Consultation in Corona Period-95
Consultation in Corona Period-95
Pankaj Oudhia पंकज अवधिया
"एक वेंटीलेटर के लिए हम तरस गए।
प्रोफेसर साहब ने इस शहर के हजारों लोगों को पढ़ाया है और सभी उन्हें जानते हैं पर कोई उनके लिए एक वेंटिलेटर का इंतजाम नहीं कर सकता।
ऐसी एहसान फरामोशी की हमें बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी।"
स्थानीय प्रोफेसर की पत्नी मुझसे शिकायत भरे लहजे में कह रही थी।
उन्होंने मुझे फोन किया था कि मैं तुरंत ही उनके पास आ जाऊं। उनके पति की हालत बिल्कुल भी ठीक नहीं है।
उन्हें सांस लेने में बहुत दिक्कत हो रही है और उन्हें वेंटिलेटर पर रखना बहुत जरूरी है।
वेंटीलेटर की बड़ी किल्लत है और बड़े से बड़ा हॉस्पिटल भी इसके लिए तैयार नहीं दिख रहा है।
मैंने उनसे पूछा कि वे क्या अभी कोरोनावायरस प्रभावित है? तो उन्होंने कहा कि हां।
पूरे लक्षण कोरोनावायरस के हैं। बेहतर होगा कि आप उनकी चिकित्सा कर रहे डॉक्टर से सीधे बात कर लें। वे ही आपको पूरी जानकारी विस्तार से दे सकते हैं।
जब मैंने उनके डॉक्टर से बात की तो उन्होंने बताया कि यह कोरोनावायरस का मामला नहीं है। प्रोफेसर साहब 75 वर्ष के हैं और उन्हें सांस की बीमारी है जो कि इस समय उग्र हो गई है।
उन्हें सांस लेने में बहुत तकलीफ हो रही है और खून में ऑक्सीजन का स्तर तेजी से घटता जा रहा है।
पहले हमें लगा कि यह कोरोनावायरस के कारण है पर दो बार जब हमने जांच कराई तो दोनों ही बार रिपोर्ट नेगेटिव आई।
उनके परिवार में दो लोगों को कोरोना हो चुका है और उनमें से एक की जान जा चुकी है।
उनकी पत्नी सही कह रही है कि सारे लक्षण कोरोनावायरस जैसे हैं। पर रिपोर्ट में कुछ भी न आने के कारण हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं।
सुरक्षा के नाम पर हम उन्हें Hydroxychloroquine दे रहे हैं पर उनकी स्थिति बेहद चिंताजनक है।
हम उन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं करना चाहते क्योंकि अस्पताल कोरोनावायरस के मरीजों से भरा पड़ा है और क्योंकि ये कोरोनावायरस प्रभावित नहीं है इसलिए उनको ऐसे अस्पताल में ले जाकर वेंटिलेटर पर रखना ठीक नहीं होगा।
मैंने इस जानकारी के लिए डॉक्टर को धन्यवाद दिया और कहा कि इस मामले में मेरी क्या भूमिका हो सकती है?
उन्होंने कहा कि हम इस मामले को पूरी तरह से देख रहे हैं। आप उन्हें Functional foods सुझा सकते हैं और यह भी बता सकते हैं कि इस अवस्था में उन्हें कौन सी हर्बल मेडिसिन लेनी चाहिए।
मैंने उनसे कहा कि मैं उन्हें Functional foods सुझा सकता हूं पर क्या वे इस स्थिति में इनका प्रयोग कर पाएंगे?
हर्बल मेडिसिन सुझाना मेरे अधिकार क्षेत्र के बाहर है वह भी इस उग्र अवस्था में। फिर भी मैं अपनी ओर से पूरी मदद करने की कोशिश करूंगा।
मैंने उनकी सारी रिपोर्ट मंगाई और फिर उनका एक वीडियो भी मंगाया ताकि मैं यह देख लूँ कि उनकी वर्तमान में कैसी हालत है।
मुझे जब वीडियो मिला तो उसमें यह दिखाया गया था कि वे कैसे भोजन कर रहे हैं। जब वीडियो के अंतिम भाग में मैंने देखा कि वे सिगरेट का सेवन कर रहे हैं तो मुझे बहुत अधिक क्रोध आया।
मैंने उनकी पत्नी से कहा कि ऐसी अवस्था में सिगरेट तो पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए। फिर यह किसकी अनुमति से मजे से सिगरेट पी रहे हैं?
उनकी पत्नी ने कहा कि सबकी तरह आपको भी गलतफहमी हो गई है।
दरअसल यह तंबाकू वाली सिगरेट नहीं है बल्कि एक हर्बल सिगरेट है जिसका प्रयोग वे पिछले 10 सालों से कर रहे हैं।
वे इसे बांग्लादेश से मंगाते हैं और आज इस कोरोना के समय में बांग्लादेश से किसी ने इनको बताया है कि यह सिगरेट कोरोना को खत्म करेगी इसलिए आजकल उन्होंने इसकी संख्या बढ़ा दी है।
उनकी पत्नी ने यह भी बताया कि वे तरह-तरह की हर्बल मेडिसिन का प्रयोग कर रहे हैं जो कि गोमूत्र पर आधारित है।
डॉक्टर ने इन मेडिसिन के मनमाने प्रयोग पर अंकुश लगाने का परामर्श दिया है पर वे किसी की नहीं मानते हैं।
हां पर बहुत अधिक पीछे पड़ने पर वे डॉक्टर द्वारा दी जा रही Hydroxychloroquine का प्रयोग भी कर रहे हैं।
मैंने उनके द्वारा ली जा रही दवाओं के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की और फिर मेरा ध्यान हर्बल सिगरेट की ओर गया।
जब मैंने उसके घटकों के बारे में पता लगाया तो समस्या का समाधान होता नजर आया।
इस सिगरेट में मुख्य घटक के रूप में Blumea का प्रयोग किया गया था। इस वनस्पति का प्रयोग सांस रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है।
आंतरिक दवा के रूप में भी और हर्बल सिगरेट के रूप में भी। भारत की पारंपरिक चिकित्सा में इस वनस्पति का उपयोग पीढ़ियों से होता रहा है और इससे किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता है।
जब मैंने Blumea की पारंपरिक और आधुनिक दवाओं के साथ होने वाली संभावित प्रतिक्रिया के बारे में जानकारी के लिए अपने डेटाबेस को खंगाला तो बड़ी रुचिकर जानकारी प्राप्त हुई।
असम के बहुत से पारंपरिक चिकित्सकों ने यह बताया था कि जब मलेरिया की दवा के साथ में हर्बल सिगरेट का प्रयोग किया जाता है तो यह हर्बल सिगरेट अपने गुणों के विपरीत काम करने लग जाती है अर्थात श्वास रोगों को बहुत अधिक बढ़ा देती है और फेफड़े काम करना बंद कर देते हैं।
अगर इस पर समय से ध्यान नहीं दिया गया तो स्थिति बहुत बिगड़ जाती है और रोगी की जान पर भी बन आती है।
मैंने डेटाबेस में इस बारे में विस्तार से लिखा है और ऐसे 10,000 से अधिक मामलों के बारे में विशेष टिप्पणी सहित जिक्र किया है।
मलेरिया की दवा पढ़ते ही मेरे मन में Hydroxychloroquine का नाम आया और इस संभावित इंटरेक्शन के बारे में मैंने उनके डॉक्टर से बात की।
डॉक्टर ने कहा कि किसी भी हालत में Hydroxychloroquine का प्रयोग जरूरी है क्योंकि यह कोरोनावायरस के लक्षणों को कम करने में काफी हद तक सक्षम है।
आप उनसे कहे कि वे इस हर्बल सिगरेट का प्रयोग कुछ समय के लिए रोक दें। इससे उनकी स्थिति में सुधार आ सकता है।
प्रोफेसर साहब हर्बल सिगरेट छोड़ने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थे। इससे होने वाले संभावित नुकसानों के बारे में मैंने उन्हें लंबे समय तक समझाया पर वे टस से मस नहीं हुए।
उनकी स्थिति तेजी से बिगड़ती जा रही थी।
उनके बेटे ने कहा कि हम जबरदस्ती करके भी उनकी सिगरेट को छुड़ा सकते हैं पर इससे वे मानसिक रूप से प्रभावित होंगे और हो सकता है इससे उनकी बीमारी और बढ़ जाए।
यह भी हो सकता है कि वे Hydroxychloroquine का प्रयोग करना बंद कर दें।
अंततः डॉक्टर को ही Hydroxychloroquine का प्रयोग बंद करना पड़ा। 2 से 3 दिन में उनकी तबीयत में सुधार होने लगा और 5 दिनों के बाद यह सुनिश्चित हो गया कि अब किसी भी प्रकार के वेंटिलेटर की जरूरत नहीं है।
उनकी सांस बिल्कुल ठीक हो गई थी और खून में ऑक्सीजन की आपूर्ति भी ठीक से हो रही थी।
इसका मतलब यही था कि यह कोरोनावायरस नहीं था बल्कि ड्रग इंटरेक्शन का मामला था।
मुझे इस बात का संतोष है कि मेरा ज्ञान इस मामले में काम आया और अनावश्यक ही वे खतरे में पड़ने से बच गए।
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