Consultation in Corona Period-276 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-276





Pankaj Oudhia पंकज अवधिया


"ब्राजील से छुट्टियों में मेरा बेटा घर आया हुआ है और उसे मांसपेशियों की समस्या हो रही है विशेषकर पैर की मांसपेशियाँ पत्थर की तरह कड़ी हो गई है और उसके पैर में किसी भी तरह का मूवमेंट नहीं हो रहा है। ऐसा लगता है जैसे कि पूरा पैर फ्रीज हो गया हो। बेटा आया तो 1 सप्ताह के लिए था पर वह पिछले 6 महीनों से भारत में ही है और जब से उसे यह समस्या हुई है हम उसे लेकर अलग-अलग शहरों में जा रहे हैं और चिकित्सकों की राय ले रहे हैं। अभी तक चिकित्सकों ने दस अलग-अलग बीमारियों के बारे में बताया है जिनमें इस तरह के लक्षण आते हैं। इन सभी बीमारियों के लिए आवश्यक जांच हो चुकी है पर अभी तक चिकित्सक किसी भी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाए हैं। वह बिल्कुल भी हिल नहीं पाता है और चौबीसों घंटे तेज दर्द में रहता है। दर्दनाशक दवायें काम तो करती हैं पर हम उसे लंबे समय तक नही देना चाहते हैं क्योंकि उसकी किडनी कमजोर है और इससे विपरीत असर पड़ सकता है। बेटे की उम्र 35 वर्ष है और वह शादीशुदा है। बैक्टीरियल से लेकर वायरल बीमारियों तक की पड़ताल हो चुकी है पर अचानक से उभरे इस लक्षण के बारे में कोई भी ठीक से बता नहीं पा रहा है। सभी दवा देने को तैयार हैं पर जब उनसे पूछा जाता है कि इसका कारण क्या है तो सभी बगले झांकने लग जाते हैं। 26 वर्ष की छोटी उम्र से ही उसे डायबिटीज की समस्या है। इसके लिए वह एक देसी दवा का प्रयोग कर रहा है। इस दवा के बारे में सारी जानकारी मैं आपको भेज रही हूं और आप चाहे तो उन वैद्य से भी बात कर सकते हैं जो कि उसे लंबे समय से डायबिटीज की दवा दे रहे हैं। उसका खानपान विशेष नहीं है। शराब का सेवन वह नहीं करता है और मांस से भी दूर रहता है।

 उसे काम करने की धुन लगी रहती है इसलिए वह अक्सर समय पर खाना नहीं खा पाता है। इसी काम की धुन के कारण वह इतनी कम उम्र में सफलता की ऊंची सीढ़ी चढ़ गया है। वह अपने स्वास्थ का बहुत अच्छे से ध्यान रखता है और लगातार व्यायाम करता रहता है पर पिछले कुछ समय से जब से वह बिस्तर में है वह किसी तरह का व्यायाम नहीं कर पा रहा है। इससे उसका वजन बढ़ गया है और उसे कब्जियत जैसी शिकायत हो गई है जो कि जिंदगी में पहले कभी भी नहीं थी। एक समस्या के कारण नई नई समस्या होती जा रही है। ऊपर से भोजन से अधिक दवाओं के प्रयोग से उसका पाचन तंत्र बिगड़ता जा रहा है और वह अब इससे पूरी तरह से ऊब चुका है।

 हम उसे रायपुर लेकर आना चाहते हैं पर यह संभव नहीं लगता है क्योंकि वह बहुत अधिक पीड़ा में है। यदि संभव हो तो आप यहां चले आइए। हम आपके आने जाने की व्यवस्था और फीस की व्यवस्था कर देंगे। आपने कई बार लिखा है कि यदि प्रभावित व्यक्ति को आने में किसी तरह की समस्या है तो उसके द्वारा 24 घंटे तक इस्तेमाल किए गए कपड़ों को भी भेजा जा सकता है और उससे भी पता लगाया जा सकता है कि उसकी तकलीफ का क्या राज है। अगर आप कहे तो पहले हम इसे आजमा लेते हैं और यदि यह कारगर नहीं रहा तब हम आपको बुला लेंगे।" मुंबई से जब एक महिला का ऐसा संदेश आया तो मैंने उनसे कहा कि मैं आपकी मदद करूंगा।

 मैंने उनसे कहा कि आप अपने बेटे का एक छोटा सा वीडियो बनाकर मुझे भेजें ताकि मुझे वास्तविक स्थिति का पता चल सके। इसके बाद मैंने बस्तर के एक पारंपरिक चिकित्सक से संपर्क किया जो कि कपड़ों की जांच करने में माहिर थे और कपड़ों की सहायता से ही रोग के कारण को बताने में भी सक्षम थे। जब उन्होंने मदद करने की सहमति प्रदान कर दी तब मैंने उन महिला से कहा कि आप अपने बेटे द्वारा 24 घंटे तक प्रयोग किए गए वस्त्रों को भेज सकती हैं और वस्त्रों को भेजने की मैंने उन्हें विधिवत जानकारी दे दी।

मैंने प्रभावित व्यक्ति यानी उनके बेटे से 3 घंटे तक लंबी बातचीत की। उससे बहुत महत्वपूर्ण जानकारियां मिली पर इन जानकारियों के आधार पर किसी तरह का अनुमोदन देने से पहले मैंने निश्चय किया कि एक बार मैं पारंपरिक चिकित्सक से परीक्षण करवा लूँ। उसके बाद फिर कुछ अनुमोदित करूं। पारंपरिक चिकित्सक ने 3 दिनों का समय लिया और उसके बाद बताया कि उन्हें रोग के कारण का पता नहीं चल पा रहा है पर उन्हें लगता है यह किसी वनस्पति की विषाक्तता के कारण हो रहा है। उन्होंने एक विशेष तरह की वनस्पति के बारे में बताया जिसका प्रयोग अक्सर कम किया जाता है। इस आधार पर जब मैंने उस युवक से बात की तो उसने कहा कि वह दवाओं की पूरी सूची और उनके घटकों के बारे में जानकारी भेज चुका है। आप उसमें जांच कर ले यदि वह वनस्पति उसमें उपस्थित हो तो। मैं इन दवाओं की पहले ही जांच कर चुका था मुझे तो इसमें वह वनस्पति नहीं दिखाई दी थी। फिर मैंने उन वैद्य से बात की जो कि डायबिटीज की दवा दे रहे थे। उन्होंने घटकों के बारे में पूरी जानकारी दे दी पर उसमें वह वनस्पति नहीं थी जिसके कारण ऐसे लक्षण आ सकते थे।

 जब मैंने उस युवक पर दबाव बनाया कि वह किसी भी तरह की बात मुझसे न छुपाये और अपने खान-पान और दवाओं के बारे में पूरी जानकारी दें तब एक दिन उसकी पत्नी का फोन आया कि वे ब्राजील के पारंपरिक चिकित्सक से एक दवा ले रहे हैं जिसके बारे में वे इसलिए जानकारी नहीं दे रहे हैं क्योंकि वह एक सेक्स टॉनिक है और वे किसी को बताना नहीं चाहते कि वह इस का प्रयोग कर रहे हैं। यह महत्वपूर्ण जानकारी थी। जब मैंने उस फॉर्मूलेशन के घटकों के बारे में जानकारी मांगी तो उसकी पत्नी ने कहा कि यह संभव नहीं है क्योंकि वहां के पारंपरिक चिकित्सक अपने फार्मूले की जानकारी नहीं देते हैं। 

मैंने ब्राजील के उन पारंपरिक चिकित्सक का पता लिया फिर अपने ब्राजील के संपर्कों से बात की। उन्होंने बताया कि शहर से बहुत दूर जंगल में वे पारंपरिक चिकित्सक रहते हैं और इस समय वह क्षेत्र आतंक प्रभावित है इसलिए वहां की यात्रा करना बहुत दिक्कत वाली बात है। फिर भी मेरे संपर्क सूत्रों ने पारंपरिक चिकित्सक से संपर्क किया तो उन्होंने बड़ी मुश्किल से सभी घटकों के स्थानीय नाम बता दिए। अब मैंने ब्राजील के एक वैज्ञानिक से मदद ली जो कि जड़ी बूटियों पर काम कर रहे थे। पारम्परिक चिकित्सक अपने फार्मूले में 25 तरह की जड़ी बूटियों का उपयोग कर रहे थे। उनमें वह जड़ी-बूटी भी शामिल थी जिसके बारे में बस्तर के पारंपरिक चिकित्सक शंका जाहिर कर रहे थे। वह बिल्कुल समान वनस्पति नहीं थी बल्कि उससे मिलती-जुलती वनस्पति थी यानी यदि वैज्ञानिक भाषा में कहा जाए तो जीनस एक ही था पर स्पीशीज अलग अलग थी।

 इस वनस्पति के बारे में जानना और उसके प्रयोगों को समझना चौंकाने वाला कार्य था। यह वही वनस्पति थी जिसके प्रयोग पर चीन में बहुत बवाल हुआ था और विश्व स्वास्थ संगठन ने इसे कैंसर कारक मानते हुए इसके प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था। चीन में इसकी एक दूसरी प्रजाति पाई जाती है। वैसे तो भारतीय पारंपरिक चिकित्सा में भी इस प्रजाति का उपयोग किया जाता है पर यहां के पारंपरिक चिकित्सकों को मालूम है कि यह कैंसर पैदा कर सकता है इसलिए वे इसका संभलकर प्रयोग करते हैं और जब मजबूरी में इसका प्रयोग करना होता है तो वे ऐसी वनस्पतियों को फॉर्मूलेशन में मिलाते हैं ताकि इस वनस्पति का दुष्प्रभाव पूरी तरह से खत्म हो जाए। ब्राजील के पारंपरिक चिकित्सक शायद इस विषय में नहीं जानते हैं इसीलिए वे कामोत्तेजना को बढ़ाने के लिए अभी भी इस प्रजाति की वनस्पति का प्रयोग कर रहे हैं।

 मैंने ये सारी बातें उस युवक को बताई और साथ में उनके परिवार जनों को भी। मैंने बताया कि यह वनस्पति उसकी समस्या के लिए जिम्मेदार नहीं है। इस वनस्पति की बहुत ही वनस्पतियों के साथ विपरीत प्रतिक्रिया होती है। उन वनस्पतियों में गुड़मार भी है जिसका प्रयोग डायबिटीज के लिए उनके भारतीय वैद्य कर रहे हैं। इन दोनों की विपरीत प्रतिक्रिया के कारण ही मांसपेशियों में अकड़न हो रही है और पैर ठीक से काम नहीं कर रहे हैं।

 मैंने यही अनुमोदन दिया कि यदि युवा ब्राजील की दवा का प्रयोग पूरी तरह से बंद कर दें तो यह उसके लिए हितकर होगा। इससे उसकी वर्तमान समस्या का हल तो हो ही जाएगा साथ में उसे भविष्य में कैंसर होने की संभावना नहीं रहेगी। यदि उसे सेक्स टॉनिक की ही जरूरत है तो वह उन वैद्य से अनुरोध कर सकता है और इस आधार पर उनसे दवा ले सकता है। ऐसी दवा जो कि उसकी डायबिटीज की दवा से किसी भी प्रकार से विपरीत प्रतिक्रिया न करें।

 उस युवक के परिवारजन ने मुझे धन्यवाद दिया और फीस से अधिक पैसे देने चाहे तब मैंने उनसे कहा कि आप ब्राजील के मेरे उन संपर्क सूत्रों को ये पैसे दे दे जिनकी मदद के बिना यह कार्य संभव नहीं था। इस बात के लिए वे तैयार हो गए।

 एक महीने के बाद जब उन्होंने फिर से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे करके अब मांसपेशियों की अकड़न पूरी तरह से ठीक हो गई है और वह वापस ब्राजील जाने की तैयारी कर रहा है।

यह एक सुकून भरा समाचार था।


 सर्वाधिकार सुरक्षित



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