Consultation in Corona Period-69

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Pankaj Oudhia पंकज अवधिया


"मेरे बेटे की प्लेटलेट्स की संख्या बहुत तेजी से कम होती जा रही है। Idiopathic thrombocytopenic purpura (ITP) जैसे लक्षण आ रहे हैं।


 स्थिति इतनी बुरी है कि Spleen को ऑपरेट करके निकालने की जरूरत डॉक्टर बता रहे हैं। इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा बना हुआ है।


 बेटे को मार्च में कोविड-19 का अटैक हुआ था। यह मध्यम श्रेणी का था इसलिए उसकी जान बच गई।


 वह लंदन से लौटा था इस बीमारी को साथ लेकर। अब कोविड-19  से उबर जाने के बाद आईटीपी जैसे लक्षण उसकी जान के लिए खतरा बने हुए हैं।


 बहुत सारी दवाएं उसे दी जा रही हैं। दुनिया भर के डॉक्टरों से मैं जुड़ा हुआ हूं फिर भी कोई समाधान निकलता नहीं दिख रहा है। 


मैंने आपके बहुत सारे शोध पत्र इस रोग के ऊपर देखे हैं इसलिए आपको इस आशा के साथ संदेश भेज रहा हूं कि आप कुछ मदद कर सकेंगे।


 क्या पारंपरिक चिकित्सा में ऐसी कोई दवा है जो कि आधुनिक दवा के साथ मिलकर काम कर सके?


 यदि कोई कारगर दवा है तो हम आधुनिक दवा को बंद भी कर सकते हैं। आप थोड़ा विशेष ध्यान देकर मेरे बेटे को अपना बेटा समझ कर इस केस को देखने का कष्ट करें।"


चेन्नई के एक जाने-माने डॉक्टर का यह संदेश जब आया तो मैंने उनसे कहा कि आप मुझे सारी रिपोर्ट भेजें और इस तकलीफ के अलावा बेटे को और कौन-कौन सी समस्याएं हैं उसके बारे में विस्तार से बताएं। 


मैंने उन्हें आश्वस्त किया कि मुझसे जो भी बन पड़ेगा मैं मदद करूंगा।


 जब उन्होंने रिपोर्ट भेजी तो मुझे पता चला कि उसे डायबिटीज की भी समस्या है और उसकी भी दवा ले रहा है।


 मैंने उन्हें परामर्श दिया कि आप राजस्थान के एक पारंपरिक चिकित्सक से बात कर सकते हैं जोकि Idiopathic thrombocytopenic purpura (ITP) की चिकित्सा में महारत रखते हैं और मैंने बहुत सारे मामलों में उन्हें सफल होते हुए देखा है।


 उन्होंने मेरा धन्यवाद दिया और फिर उन्होंने राजस्थान के पारंपरिक चिकित्सक से सलाह ली।


 सारी रिपोर्ट पढ़ने के बाद पारंपरिक चिकित्सक ने कहा कि इस अवस्था में यह रोग उनके बस की बात नहीं है और उन्होंने झारखंड के एक पारंपरिक चिकित्सक के पास उन्हें भेज दिया।


झारखंड के पारंपरिक चिकित्सक ने कई तरह के मेडिसिनल राइस सुझाए और कहा कि इनका प्रयोग आधुनिक दवाओं के साथ हो सकता है पर इन मेडिसिनल राइस से उनके बेटे को अधिक लाभ नहीं हुआ और उन्होंने फिर से मुझसे संपर्क किया।


मैंने उनसे पूछा कि क्या अभी आपका बेटा बात करने की स्थिति में है और मुझसे कुछ लंबे समय तक बात कर सकता है? यदि हां तो आप मेरी फोन से उससे बात कराइए। 


उन्होंने फोन से बात करने की व्यवस्था कर दी। मैंने 2 घंटों का समय लिया और उसके खान पान के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उसको पहले हो चुकी बीमारियों के बारे में भी उससे जानकारी हासिल की।


 उसने बताया कि लंदन में उसे खूनी बवासीर की समस्या थी। इसके लिए वह वहां के स्थानीय भारतीय वैद्य से एक फार्मूला ले रहा था। इस फार्मूले का प्रयोग वह अभी भी कर रहा है। 


इसका मतलब यह था कि वह तीन तरह के फार्मूले का प्रयोग कर रहा था। एक डायबिटीज के लिए, दूसरा बवासीर के लिए और तीसरा अपनी वर्तमान समस्या के लिए।


 यह सुनकर मेरा ध्यान ड्रग इंटरेक्शन की ओर गया। उसने मुझे बताया कि वह डायबिटीज के लिए Glimepiride  नामक आधुनिक दवा का प्रयोग कर रहा है।


 जब मैंने अपना डेटाबेस खंगाला तो मुझे पता चला कि आईटीपी जैसे लक्षण Glimepiride के सीरियस साइड इफेक्ट्स में से एक है पर यह बहुत ही कम मामलों में होता है। 


जब मैंने Glimepiride की भारतीय औषधीयों के साथ होने वाली प्रतिक्रिया के बारे में विस्तार से अध्ययन करना शुरू किया तो मुझे 10 वर्ष पहले सामने आया एक केस याद आया जिसमें मैंने इसी तरह से प्रभावित एक युवक की जान बचाई थी।


 जब मैंने पूछा कि वह बवासीर के लिए कौन-सा फार्मूला उपयोग कर रहा है तो उसने कहा कि इसकी जानकारी उसे नहीं है। अगर आप चाहे तो वह अपने लंदन के वैद्य से बात करा सकता है।


 जब मैंने लंदन के वैद्य से बात की तो पहले तो उन्होंने फार्मूला बताने से इनकार किया फिर बाद में बताया कि वे अलसी पर आधारित एक नुस्खे का प्रयोग करते हैं जो कि एक शास्त्रीय नुस्खा है।


अब समस्या का समाधान होता नजर आ रहा था।


 अपने 30 वर्षों के अनुभव में मैंने यह देखा है कि डायबिटीज की बहुत सी दवाओं के साथ अलसी के नुस्खों की विपरीत प्रतिक्रिया होती है।


 उदाहरण के लिए डायबिटीज की दवा मेटफार्मिन के साथ अलसी के 15,000 से अधिक नुस्खों की विपरीत प्रतिक्रिया होती है जब इन्हें साथ-साथ किसी व्यक्ति को दिया जाता है।


 यदि इस ड्रग इंटरेक्शन पर ध्यान नहीं दिया जाता है तो स्थिति बहुत बिगड़ जाती है।


अलसी के 3000 से अधिक नुस्खे Glimepiride के साथ भी विपरीत प्रतिक्रिया करते हैं।


Glimepiride के सीरियस साइड इफेक्ट की संभावनाओं को बहुत ज्यादा बढ़ा देते हैं।


 युवक से बातचीत के आधार पर मैंने उसके पिता से कहा कि वे कुछ समय के लिए अलसी के बवासीर वाले नुस्खे का प्रयोग पूरी तरह से बंद कर दें और फिर एक हफ्ते बाद मुझसे संपर्क कर स्थिति के बारे में बताएं।


 एक हफ्ते के बाद उनका जब फोन आया तो उन्होंने बताया कि अब ITP  जैसे लक्षण बहुत हद तक कम हो गए हैं और प्लेटलेट्स की संख्या में वृद्धि होने लगी है। 


स्थिति तेजी से सामान्य होती जा रही है।


मैंने उनसे कहा कि अब Glimepiride का उपयोग भी कुछ समय के लिए रोक दे। उसके विकल्प के रूप में दूसरी दवा का प्रयोग करें। और फिर पन्द्रह दिनों के बाद मुझे बताएं।


 पन्द्रह दिनों के बाद उनका फोन आया कि आईटीपी के लिए चल रही आधुनिक दवा भी पूरी तरह से बंद हो चुकी है और उसकी स्थिति सामान्य हो गई है।


 उन्हें इस बात का आश्चर्य हो रहा था कि कैसे डायबिटीज के लिए ली जा रही है Glimepiride की देसी दवा के साथ इतनी भयानक विपरीत प्रतिक्रिया हो रही थी।


 उन्होंने मुझे धन्यवाद दिया और कहा कि वे इस बारे में विस्तार से अपनी चिकित्सक कम्युनिटी में दुनिया भर के डॉक्टरों को बतायेंगे ताकि वे पारम्परिक और आधुनिक दवाओं के बीच होने वाले ड्रग इंटरेक्शन को अच्छे से समझ सके और उस को ध्यान में रखकर ही अपने मरीजों की चिकित्सा करें।


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