Consultation in Corona Period-76

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Pankaj Oudhia पंकज अवधिया


"बाल झड़ने की शिकायत को लेकर मैं आपके पास आया हूँ। मैं आपको बताना चाहता हूँ कि मुझे कई प्रकार के रोग हैं और बहुत सारी दवायें इन रोगों के लिए मैं प्रयोग कर रहा हूँ।


 मैं आपको सभी जानकारी क्रमवार दे रहा हूँ। मुझे हायपरथायराइड का प्रॉब्लम है और इसके लिए  मैं methimazole नामक दवा ले रहा हूँ पिछले कई सालों से। 


इसके अलावा मुझे पेट की समस्या है। पेट ठीक से साफ नहीं होता है इसके लिए मैं होम्योपैथिक की दवा nux-vomica ले रहा हूँ।


 मेरे शरीर में कई तरह की एलर्जी हो जाती है। इसके लिए मैं होम्योपैथी दवा सल्फर का प्रयोग कर रहा हूँ।


 मेरे सिर में बहुत तेज दर्द होता है तब मैं होम्योपैथी दवा ब्रायोनिया का उपयोग करता हूँ।


 पिछले कुछ समय से मैं इसे लगातार ले रहा हूँ। मुझे अक्सर खांसी की समस्या रहती है इसके लिए मैं होम्योपैथी की दवा ड्रासेरा ले रहा हूँ।


 मेरे मन में अज्ञात वस्तु का डर रहता है उसके लिए मैं होम्योपैथी की दवा अनाकार्डियम ले रहा हूँ। 


 हाथ पैर के जोड़ों के दर्द के लिए एक वैद्य जी ने मुझे बलारिष्ट दिया है। इसका प्रयोग मैं कर रहा हूँ। 


इसके अलावा विदारीकंद पर आधारित एक नुस्खे का प्रयोग भी मैं बीच-बीच में करता रहता हूँ। बस इतनी ही दवाईयाँ मैं ले रहा हूँ और इसके बावजूद भी मेरे बाल झड़ते जा रहे हैं। 


हां मैं एक बात आपको बताना भूल गया। मैं साल भर च्यवनप्राश का प्रयोग करता हूँ और उसे रोज एक गिलास दूध के साथ लेता हूँ। 


आप भी मुझे दो-तीन तरह की दवाएं बतायें जिनके प्रयोग से बालों का झड़ना पूरी तरह से रुक जाए।"


 जब हिमाचल प्रदेश से एक युवक का ऐसा संदेश आया तो मैं असमंजस में पड़ गया।


 वह इतनी सारी दवाओं को भोजन की तरह ले रहा था और उसके बाद भी मेरी मदद चाहता था कि मैं उसे और दवायें बताऊं ताकि उसके बाल झड़ना रुक जाए।


 मैंने उससे लंबी बातचीत की और फिर उसे सुझाव दिया कि वह अपने चिकित्सक से मिले और Hyperthyroidism की जो दवा वह ले रहा है उसे चिकित्सक से कहकर बदलवाए। मुझे लगता है कि इसी दवा के कारण बाल झड़ रहे हैं। 


बालों का झड़ना इस दवा का सीरियस साइड इफेक्ट है जो सभी मामलों में नहीं पाया जाता है पर कुछ मामलों में यह स्पष्ट रूप से दिखता है। 


उस युवक ने अपने चिकित्सक से बात की और उनके कहने पर 15 दिन के लिए दवा बंद कर दी।


 15 दिन बाद उसने मुझसे फिर से परामर्श का समय लिया और बताया कि इससे उसके बाल झड़ने काफी हद तक के कम हो गए हैं।


 मैंने उससे कहा कि वह 1 महीने का और इंतजार करें और उसके बाद सुनिश्चित हो जाने पर ही इस दवा को पूरी तरह से बंद करें।


 एक महीने बाद जब उसने मुझसे संपर्क किया तो उसने बताया कि उसके चिकित्सक ने कहा है कि इस दवा को इतने लंबे समय तक छोड़ना ठीक नहीं होगा।


 भले ही बाल झड़ते हो पर स्वास्थ के लिए यह दवा बहुत जरूरी है इसलिए इसे बदलना ठीक नहीं होगा।


 उस युवक ने बताया कि चिकित्सक के ऐसा कहने पर उसने उस दवा को लेना शुरू कर दिया है। अब वह मुझसे फिर से मदद चाहता था। 


मैंने उसके द्वारा बताई गई सभी दवाओं का फिर से अध्ययन किया और फिर उसे सलाह दी कि वह सभी दवाओं के नमूने मुझे कुरियर से भेजें ताकि मैं स्थानीय लैब की सहायता से उनकी जांच कर सकूं।


 जांच में लंबा समय लग गया। 


उसके बाद मैंने उस युवक से कहा कि वह च्यवनप्राश का उपयोग कुछ समय के लिए रोक दें और फिर मुझे बताये कि क्या इससे उसके बालों की समस्या का समाधान हुआ?


 दो महीने के बाद फिर से फोन आया और उसने बताया कि बालों की समस्या फिर से ठीक हो गई है और बाल तेजी से उगने लगे हैं। उन स्थानों पर भी बाल आ रहे हैं जहां बाल नहीं थे। 


वह बहुत प्रसन्न था पर उसे अचरज हो रहा था कि यह सब च्यवनप्राश के कारण हो रहा था।


 मैंने उसे विस्तार से समझाया कि यह च्यवनप्राश के कारण नहीं हो रहा था बल्कि दोषपूर्ण च्यवनप्राश के कारण हो रहा था और इस दोषपूर्ण च्यवनप्राश की उसकी Hyperthyroidism की दवा से विपरीत प्रतिक्रिया हो रही थी इसलिए उसके बाल झड़ते जा रहे थे। 


उसने दोषपूर्ण च्यवनप्राश का उपयोग बन्द कर दिया तो यह नकारात्मक प्रतिक्रिया पूरी तरह से रुक गई।


 और अधिक गहनता से उसे बताते हुए मैंने कहा कि च्यवनप्राश में गोखरू नामक वनस्पति को एक मुख्य घटक के रूप में डाला जाता है। 


जब इस वनस्पति को बहुत लंबे समय तक गर्म स्थानों में संग्रहित किया जाता है तो उसमें विकार उत्पन्न हो जाता है।


 इस विकार युक्त गोखरू को जब च्यवनप्राश में मुख्य घटक के रूप में डाला जाता है तो च्यवनप्राश दोषपूर्ण हो जाता है और उसकी बहुत सारी देशी और विदेशी दवाओं के साथ नकारात्मक प्रतिक्रियाएं होने लग जाती है।


 ऐसे चवनप्राश को मुंह से चखकर पहचाना जा सकता है और प्रयोगशाला में तो इसे झट से पहचाना जा सकता है। 


तुम जो च्यवनप्राश का इस्तेमाल कर रहे थे उसमें यह दोष था। ऐसा बहुत कम ही होता है क्योंकि अधिकतर च्यवनप्राश निर्माण करने वाली कंपनियां ताजे घटकों का प्रयोग करती हैं पर कभी-कभी किन्ही इलाकों में ऐसा हो जाता है।


 मैंने उसे हिदायत दी कि वह जब भी च्यवनप्राश का उपयोग करना चाहे तो एक बार मुझसे जांच करवा लें। उसके बाद ही उसका प्रयोग करें।


 उसने धन्यवाद ज्ञापित किया। 


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