लीवर कैंसर में मांगुर, टूना और टेंगना, बहुत सी जड़ी-बूटियों के साथ हैं मना


लीवर कैंसर में मांगुर, टूना और टेंगना, बहुत सी जड़ी-बूटियों के साथ हैं मना

पंकज अवधिया



  

कैंसर में मांसाहार बुरा नही है पर आप जो खाद्य सामग्री ले रहे हैं उसे आपकी दवा के साथ लेना है या नही इस बात बात की पूरी जानकारी आपको होनी चाहिए.



आपको लीवर का कैंसर है और आपकी चिकित्सा उत्तर भारत के एक वैद्य कर रहे हैं. वे आपको साजा और पाकर पर आधारित नुस्खा दे रहे हैं. इस नुस्खे में पचास जड़ी-बूटियाँ हैं.



उन्होंने आपसे खटाई नही खाने को कहा है. आपने अपने वैद्य को साफ तौर पर बता दिया है कि आप मांसाहार के शौक़ीन है. मछलियाँ विशेष रूप से आपको बहुत पसंद है.



वैद्य ने आपको बताया कि मांसाहार आप उनकी दवा के साथ ले सकते हैं पर अधिक मात्रा में इसे लेने से बचे. आपने वैद्य के नगर में रहकर एक सप्ताह तक दवा ली और फिर आप अपने नगर वापस आ गये. आपने अपनी नियमित दिनचर्या आरम्भ  कर दी.



आपने महसूस किया कि आपको तरह-तरह की स्वास्थ समस्याएं हो रही हैं. आपने वैद्य से फिर से संपर्क किया तो उन्होंने आपकी बात सुनी और कहा कि कैंसर में ऐसा होता है. आप धैर्य रखें.



आपने उनकी दवा जारी रखी पर जब समस्याएं बढती ही गयी तो आपने उनकी दवा बंद कर दी. अब आपने इंटरनेट पर मेरे बारे में जानकर मुझसे फीस देकर मिलने का समय लिया है. मैं आपकी मदद करूंगा.



आपने वैद्य द्वारा दी जा रही दवा के सभी घटकों की सूची दी. वैद्य का नुस्खा लीवर के कैंसर के लिए बहुत लाभदायी है. मैंने आपने खान-पान की भी विस्तार से जानकारी ली.



आपने बताया कि वैद्य की दवा लेने के बाद से आपको दिन में कई बार चक्कर आते हैं और आप बेसुध होकर गिर जाते हैं . इस वजह से आपके दांत भी टूट गये हैं. आपने अपने डाक्टर से दवाएं ली पर आपको लाभ नही हुआ.



मैं आपको बताना चाहता हूँ कि वैद्य के फार्मूले में कठपीपल की छाल को शामिल किया गया है. आप जो नियमित रूप से टूना मछली का सेवन करते हैं उसकी पीपल की छाल के साथ जब प्रतिक्रिया होती है तब ऐसे ही लक्ष्ण आते हैं. जब तक आप वैद्य की दवा ले रहे हैं तब तक आप इस मछली का प्रयोग बंद कर दें आपकी समस्या का समाधान हो जाएगा.



आपने बताया कि आपकी सूंघने की शक्ति समाप्त हो चुकी है. मैं आपको बताना चाहता हूँ कि वैद्य के नुस्खे में शोधित कलिहारी है. आप टेंगना नामक मछली का विशेष शौक रखते हैं. वैद्य के नुस्खे में उपस्थित कलिहारी की इस मछली से नकारात्मक प्रतिक्रिया होती है. आप इसका प्रयोग बंद कर देंगे तो आपकी समस्या का समाधान हो जाएगा.



यदि आप मछली से तैयार व्यंजन खाने के बाद तीन चम्मच शहद पी लेंगे तो यह नकारात्मक प्रतिक्रिया काफी हद तक कम हो जायेगी पर मेरी यही सलाह है कि आप इसका प्रयोग वैद्य की दवा के साथ न करें.



आपने बताया कि आप मांगुर नामक मछली के भी शौक़ीन है पर इसे कम ही खाते हैं. मैं आपको बताना चाहता हूँ कि वैद्य के नुस्खे के साथ इसका उपयोग भी हानिकारक है. उनके नुस्खे में बहुत से जलीय खरपतवार हैं जिन्हें मांगुर से साथ लेने से आपके बाल तेजी से झड़ने लगेंगे.



आपके वैद्य को इस बारे में आपको बताना चाहिए था. शायद उन्हें भी इस बारे में जानकारी न हो. मैं आपको यही सलाह देना चाहता हूँ कि आप उनकी दवा फिर से शुरू करें. आपको निश्चित ही लाभ होगा.   



मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं .

-=-=-

कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की  फिल्में आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं. 




सर्वाधिकार सुरक्षित


-=-=- 

Comments

Popular posts from this blog

कैंसर में कामराज, भोजराज और तेजराज, Paclitaxel के साथ प्रयोग करने से आयें बाज

गुलसकरी के साथ प्रयोग की जाने वाली अमरकंटक की जड़ी-बूटियाँ:कुछ उपयोगी कड़ियाँ

भटवास का प्रयोग - किडनी के रोगों (Diseases of Kidneys) की पारम्परिक चिकित्सा (Traditional Healing)