट हो जाएंगे। 


आपको बहुत अधिक बेहोशी नहीं आएगी और अब अपने ऑफिस को फिर से ज्वाइन कर सकेंगे। 


पूरा परिवार आश्चर्य से मेरी बात सुनता रहा।


 कई महीनों बाद उनका फिर से फोन आया और उन्होंने बताया कि अब सारी समस्या का समाधान हो गया है। 


मैंने उन्हें शुभकामनाएं दी।


 सर्वाधिकार सुरक्षित

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