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Showing posts from January, 2017

मधुमेह के लिए बबूल की गोंद के प्रयोग पर पंकज अवधिया के अनुभव

मधुमेह के लिए बबूल की गोंद के प्रयोग पर पंकज अवधिया के अनुभव चिकित्सा से संबंधित विश्व साहित्य यह बताते हैं कि अफ्रीका के पारंपरिक चिकित्सक बबूल की गोंद का प्रयोग मधुमेह यानी डायबिटीज की चिकित्सा में करते हैं. दुनिया भर के पारंपरिक चिकित्सक बबूल की गोंद के इस गुण से भली भांति परिचित है. नेपाल में मधुमेह की चिकित्सा में प्रयोग होने वाले 11000 से अधिक पारंपरिक नुस्खों में बबूल की गोंद को महत्वपूर्ण घटक के रुप में शामिल किया जाता है. श्रीलंका की पारंपरिक चिकित्सा में प्रयोग होने वाले 7000 से अधिक नुस्खों में बबूल की गोंद का इस तरह प्रयोग किया जाता है. हमारे देश में 85000 से अधिक पारंपरिक नुस्खों में बबूल की गोंद का प्रयोग किया जाता है. ये नुस्खे न केवल मधुमेह की चिकित्सा में काम आते हैं बल्कि आम लोगों को मधुमेह से बचाते भी है. मधुमेह के लिए छत्तीसगढ़ के पारंपरिक चिकित्सक बबूल की गोंद का सीधा प्रयोग बहुत कम करते हैं. वे इसे दूसरी वनस्पतियों के साथ देते हैं. बबूल की गोंद के साथ वे 850 से अधिक प्रकार की वनस्पतियों का प्रयोग करते हैं पर उनका साफ कहना है क...

बबूल की फलियों के साथ पंकज अवधिया के अनुभव

बबूल की फलियों के साथ पंकज अवधिया के अनुभव चिकित्सा से संबंधित विश्व साहित्य बताते हैं कि पूर्वी सूडान में पारंपरिक चिकित्सक तेज ज्वर की चिकित्सा के लिए बबूल की फलियों से तैयार काढ़े का प्रयोग करते हैं। बबूल की फलियों का इस तरह प्रयोग हमारे देश में भी किया जाता है। हमारे देश के छत्तीसगढ़ के पारंपरिक चिकित्सक इस काढ़े के प्रभावीपन को बढ़ाने के लिए इसके साथ में बबूल की छाल का भी प्रयोग करते है। कर्नाटक के धारवाड़ क्षेत्र के पारंपरिक चिकित्सक एक विशेष प्रकार का काढ़ा तैयार करते हैं। इस काढ़े में 20 प्रकार की जड़ी बूटियों डाली जाती हैं। इनमें बबूल की फलियां भी शामिल है। इसका प्रयोग ज्वर की चिकित्सा में सफलतापूर्वक किया जाता है। मध्य भारत के पारंपरिक चिकित्सक एक विशेष प्रकार की हर्बल चाय का प्रयोग करते हैं. इस हर्बल चाय की सहायता से विभिन्न प्रकार के ज्वरों की चिकित्सा की जाती है. इस हर्बल चाय में बबूल की फलों का उपयोग किया जाता है पर पकी हुई फली  लेने की बजाए कच्ची फली का उपयोग ज्यादा लाभदायक माना जाता है मैंने अपने अनुभव से ...

बबूल के बीजों के साथ पंकज अवधिया के अनुभव

बबूल के बीजों के साथ पंकज अवधिया के अनुभव चिकित्सा से संबंधित विश्व साहित्य यह बताते हैं कि मस्कट में बबूल के बीजों का प्रयोग खजूर के साथ शरीर से विष को हटाने के लिए किया जा...

रोगियों के लिए संजीवनी बूटी की तरह काम करता है यह तेलिया कंद

रोगियों के लिए संजीवनी बूटी की तरह काम करता है यह तेलिया कंद पंकज अवधिया ऐसा लगता है जैसे आस पास कोई जंगली जानवर मर गया है। बहुत तेज बदबू आ रही है। लगता है उसकी लाश सड़ रही है ।...

आप तो देश के पूर्वोत्तर भाग में  मेडिसिनल आर्किड की खेती कर सकते हैं।

आप तो देश के पूर्वोत्तर भाग में  मेडिसिनल आर्किड की खेती कर सकते हैं। मेडिसिनल आर्किड की दुनियाभर में बहुत मांग है । भारत में पारंपरिक चिकित्सा में इसका अक्सर प्रयोग होत...

बाजार से सफेद मूसली का चूर्ण खरीदने से पहले यह सुनिश्चित कर ले कि इसे

बाजार से सफेद मूसली का चूर्ण खरीदने से पहले यह सुनिश्चित कर ले कि इसे खेती से तैयार सफेद मूसली की सहायता से बनाया गया है या फिर सफेद मूसली को जंगल से एकत्र किया गया है आमतौर पर जंगल से एकत्र की गई सफेद मूसली कच्ची अवस्था में एकत्र कर ली जाती है। जब इसके चूर्ण का प्रयोग किया जाता है तो नाना प्रकार की समस्याएं पैदा हो जाती है। इस तरह की कच्ची मूसली मधुमेह यानी डायबिटीज़ के रोगियों के लिए अभिशाप बन जाती है Excerpts from Safed Musli Sutra by Pankaj Oudhia

सफेद मूसली का प्रयोग यदि आप कामोत्तेजक के रूप में कर रहे हैं तो ठीक है पर यदि

सफेद मूसली का प्रयोग यदि आप कामोत्तेजक के रूप में कर रहे हैं तो ठीक है पर यदि आप इसे संतान उत्पत्ति के लिए प्रयोग कर रहे हैं तो आपको इसका प्रयोग सावधानीपूर्वक करना चाहिए वरना लेने के देने पड़ सकते हैं. Excerpts from Safed Musli Sutra by Pankaj Oudhia

सफेद मूसली की खेती अरहर के साथ सफलता पूर्वक की जा सकती है

सफेद मूसली की खेती अरहर के साथ सफलता पूर्वक की जा सकती है. छत्तीसगढ़ के एक किसान इस दिशा में सशक्त प्रयास कर रहे हैं और उन्हें लगातार सफलता भी मिल रही है देश के दूसरे हिस्सों के किसान उनसे इस बारे में विस्तार से जानकारी ले सकते हैं. Excerpts from Safed Musli Sutra by Pankaj Oudhia

सफेद मूसली के गलत उपयोग से आप क्रोधी बन सकते हैं

सफेद मूसली का अविवेकपूर्ण प्रयोग आप को स्थायी रूप से क्रोधी बना सकता है। आप छोटी-छोटी बातों से नाराज हो सकते हैं बेवजह इसलिए सफेद मूसली को अपने  ऊपर हावी न होने दें। पंकज अवधिया के शोध ग्रंथ All about Safed Musli से साभार