Consultation in Corona Period-148

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Pankaj Oudhia पंकज अवधिया


"हम जापान में एक अंतरराष्ट्रीय रिसर्च प्रोजेक्ट में काम कर रहे हैं। हमें moyamoya रोग के लिए एक नया फार्मूला विकसित करना है। यह प्रोजेक्ट 3 वर्षों का है। 

हम आपसे भारतीय जड़ी बूटियों के बारे में जानना चाहते हैं जो कि इस बीमारी को ठीक करने का माद्दा रखती हैं। क्या आप इस बारे में किसी तरह का परामर्श हमें दे पाएंगे? 

हम आपकी फीस देने के लिए तैयार हैं।" 

जापान के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने जब यह संदेश भेजा तो मैंने कहा कि आप क्यों नहीं इस बीमारी के लिए जापान की वनस्पतियों का प्रयोग करते हैं तो उन्होंने बताया कि उन्होंने जापान की सभी तरह की वनस्पतियों पर अनुसंधान कर लिया है और उन्हें एक भी वनस्पति इस दुर्लभ रोग के लिए उपयुक्त नहीं लगी इसलिए उन्होंने भारतीय जड़ी बूटियों की ओर रुख किया है। 

उन्होंने बताया कि इंटरनेट पर उन्होंने इस बीमारी की चिकित्सा के लिए जब गूगल में सर्च किया तो ढेर सारे मेरे शोधपत्र मिले। उसी आधार पर उन्होंने मुझसे संपर्क किया।

 मैंने उनसे कहा कि मैं आपकी मदद करूंगा पर यह मदद भारतीय जड़ी बूटियों को लेकर नहीं होगी बल्कि जापानी जड़ी बूटियों से संबंधित होगी।

 उन्हें बड़ा आश्चर्य हुआ। 

उन्होंने पूछा कि क्या मुझे जापानी जड़ी बूटियों के बारे में किसी तरह की जानकारी है? क्या आप जापान आ चुके हैं या आपने किसी प्रकार का अध्ययन किया है जापान की वनस्पतियों पर?

 मैंने उनसे कहा कि मैं आपको इसके बारे में बाद में बताऊंगा। पहले आप उन जापानी जड़ी बूटियों के नाम नोट करिए जिनकी सहायता से आप एक कारगर नुस्खा बना सकते हैं। इस नुस्खे का क्लिनिकल ट्रायल में प्रयोग करें और फिर मुझे बताएं कि आपको कितनी सफलता मिल रही है।

 यह कहकर मैंने उन्हें moyamoya बीमारी के लिए उपयोगी जापानी जड़ी बूटियों की सूची भेज दी और यह भी बता दिया कि उनकी सहायता से कैसे एक सरल पर बहुत प्रभावी नुस्खा बनाया जा सकता है। अपनी वनस्पतियों के बारे में इस तरह की जानकारी की उम्मीद उन्हें नहीं थी। उन्होंने कहा कि वे इस पर शोध आरंभ करेंगे और बीच-बीच में मुझसे संपर्क करते रहेंगे ताकि फार्मूले में यदि किसी तरह का सुधार करना हो तो वे कर सके। 

2 वर्ष के अथक परिश्रम के बाद उन्होंने इस नुस्खे को इतना प्रभावी बना दिया कि यह बेहद कारगर नुस्खा बन गया। उन्होंने इस नुस्खे के बारे में पूरी जानकारी मेरे पास भेजी तो मैंने कहा कि आप इनमें दो तरह की जड़ी बूटियां मिलाकर इसे और अधिक प्रभावी बना सकते हैं। वे दोनों भी जापानी जड़ी बूटियां ही थी।

 जब वे इस नुस्खे को बनाने में पूरी तरह से सफल हो गए तो उन्होंने मुझसे पूछा कि मुझे जापानी वनस्पतियों के बारे में इतनी गहरी जानकारी कैसे है?

 मैंने उन्हें बताया कि चाहे भारत की हो या विश्व के किसी भी कोने की, वनस्पति तो वनस्पति है और लंबे समय तक पारंपरिक चिकित्सकों के साथ रहने से यह लाभ हुआ है कि यदि आप दुनिया की किसी भी वनस्पति को उसकी पहचान बताए बिना मेरे सामने रख दें तो मैं कुछ समय में उसके बारे में आपको पूरी जानकारी दे सकता हूं कि उसकी उपयोगिता किन-किन रोगों में है और उसका कैसे प्रयोग किया जा सकता है। यह भारतीय पारंपरिक चिकित्सकीय ज्ञान की विशेषता है।

 यह 10 वर्ष पुरानी बात है। उसके बाद इन जापानी वैज्ञानिक से लंबे समय तक किसी भी प्रकार का संपर्क नहीं रहा। बस अलग-अलग स्रोतों से यह पता चलता रहा कि उनका नुस्खा किसी कंपनी ने खरीद लिया है और अब दुनिया भर में उस नुस्खे का प्रयोग moyamoya बीमारी की चिकित्सा में किया जा रहा है।

 हाल ही में उन जापानी वैज्ञानिक ने मुझसे फिर से संपर्क किया और बताया कि इस बार वे अपने निजी काम से मुझसे परामर्श लेना चाहते हैं। 

उन्होंने बताया कि उनकी 18 वर्षीय लड़की को एक विशेष तरह की समस्या है। उसे अक्सर Nymphomania जैसे लक्षण आते हैं। वह आधुनिक लड़की है और आधुनिक रहन-सहन के हिसाब से रहती है। इतनी कम उम्र में उसे नाइटलाइफ पसंद है और रात में वह घर में रुकना बिल्कुल भी पसंद नहीं करती है। उसकी चिकित्सा पिछले कुछ समय से चल रही है पर Nymphomania जैसे लक्षण किसी भी तरह से समाप्त नहीं हो रहे हैं। 

यहां के चिकित्सक कहते हैं कि वह किसी प्रकार की नशीली दवाओं का प्रयोग कर रही है जिसके कारण इस तरह के लक्षण आ रहे हैं।

 वे मुझसे मदद चाहते थे।

 उन्हें उम्मीद थी कि मैं उन्हें कुछ भारतीय जड़ी बूटियों के बारे में बताऊंगा जो कि इस तरह के लक्षणों को पूरी तरह से समाप्त कर सकते हैं। मैंने उनकी बिटिया का वीडियो मंगाया और ध्यान से देखा तो कुछ-कुछ बातें स्पष्ट होने लगी। 

मैंने उनसे कहा कि मैं आपकी बिटिया से कुछ प्रश्न पूछना चाहता हूं। आपको मध्यस्थ के रूप में भूमिका निभानी होगी। 

उन्होंने बताया कि उनकी बिटिया अच्छी हिंदी बोल लेती है। उसने भारतीय भाषाओं पर एक कोर्स किया है जिसके कारण उसकी हिंदी बहुत अच्छी हो गई है। यह मेरे लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी थी। 

जब मैंने उनकी बिटिया से बात की और उससे पूछा कि वह किसी तरह की नशीली दवा का प्रयोग कर रही है तो उसने साफ-साफ कहा कि उसे भले ही नाइटलाइफ पसंद है पर वह नशीली दवाओं के चक्कर में बिल्कुल भी नहीं है। उसे मालूम है कि इसे बहुत अधिक नुकसान होता है। 

मैंने उसकी बात पर विश्वास किया फिर मैंने उससे पूछा कि वह बर्थ कंट्रोल के लिए किसी प्रकार की दवा का प्रयोग तो नहीं कर रही है। उसने बताया कि वह

Medroxyprogesterone acetate (MPA) नामक दवा का प्रयोग पिछले 1 साल से कर रही है ताकि गर्भधारण की किसी भी तरह की संभावना न रहे। 

उसने यह भी बताया कि वह इसे अपने मन से नहीं ले रही है बल्कि एक चिकित्सक की सलाह पर ले रही है। उसका कहना था कि पहले स्थिति बिल्कुल सामान्य थी पर पिछले कुछ समय से जब से उसे Nymphomania जैसे लक्षण आते हैं तब से उसका घर से निकलना मुश्किल हो गया है।

 बाहर उसकी अजीब सी हरकतो ने बार-बार दुनिया का ध्यान उसकी ओर खींचा है और दो बार तो पुलिस ने उसे घर लाकर छोड़ा है। 

उसने रोते हुए कहा कि वह इस समस्या से बहुत अधिक परेशान है और इस समस्या के कारण उसके बॉयफ्रेंड ने भी उससे नाता तोड़ लिया है। 

बर्थ कंट्रोल के लिए वह जिस दवा का उपयोग कर रही थी उसके साइड इफेक्ट के बारे में मुझे बहुत अधिक जानकारी थी पर उससे Nymphomania जैसे लक्षण आने की बिल्कुल भी संभावना नहीं थी पर मुझे बार-बार लग रहा था कि इसी दवा की मुख्य भूमिका है। उनकी बिटिया जरूर ऐसी किसी और दवा का उपयोग कर रही होगी जो कि बर्थ कंट्रोल की इस दवा को Nymphomania जैसे लक्षण उत्पन्न करने के लिए प्रेरित कर रही होगी पर उसने बताया कि वह किसी दूसरी तरह की दवा का प्रयोग नहीं कर रही है। 

उसके पिता ने भी कहा कि वह जितनी भी दवा का प्रयोग कर रही है उसकी पूरी जानकारी वे मुझे दे चुके हैं।

 मैंने उनके द्वारा भेजी गई सूची का विस्तार से अध्ययन किया तब मुझे उसमें एक चीनी दवा दिखाई दी। जब मैंने उनसे इस बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि उनके एक चीनी मूल के मित्र अमेरिका में है और उन्होंने यह दवा दी है ताकि बिटिया का स्वास्थ पूरी तरह से ठीक रहे। उसे किसी भी प्रकार की कमजोरी न हो यानी बिटिया की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए वे इस चीनी दवा का प्रयोग कर रहे थे। 

जब मैंने इस चीनी दवा के घटकों के बारे में जानना चाहा तो वैज्ञानिक महोदय ने बताया कि उनके मित्र का यह सीक्रेट फार्मूला है और वे इसके घटकों के बारे में किसी को नहीं बताते हैं। यह मुश्किल वाली बात थी। मैंने उन पर दबाव बनाया पर फिर भी उनके मित्र किसी भी तरह से घटकों को बताने के लिए तैयार नहीं हुए तब मैंने उनसे पूछा कि केवल यही बता दे कि इसमें Cercidiphyllum नामक वनस्पति का प्रयोग किया गया है या नहीं? 

उन्होंने बताया कि इस नुस्खे में Cercidiphyllum नामक वनस्पति की मुख्य भूमिका है। यह वनस्पति चीन और जापान में पाई जाती है। दुनिया इसके औषधीय उपयोग के बारे में ज्यादा नहीं जानती है पर मैं पीढ़ियों से इस बारे में जानता हूं। लंबे समय से हम रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए इस नुस्खे का प्रयोग करते हैं इसीलिए मैंने यह नुस्खा अपने जापानी मित्र की बिटिया को दिया। 

बचपन में वह बहुत अधिक बीमार पड़ती थी। जब से वह यह नुस्खा ले रही है उसे किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं हो रही है। ऐसा कहकर उन्होंने अपनी बात पूरी की।

 मुझे समस्या का समाधान मिल गया था। मैंने वैज्ञानिक महोदय को बताया कि बर्थ कंट्रोल वाली दवा से इस तरह के लक्षण आ रहे हैं। इस दवा की आपके चीनी वैज्ञानिक मित्र की दवा से विपरीत प्रतिक्रिया हो रही है विशेषकर Cercidiphyllum नामक वनस्पति से। आपकी बिटिया बर्थ कंट्रोल की दवा का उपयोग तो बंद नहीं करेगी इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने चीनी वैज्ञानिक मित्र की दवा पूरी तरह से बंद करके देखें और फिर 1 महीने बाद मुझे बताएं कि किसी तरह का सुधार हुआ कि नहीं। 

जापानी वैज्ञानिक मित्र ने पूछा कि क्या आप किसी तरह की भारतीय जड़ी बूटी नहीं देंगे तब मैंने उनसे कहा कि इसकी जरूरत नहीं है। मुझे लगता है कि इस सावधानी से ही उनकी बिटिया की समस्या का पूरी तरह से समाधान हो जाएगा।

 एक हफ्ते बाद उन्होंने फिर से संपर्क किया और बताया कि अब उनकी बिटिया पूरी तरह से ठीक हो चुकी है। वह बहुत खुश है। वैज्ञानिक महोदय ने चिंता प्रकट की कि चीनी वैज्ञानिक मित्र की दवा बंद करने से अब बिटिया की तबीयत बार-बार बिगड़ेगी।

 इसके लिए क्या कोई उपाय है? मैंने कहा कि इसके लिए यह उपाय है कि आपके चीनी वैज्ञानिक मित्र अपने नुस्खे से Cercidiphyllum नामक वनस्पति को पूरी तरह से हटा दें और अगर वे इसके लिए तैयार नहीं है तो मैं आपको एक जापानी वनस्पति का नाम बताता हूं। उसका प्रयोग वे अपने नुस्खे में करेंगे तो नुस्खे का यह दोष पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा।

 इस तरह पूरे मामले की वैज्ञानिक विवेचना करने से इसका समाधान निकल गया और सभी ने राहत की सांस ली। 


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