Consultation in Corona Period-12

Consultation in Corona Period-12

Pankaj Oudhia पंकज अवधिया


"मेरे पैरों में चौबीसों घंटे बहुत तेज दर्द होता है और किसी भी तरह से ठीक नहीं होता है। रात भर नींद नहीं होती और बिस्तर पर पैर पटकता रहता हूं।" नीदरलैंड से आए एक संदेश में यह बात कही गई।


यह संदेश एक युवक का था। उसे कोविड-19 से निपटे 1 महीने का समय हुआ था। डॉक्टरों ने उसे पूरी तरह कोविड-19 मुक्त घोषित कर दिया था। 


उसकी सारी तकलीफें अब खत्म हो गई थी पर पैरों का दर्द अभी भी जारी था।


 इंटरनेट पर मेरे लेखों को पढ़कर उसने मुझसे संपर्क करने की ठानी और यह संदेश भेजा।


 उसने मुझे बताया कि डॉक्टर पेन किलर दे रहे हैं पर उससे कोई भी स्थायी लाभ नहीं हो रहा है। पेन किलर आखिर कितनी और कब तक खाई जाए?


उसने अपनी बात जारी रखी।


"थक हार कर मैंने कोविड-19 की एक बार फिर से जांच कराई। यह सोच कर कि कहीं दोबारा आक्रमण न हो गया हो पर यह रिपोर्ट नेगेटिव आई। अगर आप मेरी मदद कर सके तो मैं इस दर्द से मुक्त हो सकता हूं।"


 उसने बताया कि वह किसी भी प्रकार की दूसरी बीमारी से ग्रस्त नहीं है और इसलिए किसी भी प्रकार की दवा नहीं ले रहा है।


 मैंने उसे परामर्श दिया कि वह आस-पास किसी हर्बलिस्ट को खोजें और मुझसे संपर्क कराए।


जल्दी ही नीदरलैंड के एक जाने-माने हर्बलिस्ट मुझसे फोन पर बात कर रहे थे।


मैंने उन्हें आठ जड़ी बूटियों की सूची दी और कहा कि ये जड़ी बूटियां आप उस युवक के घर तक पहुंचा दें।


उन्होंने जवाब दिया कि इनमें से केवल पांच जड़ी बूटियां ही यहां उपलब्ध है और तीन जड़ी बूटियों के लिए लंबा इंतजार करना होगा।


 पांच जड़ी बूटियों की सूची उन्होंने भेज दी। 


मैंने युवक को कहा कि इन जड़ी-बूटियों को पानी में उबालकर काढ़ा बनाए और जब काढ़ा ठंडा हो जाए जब काढ़ा ठंडा हो जाए तो उसमें अपने दोनों पैरों को डुबोकर रखे 10 से 15 मिनट तक।


 मुझे उम्मीद थी कि इससे उसके पैरों का दर्द पूरी तरह से ठीक हो जाएगा।


 दूसरे दिन उस युवक का संदेश आया कि थोड़ा लाभ तो हो रहा है पर जड़ी बूटियों की बदबू असहनीय है और इस बदबू के कारण अब इनका इस्तेमाल नहीं कर सकता।


 मैंने उससे कहा कि अगर पैरों की तकलीफ में लाभ हो रहा है तो उसे यह बदबू सहन करनी चाहिए। 


उसे यह भी बताया कि जिसे वह तथाकथित बदबू कह रहा है असल में वह उसके स्वास्थ के लिए बेहद लाभकारी है।


 इस बदबू में रहने से उसकी कामशक्ति में अप्रत्याशित वृद्धि होगी और वह रात को अच्छे से सो सकेगा।


 मेरी बात सुनकर वह उत्साहपूर्वक बदबू को सहने के लिए तैयार हो गया। 1 सप्ताह तक उसकी कोई खबर नहीं आई।


 मैंने सोचा उसे लाभ हुआ होगा इसलिए वह फोन नहीं कर रहा है।अगर कोई तकलीफ हुई होती तो जरूर फोन करता।


आखिर 10 दिनों बाद उसका फोन आया कि जब भी वह काढ़े में पैर डुबोता है तो उसके सिर में तेज दर्द होने लग जाता है। ऐसा पहले नहीं हो रहा था। अभी अभी होने लगा है।


 मैंने उससे कड़े शब्दों में कहा कि तुम मुझसे कुछ छुपा रहे हो। मुझे लगता है कि तुम किसी प्रकार की दवा ले रहे हो विशेषकर हाइपरटेंशन की दवा और उस दवा को काढ़े में पैर डुबोने के समय के आसपास ले रहे हो।


तुम्हारी हाइपरटेंशन की दवा काढ़े की जड़ी बूटियों से नकारात्मक प्रतिक्रिया कर रही है जिसके कारण तुम्हारे सिर में दर्द हो रहा है।


 मेरी बात सुनकर उसने बताया कि उसे हाइपरटेंशन का प्रॉब्लम है और वह हाइपरटेंशन की दवा ले रहा है।


 मैंने उससे कहा कि तुम दवा बंद मत करो बल्कि काढ़े में पैर डुबोने के 1 घंटे पहले और बाद तक उस दवा का सेवन नहीं करो। इससे तुम्हारी समस्या का समाधान हो जाएगा।


 3 दिनों बाद उसका आखिरी फोन आया कि वह पूरी तरह से दर्द से मुक्त है और उसने धन्यवाद ज्ञापित किया।


कोरोनावायरस से उबरे हुए रोगियों में बहुत सारे विचित्र लक्षण दिखाई पड़ रहे हैं। जब दुनिया इस वायरस से मुक्त हो जाएगी तब भी हमारे पास काफी चैलेंज रहेंगे इसके संक्रमण के बाद होने वाली समस्याओं के रूप में।


 हमें इसके लिए तैयार रहना होगा।


सर्वाधिकार सुरक्षित

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