Consultation in Corona Period-58
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Pankaj Oudhia पंकज अवधिया
"नींद की दवा से यदि दम घुटने लगे तो भला कौन इसका इस्तेमाल करना चाहेगा।
हम eszopiclone दवा की बात कर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि इस दवा को लेने से दम घुटने जैसा लक्षण नहीं आता है पर यह बहुत कम मामलों में आता है और यह इसका सामान्य साइड इफेक्ट नहीं है।
आप तो जानते ही हैं कि इस दवा का यूरोप में भी प्रयोग होता है।
हम लोगों ने यह देखा है कि हाल के वर्षों में इसका प्रयोग करने वाले बार-बार यह शिकायत करते हैं कि इसे लेते ही कुछ समय बाद दम घुटने जैसा लगता है। वे हड़बड़ाकर उठ बैठते हैं और फिर बाद में इसे लंबे समय तक लेने से हिचकिचाते हैं।"
यूरोप के जाने माने वैज्ञानिकों और चिकित्सकों के एक समूह ने मुझसे संपर्क किया यह जानने के लिए कि इस दवा के प्रयोग से ऐसे लक्षण क्यों आ रहे हैं?
उन्होंने बताया कि ऐसे लक्षण ज्यादातर भारतीय और चीनी समुदाय के लोगों को आ रहे हैं इसलिए वे चाहते हैं कि मैं इस पर अपने विचार प्रस्तुत करूं और यदि संभव हो तो भारतीय और चीनी समुदाय के 100 परिवारों से बात करके यह जानने की कोशिश करूं कि आखिर उनके द्वारा प्रयोग की जा रही किस खाद्य सामग्री या दवाओं के कारण ऐसा हो रहा है।
मैंने उनसे कहा कि मैं आपकी मदद करूंगा।
मैंने 200 प्रश्नों की एक विस्तृत प्रश्नावली तैयार की और उन्हें भेजी।
उनसे कहा कि यह प्रश्नावली उन भारतीय और चीनी परिवारों को दी जाए और उनके विचार इसमें लिखे जाए।
जब प्रश्नावली पूरी तरह से भरकर मेरे पास वापस आई तो मैंने उसका विश्लेषण किया और निष्कर्षों के आधार पर एक और 100 प्रश्नों की प्रश्नावली उन परिवारों के पास भेजी।
जब यह प्रश्नावली वापस आई तो मैंने अपने विश्लेषण के आधार पर इन 100 परिवारों को a,b और c तीन समूहों में बांटा।
ए और बी भारतीय परिवार थे जिन्हें eszopiclone के प्रयोग से दम घुटने की शिकायत हो रही थी जबकि c वर्ग में चीनी परिवार थे।
जिस वैज्ञानिकों और चिकित्सकों के समूह ने मुझसे परामर्श लेने का समय लिया था उस समूह को मैंने विस्तार से पूरी बात बताई।
मैंने कहा कि पहले हम a वर्ग के लोगों के बारे में बात करेंगे।
इस वर्ग के लोगों में एक समान बात यह है कि ये सभी अश्वगंधा पर आधारित कई तरह के नुस्खों का प्रयोग करते हैं।
अश्वगंधा की बहुत कम स्तर पर eszopiclone के साथ नकारात्मक प्रतिक्रिया होती है पर जब अश्वगंधा की खेती के समय उसमें पानी की कमी होती है और फसल प्रभावित होती है तब इस खेती से उत्पन्न हुई अश्वगंधा की इस दवा के साथ बहुत अधिक स्तर पर विपरीत प्रतिक्रिया होती है और तब दम घुटने जैसे लक्षण सामने आते हैं।
इसी तरह यदि अश्वगंधा की जड़ों को ठीक से भंडारित नहीं किया जाता है तो 2 से 3 सालों में वह बेकार हो जाती है।
जब ऐसी जड़ों का प्रयोग नुस्खों में किया जाता है और इन नुस्खों को जब eszopiclone दवा के साथ प्रयोग किया जाता है तो इससे भी अधिक तीव्रता के विपरीत लक्षण आते हैं।
मैंने समूह के विशेषज्ञों से कहा कि जब भी इस दवा को किसी भारतीय परिवार को दें तो स्पष्ट तौर पर कह दे कि वे किसी भी हालत में इसके साथ अश्वगंधा का प्रयोग न करें।
इससे बिना किसी साइड इफेक्ट के eszopiclone नामक दवा का प्रयोग सुरक्षित ढंग से कर सकेंगे।
फिर मैंने वर्ग b के बारे में बताना शुरू किया।
यह वर्ग अश्वगंधा का प्रयोग नहीं करता है पर अधिक मात्रा में आलू का प्रयोग करता है।
सोलेनेसी परिवार के बहुत सारे पौधों की इस दवा के साथ नकारात्मक प्रतिक्रिया होती है जो कई तरह के कारकों पर निर्भर करती है।
इसलिए इस वर्ग के लोगों को यह कहा जाए कि इस दवा का प्रयोग करते समय सोलेनेसी परिवार की सब्जियों का प्रयोग करने से बचें। इससे उन्हें दम घुटने जैसे लक्षण नहीं आएंगे।
तीसरा वर्ग चीनी समुदाय के लोगों का है जो कि लंबे समय से कीड़ा जड़ी नामक औषधि का प्रयोग करते हैं। इस औषधि की eszopiclone दवा के साथ कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है पर यदि इस औषधि को इस दवा को लेने के 1 या 2 घंटे पहले या बाद में दिया जाता है तो दम घुटने जैसी शिकायत होने लगती है।
इसलिए इस वर्ग के सदस्यों को यह सलाह दी जा सकती है कि जब eszopiclone दवा का प्रयोग करें तब उस दिन कीड़ा जड़ी का प्रयोग न करें ताकि किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया होने की संभावना न रहे।
समूह के विशेषज्ञों ने पूरी बात ध्यान से सुनी और कहा कि हम आपकी बात मानेंगे और आपको 3 महीने बाद बताएंगे कि आपके अनुमोदनों का क्या असर रहा।
3 महीनों के बाद उन्होंने फिर से मुझसे संपर्क किया और बताया कि परिणाम उत्साहवर्धक रहे।
ए वर्ग के परिवारों ने अश्वगंधा का प्रयोग रोक दिया है जबकि b वर्ग के परिवारों ने पूरी तरह से सोलेनेसी परिवार की सब्जियों का प्रयोग नहीं रोका है।
वर्ग c के परिवारों ने कीड़ा जड़ी का प्रयोग कुछ हद तक के कम कर दिया है। इससे उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं हो रही है।
आपके अनुभव को वैज्ञानिक आधार प्रदान करने के लिए हम लोग इस पर एक शोध परियोजना तैयार कर रहे हैं ताकि इसे वैज्ञानिक भाषा में समझाया जा सके।
हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप भी इस परियोजना के भाग बने और मार्गदर्शक की भूमिका निभाएं।
मैंने अपनी सहमति दे दी।
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