Consultation in Corona Period-234

Consultation in Corona Period-234 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "बहुत अधिक प्यास लगने और बार-बार पेशाब लगने की समस्या का जब घरेलू औषधियों से समाधान नहीं हुआ तब मैंने डॉक्टर की शरण ली और जिसका शक था वही हुआ। उन्होंने बताया कि मुझे डायबिटीज है और इसके लिए अच्छा जीवन जीने की जरूरत है। उन्होंने कई तरह के परहेज बताए और ढेर सारी दवाईयां लिखी। उनकी पर्ची लेकर मैं वापस आ गया पर उनकी बताई दवाओं को नहीं खरीदा क्योंकि मेरे साले का मेडिकल स्टोर है। मेरे साले ने डायबिटीज की बहुत सारी दवाएं मुझे दी और कहा कि अब डरने की जरूरत नहीं है। मैं आपको बताना चाहता हूँ कि मैं किसी भी तरह का परहेज नहीं कर सकता हूँ। हां, सुबह अगर घूमने कहे तो मैं हफ्ते में एक-दो दिन घूम सकता हूँ पर परहेज मुझसे नहीं होता है। मेरे साले ने कहा कि उसके द्वारा दी जा रही दवाओं में परहेज की आवश्यकता नहीं है और इससे डायबिटीज पूरी तरह से नियंत्रण में रहेगा। उसके बाद मैं बेफिक्र हो गया। मेरा ध्यान इस ओर तब गया जब मुझे कुछ समय बाद बहुत अधिक कमजोरी लगने लगी और आंखों के सामने अंधेरा छाने लगा। सुबह घूमते समय मैं गश खाकर गिरने लगा तब मैंने यह बात अपने साले को बताई तो उसने कहा कि यह डायबिटीज के कारण हो रहा है। ऐसा लगता है कि उसकी दवा डायबिटीज का ठीक से नियंत्रण नहीं कर पा रही है इसलिए उसने अपने एक मित्र के पास भेजा जिसकी आयुर्वेदिक दवाओं की दुकान थी। उसने वहां से मुझे बहुत सारी दवाईयां दी जोकि कड़वी थी। मैंने उन दवाओं का नियमित रूप से प्रयोग करना शुरू किया पर फिर भी चक्कर आने की समस्या जस की तस रही। घरवाले पीछे पड़े रहे कि मैं एक बार फिर से डॉक्टर से मिलूँ पर इस बीच मॉर्निंग वॉक में जाने वाले मेरे दोस्तों ने बताया कि यदि पनीर फूल का उपयोग किया जाए तो डायबिटीज को बहुत अच्छे से मैनेज किया जा सकता है तब से मैं लगातार पनीर फूल का उपयोग कर रहा हूँ। पिछले कुछ दिनों से मुझे सीने में दर्द की समस्या हो रही है। परिवार जनों ने कहा कि यह हृदय की समस्या हो सकती है। मैंने आपके बारे में यह पढ़ा है कि आप किसी तरह की खाद्य सामग्री देते हैं जिससे कि रोगों का नियंत्रण हो जाता है इसलिए मैं अपनी इस समस्या के लिए आपसे मिलने आया हूँ।" उत्तर भारत से आए एक सज्जन ने यह कहा जब वे मुझसे मिलने रायपुर आये। मैंने उनसे पूछा कि क्या आप डॉक्टर की रिपोर्ट लेकर आए हैं तब उन्होंने कहा कि रिपोर्ट की जरूरत नहीं है। आप किसी भी तरह का परीक्षण करना चाहे तो कर सकते हैं। जब मैंने उनका परीक्षण किया तो आश्चर्यजनक नतीजे निकले। जिसकी पुष्टि करने के लिए मैंने दो बार और परीक्षण किया फिर उनसे कहा कि आपको तो डायबिटीज की समस्या नहीं है फिर आप डायबिटीज के लिए इतनी तगड़ी दवाओं का प्रयोग क्यों कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि मुझे डायबिटीज की समस्या है और चिकित्सक ने मुझे यह लिख कर दिया है। मैंने कहा कि मुझे वह पर्ची दिखाईये तो उन्होंने कहा कि आप मेरी बात पर विश्वास करिए। मैं पिछले 3 साल से डायबिटीक हूँ। उनकी हृदय की समस्या के लिए मैंने एक विशेष तरह का मेडिसिनल राइस दिया और कहा कि आप पनीर फूल का उपयोग लंबे समय तक न करें। मुझे लगता है कि इससे आपकी किडनी को भी बहुत अधिक नुकसान हुआ होगा। आप चाहे तो अपनी किडनी की जांच करवा सकते हैं। मुझे लगता है कि किडनी में सूजन होगी और आपको पेशाब की समस्या हो सकती है आने वाले दिनों में। उन्होंने कहा कि इसमें कौन सी बड़ी बात है वे आज ही किडनी का परीक्षण करवाएंगे। 3 दिनों के बाद उन्होंने फिर परामर्श के लिए समय लिया। इस बार वे किडनी की रिपोर्ट लेकर आए थे। जिसका डर था वही हुआ। उनकी दोनों किडनी में सूजन थी और डॉक्टर कह रहे थे कि जल्दी ही उन्हें विशेष देखभाल की जरूरत होगी। डॉक्टर ने साफ शब्दों में उन्हें कहा था कि अब परहेज करने की जरूरत है। मैंने उन सज्जन से कहा कि मेरे परीक्षण तो कह रहे हैं कि आपको डायबिटीज नहीं है उसके बाद भी आप पनीर फूल जैसी घातक वनस्पति का लंबे समय से प्रयोग कर रहे हैं। मुझे लगता है आपकी किडनी की समस्या का कारण यही है। आप पनीर फूल का उपयोग बंद कर दीजिए और एक बार फिर अपने चिकित्सक से मिलकर इस बात की पुष्टि करिए कि आपको सचमुच डायबिटीज है। 1 महीने के अंतराल के बाद उन्होंने फिर से संपर्क किया और बताया कि उन्होंने पनीर फूल का उपयोग पूरी तरह से बंद कर दिया है और फिर से किडनी की जब जांच कराई तो पता चला कि अब सूजन कम हो गई है। उन्होंने धन्यवाद दिया कि उन्हें समय रहते इसका पता चल गया अन्यथा बात बिगड़ सकती थी। उन्होंने यह भी बताया कि डायबिटीज के लिए वे करेला और नीम से बने एक फार्मूले का उपयोग कर रहे हैं जो कि बाजार में काफी लोकप्रिय है। उन्होंने संपर्क करने की वजह बताई कि उन्हें फिर से बहुत अधिक कमजोरी हो रही है और आंखों के सामने अंधेरा छा रहा है। मैंने उनसे कहा कि अगर आपको डायबिटीज नहीं है और आप करेले और नीम का प्रयोग कर रहे हैं तो आपको ऐसे लक्षण आ सकते हैं। आप एक बार कम से कम चिकित्सक से मिलकर यह पुष्टि तो जरूर करवा लें कि आप को डायबिटीज है कि नहीं। वे थोड़ा सा खींझ गए और उन्होंने कहा कि मैं पहली बार ऐसे विशेषज्ञ से मिल रहा हूँ जो कि मुझसे बार-बार कह रहे हैं कि मुझे डायबिटीज नहीं है जबकि मैं पिछले 3 सालों से डायबिटीज की दवा ले रहा हूँ। मैंने उन्हें खानपान में सुधार करने की सलाह दी और कहा कि हो सकता है इससे आपकी समस्या का समाधान हो जाए। फिर मेरे मन में एक विचार आया और मैंने उनसे पूछा कि आप पहली बार जिस चिकित्सक से मिलने गए थे जिन्होंने बताया कि आप को डायबिटीज है क्या आप उनका नंबर मुझे दे सकते हैं। मुझे एक मरीज को उनके पास भेजना है। वे मेरी बातों में आ गए और उन्होंने उन चिकित्सक का नंबर मुझे दे दिया। जब मैंने उन चिकित्सक से बात की तो उन्होंने कहा कि मेरे पास तो सैकड़ों मरीज आते हैं इनमें इस नाम के मरीज को खोजना कठिन होगा पर मैं आपके लिए यह करने के लिए तैयार हूँ। मुझे कुछ समय चाहिए। 1 हफ्ते के बाद जब उन्होंने उन सज्जन की रिपोर्ट भेजी तो दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि उन सज्जन को Diabetes insipidus है न कि Diabetes mellitus। जो बीमारी उनको नहीं थी अज्ञानता वश बिना किसी चिकित्सक से परामर्श लिए उन्होंने अपने आप ही उस बीमारी की चिकित्सा करनी शुरू कर दी और 3 सालों तक तरह-तरह की स्वास्थ समस्याओं से जूझते रहे। अगली बार जब उन्होंने फिर से मुझसे संपर्क किया तो मैंने उन सज्जन को पूरी बात बताई और कहा कि आपको डायबिटीज मेलिटस टाइप टू नहीं है। इसे आप समझ लीजिए और यह आपके चिकित्सक ने भी लिखा है पर आपने सिर्फ डायबिटीज शब्द पढ़ा और मान लिया कि आपको टाइप टू डायबिटीज है। आपने पहले ही चिकित्सक के परामर्श से सही दवा ली होती तो आपको इस तरह की कोई समस्या नहीं होती। मैंने उनसे कहा कि Diabetes insipidus कोई बहुत बड़ी समस्या नहीं है। आप अपने खानपान में सुधार करेंगे तो आप इससे उबर जाएंगे। यह डायबिटीज मेलिटस जैसा खतरनाक नहीं है। उन्हें खुशी भी हुई और दुख भी हुआ। खुशी इस बात की कि उन्हें पता चला कि उन्हें वो वाला डायबिटीज नहीं है जिससे पूरी दुनिया परेशान है। दुख इस बात का कि उन्होंने चिकित्सक के परामर्श को नहीं माना और अपने साले पर विश्वास किया और फिर एक के बाद एक मकड़जाल में फंस गए बेवजह ही। उन्होंने अपनी किडनी को नुकसान पहुंचा लिया। मेरे कहने पर वे अपने पहले चिकित्सक से मिले और उनसे फिर से दवा लिखवाई और फिर मुझे आश्वस्त किया कि वे अब उनके मार्गदर्शन में ही अपनी चिकित्सा करवाते रहेंगे। मैंने उनसे कहा कि देर आए दुरुस्त आए। सर्वाधिकार सुरक्षित

Comments

Popular posts from this blog

गुलसकरी के साथ प्रयोग की जाने वाली अमरकंटक की जड़ी-बूटियाँ:कुछ उपयोगी कड़ियाँ

कैंसर में कामराज, भोजराज और तेजराज, Paclitaxel के साथ प्रयोग करने से आयें बाज

भटवास का प्रयोग - किडनी के रोगों (Diseases of Kidneys) की पारम्परिक चिकित्सा (Traditional Healing)