Posts

Showing posts from 2020

Consultation in Corona Period-175

  Consultation in Corona Period-175 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "कनाडा के एक बड़े अस्पताल में मैं 20 सालों तक वरिष्ठ सर्जन के रूप में काम करता रहा पर अब मैं नाम का ही सर्जन रह गया हूं क्योंकि पिछले 1 साल से मैंने किसी भी प्रकार की सर्जरी नहीं की है। 1 साल पहले मुझे हृदय की समस्या होनी शुरू हुई जो अब तक जारी है। मेरे हृदय की धड़कन असामान्य रूप से बढ़ जाती है और बहुत समय के बाद और बहुत कोशिशों के बाद सामान्य अवस्था में आती है। मैंने अपने अस्पताल में ही सभी तरह के परीक्षण करवाए और दुनिया भर के लोग विशेषकर हृदय रोगी हमारे ही अस्पताल में जिन चिकित्सकों से मिलने लंबी यात्रा करके आते हैं उनसे मैं भी मिला। वे सभी मेरे सहकर्मी थे और सभी ने सलाह दी कि यह एक तरह का एंग्जाइटी डिसऑर्डर है और मुझे लंबे समय तक आराम की आवश्यकता है पर मुझे नहीं लगता कि यह किसी तरह का एंग्जाइटी डिसऑर्डर है क्योंकि बाकी सब काम मैं बिना किसी परेशानी से कर लेता हूं।  मैं किसी से डरता नहीं हूं और किसी से उलझता भी नहीं हूं। मेरी पारिवारिक जिंदगी बेहद शांतिपूर्ण है और मुझे किसी भी प्रकार की चिंता नहीं है। मैं आधुनिक दव...

Consultation in Corona Period-174

  Consultation in Corona Period-174 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "लिंग में टेढ़ापन- सड़क के किनारे नीम हकीमों के डेरों में जब भी मैं इस पंक्ति को पढ़ा करता था तो मुझे बड़ा आश्चर्य होता था कि क्या सचमुच यह एक बड़ी समस्या है?  हमारे शोध संस्थान में एक सज्जन आए जिन्होंने इस पर विशेष काम किया था और जब उन्होंने हमारे संस्थान के अस्पताल में इस तरह की सर्जरी करनी शुरू की जिससे कि लिंग का टेढ़ापन पूरी तरह से दूर हो जाता है तो हमारे यहां रोगियों की बाढ़ आ गई।  पिछले कुछ सालों में हजारों मामले हमारे पास आए और लगातार आते जा रहे हैं तब मुझे इस बात का एहसास हुआ कि नीम-हकीमों के डेरों में यह पंक्ति सबसे ऊपर क्यों लिखी रहती है?  मरीजों की बढ़ती संख्या को देखकर पहले तो हमने एक अलग से टीम बनाई फिर उसके बाद हमें एक अलग विभाग खोलना पड़ा जहां अब इस तरह के मरीज ही देखे जाते हैं। इस तरह के मरीजों में युवाओं की संख्या सबसे अधिक है। हमारे सामने सर्जरी का विकल्प होता है। हम पहले उनकी काउंसलिंग करते हैं। उसके बाद फिर सर्जरी करते हैं पर हमने अपने अनुभव से जाना है कि सर्जरी इसका अंतिम विकल्प नहीं ह...

Consultation in Corona Period-173

  Consultation in Corona Period-173 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "अमेरिका के जिस शोध संस्थान में मैं शोध कर रहा था वहां की लाइब्रेरी में मैंने आपके द्वारा लिखी हुई एक बुक देखी जो कि Christmas disease पर थी। आपने इस पुस्तक में लिखा था कि कैसे आप पारंपरिक चिकित्सकों से मिले, उनसे इस बीमारी के बारे में जानकारी एकत्र की और उनके पारंपरिक चिकित्सकीय ज्ञान का डाक्यूमेंटेशन किया। यह बुक बहुत बड़ी थी पर फिर भी मैं उसे पूरा पढ़ गया।  अपना शोध खत्म करने के बाद मेरे मन में रुचि जागी कि मैं भारत जाऊँ और वहाँ के पारंपरिक चिकित्सकों से मिलकर उनके पारंपरिक ज्ञान के बारे में जानूँ। मैं अपना पूरा जीवन ही इन पारंपरिक चिकित्सकों के साथ बिता देना चाहता था। पहले मैंने टूरिस्ट वीजा का प्रबंध किया और जल्दी ही मैं भारत पहुंच गया।  पहले मैंने कुछ समय महाराष्ट्र के पारंपरिक चिकित्सकों के साथ बिताया। उन्होंने मुझे स्वीकार नहीं किया और लगातार मुझसे दूरी बना कर रखी। उन्होंने अपने नुस्खों के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं दी जिससे ऊबकर फिर मैं छत्तीसगढ़ के पारंपरिक चिकित्सकों के पास आ गया।  मैंने मह...

Consultation in Corona Period-172

  Consultation in Corona Period-172 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "25 साल पहले जब आपने मेरे पिताजी के कार्यों के बारे में स्थानीय अखबारों में एक लेख लिखा और फिर उस लेख को इंटरनेट पर डाला तो सारी दुनिया को मेरे पिताजी के महान कार्यों के बारे में जानकारी हुई।  उसके बाद में वे पूरी दुनिया में कैंसर विशेषज्ञ के रूप में लोकप्रिय हो गए और दूर-दूर से लोग लिवर के कैंसर की चिकित्सा के लिए पिताजी के पास आने लगे। हमारे तो जैसे दिन ही बदल गए।  पिताजी को सम्मानित करने के लिए अहमदाबाद बुलाया गया और फिर उसके बाद संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी उन्हें सम्मानित किया। उन्हें कैंसर से संबंधित ज्ञान अपने पिताजी से मिला था और यह पीढ़ियों पुराना हमारा पारंपरिक चिकित्सकीय ज्ञान है।  उस समय आप पिताजी के लगातार संपर्क में थे और उन्हें चेताया करते थे कि जब भी वे विदेश जाएं तो किसी भारतीय को साथ लेकर जाएं या भारतीय दूतावास के सीधे संपर्क में रहें अन्यथा मुश्किल में पड़ सकते हैं। ऐसा कई बार हुआ भी। एक बार तो लंदन में उन्हें बंधक बना लिया गया और इस शर्त पर छोड़ा गया कि वह वापस जाकर फार्मूले के बारे में पूर...

Consultation in Corona Period-171

  Consultation in Corona Period-171 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "सड़क के किनारे पर  बरगद के दस पुराने वृक्ष हैं जिन्हें हमें मशीन की सहायता से उखाड़ना है। इन वृक्षों का बहुत अधिक धार्मिक महत्व है इसलिए स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं। हमें यह भी बताया गया है कि यहां के पारंपरिक चिकित्सक सैकड़ों सालों से इस तरह के वृक्षों का उपयोग दवा बनाने के लिए कर रहे हैं इसलिए वे चाहते हैं कि ये वृक्ष बने रहे। भले ही सड़क को दूसरी ओर से जाना पड़े।  विरोध बहुत बड़े पैमाने पर हो रहा है इसलिए हम लोगों ने प्रशासन को एक और रास्ता सुझाया है जिसमें हम उन्हें कह रहे हैं कि हम वृक्षों को तो उखाड़ेंगे पर उन्हें उखाड़ कर दूसरे स्थान पर लगा देंगे ताकि ये वृक्ष लोगों के काम आ सके पहले की तरह। यह पूरी तरह से नया प्रयोग होगा पर हम इस दिशा में पूरा प्रयास करेंगे। प्रशासन ने हमारे प्रस्ताव को एक बार में ही मान लिया और हमसे कहा कि अगर 10 परसेंट भी सफलता मिले अर्थात एक वृक्ष भी बच जाए तो यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी और आगे की योजना के लिए रास्ता आसान हो जाएगा।  हमने इतना बड़ा जोखिम आपके उस लेख के आधा...

Consultation in Corona Period-170

  Consultation in Corona Period-170 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "सर, आपको याद होगा 10 साल पहले मैं अपने मुंह के कैंसर की चिकित्सा के लिए आपके पास आया था। उस समय मुझे अंतिम स्टेज का ओरल कैंसर था। मेरे मुंह का ट्यूमर इतना अधिक बढ़ गया था कि वह दूर से ही दिखाई देता था। उसका आकार क्रिकेट की बॉल की तरह था और वह इतनी तेजी से फैल रहा था कि मेरा मुंह पूरी तरह से बंद हो चुका था और मुझे नाक की सहायता से भोजन दिया जाता था।  मुंबई से मुझे लौटा दिया गया था और मेरे परिजनों को कहा गया था कि मेरी जितनी अच्छे से देखभाल हो सके वह घर पर ही रहकर की जाए। अब इस ट्यूमर की चिकित्सा की किसी भी तरह की कोई संभावना नहीं है। मुझे असहनीय दर्द हो रहा था और मैं मार्फिन के सहारे ही जिंदा था। जब मेरे परिचत मुझे आपके पास लेकर आए तो आपने मेरे पैरों में जड़ी बूटियों का लेप लगाकर कोई परीक्षण किया और उसके बाद बताया कि वैसे तो यह केस लाइलाज है पर फिर भी कोशिश की जा सकती है। आपने कई तरह की भोजन सामग्रियाँ मुझे सुझाई। इन्हें नाक की सहायता से दिया जा सकता था।  फिर आपने मेरे पिताजी को एक पारंपरिक चिकित्सक के पास भेजा...

Consultation in Corona Period-169

  Consultation in Corona Period-169 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "अभी उसे सांस लेने में बहुत तकलीफ हो रही है। डॉक्टर कहते हैं कि जल्दी ही उसे वेंटिलेटर पर रखना होगा। उसके गले में सूजन है और जीभ भी पूरी तरह से सूजी हुई है जिसके कारण वह किसी भी प्रकार का भोजन नहीं ग्रहण कर पा रहा है और बोल भी नहीं पा रहा है। उसे पूरे शरीर में Urticaria जैसे चकत्ते हो गए हैं और पूरा शरीर असहनीय खुजली से भरा हुआ है। उसे बार-बार दस्त हो रहे हैं। उसका कोविड टेस्ट हो चुका है और यह पूरी तरह से नेगेटिव आया है।  डॉक्टर तरह-तरह के परीक्षण कर रहे हैं पर किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। उन्होंने निर्णय लिया है कि वे लक्षणों के आधार पर चिकित्सा करेंगे और जब तक रोग का कारण नहीं पता चल जाता तब तक कोई दूसरी तरह की चिकित्सा नहीं करेंगे।  यह मामला मेरे बेटे का है जो कि इस साल दिसंबर में 8 साल का होगा। जब भी वह किसी बर्थडे पार्टी में जाता है तो उसके बाद उसकी हालत ऐसी ही हो जाती है पर इस बार उसकी हालत बहुत ज्यादा बिगड़ी और उसे घर में इलाज देने की बजाय अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। डॉक्टरों ने कहा कि यदि थो...