Consultation in Corona Period-149

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Pankaj Oudhia पंकज अवधिया



"सर, दरवाजा खोलिए। यह सीरियस केस है। प्लीज, दरवाजा खोलिए। हम बहुत दूर से आए हैं और हमें आपकी जरूरत है।"

रात को इस अजीब से शोर-शराबे से मेरी नींद खुली। मुझे लगा कि सामने अस्पताल में कोई गंभीर मरीज आया है जिसके कारण ऐसा शोर हो रहा है। मैं करवट बदल कर सो गया। 

जब थोड़ी देर बाद फिर से नींद खुली तो मुझे लगा कि मेरे घर के गेट के सामने कोई खड़ा है और यह सब बातें कह रहा है। मैं हड़बड़ा कर उठा और घर के दरवाजे की ओर बढ़ा। 

मैंने देखा कि बाहर पुलिस की एक गश्ती गाड़ी खड़ी हुई है और कुछ लोग खड़े हुए हैं। जब मैं बाहर निकला तो मुझे बताया गया कि दो व्यक्ति मुझसे मिलने दिल्ली से आए हैं। उनके बेटे की हालत बहुत खराब है इसलिए उन्होंने रात के समय आकर आपको परेशान किया है। जब मैंने रोशनी की तो मुझे एक शख्स जाने पहचाने लगे। वे मेरे शहर के ही एक प्रसिद्ध चिकित्सक थे। मैंने उन्हें नमस्कार किया तो उन्होंने बताया कि यह सज्जन अपने चिकित्सक के साथ निजी विमान से दिल्ली से आए हैं। 

दिल्ली से निकलते समय उन्होंने आपको फोन लगाया था पर आपका फोन कोई अटेंड नहीं कर रहा था।

 मैंने उन्हें बताया कि आज कल मैं सात बजे ही सो जाता हूं और मोबाइल साइलेंट मोड में रहता है फिर सुबह साढ़े तीन बजे ही मोबाइल सक्रिय हो पाता है। मैंने उन सब को अंदर बिठाया। पुलिस वालों को धन्यवाद दिया जो उन्होंने बाहर के मेहमानों को रात में मदद की और घर खुलवाने में उनके साथ खड़े रहे।

 मुझे बताया गया कि यह एक 25 वर्षीय युवक का मामला है जो कि हांगकांग में रहता है। अभी कुछ दिनों पहले ही वह भारत आया है। एक हफ्ते पहले उसकी हालत तेजी से बिगड़ने लगी। उसकी शक्ति का धीरे-धीरे क्षय होने लगा और उसे आपातकालीन परिस्थितियों में अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। यह कहकर उन सज्जन ने मुझे सारी रिपोर्ट थमा दी। 

यह Spontaneous Ejaculation का गंभीर केस था जिसमें बिना किसी उत्तेजना के अपने आप ही उस युवक का वीर्य बिना रुके थोड़े-थोड़े अंतराल में स्खलित होता जा रहा था। अस्पताल में इस प्रक्रिया को रोकने के लिए बहुत सारी दवाएं दी गई। बहुत सारे चिकित्सकों ने आकर उसकी जांच की पर यह स्खलन किसी भी तरह से नहीं रुका। देखते ही देखते युवक की जीवनी शक्ति बहुत तेजी से घटने लगी। उसकी आंखों की रोशनी पर विपरीत प्रभाव पड़ा और वह अब चल फिर नहीं पाता। 

यह क्रम अभी भी पहले दिन जैसे ही जारी है। ऐसा उन सज्जन ने बताया।

 उस युवक की जांच करने अस्पताल में आए एक चिकित्सक ने आपका नाम सुझाया और कहा कि आप उनसे संपर्क करें। हो सकता है कि वे आपको किसी ऐसी जड़ी बूटी का नाम बता सके जिससे कि इस समस्या का पूरी तरह से समाधान हो जाए। हमने इंटरनेट में आपके बारे में खोजबीन की और जल्दी ही हमें आपके घर का पता मिल गया। 

हमने स्थानीय चिकित्सक मित्र से संपर्क साधा और आनन-फानन में निजी विमान की व्यवस्था करके रायपुर आ गए। हमने सोचा कि यदि आप रायपुर में नहीं होंगे तो हम कुछ दिन इंतजार कर लेंगे पर आपसे मिले बिना वापस नहीं जाएंगे। 

यह अच्छी बात रही कि आपने नाराजगी प्रकट नहीं की और इतनी रात को भी हमारे लिए अपने घर के दरवाजे खोल दिए। 

मैंने पूछा कि अभी उसी युवक को कौन-कौन सी दवाएं दी जा रही है तो उन्होंने बताया कि जितनी भी दवाएं उसे दी जाती है उसके लक्षण और अधिक उग्र हो जाते हैं इसलिए अभी एक काढ़ा ही उसे दिया जा रहा है जो कि हम सभी भी ले रहे हैं। 

यह काढ़ा हमारे वैद्य ने कोरोनावायरस से बचाव के लिए दिया है। इसमें गिलोय के अलावा अश्वगंधा और ऐसी ही कुछ सामान्य सी जड़ी बूटियां हैं।

 हम इसे आपातकालीन स्थिति में अस्पताल में नहीं रखना चाहते थे पर हमारी मजबूरी थी इसलिए हम इस काढ़े का प्रयोग अस्पताल में भी नहीं रोक रहे हैं क्योंकि कोरोनावायरस फैला हुआ है। 

मैंने उनसे कहा कि आप अस्पताल में फोन करके उस युवक का एक वीडियो बनाकर मेरे पास भेजे। हो सकता है कि उससे उसकी समस्या का कुछ अंदाज लग सके। 

जब वह वीडियो आया तो उससे कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां मिली। मैंने कहा कि मुझे आप आधे घंटे का समय दीजिए। मैं कुछ तैयारियां करता हूं और फिर आपके साथ चलता हूं।

 हमें पास के एक छोटे से गांव में जाना होगा जहां तक पहुंचने में हमें 3 घंटे का समय लगेगा। यह गांव दुर्गम इलाके में हैं। वहां हम सुबह ऐसे किसानों से मिलेंगे जो कि वहां मेडिसिनल राइस की खेती कर रहे हैं। वहां से कुछ जड़ी बूटियां एकत्र करेंगे फिर हम वापस आ जाएंगे। 

मुझे लगता है कि इससे आपकी बेटे की समस्या का समाधान अस्थाई तौर पर ही सही पर हो जाएगा।

 जब हम गांव पहुंचे तो मैंने किसानों के खेत से मेडिसिनल राइस की जड़े इकठ्ठा की और फिर उन जड़ों को साफ पानी से धोकर उन सज्जन को दिया और उन्हें कहा कि वे इन्हें रात भर पानी में डुबोकर रखें और फिर सुबह जड़ों को अलग करके उस पानी को अपने बेटे को पीने के लिए दें। 

सुबह-सुबह एक बार ऐसा करने से उसे 24 घंटों तक इस तरह की किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होगी। मैंने उन्हें बताया कि यह स्थाई उपाय नहीं है बल्कि अस्थाई उपाय है। जब तक कि इस समस्या का मूल कारण नहीं पता लग जाता है आप इन जड़ों का उपयोग ज्यादा से ज्यादा 15 दिनों तक कर सकते हैं। इससे अधिक आप इनका प्रयोग करेंगे तो लक्ष्ण फिर से उग्र हो जाएंगे फिर उनकी चिकित्सा करना बहुत अधिक मुश्किल हो जाएगा। हम वापस लौट गए और जल्दी ही वे सज्जन मेडिसिनल राइस की जड़ों को लेकर अस्पताल पहुंच गए। 

दूसरे दिन सुबह-सुबह उनका फोन आया कि जड़ों के सत्व को विधिवत बेटे को पिला दिया गया है। अब परिणाम की प्रतीक्षा है। दोपहर को उनका फिर से फोन आया और उन्होंने खुशखबरी दी कि अब बेटे की हालत में काफी सुधार हो गया है और आवृत्ति बहुत कम हो गई है। शाम तक सारे लक्षण पूरी तरह से समाप्त हो गए। 10 दिनों तक वह सामान्य स्थिति में रहा।

 उसे अस्पताल से छुट्टी मिल गई और उसे घर ले आया गया। 10 दिनों के बाद उनके साथ आए चिकित्सक ने मुझसे फिर से संपर्क किया और कहा कि अब आपके द्वारा दी गई अवधि समाप्त हो रही है इसलिए यह जरूरी है कि इस रोग के कारण को जाना जाए और इसका जड़ से इलाज किया जाए।

 मैंने उन चिकित्सक के कहा कि मुझे गिलोय पर पूरा शक है और यदि संभव हो तो वे उस युवक से कहे कि वह गिलोय वाले काढ़े का प्रयोग पूरी तरह से रोक दें। चिकित्सक थोड़े से आवेशित होकर बोले कि गिलोय से ऐसे लक्षण के बारे में तो मैंने कभी नहीं सुना है। 

मैंने उनसे कहा कि ऐसे लक्षण केवल गिलोय के कारण नहीं आ रहे हैं। जब गिलोय की प्रतिक्रिया 100 से भी अधिक प्रकार की ऐसी वनस्पतियों से होती है जिन्हें कि गिलोय के साथ प्रयोग नहीं किया जाता है तब ऐसे लक्षण आते हैं। काढ़े में किसी भी प्रकार का दोष नहीं है। यह कहकर मैंने उन्हें 100 वनस्पतियों की सूची भेज दी जो कि गिलोय के साथ जब विपरीत प्रतिक्रिया करती है तो इस तरह के लक्षण आते हैं। 

चिकित्सक महोदय ने धन्यवाद दिया और उसके बाद फिर मुझसे कहा कि वे कुछ समय बाद इस सूची का अध्ययन करके मुझसे संपर्क करेंगे।

 जब उन्होंने फिर से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि इन वनस्पतियों में से एक भी वनस्पति का प्रयोग वह युवक नहीं कर रहा है इसलिए ड्रग इंटरेक्शन की किसी भी प्रकार की संभावना नहीं है। मैंने उनसे अनुरोध किया कि वे युवक से पूछे कि वह किसी और तरह की दवा का प्रयोग तो नहीं कर रहा है या उसने 1 महीने पहले किसी अन्य दवा का प्रयोग तो नहीं किया था। जब उन्होंने युवक से बात की तो युवक ने बताया कि जब वह हांगकांग में था तो एक चीनी दवाई का प्रयोग कर रहा था जो कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सक्षम थी। यह एक महत्वपूर्ण जानकारी थी। 

मैंने चिकित्सक महोदय से कहा कि वे उस चीनी दवाई के घटकों के बारे में विस्तार से जानकारी एकत्र करें और फिर मुझे बताएं। युवक ने बताया कि इस चीनी दवाई के बारे में इंटरनेट पर सारी जानकारी उपलब्ध है और यदि संभव हो तो उन चिकित्सक से भी सीधे बात की जा सकती है जो कि इस दवा को देते हैं। चिकित्सक महोदय इस कार्य में लग गए और रात के समय फिर उनका फोन आया है कि समस्या की जड़ का पता चल गया है।

 उन्होंने बताया कि चीनी दवाई में एक ऐसी वनस्पति है जो कि आपके द्वारा भेजी गई सूची में उपस्थित है। इस वनस्पति का नाम है Camptotheca। चीन में इसे हैप्पी ट्री के नाम से जाना जाता है।

 चिकित्सक महोदय ने यह भी कहा कि उन्होंने इंटरनेट में सर्च किया है पर इस बारे में बिल्कुल भी जानकारी उपलब्ध नहीं है कि इस वनस्पति और गिलोय की किसी प्रकार की विपरीत प्रतिक्रिया होती है और विशेषकर इस प्रकार के लक्षण आते हैं। 

मैंने उन्हें खुलासा किया कि गिलोय और Camptotheca आपस में सीधी प्रतिक्रिया नहीं करते हैं। अक्सर ऐसे नुस्खे जिसमें गिलोय का प्रयोग द्वितीयक घटक के रूप में किया जाता है और Camptotheca का उपयोग दूसरे फार्मूले में चतुर्थक घटक के रूप में किया जाता है तब ऐसी विचित्र स्थिति उत्पन्न हो जाती है। 

जब उन्होंने Camptotheca वाले नुस्खे के घटकों के बारे में जानकारी भेजी तो स्थिति बिल्कुल साफ हो गई। उस नुस्खे में तीन और ऐसी वनस्पतियां थी जो कि गिलोय और Camptotheca के बीच होने वाली विपरीत प्रतिक्रिया को बढ़ाने में सक्षम थी। भले ही इस नुस्खे को एक महीने पहले ही प्रयोग किया गया था और उसके बाद इसका प्रयोग रोक दिया गया था पर यह नुस्खा इतना अधिक प्रभावी है कि इसका असर कई महीनों तक होता रहता है और इस बीच जो भी दवाई ली जाती है उससे इस नुस्खे की प्रतिक्रिया होने की संभावना रहती है। 

मैंने उन्हें यह भी बताया कि पिछले 30 सालों में ऐसे मैंने सैकड़ों मामले देखे हैं और उनका समाधान भी किया है। 

मैंने उन्हें निर्देशित किया कि अब वे मेडिसिनल राइस की जड़ का प्रयोग करना पूरी तरह से रोक दें और गिलोय वाले काढ़े का प्रयोग भी कुछ महीनों के लिए पूरी तरह से बंद कर दें। 

वे इस बात के लिए तैयार हो गए और जब उन्होंने मेडिसिनल राइस की जड़ का उपयोग बंद किया तब भी किसी भी प्रकार के विपरीत लक्षण नहीं आए और युवक की जान में जान आई।

 युवक को कमजोरियों से उबरने में महीनों का समय लगा पर फिर उसे दोबारा इस तरह की भयानक समस्या का सामना नहीं करना पड़ा। सबने राहत की सांस ली। मैंने उस युवक को शुभकामनाएं दी। 


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