Consultation in Corona Period-257 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया
Consultation in Corona Period-257
Pankaj Oudhia पंकज अवधिया
"वह तो संजीवनी बूटी ही है जिसने मेरे जीवन को बचा कर रखा हुआ है अन्यथा पिछले 30 सालों में डायबिटीज ने मेरे शरीर को धीरे-धीरे करके पूरी तरह से खत्म कर दिया है। ऐसा नहीं है कि मैंने डायबिटीज की चिकित्सा की ओर ध्यान नहीं दिया। मैंने हर तरह की चिकित्सा पद्धति को अपनाया और खान-पान में विशेष रुप से ध्यान दिया पर फिर भी आप तो जानते ही हैं कि डायबिटीज धीरे-धीरे शरीर को खोखला करता जाता है और लंबे समय में उसका विपरीत असर तो होता ही है चाहे आप कितनी भी दवाओं का प्रयोग करें।
पहले उसने मेरी आंखों की रोशनी छीनने की कोशिश की। इसके लिए मैंने विशेष प्रयास किए और योगाभ्यास के माध्यम से आंखों की घटती हुई रोशनी की समस्या का समाधान कर लिया। इसके बाद उसने मेरे नर्वस सिस्टम पर आक्रमण करना शुरू किया तब मैंने भारत के एक पारंपरिक चिकित्सक से दवा लेनी शुरू की। उन्होंने दावा किया था कि उनकी दवा में मुख्य घटक के रूप में संजीवनी बूटी का प्रयोग किया गया है और उन्होंने आश्वस्त किया था कि इसके प्रयोग से उन्हें डायबिटीज के कारण होने वाली नर्वस सिस्टम की बीमारियों से बाल भी बांका नहीं होगा और ऐसा हुआ भी।
जब डायबिटीज ने मेरी किडनियों को खराब करना शुरू किया तब मैंने बहुत सी दवाओं की तलाश की। यह तलाश मेरे अपने देश में जाकर खत्म हुई और यहां मुझे एक भारतीय वैद्य मिले जो कि मेरी चिकित्सा करने के लिए तैयार हो गए। वे मुझे एक फॉर्मूलेशन दे रहे हैं। इससे मेरी किडनी की समस्या नियंत्रण में है और किडनी की हालत और अधिक नहीं बिगड़ रही है। मैंने आपसे अभी जिस समस्या के लिए परामर्श लेने के लिए संपर्क किया है वह भी डायबिटीज से संबंधित है। पिछले कई सालों से मेरी सभी अंगुलियों के सिरे सूज गए हैं और उनमें किसी भी तरह की संवेदनशीलता नहीं है। ऐसी असंवेदनशीलता मुझे शरीर के विभिन्न भागों में भी महसूस होती है पर वह उतनी अधिक जटिल नहीं है। मेरे चिकित्सकों ने साफ शब्दों में कहा है कि यह डायबिटीज के कारण है और नर्वस सिस्टम के लिए आप जो दवा ले रहे हैं वह लगता है अपना असर नहीं दिखा रही है। यही कारण है कि अंगुलियों के सिरों में सुन्नता के लक्षण आ रहे हैं। मैंने हाथों और पैरों की एक्सरसाइज को बढ़ा दिया है ताकि उंगलियों में खून का संचरण होता रहे। जब मेरी यह समस्या बढ़ती गई तो मुझे शक हुआ कि कहीं संजीवनी बूटी वाले फार्मूले में संजीवनी बूटी के स्थान पर किसी दूसरी बूटी का तो प्रयोग नहीं किया जाने लगा है जिसके कारण मुझे इस तरह की समस्या हो गई है और तेजी से उग्र होती जा रही है। आप एक बार मेरे पारंपरिक चिकित्सक से बात कर ले और इस बात की तसल्ली कर ले कि मुझे असली संजीवनी बूटी वाला ही नुस्खा दिया जा रहा है। हाल के वर्षों में उसमें किसी भी प्रकार का फेरबदल नहीं किया गया है। इसीलिए मैंने आपसे फोन पर चर्चा का समय लिया है।" कनाडा के एक सज्जन ने जब मुझसे अपनी समस्या बताई तो मैंने उनसे कहा कि मैं आपकी मदद करूंगा।
मैंने उनसे उन पारंपरिक चिकित्सक का नाम पूछा जिनकी दवा वे लंबे समय से ले रहे थे और जो कि संजीवनी बूटी पर आधारित किसी तरह का फार्मूला देते हैं डायबिटीज के लिए। जब उन पारंपरिक चिकित्सक का नाम मुझे पता चला तो मैंने उन्हें झट से पहचान लिया । उनसे पिछले हफ्ते ही मेरी फोन पर बात हो चुकी थी एक दूसरे मामले के संबंध में। मैंने कनाडा वाले सज्जन को कहा कि मैं इन पारंपरिक चिकित्सक को वर्षों से जानता हूं और कई बार हम लोगों ने मिलकर संजीवनी बूटी का फॉर्मूलेशन तैयार किया है। मुझे ऐसा नहीं लगता कि वे इस बूटी के स्थान पर हाल के वर्षों में दूसरी बूटी का प्रयोग कर रहे हैं। वे जहां रहते हैं वहां संजीवनी बूटी बहुत अधिक मात्रा में उगती है और किसी तरह से उसके इस्तेमाल न करने या उसके स्थान पर दूसरी बूटी का इस्तेमाल करने का सवाल ही नहीं उठता है इसलिए आप बेफिक्र हो जाइए। आपके संजीवनी बूटी वाले फार्मूले में किसी भी प्रकार का दोष नहीं है।
मैंने उनसे कहा कि बेहतर तो यही होगा कि आप लंबी यात्रा करके रायपुर आ जाए ताकि मैं एक छोटा सा परीक्षण करके आपकी समस्या की जड़ का पता लगा सकूं। उन्होंने कहा कि कनाडा से इतनी लंबी यात्रा करके आना संभव नहीं है तब मैंने उन्हें एक और विकल्प सुझाया और कहा कि मैं एक छोटा सा टेस्ट किट आपको भेजता हूं। आप कनाडा में अपने घर पर ही एक छोटा सा परीक्षण करें और उस परीक्षण के परिणामों को एक वीडियो के रूप में मेरे पास भेजें। हो सकता है इससे आपकी समस्या का कारण पता चल जाए।
उन्होंने प्रसन्नता जाहिर की और कहा कि पंजाब से मेरा भाई आपके पास आ जाएगा और आपसे यह किट लेकर चला जाएगा। वह जल्दी ही कनाडा आने वाला है। वह अपने साथ ही उस किट को ले आएगा ताकि इसके किसी भी तरह से खो जाने की संभावना न रहे। कुछ महीनों बाद उन्होंने जब एक वीडियो भेजा और बताया कि उनकी अंगुलियों की समस्या अब और अधिक उग्र हो गई है तब मैंने बड़े ध्यान से उनके द्वारा भेजे गए वीडियो को देखा। उनके चेहरे का रंग और उनकी नाक को देखकर इस बात का आभास हुआ कि उन्हें किसी प्रकार का ड्रग इंटरेक्शन हो रहा था जिसके कारण उनके चेहरे पर विपरीत प्रभाव दिख रहा था। इस परीक्षण से इस बात का भी पता चल रहा था कि वे कई तरह की दवाईयाँ ले रहे हैं जिनके बारे में उन्हें जानकारी है पर उन्होंने यह जानकारी मुझे नहीं दी थी।
अक्सर मुझसे मिलने वाले लोग इस तरह की महत्वपूर्ण जानकारियों को छुपाने का प्रयास करते हैं। पता नहीं इसके पीछे उनका क्या उद्देश्य होता है। शायद वे सोचते हैं कि वे अगर इन दवाओं के बारे में बताएंगे तो हो सकता है कि मैं अपनी ओर से किसी भी तरह का सुझाव देने से इंकार कर दूँ। इसी भय के कारण वे ऐसी महत्वपूर्ण जानकारियों को छुपाते रहते हैं पर इन पारंपरिक परीक्षणों के माध्यम से सब कुछ साफ हो जाता है।
इस परीक्षण के आधार पर मैंने अपने डेटाबेस को खंगाला तो मुझे पता चला कि जब संजीवनी बूटी की दूसरी दवाओं के साथ विपरीत प्रतिक्रिया होती है तब भी अंगुलियों में ऐसे लक्षण आते हैं। इस आधार पर मैंने उन सज्जन को 100 वनस्पतियों की एक लंबी सूची भेजी। साथ में उनकी रंगीन तस्वीरें भी भेजी और उनसे कहा कि वे मुझे बताएं कि उनके द्वारा प्रयोग की जा रही सभी प्रकार की दवाओं में क्या इनमें से एक या एक से अधिक वनस्पतियां है।
उन सज्जन ने कहा कि वे जल्दी ही उत्तर देंगे। उन्होंने अपनी समस्या बताई कि उन्हें बहुत सारे फॉर्मूलेशन के बारे में पूरी जानकारी नहीं है परंतु फिर भी वे अपने चिकित्सकों से पूछ कर इन जानकारियों को एकत्र करेंगे और फिर मुझे बताएंगे। काफी लंबे इंतजार के बाद जब उनका संदेश आया तो समस्या की जड़ का पता चल गया।
उनके कनाडा के वैद्य किडनी को बचाने के लिए जिस फॉर्मूलेशन का प्रयोग कर रहे थे वह किसी तरह का पारंपरिक फॉर्मूलेशन नहीं था। उन्होंने कनाडा में उगने वाली कुछ वनस्पतियों का प्रयोग किया था और शेष वनस्पतियां भारतीय थी जिन्हें कि भारत से एकत्र किया जाता था। इन दो तरह की वनस्पतियों को आपस में मिलाने के पीछे उनका कोई तर्क नहीं था। बस उन्होंने वनस्पतियों के गुण देखें और उस आधार पर एक फार्मूला तैयार कर लिया था।
इसमें कोई दो राय नहीं थी कि उनके द्वारा तैयार किया गया फार्मूला डायबिटीज के कारण खतरे में पड़ी किडनी को ठीक करने में अहम भूमिका निभा सकता था क्योंकि उसमें बड़ी समझदारी से जड़ी बूटियों का प्रयोग किया गया था। यही कारण है कि उन सज्जन को इन वैद्य की दवा से बहुत लाभ हो रहा था। वैद्य की दवा में कनाडा में उगने वाले पॉपलर का प्रयोग किया गया था जिसकी संजीवनी बूटी से जब विपरीत प्रतिक्रिया होती है तो इसी तरह के लक्षण आते हैं।
मैंने उन्हें सलाह दी कि आपको इन दोनों फॉर्मूलेशंस में से एक फॉर्मूलेशन का प्रयोग रोकना होगा। इससे हाथ की अंगुलियों की समस्या का पूरी तरह से समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि वे इन दोनों फॉर्मूलेशंस में से किसी को भी बंद नहीं कर सकते हैं। उन्होंने वैकल्पिक उपाय की मांग की। मैंने उनसे कहा कि यदि आपके कनाडा के वैद्य अपने फॉर्मूलेशन में एक बूटी का प्रयोग और कर ले तो उनका फॉर्मूलेशन फिर संजीवनी बूटी के साथ विपरीत प्रतिक्रिया नहीं करेगा। जब उन सज्जन ने अपने वैद्य से बात की तो उन्होंने साफ इंकार कर दिया और कहा कि वे इस सलाह को मानने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं है।
उन्होंने सज्जन से कह दिया कि यदि आप चाहें तो आप मेरी दवा बंद कर सकते हैं। इस असफलता के बाद भारतीय पारंपरिक चिकित्सक का रुख किया गया और उन्हें सलाह दी गई कि आप इन सज्जन के लिए तैयार किए गए फार्मूले में दो और घटकों का प्रयोग करें तो इस तरह की नकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं होगी।
आशा के विपरीत पारंपरिक चिकित्सक इस बात के लिए तैयार हो गए और उन्होंने धन्यवाद दिया कि उन्हें नई जानकारी प्राप्त हुई। उन्होंने 100 प्रकार की वनस्पतियों की सूची भी मांगी जिनकी उनके फॉर्मूलेशन से विपरीत प्रतिक्रिया हो सकती थी। इतनी अधिक उम्र में सीखने की इतनी ललक देखकर हम दोनों बहुत प्रभावित हुए।
पारंपरिक चिकित्सक ने जब सुधरे हुए फॉर्मूलेशन को उन सज्जन को दिया और वे सज्जन इसका प्रयोग करने लगे तो उनकी इस समस्या का पूरी तरह से समाधान हो गया।
उन्होंने लंबे समय के बाद राहत की सांस ली।
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