Consultation in Corona Period-233

Consultation in Corona Period-233 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "हम मजे से सेक्स करते रहे पूरी तरह से बेफिक्र होकर पर हमें क्या पता था कि हमें एक दिन पता चलेगा कि फिर से गर्भ ठहर गया है। पत्नी लगातार Oral contraceptive pill का उपयोग कर रही है थी। फिर भी ऐसा हो गया। यह बड़े आश्चर्य का विषय था। यह हमारे साथ पहली बार नहीं हुआ बल्कि पहले भी एक बार ऐसा हो चुका है। हमने जब अपने चिकित्सकों से सलाह ली तो उन्होंने कहा कि अच्छी कंपनी की दवा प्रयोग करने से इस तरह की समस्या नहीं होती है। वे भी इससे ज्यादा कुछ बता नहीं पाए। यह मेरी ही समस्या नहीं है बल्कि मेरे एक मित्र की भी है जो कि मेरा पड़ोसी भी है। हम दोनों मित्रों ने आपके बारे में इंटरनेट पर पढ़ा और सोचा कि शायद आप इस विषय में कोई जानकारी रखते हो इसलिए हमने आपसे परामर्श का समय लिया है। आप जिस भी तरह का परीक्षण हमारे ऊपर करना चाहे कर सकते हैं। आप जब समय देंगे तो हम आपसे मिलने आ जाएंगे सपरिवार ताकि आप सभी तरह के प्रश्न पूछ सके।" मध्य भारत से आए दो सज्जनों ने जब यह बात कही तो मैंने उनसे कहा कि मैं आपकी मदद करूँगा। जब वे मुझसे मिलने आये तो पहले मैंने एक सज्जन से बात करनी शुरू की और उनसे पूछा कि उनकी पत्नी किन किन दवाओं का प्रयोग कर रही है और उन्हें कौन-कौन सी स्वास्थ समस्याएं हैं? उन सज्जन ने बताया कि उनकी पत्नी को बहुत अधिक बीमारियां नहीं है। केवल बहुत कमजोरी रहती है और हमेशा ठंड लगती रहती है इसलिए एक वैद्य से टॉनिक ले रही है। इसका वह नियमित प्रयोग कर रही है। मैंने इसी टॉनिक पर अपना ध्यान केंद्रित किया और उन वैद्य से बात की। जब उन्होंने फार्मूले के बारे में विस्तार से बताया तो समस्या का समाधान होता नजर आया। वह टॉनिक दरअसल काले तिल के प्रयोग से बनाया गया था और उसमें कई और भी घटक थे। इस फार्मूले का प्रयोग पारंपरिक चिकित्सा में गर्भधारण करने के लिए किया जाता है और यह बहुत अधिक प्रभावी है। यह बात भी सही है कि यह एक अच्छा टॉनिक है और स्त्रियों के लिए यह वरदान की तरह काम करता है। इसका मतलब यह था कि उन सज्जन की पत्नी एक और तो सभी हार्मोनों के निकलने की प्रक्रिया पर बाधा पहुंचा रही थी Oral contraceptive pill के माध्यम से और दूसरी ओर ऐसी दवा का प्रयोग कर रही थी जो कि इन हार्मोन को अधिक मात्रा में उत्सर्जित करने के लिए प्रेरित करती हैं। दो विपरीत दवाओं के कारण उन्हें इस तरह की समस्या हुई और Oral contraceptive pill लेने के बावजूद भी गर्भ ठहर गया। मैं बहुत पहले से इस तरह के ड्रग इंटरेक्शन के बारे में जानता हूं और उसके बारे में मैंने विस्तार से शोध किया है। मेरे लेखों में इस तरह के ड्रग इंटरेक्शन के बारे में जानकारी लगातार मिलती रहती है। मैंने उन सज्जन की पत्नी से कहा कि वह काले तिल वाले फार्मूले का प्रयोग पूरी तरह से रोक दें। इससे Oral contraceptive pill की कार्यक्षमता किसी भी तरह से कम नहीं होगी और वह प्रभावी रूप से काम करती रहेगी। उन सज्जन ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया और धन्यवाद दिया। इसके बाद उनके मित्र की बारी आई। उनकी पत्नी भी इस्नोफीलिया के लिए एक वैद्य से दवा ले रही थी जिसमें मुंडी की पत्ती का प्रयोग किया गया था भारंगी और भांगरा के साथ। ये तीनों घटक इस्नोफीलिया के लिए बड़े उपयोगी है पर साथ ही गर्भ स्थापन के लिए अहम भूमिका निभाते हैं। इस फार्मूले की भी Oral contraceptive pill से विपरीत प्रतिक्रिया होती है और यही कारण है कि Oral contraceptive pill का असर खत्म हो जाता है। यह फार्मूला Oral contraceptive pill के फार्मूले से ज्यादा शक्तिशाली है और शरीर पर इसका ज्यादा असर होता है। यही कारण है कि Oral contraceptive pill का उपयोग करने के बावजूद भी गर्भ ठहर जाता है। उन सज्जन के मित्र ने धन्यवाद दिया। अब उनकी समस्या का समाधान हो गया था। उन्होंने अपने वैद्य से विस्तार से बात की और बताया कि Oral contraceptive pill से वैद्य जी की दवा की विपरीत प्रतिक्रिया हो रही है। यह सुनकर वैद्य जी ने अपनी दवा बदल दी। जब मैंने अपने डेटाबेस को चेक किया तो पाया कि वैद्य जी ने जो दवा बदली है उसकी Oral contraceptive pill से किसी भी तरह की विपरीत प्रतिक्रिया नहीं होती है अर्थात यह पूरी तरह से सुरक्षित फार्मूला था। मुझे याद आता है कि कुछ सालों पहले कनाडा से एक विदुषी महिला आई थी। उन्हें भी इसी तरह की समस्या थी और वे जानना चाहती थी कि उनकी समस्या का कारण क्या है? जब मैंने उनसे खान पान के बारे में जानकारी ली और उनके द्वारा प्रयोग की जा रही दवाओं के बारे में पूछा तो समस्या का समाधान होता नजर आया। वे मध्य प्रदेश के किसी वैद्य से मेडिसिनल राइस पर आधारित एक फार्मूला ले रहे थी। उन्हें लीवर की कुछ समस्या थी और इसके लिए वे बहुत लंबे समय से मेडिसिनल राइस पर आधारित फॉर्मूलेशन का प्रयोग कर रहीं थी। जब मैंने उनके वैद्य से बात की तो उन्होंने बताया कि वे इस फॉर्मूलेशन में सात प्रकार के मेडिसनल राइस का उपयोग करते हैं। सात प्रकार के मेडिसनल राइस की बात सुनकर मैंने उन्हें क्रमवार बता दिया कि उस फार्मूले में कौन-कौन से मेडिसनल राइस का प्रयोग किया जा रहा है। उन्हें इस बात का आश्चर्य हुआ। मैंने उनसे कहा कि पारंपरिक चिकित्सा में 7, 13 और 18 प्रकार के मेडिसनल राइस पर आधारित जितने भी फॉर्मूलेशंस है उनमें से अधिकतर फ़ार्मूलेशन्स की Oral contraceptive pill के साथ नकारात्मक प्रतिक्रिया होती है। जो इस बारे में जानकारी रखते हैं वे अपने मरीजों को साफ साफ शब्दों में बता देते हैं कि वे इसके साथ Oral contraceptive pill का उपयोग किसी भी हालत में न करें। इसके विकल्प के रूप में वे बहुत सारे दूसरे फॉर्मूलेशन देते हैं जो कि प्रभावी गर्भनिरोधक का काम करते हैं। कनाडा की उन विदुषी महिला ने अपनी इस समस्या के बारे में मध्यप्रदेश के उन वैद्य को नहीं बताया था। अगर उन्होंने बताया होता तो वैद्य जरूर कोई उपाय सुझाते और कोई हल निकालते हैं। उन्होंने फार्मूला बदल दिया और इससे उनकी समस्या का समाधान हो गया। पिछले वर्ष एक होम्योपैथी डॉक्टर ने मुझसे संपर्क किया था इसी समस्या को लेकर। उनकी पत्नी Oral contraceptive pill का उपयोग कर रही थी और उसके बावजूद भी गर्भ ठहर जा रहा था। वे इस बात से विशेष रूप से प्रभावित थे और जानना चाहते थे कि ऐसा क्यों हो रहा है। जब मैंने उनसे पूछा कि आपकी पत्नी कौन कौन सी दवाओं का प्रयोग कर रही है तो उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी किसी भी तरह की दवाओं का प्रयोग नहीं कर रही है बस वे होम्योपैथी पर आधारित एक दवा ले रही है जिसका नाम एकोनाइट है। मैंने उनसे पूछा कि आप एकोनाइट किसी जर्मन कंपनी द्वारा बनाई हुई खरीदते हैं या भारतीय कंपनी की। तब उन्होंने ने बताया कि उन्होंने कुछ सालों पहले हिमालय की यात्रा की थी और वहां से बहुत सारे एकोनाइट के पौधे लेकर आए थे। अब ये पौधे उनके बगीचे की शोभा बढ़ा रहे हैं और इन पौधों से वे स्वयं ही दवा तैयार करते हैं अर्थात दवा के लिए किसी कंपनी पर निर्भर नहीं रहते हैं। उन्हें पूरा विश्वास था कि ऐसा करने से उन्हें शुद्ध दवा मिलती है जो कि बेहद कारगर होती है। उनकी बात सुनकर मैंने उनसे पूछा कि क्या एकोनाइट को आपके गार्डन में उगते हुए कई साल हो गए और क्या आप इसमें किसी तरह के रासायनिक खाद का उपयोग कर रहे हैं तब उन्होंने स्वीकार किया कि वे न केवल रासायनिक खाद का प्रयोग कर रहे हैं बल्कि कई प्रकार के कीटनाशकों का प्रयोग भी कर रहे हैं पर उन्हें लगता है कि इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है। मैंने उनसे पूछा कि क्या आपने E.A. Farrington की क्लीनिकल मैटेरिया मेडिका पढ़ी है तो उन्होंने कहा कि हां, मैंने पढ़ी है और रिफरेंस के रूप में मैं उसका इस्तेमाल करता रहता हूं। मैंने उन्हें याद दिलाया कि E.A.Farrington ने अपनी पुस्तक में एकोनाइट के अध्याय में लिखा है कि कैसे एक देश में उगने वाले एकोनाइट को जब दूसरे देश में उसकी सुंदरता के लिए सड़क के बीचो बीच Hedge के रूप में लगाया गया तो कुछ सालों में एकोनाइट के गुणों में परिवर्तन आ गया और यह जहरीली वनस्पति एक जहरहीन वनस्पति में परिवर्तित हो गई। उन्होंने समझाते हुए लिखा है कि औषधीय वनस्पतियों की खेती करने से, उन्हें प्राकृतिक वातावरण से निकालकर घरों में लगाने से उनके गुणों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है और वे वैसा असर नहीं करती जैसा कि जंगल में उगने वाली वही वनस्पति करती है। मैंने उन होम्योपैथी डॉक्टर को साफ शब्दों में कहा कि आप जंगल में उगने वाली एकोनाइट का ही प्रयोग करें। बागीचे में उगने वाली एकोनाइट का प्रयोग न करें। मुझे लगता है कि इससे एकोनाइट में दोष उत्पन्न हो गए हैं। आप मुझे इसका नमूना भेज दीजिए। मैं इसका वैज्ञानिक परीक्षण कर बताऊंगा कि यह असली जंगल में उगने वाली एकोनाइट से किस तरह भिन्न है। जब परीक्षण के परिणाम आए तो पता चला कि उनके गार्डन में उगने वाले एकोनाइट ने अपने बहुत सारे स्वाभाविक गुण खो दिए थे और संभवत: उसकी विपरीत प्रतिक्रिया Oral contraceptive pill से हो रही थी और EOral contraceptive pill बेकार साबित हो रही थी। यह अच्छी बात रही कि उन डॉक्टर ने अपनी गलती मानी और कहा कि वे अपने मरीजों को भी इस तरह से बनी हुई दवा नहीं देंगे। उन्हें इस बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं थी। उन्होंने फैरिंगटन की मटेरिया मेडिका पढ़ी तो थी पर इतनी बारीकी से नहीं पढ़ी थी। उन्होंने कहा कि वे जल्दी ही इस पर एक शोध पत्र तैयार करेंगे। उन्हें उम्मीद है कि इस शोधपत्र से इस तरह के प्रयोग करने वाले डॉक्टरों को नई जानकारी प्राप्त होगी और मरीजों को अनावश्यक कष्टों से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने धन्यवाद ज्ञापित किया। मैंने उन्हें शुभकामनाएं दी। सर्वाधिकार सुरक्षित

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