Consultation in Corona Period-237 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-237



Pankaj Oudhia पंकज अवधिया



"हड्डियों में भयानक दर्द के लिए मैं आपसे मिलने आया हूँ। यह दर्द सुबह शाम हमेशा होता रहता है और पिछले कुछ सालों से हो रहा है। मैंने बहुत सारी दर्द शामक दवाओं का प्रयोग किया पर अब चिकित्सक कहते हैं कि लंबे समय तक इनका प्रयोग करने से बहुत अधिक नुकसान हो सकता है इसलिए मैंने दर्द को सहना शुरू कर दिया है पर फिर भी किसी तरह से दर्द कम नहीं होता है। मैं उत्तर भारत के एक वैद्य के पास भी गया जिन्होंने मुझे एक विशेष प्रकार का तेल दिया जिससे मुझे थोड़ी राहत मिली। इस तेल को पूरे शरीर में मालिश के माध्यम से पहुंचाना होता था। इससे तुरंत दर्द कम हो जाता था पर यह स्थाई रूप से असरकारी नहीं था।

 मैंने चिकित्सा के लिए केरल के आयुर्वेद संस्थान का सहारा भी लिया। उन्होंने कई तरह की चिकित्सा की पर हड्डियों का दर्द किसी भी तरह से ठीक नहीं हुआ। दर्द तो मुझे पेट में भी रहता है पर यह उतना परेशान नहीं करता है जितना कि हड्डियों का दर्द। मुझे 5 बार किडनी में स्टोन की समस्या हो चुकी है। तीन बार तो दवाओं से यह ठीक हो गई पर दो बार मुझे ऑपरेशन कराना पड़ा। चिकित्सकों ने मुझे टमाटर खाने से पूरी तरह से मना कर दिया और कहा कि बाहर पानी पीना बंद करना होगा विशेषकर ऐसे स्थानों में जहां पर कैल्शियम की मात्रा बहुत ज्यादा है। इससे किडनी में पथरी की समस्या नहीं होगी पर सारी सावधानियों के बाद भी हर दूसरे साल में मुझे स्टोन की समस्या होती रही और मेरा इलाज होता रहा। 

मेरे साथ मेरे चिकित्सक मित्र भी आयेंगे जिनसे मैं लंबे समय से दवा ले रहा हूँ। वे भी आपसे मिलना चाहते हैं और मेरे बारे में चर्चा करना चाहते हैं। आप मुझे उपयुक्त समय दे दें ताकि मैं रायपुर आ कर आपसे विस्तार से चर्चा कर सकूं और आप चाहे तो मुझ पर परीक्षण भी कर सकते हैं।" उत्तर भारत से जब एक सज्जन का फोन आया तो मैंने उन्हें उनकी सुविधा के अनुसार समय दे दिया और नियत समय पर वे मुझसे मिलने आ गए। साथ में उनके चिकित्सक मित्र भी थे। मैंने उनके द्वारा भेजी गई सभी रिपोर्ट का अध्ययन किया और उन्हें आने वाले 26 से अधिक प्रकार के लक्षणों का ध्यान से अवलोकन किया। इस आधार पर मैंने एक सरल सा परीक्षण निश्चित किया और उनसे कहा कि आप दूसरे दिन खाली पेट मेरे पास आइए। आपको मैं 25 प्रकार की जड़ी बूटियां चखने के लिए कहूँगा और फिर उस आधार पर आपकी समस्या का समाधान करने की कोशिश करूंगा। 

दूसरे दिन जब परीक्षण शुरू हुआ तो एक के बाद एक उनके सामने जड़ी बूटियां रखी जाती रही और वे सज्जन उसे चखकर उसका स्वाद बताते रहे। जब परीक्षण खत्म हुआ और मैंने परिणामों का विश्लेषण किया तो पता चला कि उन्होंने एक भी वनस्पति का स्वाद सही ढंग से नहीं बताया था। सभी वनस्पति के बारे में वे कह रहे थे कि इनमें किसी भी प्रकार का स्वाद नहीं है जबकि उन वनस्पतियों में छह प्रकार के स्वाद थे जो कि कम ज्यादा थे। उनकी समस्या गंभीर लग रही थी।

 मैंने उनके चिकित्सक मित्र से कहा कि एक बार आप वापस जाकर इनके पैराथायराइड ग्लैंड की जांच कर ले और आवश्यक टेस्ट करा लें। हो सकता है कि इसकी अति सक्रियता के कारण उन्हें इस तरह के लक्षण आ रहे हो और हड्डियों में तेज दर्द हो रहा हो। वे इस बात के लिए तैयार हो गए और वापस जाकर जब उन्होंने उन सज्जन का परीक्षण किया तो उन्होंने पाया कि सचमुच पैरा थायराइड ग्लैंड हाइपरएक्टिव हो गई थी। उन्होंने इस समस्या के लिए सज्जन को कई तरह की दवाएं दी जो कि कई महीनों तक चलती रही पर इस ग्लैंड के हाइपरएक्टिव होने समस्या का कोई समाधान नहीं निकला। हार कर उनके चिकित्सक मित्र ने कहा कि जब तक इस समस्या के मूल का नहीं पता चलता तब तक इस तरह का इलाज करना ठीक नहीं होगा। हम कोशिश कर रहे हैं अलग-अलग परीक्षणों के माध्यम से कि इस समस्या के मूल का पता चले पर हम किसी भी हालत में सफल नहीं हो पा रहे हैं।

उन्होंने मुझसे फिर से परामर्श लेने के लिए समय मांगा और जब वे आए तो मैंने उन सज्जन के द्वारा ली जा रही है दवाओं की जांच की और उनके खानपान की ओर भी ध्यान दिया। उस आधार पर मैंने उन्हें देश की पारंपरिक चिकित्सा में इस समस्या के लिए प्रयोग किए जाने वाले 16 प्रकार के मेडिसिनल राइस के बारे में बताया और उनसे कहा कि वे विधिवत इनका प्रयोग करें तो उनकी समस्या का समाधान हो सकता है।

 सारी विधि समझ कर वे वापस लौट गए फिर कुछ महीनों के बाद उनका फोन आया कि मेडिसिनल राइस का प्रयोग करने से भी समस्या का पूरी तरह से समाधान नहीं हो रहा है। इसकी उग्रता कम हुई है पर तकलीफ अभी भी जारी है। उन्होंने फिर से मुलाकात के लिए समय मांगा। 

मेडिसिनल राइस की असफलता पर मैं भी बड़ा असमंजस में था। मैंने पारंपरिक चिकित्सकों से सलाह ली तो उन्होंने भी आश्चर्य व्यक्त किया क्योंकि 16 प्रकार के मेडिसनल राइस पीढीयों से इस प्रकार के लक्षणों के लिए उपयोग किए जा रहे थे। इस बार जब वे सज्जन आये तो मैंने उनसे फीस लेने से मना कर दिया और कहा कि जब समस्या का समाधान निकल जाए उसके बाद ही आप मुझे फीस दीजिएगा।

 मैंने उनसे कहा कि आप लंबी चर्चा की तैयारी करके आयें। मैं आपसे ढेर सारे प्रश्न करूँगा और आप उनका जवाब देंगे। इस आधार पर मैं समस्या का हल खोजने की कोशिश करूँगा। हमारी 3 घंटे तक चर्चा होती रही। उन्होंने बताया कि वे एक बड़ी कंपनी में नौकरी करते हैं और अविवाहित हैं। उन्हें खाना खाने के लिए पास के ही किसी होटल में जाना होता है। वे घर पर खाना नहीं तैयार कर पाते हैं क्योंकि उनके पास इतना समय नहीं होता है। कई सालों से इस होटल का भोजन ग्रहण कर रहे हैं। उन्हें खाने से किसी भी तरह की समस्या नहीं होती है इसीलिए वे इसी होटल पर अटके हुए हैं। बातों ही बातों में उन्होंने बताया कि होटल वाले भोजन के लिए एक निश्चित रकम लेते हैं और उसके बाद आपको जितना खाना है उतना आप खा सकते हैं। उसमें किसी भी तरह की पाबंदी नहीं है। यह सिस्टम इन सज्जन को जमता था इसीलिए उन्होंने इस होटल में जाना जारी रखा था। उनके द्वारा दी गई यह जानकारी बहुत महत्वपूर्ण थी और इससे मामले का समाधान निकलता नजर आ रहा था।

 मैंने उनसे कहा कि आप कुछ दिनों तक इस होटल का खाना खाना पूरी तरह से बंद कर दें और ऐसे होटल की तलाश करें जो कि अनलिमिटेड थाली का आमंत्रण न देता हो। उन्हें कुछ समझ में नहीं आया। मैंने उनसे कहा कि आप अभी दिमाग पर जोर नहीं लगाइये और मेरी बात मानिये। मुझे लगता है कि कुछ हफ्तों में ही आपको लाभ दिखने लगेगा। वे वापस लौट गए और मेरी बातों पर अमल करने लगे। 

उन्होंने बताया कि अब उन्होंने थोड़ी मेहनत करके और अपनी दिनचर्या से समय निकालकर घर में ही खाना बनाना शुरू कर दिया है।

 मुझसे मिलने के दसवें दिन के बाद उनको हड्डियों में दर्द होना कम हो गया। पेट का दर्द भी काफी हद तक नियंत्रण में आ गया। यानि कि उन्हें लाभ होने लगा बिना किसी दवा के।

 2 महीनों के बाद अपनी समस्या से पूरी तरह मुक्त होने के बाद उन्होंने फिर से परामर्श लेने का मन बनाया और मुझसे मिलने रायपुर आ गए। मैंने उन्हीं वनस्पतियों की की सहायता से उनका फिर से परीक्षण किया तो इस बार उन्होंने सभी वनस्पतियों के स्वाद सही-सही बताए। इसका यह मतलब था कि अब उनकी समस्या का पूरी तरह से समाधान हो चुका है। वे बड़े व्यग्र थे और जानना चाहते थे कि होटल के खाने में ऐसा क्या था जिसके कारण उनको इतनी गंभीर समस्याएं हो रही थी। मैंने उन्हें बताया कि अधिकतर अनलिमिटेड थाली वाले होटल विशेष तरह के रसायनों का प्रयोग करते हैं जिससे कि जल्दी ही पेट भर जाए और व्यक्ति ज्यादा भोजन न कर पाए। ये आधुनिक रसायन भी होते हैं और पारंपरिक रसायन भी। ज्यादातर वे चूने के पानी का उपयोग करते हैं जिसे कि उनके द्वारा तैयार किए गए भोजन में पहचान पाना बहुत मुश्किल होता है। इससे वे अपने उद्देश्य में सफल हो जाते हैं और व्यक्ति अनलिमिटेड थाली के बावजूद बहुत कम भोजन ग्रहण कर पाता है पर अधिक मात्रा में कैल्शियम के शरीर में पहुंचने से स्थाई स्वास्थ समस्याएं उत्पन्न हो जाती है और वैसे ही लक्षण आते हैं जैसे कि आपको आ रहे थे। चूने के पानी का अधिक मात्रा में लंबे समय तक प्रयोग करने से न केवल किडनी काम करना बंद कर देती है बल्कि हृदय पर भी विपरीत असर पड़ता है।

 इन होटल वालों के इस राज को बहुत कम लोग जानते हैं। यही कारण है कि वे इस चतुराई को सालों से करते रहते हैं और किसी को खबर ही नहीं लगती है। मेरे पास ऐसे बहुत से मामले आते रहते हैं और उनको मैं वही सलाह देता हूँ जो कि मैंने आपको दी।

उन सज्जन और उनके चिकित्सक मित्र ने मुझे धन्यवाद दिया और कहा कि आगे से वे इस बात का ध्यान रखेंगे और अपने मित्रों को भी इस बारे में बताएंगे।

 उन्होंने मेरी पूरी फीस दे दी।

 मैंने उन्हें धन्यवाद दिया और ढेर सारी शुभकामनाएं दी। 


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