Consultation in Corona Period-102
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Pankaj Oudhia पंकज अवधिया
"अगर आपके बेटे पर काला जादू किया गया है तो आप पुलिस में रिपोर्ट लिखाईये या मैं आपको अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति का पता देता हूँ। आप उनके संस्थापक से जाकर मिले वे आपकी समस्या का समाधान करेंगे।
इन सबमें एक वैज्ञानिक की भला क्या भूमिका हो सकती है।"
कोलकाता से आए एक अति संपन्न परिवार के बेटे की समस्या के लिए यह चर्चा चल रही थी। उन्हें शक था कि एक तांत्रिक ने उनके बेटे पर काला जादू कर दिया है जिससे उसके शरीर का रंग पूरी तरह से काला पड़ता जा रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि वह तांत्रिक कोलकाता का है और अगर आप चाहे तो उस तांत्रिक से बात भी कराई जा सकती है।
मेरे जवाब को सुने बिना उन्होंने आनन-फानन में फोन लगाया और मेरी सीधी बात तांत्रिक से करा दी।
तांत्रिक को मैंने अपना परिचय दिया और अपने पास आए परिवार के बारे में जानकारी दी। तांत्रिक ने बताया कि वह उस परिवार को अच्छे से जानता है।
अपनी व्यापारिक समस्याओं के कारण वह परिवार उनके पास आया था और उन्होंने बहुत सारे उपाय उन्हें सुझाये थे। कुछ समय तक उस परिवार ने इन उपायों को अपनाया फिर अचानक यह आरोप लगाने लगा है कि बेटे की बिगड़ती स्थिति के लिए तांत्रिक ही जिम्मेदार है।
तांत्रिक ने बड़े ही सधे हुए शब्दों में मुझसे आगे कहा कि अगर मुझमें इतनी शक्ति होती कि मैं अपने जादू से किसी का बिगाड़ कर सकता तो यहां दुकान खोलकर दस रुपये के लोहे के छल्ले शनि के नाम पर नहीं बेचता होता। यह मेरा कोई जादू नहीं है बल्कि उनके मन का भ्रम है। यह कहकर फोन रख दिया।
मैंने कोलकाता से आए परिवार से साफ शब्दों में कहा कि यह आपके और तांत्रिक के बीच की बात है। उसमें आप मुझे मत शामिल करिए। रही बात शरीर के काला पड़ने की तो मैं आपको इस बारे में परामर्श दे सकता हूँ।
यदि आप मुझे बताएंगे कि यह युवक किस तरह की दवाओं का सेवन कर रहा है और साथ ही कैसी खाद्य सामग्री का प्रयोग करता है, तो मेरी राह आसान हो जाएगी।
उन्होंने बाहर कार में बैठे अपने बेटे को बुला लिया। मैंने ध्यान से जब बेटे को देखा तो वह पूरी तरह से रत्नों से लदा हुआ था। उसके हाथों की सभी अंगुलियों में कम से कम दो रत्न थे।
अंगूठे में भी रत्नों की अंगूठियां थी। गला भी रत्नों से भरा हुआ था। अगर उसकी दस और अंगुलियाँ होती तो उनमें भी वह रत्नों को पहनने में देर नहीं करता।
उसकी मुख्य समस्या यह थी कि उसका शरीर पिछले कुछ समय से काला पड़ता जा रहा था और तांत्रिक ने बताया था कि ऐसा किसी भयंकर बीमारी के कारण हो रहा है। उस पर भयंकर संकट आने वाला है और उसके लिए अभी से उसे उपाय करने चाहिए।
इन्हीं उपायों के तौर पर उसने कुछ रत्न इस युवक को सुझाये थे। युवक ने इस तांत्रिक के अलावा देश के बहुत से तांत्रिकों से सलाह ली थी और जिन नए तांत्रिकों के पास वह जाता रहा वे एक के बाद एक नए रत्न उसे देते रहे और आश्वस्त करते रहे कि इससे उसके शरीर की समस्या का पूरी तरह से समाधान हो जाएगा।
मुझे बताया गया कि वह किसी भी प्रकार की दवा नहीं लेता है। जब उसे बुखार होता है तो वह गिलोय का प्रयोग कर लेता है। जब उसे नींद नहीं आती है तो वह मण्डूकपर्णी का प्रयोग कर लेता है।
जब उसका पेट साफ नहीं होता है तो वह इसबगोल का प्रयोग कर लेता है। जब उसे शरीर में किसी प्रकार की एलर्जी होती है तो हल्दी का प्रयोग कर लेता है।
जब उसे ताकत की जरूरत होती है तो अश्वगंधा का प्रयोग कर लेता है। जब उसे शुगर की प्रॉब्लम होती है तो गुड़मार का प्रयोग कर लेता है पर डॉक्टरों से किसी भी तरह की दवाई लगातार नहीं लेता है।
उसने बताया कि डॉक्टरों ने उसके शरीर के काले पड़ने का कोई कारण नहीं बताया है। इसके बावजूद सभी ने उसे तरह-तरह की दवाएं सुझाई हैं पर उसे डॉक्टरों से अधिक तांत्रिकों पर विश्वास है इसलिए वह डॉक्टरों की दवाओं को नहीं ले रहा है।
लंबी बातचीत के बाद मैंने उससे कहा कि वह शायद मुझसे कुछ छुपा रहा है क्योंकि वह जिन श्रेष्ठ औषधीयों की बात कर रहा है उनसे तो इस तरह के लक्षण नहीं आ सकते हैं।
मैंने उसे बताया कि बहुत सारे लोग मुझसे मिलने आते हैं तो वे अच्छा बनने की कोशिश करते हैं और उनके पास जो जड़ी-बूटियों का कागजी ज्ञान होता है उसे ही मेरे सामने प्रस्तुत कर कहते हैं कि उसका ही वे प्रयोग कर रहे हैं। फिर भी न जाने क्यों उनको ऐसी समस्याएं हो रही है?
यदि आप मुझसे कुछ छुपायेंगे तो मैं आपकी समस्या का समाधान कैसे कर पाऊंगा?
इसके बाद भी उस युवक ने साफ शब्दों में कहा कि वह किसी भी तरह की दवाओं का प्रयोग नहीं कर रहा है। न ही शराब का सेवन करता है न ही तंबाकू का प्रयोग करता है और किसी प्रकार की नशीली दवाई भी नहीं लेता है।
मैंने उससे पूछा कि क्या वह रात को सोते समय भी रत्नों को इसी तरह अपने शरीर पर लादे रहता है तो उसने कहा कि हां, चौबीसों घंटे इन रत्नों को पहनना होता है और क्योंकि ये रत्न बहुत महंगे हैं इसलिए हमेशा दो बॉडीगार्ड साथ में रखना होता है।
किसी भी तरह का समाधान जब नहीं दिखा तो मैंने उसे परामर्श दिया कि वह मेरे पहचान के आयुर्वेदिक चिकित्सक के पास जाए। हो सकता है वे इस बारे में बेहतर मार्गदर्शन दे सके। वह इस बात के लिए तैयार हो गया और आयुर्वेदिक चिकित्सक से मिलने के लिए चला गया।
दो-तीन महीने तक उसकी दवा चलती रही पर उसे किसी भी प्रकार का लाभ नहीं हुआ और उसके शरीर का कालापन बढ़ता ही गया।
कुछ महीनों में उसका विवाह होने वाला था और वह बहुत अधिक चिंतित था।
उसने फिर से मुझसे मिलने का समय लिया और बताया कि आपके द्वारा बताए गए आयुर्वेदिक चिकित्सक की दवाओं से किसी भी प्रकार का लाभ नहीं हो रहा है। उससे शरीर की ताकत तो बढ़ जा रही है पर शरीर का कालापन किसी भी तरह से खत्म नहीं हो रहा है।
मैंने एक बार फिर से उससे उसके खानपान के बारे में विस्तार से जानकारी मांगी और उसके द्वारा ली जा रही दवाओं के बारे में पूछा पर इस लंबी बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला और मैं किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाया।
मैंने उससे कहा कि वह कल फिर मेरे पास आए। मैं रात भर इस पर अध्ययन करूंगा। हो सकता है कि कोई समाधान निकल जाए। वह इस बात के लिए तैयार हो गया और अपने होटल की ओर चला गया।
उसके जाने के बाद छत्तीसगढ़ के एक बुजुर्ग पारंपरिक चिकित्सक मुझसे मिलने आए और आते ही मुझसे उन्होंने कहा कि क्या आप शादी करने जा रहे हैं?
मैंने कहा कि इस उमर में शादी? अब तो अगले जन्म में ही शादी करनी होगी। अभी तो उम्र निकल चुकी है पर आप ऐसा क्यों पूछ रहे हैं?
उन्होंने कहा कि आप प्रेम फूल का इस्तेमाल कर रहे हैं। वह प्रेम फूल जो तांत्रिकों द्वारा प्रयोग किया जाता है लड़कियों को आकर्षित करने के लिए।
मैंने सोचा कि वे मजाक कर रहे हैं पर वह बड़े गंभीर थे।
मैंने पूछा कि आपको प्रेम फूल की बात कैसे महसूस हुई? मैंने तो इस बारे में आपसे कोई बात नहीं की।
उन्होंने कहा कि आपके कमरे में प्रेम फूल की खुशबू भरी हुई है। मैंने ध्यान दिया तो पता चला कि वह सही कह रहे हैं।
पता नहीं क्यों पहले मेरा ध्यान इस ओर गया ही नहीं। प्रेम फूल की थोड़ी नहीं बहुत तेज सुगंध कमरे में भरी हुई थी।
दिमाग पर जोर देने पर यह स्पष्ट हुआ कि जो युवक इससे पहले मुझसे मिलने आया था उसने प्रेम फूल का इस्तेमाल किया था पर उसने यह बात तो मुझे बताई नहीं थी। मैंने पारंपरिक चिकित्सक को धन्यवाद दिया।
उन्होंने एक बड़ी समस्या का समाधान बता दिया था।
छत्तीसगढ़ की तांत्रिक चिकित्सा में प्रेम फूल का प्रयोग किया जाता है। इसमें बहुत अधिक सुगंध होती है और प्रेमी को कहा जाता है कि वह इस फूल के पानी से स्नान करके प्रेमिका के पास जाए।
ऐसी मान्यता है कि प्रेम फूल की सुगंध से प्रेमिका आकर्षित हो जाती हैं और बिना किसी देरी के विवाह का प्रस्ताव दे देती हैं। यह एक मान्यता भर है और यह प्रचलन में है।
इस नाम पर तांत्रिक बहुत अधिक पैसे लेकर अति संपन्न परिवार के युवकों को ठगते रहते हैं और बिचारे युवक इसका प्रयोग करके यह सोचते हैं कि वे जल्दी ही लड़कियों से घिर जाएंगे पर वास्तव में ऐसा नहीं होता है।
इसके प्रयोग की साधारण विधि यह है कि प्रेम फूल को पानी में भिगोया जाता है। फिर उस पानी से स्नान किया जाता है।
दूसरे दिन जब वह युवक फिर से मिलने आया तो मैंने उससे प्रेम फूल के बारे में पूछा। उसने आश्चर्य से आंखें चुराते हुए कहा कि आपको कैसे मालूम कि मैं प्रेम फूल का इस्तेमाल करता हूँ?
मैंने उल्टा प्रश्न पूछा कि अगर तुम प्रेम फूल का इस्तेमाल करते हो तो मुझे सारी जानकारी देनी चाहिए थी। मैं पहले ही तुम्हारी समस्या का समाधान कर देता।
उसने कहा कि प्रेम फूल तो विवाह से संबंधित है। इसका मेरे शरीर के काला पड़ने से क्या संबंध?
मैंने कहा कि बिल्कुल संबंध है। तुम जिस विधि से प्रेम फूल का इस्तेमाल कर रहे हो उसके कारण प्रेम फूल का पानी जिस स्थान पर लग रहा है वह स्थान काला होता जा रहा है।
तुम्हें तांत्रिक ने कहा होगा कि तुम प्रेम फूल को पानी में भिगो दो और उस पानी से स्नान करो पर मुझे लगता है कि तुमने अधिक दिमाग लगाया और प्रेम फूल का काढ़ा बनाया। काढ़े से तुम स्नान कर रहे हो इसीलिए तुम्हारा शरीर काला पड़ता जा रहा है।
उसने कहा कि गलती मेरी नहीं है। तांत्रिक ने मुझे ऐसा बताया कि काढ़े से स्नान करने से अधिक लाभ होता है और लड़कियां बहुत तेजी से आकर्षित होती हैं।
मैंने कहा कि प्रेम फूल के काढ़े का शरीर पर बहुत बुरा असर होता है और एक बार कालापन आ जाने पर उसे ठीक होने में कई साल लग जाते हैं। इसलिए सबसे पहला उपाय तो यही है कि तुम इस काढ़े का प्रयोग तुरंत रोक दो।
इससे कालापन की समस्या कुछ समय के लिए रुक जाएगी। उसके बाद मैं एक जड़ी बूटियों का लेप तुम्हें देता हूँ। उसे लगाकर लंबे समय तक स्नान करते रहो।
संभव है कि कुछ सालों में तुम्हारा रंग फिर से वापस आना शुरू हो जाए।
उसने कहा कि मेरा विवाह तो कुछ महीनों बाद होने वाला है। यदि मैं काला होता रहा तो मेरी शादी टूट जाएगी।
मैंने कहा कि तुम चाहो तो वधु पक्ष वालों से मेरी बात करा सकते हो। मैं उन्हें पूरी समस्या विस्तार से बता दूंगा।
विवाह मन को देखकर किया जाता है तन को देखकर नहीं। मुझे विश्वास है कि वे इस कालेपन के कारण तुमसे रिश्ता नहीं तोड़ेंगे।
उसने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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