Consultation in Corona Period-224

Consultation in Corona Period-224 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "क्या आपके पिताजी किसी तरह की कामोत्तेजक दवाओं का प्रयोग अभी भी करते हैं 65 वर्ष की उम्र में?" जब मैंने यह पूछा तो उन सज्जन ने कहा कि इस बारे में तो आप पिताजी से ही बात करिए। वही बता सकते हैं। हम लोग भला यह प्रश्न उनसे कैसे कर सकते हैं। मैंने कहा कि ठीक है आप यह मत बताइए पर यह तो बताइए कि क्या वे अधिक मात्रा में तुवर की दाल का प्रयोग करते हैं और तुवर की दाल उन्हें बहुत अधिक पसंद है। इसके बिना वे भोजन नहीं करते हैं। तब उन सज्जन ने कहा कि हां, आपकी बात सही है वे तुवर दाल के बहुत बड़े फैन हैं और डॉक्टरों के बार-बार मना करने पर भी इस उम्र में वे तुवर की दाल को बड़े शौक से खाते हैं और उसके बिना भोजन नहीं करते हैं। यह एक महत्वपूर्ण जानकारी थी। ये सज्जन उत्तर भारत से आए थे और उनके पिताजी को विचित्र तरह की समस्याएं हो रही थी। इसके समाधान के लिए उन्होंने मुझसे संपर्क किया था। उनके पिताजी को हर बार भोजन के बाद गहरी बेहोशी जैसे लक्षण आते थे जो कि कई घंटों बाद ठीक होते थे। दिन भर उनकी हालत बिल्कुल ठीक रहती थी। ऐसा सिर्फ भोजन के बाद ही होता था। चाहे वह सुबह का भोजन हो या शाम का। इसके अलावा उन्हें दिन में कई बार मिर्गी जैसे झटके आते थे और शरीर में शीत पित्ती जैसे चकत्ते उभर आते थे। उनकी नियमित चिकित्सा लंबे समय तक चलती रही पर जब किसी भी तरह से उन्हें लाभ नहीं हुआ तो उन्होंने नेचुरोपैथी का सहारा लिया। नेचुरोपैथी से उनकी खुजली तो कुछ हद तक कम हुई पर बाकी समस्या जस की तस रही। अब चिकित्सक कह रहे थे कि उन्हें बुढ़ापे के कारण दिमाग की कोई समस्या है और इसके लिए लंबे उपचार की जरूरत है। इस बीच किसी के कहने पर वे मुझसे मिलने आ गए और अपने पिताजी की सारी समस्या मेरे सामने रख दी। मैंने उन्हें सलाह दी कि आप अपने पिताजी से कहे कि वे तुवर की दाल का प्रयोग कुछ समय के लिए रोक दे। भले ही इसमें उनको थोड़ी समस्या होगी पर इससे उनको खाने के बाद आने वाली बेहोशी की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन सज्जन ने कहा कि वे अपने पिताजी को मना लेंगे और फिर इस उपाय को आजमाने के बाद संपर्क करेंगे। कुछ समय बाद उनका फिर से फोन आया कि तुवर की दाल का प्रयोग बंद कर देने से अब उनकी समस्या का पूरी तरह से समाधान हो गया है और खाने के बाद आने वाली बेहोशी की समस्या पूरी तरह से हल हो गई है पर उन्होंने यह भी कहा कि उनकी मिर्गी जैसे लक्षण आने की समस्या अभी भी जारी है और शीत पित्ती जैसे चकत्ते यदा-कदा पड़ ही जाते हैं। मैंने उन सज्जन से कहा कि आपके पिताजी ने बताया है कि वे किसी भी प्रकार की कामोत्तेजक दवा का प्रयोग नहीं कर रहे हैं पर मुझे लगता है कि वे एक विशेष तरह की कामोत्तेजक दवा का प्रयोग कर रहे हैं जिसके कारण ऐसे लक्षण आते हैं। जब मैंने उन सज्जन के पिता जी से बात की तो उन्होंने साफ शब्दों में मना कर दिया कि 65 वर्ष की उम्र में भला वे क्यों कामोत्तेजक दवाओं का प्रयोग करेंगे। वे सादा जीवन जीते हैं। हाँ, तुवर की दाल खाना उन्हें विशेष रूप से पसंद है जिसे मैंने बंद करवा दिया है। उनके स्वर में थोड़ा सा आक्रोश था और थोड़ी नाराजगी भी। मैंने उनसे कहा कि आप तुवर दाल का प्रयोग अभी रोक कर रखें फिर मैंने उन सज्जन से अनुरोध किया कि आप अपने चिकित्सक से बात करवाएं जो कि डायबिटीज की चिकित्सा कर रहे हैं। जब उन चिकित्सक से बात हुई तो मैंने उनसे कहा कि आपके मरीज एक विशेष प्रकार की कामोत्तेजक दवा का प्रयोग कर रहे हैं जिसका आपकी दवा से इंटरेक्शन हो रहा है। यदि आप अपनी दवा को कुछ समय के लिए रोक दें या इस दवा को बदल दें तो उनकी इस समस्या का समाधान हो सकता है क्योंकि वे इस बात को बताने के लिए राजी नहीं है कि वे किस कामोत्तेजक दवा का प्रयोग कर रहे हैं। उनके चिकित्सक में डायबिटीज की दवा बदल दी। डायबिटीज की दवा बदलते ही कुछ दिनों में उनकी खुजली की समस्या का पूरी तरह से समाधान हो गया। उन सज्जन ने धन्यवाद दिया और कहा कि अब उनकी मिर्गी जैसी समस्या के लिए कुछ उपाय बताएं तब मैंने उनसे कहा कि आप मुझे उन चिकित्सक से बात कराएं जो कि उन्हें beta-blockers दे रहे हैं उनकी हाइपरटेंशन की समस्या के लिए। जब उन चिकित्सक से बात हुई तो मैंने वही बात दोहराई और उनसे कहा कि आप अभी हाइपरटेंशन के लिए beta-blockers की जगह दूसरे विकल्पों का प्रयोग कर सकें तो बहुत बेहतर होगा तब उनके चिकित्सक ने कहा कि मैं दवा तो बदल दूंगा लेकिन यह ज्यादा समय तक संभव नहीं हो पाएगा क्योंकि उनके हाइपरटेंशन की समस्या बहुत गंभीर है। वे एक हफ्ते तक के लिए दवा बदलने को तैयार हो गए। दवा बदलने के दो-तीन दिनों के बाद ही उनकी मिर्गी जैसी समस्या का पूरी तरह से समाधान हो गया। मैंने उनको बताया कि आप अपने पिताजी की दवाओं की जांच करें और उन्हें बिना बताए मुझे उनके सैंपल भेजे ताकि मैं बता सकूं कि उनकी किस दवा में कामोत्तेजक गुण है। जब सैंपल मुझे प्राप्त हुए तो समस्या का समाधान होता नजर आया। मैंने उन सज्जन के पिताजी से फोन पर बात की और उनसे कहा कि आप इस उम्र में भी मेंढक की दवा का उपयोग कर रहे हैं जो कि युवा लोग करते हैं अपनी सेक्स संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए और अपनी कामोत्तेजना को बढ़ाने के लिए। इस उमर में इस दवा का प्रयोग नहीं किया जाता है। आप मुझे बताएं कि आप किन तांत्रिक या वैद्य से इस दवा को ले रहे हैं ताकि मैं बता सकूं कि समस्या की जड़ कहां है। उन्होंने मध्य भारत के एक तांत्रिक का नाम लिया और बताया कि उनसे वे लंबे समय से मेंढक की दवा लेकर प्रयोग कर रहे हैं। मैंने जब अपने डेटाबेस में उन तांत्रिक का नाम खोजा और उनके द्वारा प्रयोग की जा रही दवा के बारे में जानकारी ली तो मुझे पता चला कि इस तांत्रिक के पिताजी मेंढक को मार कर मेंढक के मुंह में पारा को भर देते थे और फिर गुदाद्वार को सिल देते थे। मेढ़क को ऐसे ही एक महीने तक रखा जाता था फिर उसके मुंह से पारा को निकाल कर उसकी गोली बनाकर दूध के साथ सेवन के लिए दिया जाता था कामोत्तेजना बढ़ाने के लिए पर जब इस दवा के प्रयोग से बहुत से लोगों को समस्याएं होने लगी और उनमें मरकरी टाक्सीसिटी जैसे लक्षण आने लगे तब उन तांत्रिक के पिताजी ने यह प्रयोग करना बंद कर दिया। इसके स्थान पर वे एक दूसरे फार्मूले का उपयोग करते हैं जिसमें कि पारा का प्रयोग नहीं किया जाता है। वे इसमें एक ऐसा फार्मूला प्रयोग करते हैं जिसमें कि तृतीयक घटक के रूप में भारंगी और सप्तम घटक के रूप में बीरबहूटी का प्रयोग किया जाता है। इस फार्मूले को पारा की तरह ही मेंढक के मुंह में रखा जाता है और फिर एक महीने के बाद उसे बाहर निकाल कर प्रयोग किया जाता है। इस फार्मूले की कई आधुनिक दवाओं और खानपान की सामग्रियों से विपरीत प्रतिक्रिया होती है जिनमे कि तुवर की दाल प्रमुख है। मैंने उन सज्जन को पूरी जानकारी दी और बताया कि यही कारण है कि जब मैंने तुवर की दाल के प्रयोग को रोक दिया तो उनकी बेहोशी वाली समस्या का समाधान हो गया। इस फार्मूले की beta-blockers और डायबिटीज की आधुनिक दवाओं से भी विपरीत प्रतिक्रिया होती है जिससे जान पर बन आती है। मैंने उनके पिताजी को समझाया कि आपको इस उम्र में कामोत्तेजक दवाओं की जरूरत नहीं है। चूँकि आप कामोत्तेजना का कोई उपयोग नहीं करते हैं इसीलिए यदि आपको तुवर की दाल का प्रयोग जारी रखना है और साथ में अपनी डायबिटीज और हाइपरटेंशन की दवाओं को भी तो आपको इस कामोत्तेजक नुस्खे का प्रयोग अब रोक देना होगा पूरी तरह से। यदि आपको कामोत्तेजना के लिए अभी भी किसी दवा की जरूरत है तो आप मुझे बताएं कि आपको किस तरह की समस्या है? मैं उस आधार पर आपको फंक्शनल फूड बता दूंगा जो कि न तो तुवर दाल से विपरीत प्रतिक्रिया करेंगे न ही आधुनिक दवाओं से। इससे आपका काम भी हो जाएगा और आपको किसी तरह की परेशानी भी नहीं होगी। वे मेरी बात मानने को तैयार हो गए। इस तरह एक जटिल समस्या का सरल समाधान हो गया। सबने राहत की सांस ली। सर्वाधिकार सुरक्षित

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