Consultation in Corona Period-221

Consultation in Corona Period-221 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "आप पार्किंसन की समस्या के लिए जिस आधुनिक दवा का प्रयोग कर रहे हैं उसके साथ आप मोटापे के लिए उपयोगी एक आधुनिक दवा का प्रयोग और कर रहे हैं। इसके कारण ही आपको हृदय की 22 प्रकार प्रकार की समस्याएं हो रही है। यदि आप अपने चिकित्सक की बात मुझसे करा सके तो मैं उन्हें बता सकता हूं कि इन दवाओं में किस तरह का रिएक्शन हो रहा है जिससे आपके हृदय की समस्या हो रही है। मुझे यह भी लगता है कि किसी समझदार चिकित्सक ने यह पर्ची नहीं लिखी होगी क्योंकि उन्हें मालूम है कि इन दोनों दवाओं को एक साथ नहीं दिया जाना चाहिए।" मुंबई से पधारे एक 58 वर्षीय सज्जन से मैं ये बातें कह रहा था जो कि लंबी यात्रा करके मुझसे मिलने रायपुर आए थे। मेरी बात सुनकर उन्होंने कहा कि मैं आपके पास जड़ी बूटियों का परीक्षण कराने आया हूं और उस आधार पर मेडिसिनल राइस लेने के लिए। आप बिना परीक्षण किए ही बता रहे हैं कि मेरी 22 प्रकार की हृदय से संबंधित समस्या के लिए मेरी आधुनिक दवाएं जिम्मेदार है। आप आधुनिक दवाओं पर बिल्कुल भी ध्यान मत दीजिए। केवल अपना परीक्षण करिए और मेरे हृदय की समस्याओं को दूर करिए। मैंने उनसे कहा कि इस तरह परीक्षण करने का कोई मतलब नहीं है। जब आपके द्वारा दिखाई गई रिपोर्ट से यह पता चल रहा है कि ड्रग इंटरेक्शन के कारण आपकी समस्या हो रही है फिर किसी तरह के परीक्षण की क्या आवश्यकता। मैंने उन्हें समझाने की बहुत कोशिश की पर वे मानने को तैयार नहीं थे। उन्होंने जोर लगाकर कहा कि इसीलिए मैं आपको इन आधुनिक दवाओं के बारे में नहीं बता रहा था। आप मुझे कोई ऐसा उपाय बताइए कि मैं इन दवाओं को भी लेता रहूँ और साथ में मेडिसिनल राइस का भी प्रयोग करूं जिससे मेरी समस्या का समाधान हो जाए। मैंने उनसे कहा कि मैं इस दिशा में आपकी कोई विशेष मदद नहीं कर पाऊंगा तो वे थोड़े से नाराज हो गए। फिर उनके बेटे ने मोर्चा संभाला और मुझे एक कोने में ले जाकर कहा कि आप झूठ मूठ का परीक्षण कर दीजिए और उस आधार पर कोई भी मेडिसिनल राइस दे दीजिए। इससे पिताजी संतुष्ट हो जाएंगे। मैंने कहा कि यह संभव नहीं है। इस बीच में सज्जन थोड़े शांत हुए और उन्होंने थर्मस से अपने कप में कॉफी डालते हुए मुझसे आग्रह किया कि आप भी कॉफी पीजिए। यह बड़ी अच्छी कॉफी है और उसके बाद फिर मेरा परीक्षण करिए। मैंने बार-बार उन्हें और उनके बेटे को समझाने की कोशिश की पर वे नहीं माने। फिर थक हार कर वे वापस लौट गए। शाम को फिर उनका फोन आया और उन्होंने कहा कि पिताजी की हालत बिगड़ गई है और आपके परिचित के कोई चिकित्सक हो तो उनके पास पिताजी को भेज दीजिए। मैंने अपने परिचित चिकित्सक के पास उन्हें भेजा तो चिकित्सक ने बताया कि उनकी ह्रदय की हालत असामान्य हैं इसलिए उन्हें अस्पताल में भर्ती करना जरूरी है। ऐसा कह कर उन्होंने मेरी सहमति ली और उसके बाद उन सज्जन को अपने अस्पताल में भर्ती कर लिया। बाद में चिकित्सक मित्र ने मुझसे पूरे केस के बारे में जानकारी ली। मैंने उन्हें बताया कि phentermine और hydrazine नामक दो आधुनिक दवाओं का प्रयोग ये सज्जन कर रहे हैं। इनकी आपस में प्रतिक्रिया हो रही है। यदि संभव हो तो अपने अस्पताल में इन दोनों दवाओं को देने से बचना और उन पर निगरानी रखना ताकि वे इन दवाओं को न ले सके। और किसी तरह की चिकित्सा की जरूरत नहीं है। उनकी हालत अपने आप ठीक हो जाएगी। मित्र ने भी आश्चर्य जताया कि कैसे इन दो विपरीत दवाओं का प्रयोग ये सज्जन कर रहे हैं। उन्होंने अस्पताल में उन सज्जन को साफ शब्दों में कह दिया कि बाहर की दवा वहां किसी भी तरह से प्रयोग नहीं की जा सकती है। मैंने अपने मित्र से यह भी कहा कि phentermine नामक दवा के साथ कॉफी का प्रयोग बिल्कुल भी मना होता है। इस मोटापे को कम करने वाली दवा के साथ कॉफी का प्रयोग करने से वैसे ही घातक लक्षण आते हैं जैसे कि उनको अभी आ रहे हैं इसलिए उन्हें यह भी बता देना कि उन्हें किसी भी तरह से कॉफी का प्रयोग अस्पताल में नहीं करने दिया जाएगा। वे सज्जन 3 दिनों तक अस्पताल में रहे और पूरी तरह से 22 तरह की हृदय की समस्या से मुक्त रहे। मित्र चिकित्सक ने बताया कि उन्हें किसी भी तरह की दवा नहीं दी गई। बस उन्हें आराम से रहने को कहा गया। यह घटनाक्रम सज्जन के लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं था। उन्हें सामान्य भोजन दिया गया और भोजन में चावल का भी समावेश किया गया जैसा कि अस्पताल में दूसरे मरीजों को भी दिया जाता है। सज्जन को लगने लगा कि उनकी तबीयत में चमत्कारिक रूप से सुधार आने का कारण अस्पताल में दिया जाने वाला चावल है जिसे संभवत मैंने मेडिसिनल राइस के रूप में उनको दिया होगा। इस बारे में उन्होंने अपने बेटे से बात की और बेटे ने खोज खबर करके उस चावल को खोज निकाला और बड़ी मात्रा में उसे खरीद लिया। उन्होंने सोचा कि अब उन्हें अपनी समस्या का समाधान मिल गया है जबकि असलियत यह थी कि मैंने किसी भी प्रकार का मेडिसनल राइस उन्हें नहीं दिया था। यह तो अस्पताल में दिया जाने वाला सामान्य चावल था। उन्होंने उन दवाओं का प्रयोग नहीं किया था और साथ ही कॉफी का प्रयोग बिल्कुल रोक दिया था जिसके कारण ही तबीयत में सुधार हुआ था न कि किसी तरह के भोजन के कारण। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद वे वापस मुंबई चले गए और वहां उन्होंने फिर से उन्हीं दवाओं का प्रयोग शुरू कर दिया और साथ में कॉफी का भी। नतीजा वही हुआ जिसकी कि उम्मीद थी। कुछ दिनों में उनकी तबीयत फिर से बिगड़ गई तब उन्होंने उस अस्पताल से एकत्र किए गए चावल का प्रयोग बढ़ा दिया पर फिर भी उनकी समस्या किसी भी तरह से ठीक नहीं हुई। आखिर उन्होंने फिर से परामर्श के लिए समय लिया और मुझसे मिलने रायपुर आ गए। मैंने उनसे फिर से वही कहा कि आप इन दो आधुनिक दवाओं का प्रयोग एक साथ न करें और इनके साथ कॉफी का प्रयोग न करें। इससे आपकी समस्या पूरी तरह से ठीक हो जाएगी। आपको किसी भी तरह की मदद की जरूरत नहीं है। काफी देर चर्चा करने के बाद वे इस बात के लिए तैयार हो गए और उन्होंने कहा कि वे अपनी दवा का प्रयोग रोकना चाहते हैं। मैंने कहा कि आपको जिस चिकित्सक ने इन दोनों दवाओं को एक साथ लेने को कहा है आप उनसे मेरी बात कराइए। वही निर्णय लेंगे कि इन दवाओं को कैसे रोका जाए और कैसे इन दवाओं की जगह दूसरी दवा दी जाए जो कि नुकसान न करती हो और आपस में रिएक्शन न करती हो तब उन्होंने खुलासा किया कि पार्किंसन की आधुनिक दवा तो उन्होंने यूरोप के डॉक्टर से ली थी पर मोटापा कम करने की दूसरी आधुनिक दवा का प्रयोग उन्होंने बिना किसी चिकित्सक की सलाह के इंटरनेट पर पढ़कर शुरू किया था यानी मेरा अनुमान सही था कि कोई भी समझदार चिकित्सक इन दोनों दवाओं को एक साथ नहीं लिख सकता है। वे मोटापे को कम करने वाली दवा का प्रयोग बहुत लंबे समय से कर रहे थे जबकि इसका प्रयोग कुछ ही हफ्तों तक किया जाता है और उसके बाद बंद कर दिया जाता है क्योंकि कुछ हफ्तों के बाद इसका प्रयोग करने के बाद इसका असर होना बंद हो जाता है और कई तरह के साइड इफेक्ट उत्पन्न हो जाते हैं। जब उन्होंने सारा राज उगल दिया तब मैंने उनसे कहा कि आप मोटापे की दवा को बंद कर दें। यूरोप के जिस डॉक्टर ने आपको जो दवा दी है उसको जारी रख सकते हैं पर उसके साथ आप कॉफी का प्रयोग न करें। वे मन मार कर इस बात के लिए तैयार हो गए और फिर रायपुर में ही एक हफ्ते के लिए रुक गए। दो दिनों के बाद उन्होंने फिर से परामर्श के लिए समय लिया और बताया कि अब उनकी आधी से ज्यादा समस्या का समाधान हो गया है पर उनकी समस्या पूरी तरह से ठीक नहीं हुई है। मैंने उन्हें कहा कि इसमें कुछ समय लग सकता है। मैंने जोर लगाकर उनसे पूछा कि क्या आप इसके अलावा भी किसी तरह की दवा का प्रयोग कर रहे हैं तब उनके बेटे ने बताया है कि वे छत्तीसगढ़ के एक पारंपरिक चिकित्सक से सुपली कन्द पर आधारित एक फार्मूला ले रहे हैं जिससे कि बवासीर की समस्या ठीक होती है। पिताजी को बवासीर की पुरानी समस्या है और बहुत अधिक खून निकलता है। जब मैंने अपना डेटाबेस चेक किया तो मुझे सुपली कन्द के उस फार्मूले के बारे में पूरी जानकारी मिली और इस आधार पर मैंने उन सज्जन से कहा कि वे इस फार्मूले का प्रयोग भी रोक दें। केवल अपनी आधुनिक दवा का ही प्रयोग करें और उसके बाद मुझे बताएं कि उनकी समस्या अब कैसी है? तीन दिनों के बाद उनका फिर से फोन आया जोकि बहुत उत्साह से भरा हुआ था। उन्होंने बताया कि वे अब पूरी तरह से स्वस्थ महसूस कर रहे हैं। उन्हें अब यह एहसास हो रहा था कि ड्रग इंटरेक्शन के कारण ही वे बेकार ही समस्या में पड़ गए थे। उन्होंने बिना चिकित्सक के अनुमोदन के मनमाने रूप से दवाओं का प्रयोग कर लिया था जिससे उनके हृदय पर बन आई थी। मैंने उन्हें बताया कि आप अगर लंबे समय तक इन दवाओं का मनमाना प्रयोग करते रहते तो आपकी मृत्यु भी हो सकती थी। इस तरह एक जटिल समस्या का समाधान हुआ बड़ी मशक्कत के बाद। सब ने राहत महसूस की । सर्वाधिकार सुरक्षित

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