मुँह के कैंसर का पांच करोड़ का फार्मूला, सोचा था अमृत पर मिला विष का प्याला


मुँह के कैंसर का पांच करोड़ का फार्मूला, सोचा था अमृत पर मिला विष का प्याला

पंकज अवधिया   





पांच करोड़ रूपये देकर आपकी दवा कम्पनी ने वैद्य से मुंह के कैंसर का जो फार्मूला खरीदा है वह दोषपूर्ण है-ऐसा आपने अपने परीक्षणों में पाया है. आपको लगता है कि आपके साथ विश्वासघात हुआ है.



आप दुनिया की एक नामी-गिरामी दवा कम्पनी का भारत में प्रतिनिधित्व करते हैं. आपने मध्य भारत के एक वैद्य से एक वर्ष पूर्व सम्पर्क किया जो कि कैंसर की चिकित्सा में महारत रखते हैं. आपने एक शोध छात्रा को उन वैद्य के पास भेजा.



जब आपको यकीन हो गया कि उनके पास कैंसर को ठीक करने वाली दवा है तब आपने उनसे फार्मूला हासिल करने की कोशिश की. शोध छात्रा के माध्यम से जब आप असफल हुए तब आपने वैद्य से सीधे व्यवसायिक समझौते की बात की. उन्होंने इससे साफ मना कर दिया.



उसके बाद आपने वैद्य के लडके को विश्वास में लिया और उससे पांच करोड़ रुपयों में बात तय हुयी. सारी औपचारिकता पूरी करने के बाद जब आपको फार्मूला मिला तो आपने उस पर भारत में शोध आरम्भ किया. जल्दी ही आपको महसूस होने लगा कि कहीं कुछ गडबड है. आपने बिना देरी मुझसे मिलने का निश्चय किया और अब आप मुझसे मिलने रायपुर आये हैं.



आपने जिन वैद्य से यह फार्मूला लिया है उन्हें मैं अच्छे से जानता हूँ. हम लोगों ने कई महीने साथ में गुजारे हैं.



आपको जो फार्मूला दिया गया है उसे यदि आप कैंसर के रोगियों को देंगे तो चार घंटों के अंदर उनके पूरे शरीर में सूजन आ जायेगी जो किसी भी तरह से खत्म नही होगी. मैं आपको बताना चाहता हूँ कि फार्मूले में मुख्य घटक के रूप में कुसुम नामक वृक्ष से एकत्र किया गया बांदा है जिसकी फार्मूले में उपस्थित महुआ की जड़ नामक दूसरे घटक से नकारात्मक प्रतिक्रिया होती है. इसके कारण सूजन वाले  लक्ष्ण आते हैं. इन दोनों घटकों का प्रयोग एक साथ फार्मूले में करने से पारम्परिक चिकित्सक बचते हैं.



इस फार्मूले को दो महीने से अधिक समय तक लेने से रोगी की किडनी खराब होने लगेगी और चार महीने में दोनों किडनी पूरी तरह से काम करना बंद कर सकती हैं. इस फार्मूले में लोकटी जड़ी नामक घटक है जो कि किडनी के लिए अभिशाप है. पारम्परिक चिकित्सा में जब भी इस जड़ी का प्रयोग किया जाता है तब इसके साथ दूसरी जड़ी-बूटियाँ मिलाई जाती हैं ताकि इसका बुरा प्रभाव खत्म हो जाए.



यदि रोगी इस फार्मूले के उपयोग के साथ सेव जैसे फलों का प्रयोग करेगा तो उसके शरीर पर लीवर की खराबी के लक्ष्ण दिखाई पड़ सकते हैं. ऐसा फार्मूले में उपस्थित कपालतोडी  नामक घटक की कुसुम के बंदे के साथ होने वाली नकारात्मक प्रतिक्रिया के कारण होगा. आप इसमें मैदा और अटायन की जड़ शामिल करके फार्मूले के इस दोष को खत्म कर सकते हैं.



इस फार्मूले के प्रयोग के साथ यदि रोगी चावल  अधिक मात्रा में खायेगा तो उसे खूनी बवासीर की समस्या हो सकती है. ऐसा फार्मूले  में उपस्थित डूमर की जड़ के कारण होगा.



आपके साथ सचमुच बड़ा धोखा हुआ है. आपको जिसने यह फार्मूला दिया है उसे जड़ी-बूटियों के बारे में क ख ग नही मालूम है. इस फार्मूले में सुधार की गुंजाइश है पर यह बहुत श्रम साध्य कार्य है. इसमें मैं आपकी मदद करूंगा.

   

मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं .

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कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की  फिल्में आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं. 




सर्वाधिकार सुरक्षित


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