Consultation in Corona Period-244 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-244 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "इतनी बड़ी महामारी में यह हमारा उत्पाद दुनिया के लिए एक छोटी सी भेंट है।" मुंबई की एक प्रसिद्ध फार्मास्यूटिकल कंपनी के डायरेक्टर यह बात कह रहे थे। कुछ सालों पहले जब उन्होंने हर्बल सिगरेट का निर्माण करना शुरू किया था तब उन्होंने मुझसे संपर्क किया था और मेरे द्वारा सुझाए गए एक नुस्खे पर वे लंबे समय से काम कर रहे थे। उन्हें जब सफलता मिलने लगी तब उन्होंने इस फार्मूले से उत्पाद बनाने की योजना पर काम करना शुरू किया और साथ ही इस पर अंतरराष्ट्रीय पेटेंट लेने का भी। इस बीच कोरोना का संक्रमण पूरी दुनिया में फैल गया। जब कंपनी के वैज्ञानिकों ने इस उत्पाद को कोरोनावायरस प्रभावित लोगों पर आजमा कर देखा तो उन्हें आश्चर्यजनक सफलता मिली। वे दोगुने उत्साह से शोध करने लगे। उनका यह शोध यूरोप में चल रहा था। कोरोना की ऐसी अवस्था जबकि प्रभावित व्यक्ति का फेफड़ा बुरी तरह से प्रभावित होता है तब उनका यह उत्पाद बहुत अहम भूमिका निभाता है-ऐसा उन्होंने क्लिनिकल ट्रायल के दौरान देखा और उनके शोध को पूरी दुनिया में सराहा गया। उनकी हर्बल सिगरेट में वैसे तो कई घटक हैं पर मुख्य घटकों में से एक घटक कुकरौंदा भी है। शुरू में तो वे खरपतवार की तरह होने वाले कुकरौंदा का प्रयोग करते रहे पर बाद में जब इसकी आवश्यकता बहुत अधिक मात्रा में होने लगी तब उन्होंने इसकी खेती की योजना बनाई। उनके वैज्ञानिकों ने अपने शोध में यह देखा कि जब वे खरपतवार की तरह उग रहे कुकरौंदा का प्रयोग करते हैं तो उनके उत्पाद में भिन्नता आ जाती है। इसीलिए उन्होंने खेती का मन बनाया। खेती करने का एक और उद्देश्य था। कुकरौंदा साल भर नहीं मिलता था। केवल ठंड के मौसम में ही मिलता था। खेती करने से उन्हें यह वर्ष भर उपलब्ध होता रहेगा ऐसा उन्होंने सोचा था। मुझे कुकरौंदा की खेती की योजना बनाने का कार्य सौंपा गया। मैंने उन्हें कुकरौंदा की खेती की पूरी विधि बना कर दी और उस आधार पर वे अपने फार्म में शोध करने लगे। गमले से शुरू होकर अब कई एकड़ में इसकी खेती कर रहे हैं और लगातार इस क्षेत्र को बढ़ाते जा रहे हैं। हाल ही में उन्होंने मुझसे संपर्क किया और कहा कि मैं एक बार उनके फार्म में आकर देख लूं कि सब कुछ सही चल रहा है कि नहीं। यदि किसी तरह की गलती हो रही है तो उसे अभी से ही सुधारा जा सके। सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद जब मैं उनके फार्म पहुंचा तो एक खरपतवार को औषधीय फसल के रूप में उगते देख कर मैं गदगद हो गया। जब इस फसल पर चर्चा शुरू हुई तो वैज्ञानिकों ने प्रश्न रखा कि कुकरौंदा में कीट नियंत्रण कैसे किया जाए। उन्होंने बताया कि इसमें एक विशेष प्रकार के लीफ बीटल का आक्रमण होता है जो कि पूरी पत्तियों को नष्ट कर देता है। हर्बल सिगरेट के मुख्य घटक में इसकी पत्तियों का ही इस्तेमाल होता है इसलिए पत्तियों के नष्ट हो जाने से उन्हें बहुत हानि होती है। उनमें से एक वैज्ञानिक ने जोर देकर कहा कि हमने जब इस बीटल के बारे में वैज्ञानिक साहित्य का अध्ययन किया तो हमें एक नहीं दो नहीं बल्कि सभी संदर्भ आपके शोध के मिले। आप ने सबसे पहले 1996 में इस पर एक शोध पत्र प्रकाशित किया था फिर उसके बाद आपने इस पर ढेरों शोध पत्र प्रकाशित किए हैं। मैंने वैज्ञानिक दल से पूछा कि अभी आप इस कीट के नियंत्रण के लिए क्या उपाय करते हैं तब उन्होंने बताया कि वे कृषि रसायनों का उपयोग नहीं कर सकते क्योंकि उन्हें यह नहीं मालूम है कि उनका प्रयोग करने से कुकरौंदा के औषधीय गुणों पर क्या प्रभाव पड़ेगा इसलिए वे अपने फार्म के कर्मचारियों की सहायता से सारे कीड़ो को पकड़कर नष्ट कर देते हैं। यह एक बहुत खर्चीला और श्रमसाध्य कार्य है पर इसके अलावा कोई चारा नहीं है। मैंने उन्हें सलाह दी कि आप जब कीड़ों को एकत्र करते हैं तो उन्हें मारने की बजाए एक दूसरी कंपनी को बेच सकते हैं जो कि इस कीड़े की सहायता से कई तरह की दवाओं का निर्माण करती है। इससे आपका कीट नियंत्रण का खर्च निकल आएगा और आपको अतिरिक्त मुनाफा भी हो जाएगा। मैं जिस कंपनी की बात कर रहा हूँ उन्हें इस कीट की लगातार आवश्यकता होती है और जब उन्हें पता चलेगा कि यह उन्हें बड़ी मात्रा में एक ही स्थान से मिल सकता है तो वे तुरंत ही इसे लेने के लिए तैयार हो जाएंगे। कंपनी के वैज्ञानिक दल ने संतोष जाहिर किया और कहा कि वे जल्दी ही उस कंपनी से संपर्क करेंगे। यह उनके लिए पूरी तरह से नई जानकारी थी। उन्होंने आगे बताया कि उनके फार्म में नागरमोथा नामक खरपतवार बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है और उसे नियंत्रण करना बहुत मुश्किल हो रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि नागरमोथा के कारण कुकरौंदा की फसल पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है और जब इस फसल से उत्पाद बनाए जा रहे हैं तो उनके औषधीय गुणों में भी परिवर्तन आ रहा है। मैंने वैज्ञानिक दल को सलाह दी कि गर्मी में वे मल्चिंग का प्रयोग करके इस खरपतवार से छुटकारा पा सकते हैं। मैंने उनको यह भी बताया कि उत्तरी छत्तीसगढ़ के निवासी बहुत रोचक तरीके से इस खरपतवार को नियंत्रित करते हैं। गर्मी के दिनों में वे अपने पालतू सूअर को खेतों में छोड़ देते हैं जो कि खोज खोज कर कन्दों को खा जाते हैं और इस तरह राक्षस की तरह फैलने वाले कंद नष्ट हो जाते हैं। अगली फसल के समय नागर मोथा का प्रकोप पूरी तरह से दूर हो जाता है। मैंने उनसे कहा कि यदि आप इसके कन्दों को एकत्र कर सके तो मैं आपको ऐसी एजेंसियों के नाम बता सकता हूँ जो कि नियमित तौर पर इसे खरीदती है और इससे दवा का निर्माण करती है। आप चाहे तो ऐसी एजेंसियों को इन कन्दों को बेचकर न केवल कन्दों को निकालने का खर्च वसूल कर सकते हैं बल्कि अतिरिक्त आय भी अर्जित कर सकते हैं। मेरी बात सुनकर उनके डायरेक्टर साहब ने पूछा कि इसके कन्दों का क्या उपयोग होता है? मैंने उन्हें बताया कि इसके कन्दों को 55000 से भी अधिक प्रकार के फॉर्मूलेशंस में उपयोग किया जाता है पर अधिकतर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। इसका प्रयोग बहुत सरल है और देश के पारंपरिक चिकित्सक इसी की सहायता से साल भर बीमार होने से बचे रहते हैं। डायरेक्टर साहब ने कहा कि क्या आपको इस फार्मूले के बारे में जानकारी है? यदि है तो आप हमें बताइए। हम इसे बेचेंगे नहीं बल्कि अपने कर्मचारियों को उपलब्ध करवाएंगे ताकि वे साल भर विभिन्न रोगों से बचे रहें। मैंने उन्हें एक सरल फार्मूले के बारे में बताया और उसके उपयोग की विधि के बारे में भी। सभी जानकारियों को लेने के बाद उन्होंने कहा कि वे अपने वरिष्ठों से बात करेंगे और उनसे कहेंगे कि फॉर्म के 5 एकड़ में इस खरपतवार की खेती की जाए और इससे दवा का निर्माण किया जाए। इसका मतलब यह था कि जो वनस्पति उनके लिए सिरदर्द बनी हुई थी वे अब उसी की खेती की तैयारी कर रहे थे ताकि उन्हें अतिरिक्त आय हो सके। अपने 3 दिनों के प्रवास में मैंने उन्हें इस तरह की कई रोचक जानकारियां दी और उनकी समस्याओं का समाधान किया। आखिर के 1 दिन में उस फॉर्मूलेशन पर चर्चा होती रही जिसे कि कोरोना के विरुद्ध कारगर पाया गया था। मैंने उसमें कई तरह के सुधार के उपाय उन्हें बताएं। इस तरह मेरी यात्रा पूरी हुई। कुछ महीनों के बाद जब वे मेरे द्वारा सुझाए गए उपायों को पूरी तरह से अपना लेंगे तो उनका परीक्षण करने एक बार फिर मुझे उनके फार्म में जाना होगा। कंपनी ने अभी से अपॉइंटमेंट ले लिया है। सर्वाधिकार सुरक्षित

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