Consultation in Corona Period-65

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Pankaj Oudhia पंकज अवधिया


"ग्रेनाइट के कारण होने वाले कैंसर ने अभी तक सात से अधिक लोगों को हमारे परिवार से छीन लिया है। हमारे परिवार के बहुत सारे लोग मानसिक रोगों के शिकार है और मुझे तो लगता है कि यह भी इसके कारण ही है।


 मैंने आपका व्याख्यान मुंबई में 5 वर्षों पहले सुना था। 


इसमें आप ग्रेनाइट से निकलने वाली रोडोन गैस के बारे में विस्तार से बता रहे थे और लोगों को आगाह कर रहे थे कि वे अपने घरों में ग्रेनाइट लगाने से बचें और अगर लगाना जरूरी हो तो किस तरह अपने घरों को रूपांतरित करें जिससे कि ग्रेनाइट से निकलने वाली गैस से शरीर की सुरक्षा हो सके।


 मैं भी उस व्याख्यान में शामिल था पर मैंने उस समय इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। 


बाद में जब मैंने अध्यात्म का मार्ग चुना तो मुझे यह अहसास हुआ कि मेरे व्यापार के कारण न केवल मुझे, मेरे परिवार को बल्कि मेरी खदान में काम करने वाले मजदूरों को भी स्वास्थ की हानि हो रही है।


 मैंने दुनिया भर के ग्रेनाइट विशेषज्ञों से बात की। वैज्ञानिकों से मिला।


 और जब मुझे इस बात का अहसास हुआ है कि आप अपने व्याख्यान में सही बातें उठा रहे थे तो मैंने अपने सातों बेटों को बुलाकर कहा कि हमें अब ग्रेनाइट के खनन का काम बंद कर देना चाहिए पर बेटों ने कहा कि इस व्यापार में हमारी सारी पूँजी लगी है।


 यदि इस तरह अचानक से हम व्यापार बंद कर देंगे तो हम सड़क पर आ जाएंगे।


 मैंने उन्हें लाख समझाने की कोशिश की। यह रोग का उद्योग है। इससे लोगों की जान खतरे में पड़ जाती है इसलिए इसे बंद कर देना चाहिए पर वे नहीं माने। 


मैंने अपनी पीड़ा अपने गुरु महाराज को जब बताई तो उन्होंने कहा कि जिन्होंने आपको बताया है कि ग्रेनाइट से नुकसान होता है उनके पास ही आप जायें।


 वही बता सकते हैं कि इस नुकसान से कैसे बचा जा सकता है और कैसे खदान में मजदूरों को इससे बचाया जा सकता है। इसलिए मैंने आपसे संपर्क किया है और परामर्श के लिए समय मांगा है। आप ही मार्गदर्शन करें।"


 मध्य प्रदेश के एक प्रसिद्ध ग्रेनाइट व्यापारी ने मुझसे पिछले वर्ष संपर्क किया इन विचारों के साथ। 


उनकी देशभर में ग्रेनाइट की कई खदानें हैं और कई आउटलेट भी हैं। कई प्रकार के ग्रेनाइट को वे विदेशों में भी निर्यात करते हैं।


 उनके परिवार में जब कैंसर से एक के बाद एक मौत होनी शुरू हुई तो उनका माथा ठनका पर वे यह नहीं जान पाये कि उनके परिवार में ही ऐसा क्यों हो रहा है। 


जब उन्होंने मेरा व्याख्यान सुना तब उनका ध्यान इस ओर गया। उन्होंने खदान में काम करने वाले मजदूरों और अपने साथ काम करने वाले व्यक्तियों के स्वास्थ की जांच कराई तो पता चला कि बड़ी संख्या में ये सभी किसी न किसी तरह से फेफड़े के रोगों से परेशान हैं। 


जब इसका उन्होंने गहनता से अध्ययन किया तो उन्हें पता चला कि यह सब ग्रेनाइट उद्योग के कारण हो रहा है। उनके परिवार में जिन लोगों की मृत्यु हुई वो भी फेफड़े के कैंसर के कारण ही हुई। 


उन्होंने आनन-फानन में रोडोन गैस को नापने वाले यंत्र की खरीदी की और जब उन्होंने अपने घर में इसे घुमाया तो उसकी रीडिंग से उनका दिमाग घूम गया। 


खदान में जब वे इसे लेकर गए तो वहाँ की रीडिंग और अधिक आ रही थी अर्थात उनके मजदूर बिना किसी सुरक्षा के और बिना किसी खतरे को जाने उनकी खदान में काम कर रहे थे।


 जब उन्होंने परामर्श के लिए मुझसे समय मांगा और विस्तार से चर्चा की तो मैंने उनसे यही कहा कि रोडोन गैस से शरीर के पाँच उपयोगी अंग बुरी तरह से प्रभावित होते हैं और कालांतर में इन्हीं अंगों की कार्य क्षमता में कमी होने के कारण मृत्यु हो जाती है। 


पारंपरिक चिकित्सा में ऐसी कोई औषधि मेरी जानकारी में नहीं है जिसका प्रयोग करने से रोडोन गैस का असर पूरी तरह से खत्म हो जाए पर पारंपरिक चिकित्सा में ऐसी बहुत सारी औषधीयाँ है जिनके प्रयोग से इन पाँच अंगों की सुरक्षा की जा सकती है और इनको विपरीत परिस्थितियों में भी सुचारू रूप से काम करने के लिए तैयार किया जा सकता है। 


इन अंगों में सबसे महत्वपूर्ण अंग है हमारे फेफड़े। अगर रोडोन गैस से हमने फेफड़ों को बचा लिया तो हम काफी हद तक मरने से बच सकते हैं और लंबा जीवन जी सकते हैं।


 मैंने उन्हें सलाह दी कि वे पाँच तरह के मेडिसिनल राइस का प्रयोग करें आजीवन और इनसे इन पाँच अंगों की सुरक्षा करते रहें।


 हमने बहुत सारे मामलों में यह देखा है कि इन पाँच तरह के मेडिसिनल राइस का प्रयोग करने से अलग अलग प्रकार की खदानों में काम करने वाले लोगों की सुरक्षा होती रहती है और वे जल्दी-जल्दी बीमार नहीं पड़ते हैं।


 उन्होंने पूछा कि ये पाँच मेडिसनल राइस मुझे कहां मिलेंगे?


 मैंने कहा कि मैं आपके परिवार के लिए इसकी व्यवस्था कर सकता हूँ। आप मुझे 1 महीने का समय दें।


 तो उन्होंने कहा कि मुझे अपने परिवार के लिए ही नहीं बल्कि पूरे मजदूर परिवारों के लिए चाहिए ताकि मेरे परिवार के साथ उनके परिवारों की भी रक्षा हो सके।


 मैंने कहा कि इतनी मात्रा में तो मेडिसिनल राइस मैं आपको उपलब्ध नहीं करवा पाऊंगा। बेहतर यह होगा कि आप अपनी आवश्यकता मुझे बताएं। 


मैं आपको उन किसानों से जोड़ दूँगा जो कि इसकी खेती कर सकते हैं। 


वे आपके लिए इसकी खेती करके देंगे जिससे आप इसका उपयोग बड़े पैमाने पर कर सकेंगे। ये सभी किसान मेरे विश्वास के हैं और हम लोग पिछले कई दशकों से मिलकर खेती कर रहे हैं।


 उन्होंने कहा कि वे इसके लिए तैयार हैं और यह भी बताया कि उनके पास खदान के निकट ही एक बड़ा फार्म है। वहाँ पर भी इन मेडिसिनल राइस की खेती की जा सकती है।


 मैंने कहा कि अगर आप वहाँ की मिट्टी का परीक्षण करवा लें और फिर रिपोर्ट मुझे दिखा दे तो मैं यह बता पाऊंगा कि वहाँ की मिट्टी में इन मेडिसनल राइस की खेती करने से इनके गुणों में कोई नकारात्मक प्रभाव तो नहीं पड़ेगा।


 इन पाँचों किस्म के मेडिसनल राइस की खेती बहुत सरल है और यह अच्छा होगा कि आप किसी के ऊपर निर्भर रहने की बजाय खुद ही इनकी खेती करें।


उन्होंने कहा कि मैं आपको जल्दी ही मिट्टी के परीक्षण की रिपोर्ट भेजूंगा।


 जब तक वहाँ इनकी खेती शुरू नहीं होती तब तक मैं आपके किसानों से अनुबंध करके इस तरह के चावल को लेता रहूँगा और फिर जैसे ही मेरे फार्म से उत्पादन शुरू होगा मैं वह अनुबंध समाप्त कर दूंगा।


 मैंने उनको अपने किसानों के पते दिए और उन्हें यह भी सलाह दी कि वे खदान की कैंटीन से रोज इन चावल को मजदूरों को देना शुरू करें ताकि जिन्हें नुकसान हुआ है उनकी भरपाई हो सके और नए मजदूर रोडोन गैस के प्रभाव से पूरी तरह से बच सकें।


 उन्होंने धन्यवाद ज्ञापित किया।


 आज एक साल बाद जब उनके फार्म में इन मेडिसनल राइस की खेती आरंभ हो चुकी है और उनकी खदान में सभी मजदूरों को ये पाँच किस्म के मेडिसनल राइस रोज खाने के साथ दिये जा रहे हैं तब उन्होंने फिर से संपर्क किया है। 


"ये मेडिसनल राइस इस कोरोना काल में वरदान की तरह साबित हो रहे हैं।" 


उन्होंने खुलासा किया कि उनकी खदान के एक भी मजदूर को कोरोना वायरस ने नहीं पकड़ा है। उन्हें लगता है कि इन पाँच तरह के मेडिसनल राइस के कारण ही ऐसा हुआ है।


 यही बताने के लिए उन्होंने मुझसे फोन पर चर्चा की।


 मैंने उनसे कहा कि आप का अनुभव सही दिशा में है। 


हम वैज्ञानिक इन पाँच तरह के मेडिसनल राइस पर शोध कर रहे हैं और कोरोनावायरस से बचने के लिए इनके प्रयोग की संभावनाओं पर कई तरह के प्रयोग कर रहे हैं।


 जैसे कि आपको परिणाम मिले हैं वैसे ही हमें बहुत अधिक उत्साहवर्धक परिणाम मिले हैं। सारे प्रयोग अभी अंतिम चरण में है। अगर हम सफल होते हैं तो ये दुनिया के लिए वरदान साबित होगा।


 व्यापारी महोदय ने कहा कि यदि आप अपने प्रयोगों में सफल होते हैं तो आप मुझे जरुर बताइयेगा। 


मैंने कई एकड़ जमीन खरीदी है और मेरी योजना है कि मैं 5 तरह के मेडिसनल राइस को इन जमीनों में उगाऊँ और देश भर की आवश्यकताओं की पूर्ति करूँ।


 मैंने उन्हें शुभकामनाएं दी। 


सर्वाधिकार सुरक्षित

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