Consultation in Corona Period-255 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-255




Pankaj Oudhia पंकज अवधिया 


"आपने इतना अधिक शोध कार्य किया है कि आप मिनटों में लाखों रुपए कमा सकते हैं। बस थोड़ी सी मार्केटिंग की जरूरत है जो मैं आपके लिए करने को तैयार हूँ पर आपका ध्यान तो पूरी तरह से शोध पर ही केंद्रित है। आप पैसे कमाना ही नहीं चाहते हैं। पिछले 3 सालों से मैं आपको फॉलो कर रहा हूँ। रोज आप लाखों पन्ने इंटरनेट पर अपलोड कर रहे हैं। अब छोड़िए यह सब और बैठकर सिर्फ पैसे कमाइए।" उत्तरी अमेरिका से आए एक लाइफस्टाइल कंसल्टेंट ने जब परामर्श का समय लिया तो आते ही वे मुझे परामर्श देने लगे। मैंने उनसे विनम्रतापूर्वक कहा कि आप अपनी समस्या बताएं मैं उसका समाधान करने की कोशिश करूंगा। उन्होंने बताना शुरू किया कि उनकी आयु 30 वर्ष है और वे अमेरिका के जाने-माने लाइफ़स्टाइल कंसलटेंट है। स्वास्थ से जुड़ी अपनी एक विशेष समस्या के लिए मुझसे मिलने इतनी दूर से आए हैं। 

उन्होंने बताया कि उनके यौनांग जैसे कि पूरी तरह से निष्क्रिय हो गए हैं ऐसा प्रतीत होता है। उन्होंने अपनी समस्या के लिए इसे यौन अंगों के ठंडे हो जाने की संज्ञा दी। उन्हें इस बात का आश्चर्य था कि उन्हें अचानक से यह समस्या क्यों हो गई और वे चाहते थे कि मैं इस समस्या का कारण खोजूँ और उन्हें कोई सरल सा समाधान बताऊं। मैंने उनकी दूसरी स्वास्थ समस्याओं के बारे में पूछा और यह भी पूछा कि वे किस तरह की खान-पान की सामग्री का प्रयोग कर रहे हैं और कौन-कौन सी दवाओं का उपयोग कर रहे हैं विशेषकर लंबे समय से। उन्होंने क्रमवार पूरी जानकारियां दी और यह भी बताया कि वे चीन के एक प्रसिद्ध वनस्पति विशेषज्ञ से एंटी एजिंग फार्मूला ले रहे हैं जिसका प्रयोग लगातार 5 सालों तक करना है। उन चीनी विशेषज्ञ का दावा है कि यदि इस फार्मूले का लगातार प्रयोग किया जाए तो फिर जीवन में कभी बुढ़ापा नहीं आ सकता। उन्होंने इसे फॉरएवर यंग फॉर्मूलेशन का नाम दिया है। इस फॉर्मूलेशन में वे 66 से अधिक घटकों का प्रयोग करते हैं जिनमें अधिकतर तो जड़ी बूटियां होती है पर अन्य घटक के रूप में कीड़ा जड़ी का भी उपयोग किया जाता है। उन कंसलटेंट महोदय ने बताया कि उनसे दवा लेने के लिए 3 सालों का इंतजार करना होता है और उनकी दवा की कीमत इतनी अधिक है कि साधारण लोग इसको खरीदी ही नही सकते हैं।

 उनसे सभी तरह की जानकारियां लेने के बाद मैंने उनसे एक छोटे से परीक्षण की अनुमति मांगी। जब उन्होंने अनुमति दी और मैंने वह परीक्षण किया तो मुझे पता चला कि उन्हें ऐरेसी परिवार की किसी वनस्पति की विषाक्तता हो रही है। मैंने उन्हें यह बात बताई और कहा कि आप पता करें कि क्या उन विशेषज्ञ के फार्मूले में इस परिवार की वनस्पति शामिल है। यदि है तो फिर आप उस फार्मूले का प्रयोग बंद कर दें जिससे आपकी समस्या का समाधान हो सकता है। 

उन्होंने कहा कि वे किसी भी हालत में फॉर्मूलेशन का प्रयोग बंद नहीं कर सकते हैं। उन्होंने 3 साल अच्छे से गुजार लिए हैं और सिर्फ 2 साल की बात बाकी है फिर यह फॉरएवर यंग फॉर्मूलेशन उन्हें कभी भी बूढ़ा नहीं होने देगा। उन्होंने पूछा कि क्या इस फॉर्मूलेशन का प्रयोग जारी रखते हुए मेरी इस समस्या का कोई समाधान हो सकता है तब मैंने उनसे कहा कि यहां अपान वायु और व्यान वायु की समस्या है। आप योगाभ्यास के जरिए इन दोनों वायु को ठीक कर ले तो कुछ हद तक आपकी समस्या का समाधान हो सकता है पर पूरी तरह से समस्या तभी ठीक होगी जब आपके शरीर से इस परिवार की किसी वनस्पति की विषाक्तता कम होगी या पूरी तरह से खत्म होगी। मेरी सलाह लेकर वे वापस लौट गए और अपान और व्यान वायु को ठीक करने के लिए योगाभ्यास करने लगे। उन्होंने बताया कि इससे उनकी समस्या का कुछ हद तक समाधान हो गया।

 3 महीने बाद वे फिर से मुझसे मिलने आ गए। इस बार उन्होंने बताया कि उन्हें अस्थमा की समस्या हो गई है और साथ में शरीर में बहुत खुजली भी हो रही है। उन्होंने बड़ी दिलचस्प बात बताई कि जब अस्थमा का अटैक होता है तब खुजली नहीं होती है और जब खुजली होती है तब अस्थमा का अटैक नहीं होता है। इस आधार पर मैंने उनका फिर से परीक्षण किया और उन्हें बताया कि परीक्षण फिर से यही बता रहे हैं कि आपके शरीर में ऐरेसी परिवार की वनस्पति की विषाक्तता बढ़ती जा रही है। आपको पता करना होगा कि क्या उस फॉर्मूलेशन में किसी तरह की कोई गड़बड़ी है? आप अपने चीनी विशेषज्ञ से सीधे बात क्यों नहीं करते हैं? उन्होंने कहा कि मुझे उस फार्मूले को तो लगातार उपयोग करना है। इसके अलावा कोई और उपाय आप बता सकते हैं तो मेहरबानी होगी। मैंने उन्हें 5 तरह के मेडिसिनल राइस सुझाये और कहा कि आप यदि इनका लगातार प्रयोग करेंगे तो आपकी अस्थमा और खुजली की समस्या दबी रहेगी पर पूरी तरह से ठीक नहीं होगी। मेडिसिनल राइस लेकर वे वापस चले गए और फोन पर बताया कि अब उनकी समस्या काफी हद तक नियंत्रण में है।

 4 महीने बाद फिर वे मुझसे मिलने आ गए और कहा कि उन्हें कई तरह की समस्याएं हो रही है जो कि पेशाब से संबंधित है। मैंने फिर से परीक्षण किया। परीक्षण फिर से बता रहे थे कि यह ऐरेसी परिवार की किसी वनस्पति की विषाक्तता के कारण उत्पन्न हो रहे लक्ष्ण हैं। मैंने कहा कि आपकी दाहिनी किडनी बुरी तरह से प्रभावित हुई है और आपको अपनी किडनियों को बचाने के लिए अभी से प्रयास करने चाहिए अन्यथा जान पर बन आ सकती है। आप अपने चीनी विशेषज्ञ से बात करिए।

 उन्होंने कहा कि वे फार्मूले का प्रयोग बिल्कुल भी बंद नहीं करेंगे। अगर इसके अलावा कोई और उपाय हो तो बताएं। मैंने उन्हें कहा कि आप मुझसे एक लकड़ी की प्याली लेकर जाएं और उसमें रात को पानी रखकर सुबह पीयें। इससे आपकी किडनी काफी हद तक बची रहेगी पर यह समस्या पूरी तरह से ठीक नहीं होगी। लकड़ी की प्याली लेकर वे वापस चले गए और फिर बताया कि उनको अब पेशाब की समस्या उतनी गंभीर नहीं लग रही है जितनी कि पहले लग रही थी पर समस्या तो बनी हुई है।

 इस बार डेढ़ महीने में ही में फिर से मिलने आ गए। उन्होंने बताया है कि उन्हें ज्वाइंडिस जैसे लक्षण आ रहे हैं। मैंने फिर से परीक्षण किया और उन्हें बताया कि आपके शरीर में ऐरेसी परिवार के किसी वनस्पति की विषाक्तता हो रही है। आप अपने चीनी विशेषज्ञ से बात करें। हो सकता है उनके फॉर्मूलेशन से इस तरह की समस्या हो रही हो।

 मैंने उनको कड़े शब्दों में यह भी कहा कि माना कि उस फॉर्मूलेशन का प्रयोग करने से आपको बुढ़ापा नहीं आएगा और मुझे लगता है कि अगर आप उस फार्मूलेशन का प्रयोग इसी तरह करते रहे और ऐरेसी परिवार की खतरनाक वनस्पति उस फॉर्मूलेशन में है तो आपका जीवन ही नहीं बचेगा तब निश्चित ही आपको बुढ़ापा भी नहीं आएगा।

 शायद मेरी इस बात का उनके ऊपर असर पड़ा और इस बार उन्होंने किसी तरह की दवा की मांग नहीं की। वे वापस लौट गए।

 फिर जब अगली बार आए तो उनके पास वह पूरा फार्मूला था जिसका प्रयोग वे लंबे समय से कर रहे थे चीनी विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में। उन्हें यह फार्मूला चीनी विशेषज्ञ ने नहीं दिया था। उन्हें यह फार्मूला इंटरनेट पर मिला था। जब उन्होंने इस फार्मूले से होने वाले नुकसान के बारे में इंटरनेट पर खोजना शुरू किया तब उन्हें दर्जनों ऐसे मामले मिले जिनमें लोगों ने इस फार्मूले का प्रयोग किया था और ज्यादातर लोगों की जान जा चुकी थी। उनको उसी तरह के लक्षण आ रहे थे जैसे कि इन कंसलटेंट महोदय को आ रहे थे। मैंने उन्हें फॉर्मूलेशन की पूरी जानकारी लाने के लिए धन्यवाद दिया और जैसे ही मैंने सरसरी निगाह उस फॉर्मूलेशन पर डाली मुझे ऐरेसी परिवार की वह वनस्पति दिख गई जिसे कि न केवल अधिक मात्रा में प्रयोग किया गया था बल्कि ठीक से उसका शोधन भी नहीं किया गया था। यही वनस्पति उनकी सारी समस्याओं की जड़ थी। 

सदा जवान रहने के चक्कर में उन्होंने अपने महत्वपूर्ण अंगों की सक्रियता को खो दिया था और अब वे मौत के दरवाजे पर खड़े थे। मैंने कैलेडियम के रूप में उस वनस्पति की पहचान की और उसके बारे में उन्हें बताया। साथ में ऐसे संदर्भ साहित्य भी उपलब्ध कराए जो कि मेरी बातों की पुष्टि करते थे।

 मेरी बातों को सुनने के बाद ऐसा लगा कि जैसे वे गहरी नींद से जागे हो। मैंने उन्हें बताया कि चीनी दवाओं का भारतीय पारंपरिक विधि से परीक्षण करना बेहद कठिन होता है क्योंकि भारतीय पारंपरिक परीक्षण भारतीय वनस्पतियों के लिए विकसित किए गए हैं। वह तो अच्छा हुआ कि ऐरेसी परिवार की किसी वनस्पति की विषाक्तता हो रही है इसका पता चल गया अन्यथा यह कभी नहीं पता चलता कि चीनी दवा में कौन सी वनस्पति का कैसे प्रयोग किया जा रहा है क्योंकि वे किसी भी हालत में अपने फॉर्मूलेशन की जानकारी नहीं देते हैं।

 चीनी दवा को बंद करने के 5 सालों बाद वे पूरी तरह से अपनी सारी समस्याओं से मुक्त हुए। उनके सारे अंग फिर से सामान्य रूप से काम करने लगे। इस बीच उन्हें सहारे के रूप में बहुत तरह के फंक्शनल फूड भी मैंने सुझाये। इससे उनकी स्थिति में तेजी से सुधार हुआ। हाल ही में उन्होंने संपर्क कर बताया कि अब वे उस फॉर्मूलेशन और उन चीनी विशेषज्ञ के कट्टर आलोचक हो गए हैं और पूरी दुनिया को बता रहे हैं कि कैसे सदा जवान रहने के इस फॉर्मूलेशन ने उनके जीवन को खतरे में डाल दिया था।


 सर्वाधिकार सुरक्षित




Comments

Popular posts from this blog

गुलसकरी के साथ प्रयोग की जाने वाली अमरकंटक की जड़ी-बूटियाँ:कुछ उपयोगी कड़ियाँ

कैंसर में कामराज, भोजराज और तेजराज, Paclitaxel के साथ प्रयोग करने से आयें बाज

भटवास का प्रयोग - किडनी के रोगों (Diseases of Kidneys) की पारम्परिक चिकित्सा (Traditional Healing)