Consultation in Corona Period-263 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया
Consultation in Corona Period-263
Pankaj Oudhia पंकज अवधिया
"Restless leg syndrome की समस्या जब हद से ज्यादा बढ़ गई तब मैंने निश्चय किया कि अब मैं इस समस्या के पीछे पड़ूंगा और इसे पूरी तरह से ही निपटा दूंगा। चाहे मुझे इसके लिए कितने भी पैसे क्यों न बहाने पड़े और कितनी भी मशक्कत क्यों न करनी पड़े। शुरुआत मैंने अपने फैमिली डॉक्टर से की। उन्होंने मेरी सभी तरह से जांच करवाई और फिर रिपोर्ट के आधार पर मुझे सुझाव दिया कि मैं अब अपने बिजनेस के तनाव को कम करने की कोशिश करूं। इससे इस बीमारी में बहुत अधिक लाभ हो सकता है। मैंने तो पहले से ही इसकी तैयारी कर ली थी। अपने दोनों बेटों को बिजनेस का कार्यभार सौंपने के बाद मैंने सेवानिवृत्ति ले ली और घर में ही रहने लगा। इससे मेरी इस समस्या का कुछ हद तक तो समाधान हुआ पर समस्या लगातार बनी रही। इस बीच मैंने जब दिल्ली की यात्रा की और अपने उन चिकित्सक से बात की जोकि मुझे थायराइड की दवा दे रहे थे तब उन्होंने कहा कि थायराइड की दवाओं के कारण कई बार ऐसे लक्षण आ जाते हैं। उन्होंने दवाओं में परिवर्तन किया और मुझे आश्वस्त किया कि अब मेरी समस्या का निराकरण हो जाएगा पर बात नहीं बनी।
चेन्नई में जब मैंने अपनी जांच कराई तो मुझसे कहा गया कि शराब के अति सेवन के कारण भी इस तरह के लक्षण आते हैं इसलिए शराब की मात्रा को कम करने का अनुमोदन किया गया। मैंने उनकी बातों को मानते हुए शराब का सेवन धीरे-धीरे करके पूरी तरह से बंद कर दिया पर इस समस्या का समाधान फिर भी नहीं हुआ।
मेरे होम्योपैथी चिकित्सक ने कहा कि यदि कॉफी का प्रयोग कम कर दिया जाए तो न केवल उनकी दवा का असर प्रभावी तरीके से होने लगेगा बल्कि इस समस्या से भी छुटकारा मिल जाएगा। मैंने कॉफी का सेवन पूरी तरह से बंद कर दिया। इससे उनकी दवा तो असर करने लगी पर मेरी उस समस्या का समाधान नहीं हुआ। इसी क्रम में एक और होम्योपैथी के चिकित्सक ने कहा कि तंबाकू के अति सेवन के कारण भी यह समस्या हो सकती है। उनकी बात मानते हुए मैंने तंबाकू का सेवन भी बंद कर दिया।
जब बात नहीं बनी तो मैंने कोलकाता के एक चिकित्सक से परामर्श लिया। वे एक प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट थे। उन्होंने मेरी पूरी तरह से जांच की और बताया कि रात को सोने के लिए मैं जो नींद की दवा का प्रयोग कर रहा हूँ उसके दुष्प्रभाव से भी इस तरह के लक्षण आ सकते हैं। उन्होंने उस दवा को कम कर दिया और मुझे हिदायत दी कि मैं योगाभ्यास करूं ताकि मुझे प्राकृतिक रूप से अच्छी नींद आ सके और किसी तरह की दवा की जरूरत न हो। योगाभ्यास करने से मुझे नींद तो अच्छी आने लगी पर मेरी उस समस्या का समाधान नहीं हुआ। इसी तरह बहुत से चिकित्सकों ने मेरी ब्लड प्रेशर की दवा बदल दी और कुछ ने किडनी की दवाओं को बदल दिया पर इस तरह के लक्षण लगातार आते रहे। जब मैं एक आयुर्वेद के चिकित्सक से मिला तो उन्होंने कहा कि यह एंजायटी डिसऑर्डर के कारण भी हो सकता है। उन्होंने दिमाग को शांत करने के लिए कई तरह के टॉनिक दिए और एक विशेष प्रकार का च्यवनप्राश भी दिया। इन सब दवाओं ने मेरी बहुत मदद की लक्षणों को कम कर दिया लेकिन लक्षण पूरी तरह से खत्म नहीं हुए। जब मैंने इन दवाओं का प्रयोग करना कम किया तो लक्षण फिर से उभरने लगे। मैं लगातार कई महीनों तक इन दवाओं का प्रयोग करता रहा बिना किसी अंतराल के। कुछ समय बाद इन दवाओं का असर पूरी तरह से खत्म हो गया और समस्या फिर से उग्र होने लगी।
अपने सभी चिकित्सकों की रिपोर्ट और वर्तमान में ली जा रही दवाओं के बारे में पूरी जानकारी मैंने आपको भेज दी है। आप जब भी कहेंगे मैं रायपुर आने को तैयार हूँ। आप मुझे बताएं कि क्या आप किसी तरह का फंक्शनल फूड मुझे सुझा सकते हैं जिनका प्रयोग करने से मेरी इस समस्या से मुझे छुटकारा मिल सके।" उत्तर भारत से आए एक सज्जन ने विस्तार से अपनी परेशानियों के बारे में बताया। मैंने उनसे कहा कि मैं आपकी मदद करूंगा। मैंने उन्हें समय दे दिया और वे नियत समय पर मुझसे मिलने रायपुर आ गए। मैंने 15 प्रकार की वनस्पतियों का चूर्ण बनाकर रखा था। जब वे आए तो मैंने उनसे अनुरोध किया है कि वे इन चूर्ण को एक-एक करके अपनी जीभ के अगले हिस्से में रखें और मुझे बताएं कि उन्हें कैसा स्वाद आ रहा है। उन्होंने तत्परता से यह सब कर दिया और जल्दी ही उनकी समस्या के मूल का पता चलने लगा। जब मैंने अपने डेटाबेस को खंगाला तो मेरे संदेह की पुष्टि हो गई और मैंने उनसे कहा कि क्या आप दक्षिण भारत से खरीदे गए किसी विशेष तरह के ब्लैक राइस का प्रयोग कर रहे हैं अपने दैनिक जीवन में तब उन्होंने कहा कि आपकी बात सही है। मैं लंबे समय से एक ब्लैक राइस का प्रयोग भोजन के रूप में कर रहा हूँ अपने खून की समस्या को दूर करने के लिए। मुझे इस बात की खबर नहीं है कि यह ब्लैक राइस दक्षिण भारत में उगता है या देश के दूसरे हिस्से में। मैं तो अपने आध्यात्मिक गुरु के संस्थान से ही इसे खरीदता हूँ। यह पूरी तरह से ऑर्गेनिक है और इसके बारे में बहुत सारे अच्छे गुण बताए जाते हैं।
मैंने उनसे पूछा कि क्या आपके आध्यात्मिक गुरु दक्षिण से हैं? उन्होंने जब इस बात की पुष्टि की तो मैंने उन्हें बताया कि इस ब्लैक राइस में मूलत: कोई समस्या नहीं है। संभवत: आप किसी रूप में सेन्ना टोरा का उपयोग भी कर रहे होंगे। इस ब्लैक राइस की सेन्ना टोरा के साथ में विपरीत प्रतिक्रिया होती है जिससे इस तरह के लक्षण आते हैं। मैंने पिछले 30 सालों में ऐसे हजारों मामले देखे हैं। मुझे लगता है कि आप किसी तरह की हर्बल चाय का उपयोग कर रहे हैं विशेषकर थाईलैंड या उसके आसपास के देशों में तैयार की गई हर्बल चाय। इन चाय में महत्वपूर्ण घटक के रूप में सेन्ना टोरा का उपयोग किया जाता है।
मेरी बात सुनकर उन्होंने कहा कि वे एक हर्बल चाय का उपयोग तो कर रहे हैं पर उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि इसमें घटक के रूप में सेन्ना टोरा का प्रयोग किया गया है कि नहीं। जब उन्होंने उस हर्बल चाय का नाम बताया और मैंने इंटरनेट पर उसकी खोजबीन की तो यह स्पष्ट हो गया है कि उसमें एक मुख्य घटक के रूप में सेन्ना टोरा के बीजों का प्रयोग किया गया था। इस आधार पर मैंने उन्हें बताया कि छत्तीसगढ़ में सेन्ना टोरा की पत्तियों की भाजी खाई जाती है। जब इस भाजी का प्रयोग दक्षिण के इस ब्लैक राइस के साथ किया जाता है तो उसी तरह के लक्षण आते हैं जिस तरह के लक्षण आपको आ रहे हैं।
अधिकतर इसी तरह के ड्रग इंटरेक्शन के बारे में मैंने अध्ययन किया है और ऐसे मामलों को दुरुस्त किया है पर यह भी सत्य है कि न केवल पत्तियां बल्कि सेन्ना टोरा के सभी भाग इस ब्लैक राइस के साथ विपरीत प्रतिक्रिया करते हैं।
छत्तीसगढ़ में जब लोग सेन्ना टोरा की पत्तियों का उपयोग भाजी के रूप में करते हैं और साथ में इस ब्लैक राइस का प्रयोग करते है तब उन्हें विशेष रूप से सलाह दी जाती है कि वे भाजी के रूप में मूसाकानी नामक एक वनस्पति का प्रयोग भी साथ में करें ताकि इस तरह का ड्रग इंटरेक्शन न हो और इसका प्रयोग करने वाले को किसी भी तरह से स्थाई हानि न हो।
अब आपकी समस्या का समाधान दिख गया है। मैं आपसे यही अनुरोध करूंगा कि आप थाईलैंड की हर्बल चाय का प्रयोग कुछ समय तक रोक कर देखें। यदि आपको अपनी हालत में थोड़ा भी सुधार दिखता है तो मेरी बात की पुष्टि हो जाएगी और आपको इस पुरानी समस्या से पूरी तरह से मुक्ति मिल जाएगी।
उन्होंने धन्यवाद दिया और वे वापस लौट गए। कुछ महीनों बाद उन्होंने फिर से संपर्क किया और बताया कि अभी वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं और उन्हें उस पुरानी समस्या से छुटकारा मिल गया है। उन्होंने पूछा कि क्या वे फिर से कॉफी, शराब और तंबाकू का सेवन आरंभ कर सकते हैं तब मैंने उनसे कहा कि आपके चिकित्सकों ने इन तीनों की मात्रा को कम करने के लिए कहा था पर आपने अभूतपूर्व साहस का परिचय देते हुए इन तीनों को पूरी तरह से बंद कर दिया। ये तीनों किसी भी तरह से मानव शरीर के लिए लाभप्रद नहीं है। जब आपने इनका सेवन पूरी तरह से बंद कर दिया है तो मुझे नहीं लगता कि आपको फिर से इसे शुरू करना चाहिए।
इन तीनों से आपको इस तरह की समस्या भले न हो पर जिस लंबी अवधि से आप इनका प्रयोग कर रहे हैं उससे इनका शरीर पर जरूर विपरीत प्रभाव पड़ा होगा। आपकी उम्र बढ़ने पर इनका दुष्प्रभाव आपको चैन से जीने नहीं देगा इसलिए मेरा तो यही अनुरोध है कि आप इन पर प्रतिबंध जारी रखें।
उन्होंने धन्यवाद दिया। मैंने उन्हें शुभकामनाएं दी।
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