Consultation in Corona Period-86
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Pankaj Oudhia पंकज अवधिया
"मुझे यह बताते हुए बहुत शर्म आ रही है कि पिछले हफ्ते मैंने अपनी पत्नी का बलात्कार करने की कोशिश की और 25 वर्ष के लंबे वैवाहिक संबंध में पहली बार उस पर हाथ उठाया।
इससे दुखी होकर उसने अगले ही दिन आत्महत्या करने की कोशिश की और उसके बाद मैं बहुत बुरी तरह से परेशान हो गया। डिप्रेशन में चला गया।
मुझे मालूम है कि मुझे आजकल इतना अधिक गुस्सा क्यों आ रहा है? क्यों मेरे अंदर का जानवर उग्र होने लगा है?
इसका एक ही कारण है और वह है रात को ठीक से नींद न आना।
मैं एक बड़ी कंपनी का डायरेक्टर हूँ और दिन भर तनाव से जूझता रहता हूँ। रात को मुझे अच्छी नींद की आवश्यकता है।
जब रातों की नींद गायब हो गई तब मैंने चिकित्सक से मुलाकात की और उनसे Eszopiclone नामक दवा ली।
इस दवा से भी मुझे किसी तरह की राहत नहीं मिली तो मैंने तीन तरह की आयुर्वेदिक दवायें लेनी शुरू की।
दो दवायें तो ब्राम्ही से युक्त थी जबकि एक दवा में सालपर्णी नामक जड़ी-बूटी डाली गई थी।
इन सभी दवाओं के प्रयोग के बाद भी नींद की समस्या जस की तस रही। नींद न आने के कारण दिनभर ऑफिस में तनाव और बढ़ जाता है और मेरे साथी मेरे बदले हुए व्यवहार पर बहुत अधिक आश्चर्य व्यक्त करते हैं।
कल ही मैंने अपने ड्राइवर की पिटाई कर दी। ऑफिस से लौटते हुए मेरी कार एक दूसरी कार से टकरा गई और मैं अनावश्यक ही दूसरे व्यक्ति से उलझ पड़ा।
जब मैंने इस समस्या के लिए एक योगाचार्य की सहायता ली तो उन्होंने एक अच्छा रास्ता दिखाया।
उन्होंने मुझसे कहा कि जब भी रात में नींद कम आने के कारण सुस्ती लगे तो थोड़ी देर शांत बैठ कर सूर्यभेदी प्राणायाम का प्रयोग कर लिया करें। इससे आपको तुरंत ऊर्जा मिल जाएगी।
भले ही आप रात भर जागे क्यों न हो। इस प्राणायाम से मुझे बहुत अधिक लाभ हो रहा है और इसी की बदौलत शायद मैं दिनभर ऑफिस में सक्रिय रह पाता हूँ।
आधुनिक और आयुर्वेदिक दवा के सफल न होने पर मैंने होम्योपैथी दवा का प्रयोग करना शुरू किया और अभी मैं 6 प्रकार की होम्योपैथिक दवा का प्रयोग कर रहा हूँ।
ये सभी दवाएं नींद लाने में कारगर है ऐसा चिकित्सक बताते हैं पर ये मुझ पर असर नहीं कर रही हैं। ऑफिस में अपने एक साथी के कहने पर मैंने यूनानी दवा भी शुरू की है।
इन सब दवाओं को पानी के साथ बार-बार रात को लेने से बचने के लिए मैं इन सभी दवाओं को शराब के गिलास में डाल लेता हूँ और एक घूंट में पी जाता हूँ।
मुझे ऑफिस में दिनभर सक्रिय रहना पड़ता है इसलिए मैं चाय का बहुत अधिक शौकीन हूँ। चाय यानी कड़क चाय।
दिन में कई कप चाय मेरे लिए आम बात है और यह मेरे लिए संजीवनी का काम कर रही है।
इसके अलावा मैं सुबह नाश्ते के बाद दूध के साथ सफेद मूसली के एक नुस्खे का प्रयोग करता हूँ ताकि मैं बिना बीमार पड़े लंबे समय तक के ऑफिस को सम्भाल सकूँ।
मैं आपको बताना चाहता हूँ कि मैं सप्ताह में एक दिन भी छुट्टी नहीं लेता हूँ और पिछले 20 वर्षों से मैंने एक भी दिन बर्बाद नहीं किया है।
मैंने आपसे परामर्श का समय इसलिए लिया है ताकि आप मुझे इन सब दवाओं के अलावा कुछ और दवाएं बता सके जो कि पारंपरिक चिकित्सा में प्रयोग की जाती है और मेरी नींद की समस्या का समाधान कर सकती हैं।
मैंने आपके लेखों में पढ़ा है कि आप मेडिसिनल राइस के बारे में भी बहुत जानकारी रखते हैं। अगर आप मेडिसिनल राइस सुझा सके तो बहुत मेहरबानी होगी।"
लखनऊ की बड़ी कंपनी के डायरेक्टर मुझसे फोन पर बात कर रहे थे और विस्तार से अपनी समस्या के बारे में बता रहे थे।
मैंने उन्हें कहा कि आप वैसे ही इतनी सारी दवाई ले रहे हैं। दुनिया भर की तरह तरह की चिकित्सा पद्धतियों का सहारा ले रहे हैं। अब इस पर आप मुझसे भी कुछ दवायें चाहते हैं यह संभव नहीं है।
इतनी सारी दवाएं आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को पूरी तरह से समाप्त कर देंगी।
आप इतनी सारी दवाई ले रहे हैं पर यह बड़े आश्चर्य की बात है कि आपकी समस्या का समाधान पूरी तरह से नहीं हो रहा है।
मैंने उन्हें परामर्श दिया कि वे सूर्यभेदी प्राणायाम का प्रयोग कुछ समय के लिए रोक दें और उन्हें विस्तार से समझाया कि इस प्राणायाम की आपकी नींद की Eszopiclone नामक दवा के साथ विपरीत प्रतिक्रिया होती है।
आपकी नींद की दवा शायद इसीलिए काम नहीं कर रही है।
उन्होंने कहा कि वे सूर्यभेदी प्राणायाम का प्रयोग कुछ समय के लिए रोक देंगे और फिर 10 दिनों के बाद वे फिर से समय लेकर प्रगति के बारे में बताएंगे।
अगली बार जब उनका फोन आया तो उन्होंने बताया कि उनकी नींद की समस्या का काफी हद तक समाधान हो गया है पर अभी भी उन्हें बहुत अच्छी नींद नहीं आती है।
मैंने उन्हें परामर्श दिया कि वे सफेद मूसली का प्रयोग तुरंत ही रोक दें क्योंकि सफेद मूसली की उनकी सालपर्णी पर आधारित दवा से विपरीत प्रतिक्रिया होती है और सालपर्णी पर आधारित दवा ठीक से काम नहीं कर पाती है।
उन्होंने मेरी बात को मानने का फैसला किया और फिर 10 दिनों बाद उनका जब फिर से फोन आया तो उन्होंने बताया कि सफेद मूसली का प्रयोग सालपर्णी के नुस्खे के साथ रोक देने से अब उन्हें बहुत कम क्रोध आता है और वे सबसे अच्छे से बात कर पा रहे हैं।
उनकी पत्नी भी इस परिवर्तन को मान रही है।
मैंने उन्हें परामर्श दिया कि वे होम्योपैथी दवा का प्रयोग पूरी तरह से रोक दें और उन्हें समझाया कि होम्योपैथी के दक्ष चिकित्सक होम्योपैथी की केवल एक दवा ही देते हैं।
यदि कोई चिकित्सक आपको एक से अधिक दवा एक साथ दे रहे हैं तो इसका यह मतलब है कि उन चिकित्सक को या तो होम्योपैथी पर विश्वास नहीं है या स्वयं अपने आप पर।
ऐसे चिकित्सकों से चिकित्सा कराना व्यर्थ है। अगर आपकी समस्याओं को कोई होम्योपैथी चिकित्सक अच्छे से जानता है तो वह एक दवा से ही 1 हफ्ते या ज्यादा से ज्यादा 15 दिनों के अंदर आपकी समस्या का पूरी तरह से समाधान कर देगा।
इससे अधिक लंबे समय तक इन दवाओं का अनावश्यक प्रयोग करने से कोई मतलब नहीं है। उन्होंने मेरी बात मानी और अपनी सारी होम्योपैथी दवाईयाँ बंद कर दी।
मैंने उन्हें यह भी परामर्श दिया कि आप चाय का प्रयोग कम कर दे और कोशिश करें कि सोने के 6 घंटे पहले तक चाय का किसी भी प्रकार से उपयोग न करें।
उन्होंने मेरी बात मानी और जब अगली बार उन्होंने परामर्श का समय लिया तो उन्होंने बताया कि उनके जीवन में आमूलचूल परिवर्तन आया है और कई सालों के बाद पति पत्नी के रिश्ते में आश्चर्यजनक तरीके से सुधार आया है।
मैंने उन्हें परामर्श दिया कि आप अपनी दवाओं को शराब में डालकर पीना बंद करें तो उन्होंने बताया कि केवल अच्छी नींद न आने के कारण ही वे शराब का प्रयोग कर रहे थे।
जब से अच्छी नींद आनी शुरू हुई है तब से उन्होंने शराब का प्रयोग पूरी तरह से बंद कर दिया है।
उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने अपने ड्राइवर से क्षमा मांग ली है और अपनी पत्नी से भी।
मैंने उन्हें शुभकामनाएं दी और कहा कि यदि उन्हें अच्छे से नींद आ रही है तो फिर वे सालपर्णी पर आधारित नुस्खे का प्रयोग करना बंद कर दें और सफेद मूसली का सेवन वे फिर से शुरू कर सकते हैं।
मैंने उनसे यह भी कहा कि आप चाहे तो मैं आपको सफेद मूसली का एक दूसरा नुस्खा बता सकता हूँ जो आपकी ताकत तो बढ़ाएगा।
आपकी रोग प्रतिरोधक शक्ति को भी ठीक रखेगा पर आपके अंदर बहुत अधिक क्रोध उत्पन्न होने से आपको बचाएगा।
वे इस बात के लिए तैयार हो गए। मैंने उन्हें एक फार्मूला सुझा दिया जो कि भारत की पारंपरिक चिकित्सा में पीढ़ियों से उपयोग हो रहा है।
इस तरह बिना किसी नई दवा के उनकी इस गंभीर समस्या का पूरी तरह से समाधान हो गया।
उन्होंने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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