Consultation in Corona Period-82

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Pankaj Oudhia पंकज अवधिया


"क्या आप मेरे लिए पारंपरिक चिकित्सकों द्वारा एकत्र की गई जंगली सफेद मूसली की व्यवस्था कर सकते हैं?"


गुजरात से जब यह फोन आया तो मैंने उत्तर दिया कि हां, मैं इसकी व्यवस्था कर सकता हूं पर पहले आप यह बताइए कि आपको कितनी मात्रा में इसकी आवश्यकता है क्योंकि पारंपरिक चिकित्सक बहुत अधिक मात्रा में आपको नहीं दे पाएंगे।


उधर से उत्तर आया कि उन्हें बहुत कम मात्रा में इसकी आवश्यकता है।


 मैंने उनके लिए सफेद मूसली की व्यवस्था कर दी। कुछ दिनों के बाद उनका फिर से फोन आया और उन्होंने कहा कि उन्हें काली मूसली की आवश्यकता है। 


मैंने पारंपरिक चिकित्सकों की सहायता से उनके लिए काली मूसली की व्यवस्था कर दी। 


उसके कुछ दिनों के बाद उन्होंने सेमल मूसली के बारे में फोन किया और कहा कि उन्हें सेमल मूसली की आवश्यकता है। 


इसके बाद उनका फोन आया कि उन्हें पीली मूसली की आवश्यकता है।


 फिर फोन आया कि उन्हें लाल मूसली की आवश्यकता है। मैंने सारी आवश्यकताओं की पूर्ति कर दी।


 फिर जब उन्होंने फोन कर कहा कि उन्हें भीम मूसली की आवश्यकता है तो मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ क्योंकि भीम मूसली के बारे में संसार में बहुत कम लोग जानते हैं और इसके विषय में पारंपरिक ज्ञान अति गोपनीय है।


 उन्होंने कहा कि वे भीम मूसली के लिए जितने भी पैसे आप चाहेंगे देने के लिए तैयार है। 


उन्हें भी मालूम था कि यह एक दुर्लभ मूसली है और पारंपरिक चिकित्सक आसानी से इसे किसी को देते नहीं हैं। 


उनके बहुत ज्यादा अनुरोध करने पर मैंने एक पारंपरिक चिकित्सक से उन्हें यह मूसली दिलवा दी। 


कुछ ही दिन बीते फिर उनका फोन आया कि उन्हें नारायणी मूसली की जरूरत है। इतनी तरह की मूसली के बारे में उनके पूछे जाने पर मैंने फोन पर उनके नंबर को मूसली किंग के नाम पर सेव कर दिया। 


मैंने उनसे कहा कि नारायणी मूसली मिलना बहुत मुश्किल है फिर भी मैं कोशिश करूंगा। नारायणी मूसली वास्तव में बड़ी मुश्किल से मिलती है। 


यदि भीम मूसली साधारण सफेद मूसली से 100 गुना अधिक प्रभावी है तो नारायणी मूसली भीम मूसली से 1000 गुना अधिक प्रभावी है। 


यदि आप इंटरनेट खंगालेंगे तो आपको न तो भीम मूसली के बारे में किसी तरह की जानकारी मिलेगी और न ही नारायणी मूसली के बारे में।


 बस्तर के पारंपरिक चिकित्सक से मैंने उनके लिए नारायणी मूसली का प्रबंध कर दिया।


 जब अगली बार उनका फोन आया तो मैंने पूछा कि अब आपको कौन सी मूसली चाहिए तो उन्होंने कहा कि अब मुझे मूसली नहीं चाहिए बल्कि आपके परामर्श की आवश्यकता है।


 मैंने कहा कि मैं आपकी मदद करने की कोशिश करूंगा।


 उन्होंने बताया कि उनकी उम्र 35 वर्ष है और उनके लिंग में एक विशेष प्रकार की समस्या हो गई है जिसके कारण उसका रंग बदल गया है और उसकी कार्य क्षमता पूरी तरह से समाप्त हो गई है। 


उन्होंने जब इसकी जांच कराई तो उन्हें बताया गया कि यह कैंसर की शुरुआती अवस्था है पर जब इसका टेस्ट किया गया तो यह कैंसर नहीं निकला।


 मैंने उनसे कहा कि आप लिंग की एक फोटो खींच कर मुझे भेजें। जब मैंने फोटो देखी तो उनसे कहा कि आपको अभी रायपुर आने की आवश्यकता नहीं है।


 मैं आपको एक विशेष प्रकार का तेल भेज रहा हूं। आप उसे लिंग पर लगाएं।


 यदि किसी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया न हो तो फिर आपको रायपुर आने की आवश्यकता नहीं है पर यदि इस तेल को लगाने के बाद आपको असहनीय खुजली होने लगे तो तुरंत आप उसे साबुन पानी से साफ कर लें और फिर रायपुर आने की तैयारी करें।


 तेल की इस प्रतिक्रिया से उन सज्जन के बारे में बहुत सारी जानकारी अचानक ही मिल गई थी। यह पता चल गया था कि वे अति संपन्न परिवार के थे। 


जब उन्होंने समय लेकर मुझसे मिलने की योजना बनाई तो मैंने उनसे कहा कि वे अपनी सारी रिपोर्ट लेकर आयें


 उनके आते ही मैंने उनसे पूछा कि आपने आखिर बार गर्म एशियाई बाजारों की यात्रा कब की थी तो वे गंभीर हो गए और कहा कि मैं पूर्णता धार्मिक व्यक्ति हूं और ऐसे स्थानों पर मैं कभी नहीं जाता हूं। 


मैंने कहा कि आपकी बात सही है। आप अभी इन स्थानों पर नहीं जाते हैं पर पहले तो अक्सर आप जाते रहे हैं। 


उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। मैं पारिवारिक व्यक्ति हूं और इन सब से मेरा कोई लेना देना नहीं है।


 मैंने कहा कि यदि आपको अपनी समस्या का समाधान चाहिए तो आपको सब कुछ खुल कर बताना होगा। अगर आप इन बातों को छुपायेंगे तो मैं कैसे आपकी मदद कर पाऊंगा। 


गोपनीयता रखने की शर्त पर वे सारी बातें बताने को तैयार हो गए।


 उन्होंने स्वीकार किया कि वे थाईलैंड के गर्म बाजारों में अक्सर जाते रहते हैं। 


उनकी बात को आधे में ही रोककर मैंने उनसे कहना शुरू किया कि जिस महंगे बीच रिसॉर्ट में आप जाते हैं उसके बारे में मुझे जानकारी है।


 मैं आपको सारी बातें कहता जाता हूं आप हां या ना में जवाब देते रहें।


 वे इस बात के लिए तैयार हो गए। 


मैंने कहा कि आप एक बहुत महंगे बीच रिसॉर्ट में केवल इसलिए जाते हैं कि वहां पर जब सेक्स की व्यवस्था होती है तो किसी भी प्रकार के कंडोम का उपयोग नहीं किया जाता है। 


आयोजक इस बात की गारंटी देते हैं कि सेक्स गर्ल पूरी तरह से एचआईवी और संबंधित रोगों से मुक्त है। वे इसके लिए डॉक्टरी सर्टिफिकेट भी प्रस्तुत करते हैं। 


जब आप संतुष्ट हो जाते हैं तो फिर आपके लिंग पर एक विशेष प्रकार का तेल लगाया जाता है और इसी तेल को वेजाइना में भी लगाया जाता है। 


इसके बाद जब आप सेक्स करते हैं तो आपको स्वार्गिक आनंद आता है और आप उस तेल के दीवाने हो जाते हैं।


तेल को बनाने का उद्देश्य यही है। उसमें ऐसे रसायन मिलाए जाते हैं जिससे सभी शुक्राणु पूरी तरह से नष्ट हो जाए और गर्भधारण की किसी भी तरह की संभावना न रहे। 


इस तेल में एंटीवायरल प्रॉपर्टीज होती है और साथ ही बैक्टीरिया और फंगस को खत्म करने की क्षमता भी।


 एक तरह से देखा जाए तो सुरक्षित सेक्स के लिए यह तेल वरदान की तरह होता है और इसीलिए महंगे बीच रिजॉर्ट बहुत अधिक पैसे आपसे लेते हैं।


क्या ये बातें सही है? उन्होंने हामी भरी तब मैंने आगे कहना शुरू किया।


 सेक्स की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद नियमानुसार इस तेल को जड़ी-बूटी के घोल की सहायता से शरीर से पूरी तरह से हटा लेना चाहिए और इस तेल का उपयोग केवल कुछ समय तक ही करना चाहिए।


 लंबे समय तक इसका प्रयोग करने से बहुत तरह के दुष्प्रभाव होते हैं।


 थाईलैंड के बीच रिसॉर्ट मालिक इस बात के बारे में जानकारी नहीं रखते हैं और यही कारण है कि वे अपने ग्राहकों को यह नहीं कहते कि आप किसी जड़ी-बूटी के घोल से तेल को तुरंत साफ कर ले। 


क्या मेरी बात सही है? मैंने पूछा।


 उन्होंने कहा कि हां, वहां ऐसा ही होता है।


 मैंने उन्हें विस्तार से समझाया कि जब तेल का लंबे समय तक प्रयोग किया जाता है तो लिंग की रक्त नलिकायें कड़ी हो जाती हैं और धीरे-धीरे लिंग में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या हो जाती है।


 अगर इसके बाद भी उस तेल का उपयोग किया जाता है तो लिंग अपनी कार्यक्षमता पूरी तरह से खो बैठता है और उसमें आजीवन कड़ापन नहीं आ पाता है।


भारत के पारंपरिक चिकित्सक भी इस तेल के बारे में जानते हैं पर उन्हें इसके बारे में पूरा ज्ञान है। 


एक तो वे इसके लंबे समय तक प्रयोग के पक्षधर नहीं है और उपयोगकर्ता को भी साफ शब्दों में बता देते हैं कि इससे क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं।


 वे यह भी बताते हैं कि सेक्स की प्रक्रिया खत्म होने के तुरंत बाद एक जड़ी बूटी के घोल से लिंग को अच्छे से साफ करना है ताकि इसका स्थाई प्रभाव लिंग पर न पड़े। 


थाईलैंड में शायद यह ज्ञान भारत से ही पहुंचा है पर पूर्ण ज्ञान नही पहुँचा है। 


यही कारण है कि थाईलैंड में सबसे महंगे बीच रिसॉर्ट में जाने वाले भारतीय आजीवन इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के शिकार हो जाते हैं और एक बार यह रोग हो जाने पर फिर आजीवन उससे मुक्त नहीं हो पाते हैं। 


फिर बैरागी बनना ही उनके लिए शेष रह जाता है।


 उन्होंने धन्यवाद दिया और फिर पूछा कि क्या आपके पास ऐसा कोई उपाय है जिससे इसकी चिकित्सा की जा सके।


 मैंने कहा कि मेरे पास कोई ऐसी दवा नहीं है जिसकी सहायता से सारी स्थिति फिर से सुधर जाए क्योंकि जिस तेल का प्रयोग आपने किया है वह बहुत ही अधिक जहरीला है और उसका प्रभाव बहुत अधिक स्थाई है।


 जब मेरे पास इस तेल से प्रभावित लोग आते हैं तो मैं उन्हें साफ शब्दों में कह देता हूं कि इसकी कोई प्रभावी चिकित्सा नहीं है।


 पर क्योंकि यह समस्या अपान और व्यान वायु से जुड़ी हुई है। इसलिए आप किसी योगाचार्य से मिलकर इन दोनों प्राणों को ठीक करने का प्रबंध करें। 


इससे आपको धीरे-धीरे लाभ होगा और पूरी तरह से पहले जैसी स्थिति आने में 10 से अधिक वर्ष लग सकते हैं।


 फिर मैं उनके लिए मुद्गर की लकड़ी का एक पाटा तैयार करवाता हूं और उनसे कहता हूं कि इस लकड़ी के पाटे पर बैठकर विभिन्न हस्त मुद्राओं का अभ्यास करें और जितना हो सके ब्रह्मचर्य का पालन करें। 


यही आप भी कर सकते हैं। इससे आपकी स्थिति में निश्चित ही सुधार होगा।


 जिन लोगों ने 15 वर्ष पूर्व मेरे कहने पर इस तरह का अभ्यास शुरू किया था उनके लिंग में सकारात्मक परिवर्तन तो हुए हैं पर अभी तक वे पूरी तरह से ठीक नहीं हुए हैं। 


यह मेरे लिए और इससे जुड़े हुए पारंपरिक चिकित्सकों के लिए एक बड़ा चैलेंज है पर फिर भी हम सारे प्रयास जारी रखे हुए हैं। 


पिछले वर्षों में इस तेल से प्रभावित हजारों प्रभावितों ने मुझसे संपर्क किया है। मैंने उन सब से अनुरोध किया है कि वे इस बारे में इंटरनेट पर लिखे ताकि नए लोग इस मकड़जाल में न फंस सके पर यह एक ऐसा विषय है जिस पर कोई भी नहीं लिखना चाहता है।


 उन्होंने मुझे धन्यवाद दिया। मेरी बातों को सुनकर वे आशान्वित भी थे और निराशा में भी डूबे हुए थे। 


उन्हें इस बात का एहसास हो गया था कि शायद वे फिर गर्म एशियाई बाजारों में नहीं जा पाएंगे पर उन्हें उम्मीद थी कि लिंग की स्थिति में धीरे-धीरे ही सही पर स्थाई सुधार होगा।


मैंने उन्हें शुभकामनाएं दी। 


सर्वाधिकार सुरक्षित


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