पोहकरमूल का प्रयोग तृतीयक घटक के रूप में - किडनी के रोगों की पारम्परिक चिकित्सा
किडनी के रोगों की पारम्परिक चिकित्सा
किडनी के रोगियों के लिए पारम्परिक चिकित्सक जब किसी औषधीय मिश्रण में पोहकरमूल का प्रयोग तृतीयक घटक के रूप में करते हैं तो उस मिश्रण में सत्यानाशी का उपयोग पंचम घटक के रूप में करने से बचते हैं.
- पंकज अवधिया अपनी पुस्तक "भारतीय पारम्परिक चिकित्सा" में
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