Consultation in Corona Period-140

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Pankaj Oudhia पंकज अवधिया


"पहले दाहिने हाथ की कलाई कड़ी होनी शुरू हुई फिर उसने पूरी तरह से काम करना बंद कर दिया।

 उसके बाद कोहनी पर अटैक हुआ। कोहनी पूरी तरह से सूख गई और बहुत कड़ी हो गई।

 इसके बाद कंधे जाम हो गए। 2 साल तक यही स्थिति रही। फिर अचानक से दाहिने घुटने में अकड़न हो गई। फिर 1 साल के बाद दाईं आंख में तकलीफ होने लगी और डॉक्टरों ने बताया कि आंख का पानी अब पूरी तरह से सूखने वाला है।

 क्योंकि यह देश के राज परिवार का मामला था इसलिए युवराज की चिकित्सा में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती गई। हमने दुनिया भर के सभी दिग्गज चिकित्सकों से सलाह ली।

 उन्होंने यह कहा कि यह अनुवांशिक समस्या हो सकती है पर ऐसा कहने से पहले उन्होंने तरह तरह की दवाएं युवराज के ऊपर आजमायी। 

उन्हें लंबे समय तक फिजियोथेरेपी का सहारा लेना पड़ा। अब वे पूरी तरह से असहाय हो गए हैं और उनका दाहिना हाथ बिल्कुल भी काम नहीं करता है। वह सूखी लकड़ी की तरह हो गया है। 

हम न केवल चीन और मलेशिया के पारंपरिक चिकित्सकों से मिले बल्कि ब्राजील के पारंपरिक चिकित्सकों से भी हमने राय ली।

 हमने उनसे कहा कि आप महंगे से महंगा इलाज करें। पैसे की कोई समस्या नहीं है पर युवराज का ठीक होना बहुत जरूरी है।

 पिछले 5 सालों में इस रोग के 50 से अधिक नाम बताए गए। हमने सभी रोग के नाम के अनुसार उसकी चिकित्सा की पर फिर भी हालत में सुधार नहीं हुआ। सबसे बड़ी मुश्किल दाहिनी आंख से न दिखने की है। 

वैसे युवराज का स्वास्थ पूरी तरह से ठीक है। उन्हें किसी भी तरह की बीमारी नहीं है।

 वे नियमित व्यायाम करते हैं। खानपान में ज्यादा गड़बड़ी नहीं है। केवल विशेष अवसरों पर ही शराब का सेवन करते हैं, वह भी बहुत कम मात्रा में। 

फलों का उन्हें विशेष शौक है। दुनिया भर के फलों का प्रयोग वे अपने नियमित जीवन में करते हैं। स्विट्जरलैंड के झरनों से आने वाला विश्व का सबसे शुद्धतम पानी वे पीने के लिए इस्तेमाल करते हैं। उनका खाना पूरी तरह सात्विक तरीके से तैयार होता है। 

वे मांसाहार के भी शौकीन है पर आंखों की समस्या के बाद उन्होंने एक चिकित्सक की राय को मानकर इसका प्रयोग पूरी तरह से रोक दिया है।

 मैं उनका निजी चिकित्सक हूं और मुझसे कहा गया है कि मैं आपसे संपर्क करूं और इस बारे में आपकी राय लूं। 

आप अगर अनुमति दें तो हम अपना राजकीय विमान आपके लिए भेज सकते हैं ताकि आप हमारे देश आ सके और युवराज की जो भी जांच करना चाहे कर सकें।" 

पड़ोसी देश के एक राज परिवार के निजी चिकित्सक ने मुझसे संपर्क किया। मैंने उनसे कहा कि मैं आपकी मदद करूंगा। 

मैंने उनसे युवराज की सारी रिपोर्ट मंगाई और पिछले 5 सालों में चिकित्सकों ने उन्हें कौन-कौन से परामर्श दिए इस बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।

 इसके बाद मैंने युवराज की नियमित दिनचर्या का एक वीडियो भी मंगाया फिर इन सब के आधार पर मैंने ढाई सौ प्रश्नों की एक विस्तृत प्रश्नावली तैयार की।

 जब उस प्रश्नावली के उत्तर मुझे मिले तो मैंने 60 तरह की वनस्पतियों की पहचान की जो कि इस इस दशा के लिए उत्तरदाई हो सकती थी। 

मैंने युवराज के निजी चिकित्सक को इन वनस्पतियों की सूची भेजी और कहा कि आप यह जांच कर बताएं कि क्या ये वनस्पतियां उनके द्वारा ली जा रही दवाओं में शामिल है? 

उन्होंने इस बारे में प्रयास किया पर उन्हें बहुत अधिक सफलता नहीं मिली क्योंकि युवराज को जो दवाएं दी जा रही थी उसके बारे में दुनियाभर के वैद्य पूरी जानकारी नहीं दे रहे थे।

 मैंने जड़ी बूटियों का एक लेप उनके दूत के माध्यम से युवराज के पास भेजा और कहा कि वे इसे अपने पैरों पर लगाएं आधे घंटे तक। उसके बाद शरीर के विभिन्न भागों में आने वाले लक्षणों के बारे में मुझे जानकारी दें। जब उन्होंने इस लेप को अपने पैरों में लगाया तो उनके शरीर ने बड़े ही आश्चर्यजनक रूप से किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं की। आधे घंटे से लेकर जब 2 घंटे बीत गए तो मैंने उनसे कहा कि अब आप लेप को अपने तलवे से धो लें।

फिर मैंने उनके निजी चिकित्सक से कहा कि इस परीक्षण के बाद से 60 वनस्पतियों की सूची अब 40 वनस्पतियों की रह गई है। 

मैंने उनके माध्यम से युवराज से पूछा कि क्या उन्हें दिन में छाले हो जाते हैं और वे छाले रात को अपने आप ठीक हो जाते हैं तो उन्होंने कहा कि हां ऐसा होता है।

 उनके इस जवाब से वनस्पतियों की सूची 40 से 39 हो गई। मेरा अगला प्रश्न था कि क्या उन्हें कब्जियत की शिकायत होती है और हर तीसरे चौथे दिन में ही पेट साफ होता है तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस तरह की कोई समस्या नहीं है और उनका दिन में दो बार पेट साफ होता है। कब्जियत का नाम उन्होंने अपने जीवन में कभी सुना ही नहीं है।

 उनके इस जवाब से संदेहास्पद 39 जड़ी बूटियों की सूची घटकर 35 रह गई।

 मैंने उनसे पूछा कि आपने इस बात पर कभी ध्यान दिया है कि रात को 11 से 12 के बीच में आपकी आंखों में बहुत तेज जलन होती है तो उन्होंने कहा कि हां उन्हें कभी-कभी ऐसी समस्या होती है पर लगातार नहीं होती है।

 जब ऐसी समस्या होती है तो वे आंखों में गुलाब जल डाल लेते हैं और अपना सब काम छोड़ कर सो जाते हैं। उनके इस जवाब से 35 जड़ी बूटियों की सूची 25 की रह गई।

 मेरा अगला प्रश्न था कि क्या सुबह 10 से लेकर 2 के बीच में उनके पेट में बहुत अधिक जलन होती है। उनका जवाब था कि हां बहुत अधिक जलन होती है और इसके लिए वे ठंडा पानी बार-बार पीते रहते हैं। उनके इस जवाब से 25 जड़ी बूटियों की सूची 12 जड़ी बूटियों की रह गई। मैंने उनसे पूछा कि क्या आप के बाएं हाथ में अक्सर कंपन होती है विशेषकर चाय पीने के बाद।

 उन्होंने कहा कि कंपन तो होती है पर चाय पीने के बाद नहीं होती और कभी-कभी ही होती है। उनके जवाब से जड़ी बूटियों की सूची मात्र 5 जड़ी बूटियों की रह गई। 

मैंने उनसे पूछा कि क्या रात को आपको अक्सर ऐसे सपने आते हैं कि आप किसी ऊंचाई से नीचे गिर रहे हैं और फिर हड़बड़ाकर आपकी नींद खुल जाती है तो युवराज ने कहा कि हां, आजकल ऐसे सपने बहुत आते हैं। इसके कारण वे बहुत बेचैनी महसूस करते हैं और दिन में भी उन्हें बेचैनी का एहसास होता है। हालांकि दिन में सोने पर ऐसे सपने नहीं आते हैं।

 उन्हें एक वैध ने सलाह दी है कि वे अपने पैरों में तिल के तेल की मालिश करें। इससे ऐसे सपने नहीं आएंगे। मैंने इसे अपनाया पर इससे अधिक लाभ नहीं हुआ। युवराज के इस जवाब के बाद सारा संदेह एक वनस्पति पर आकर टिक गया। 

मैंने उनके चिकित्सक से कहा कि आप यह पता करें कि उनकी किस दवा में काली मूसली का प्रयोग हो रहा है? उन्होंने झट से पता किया और बताया कि युवराज के लिए जो राजमहल में च्यवनप्राश तैयार होता है उसमें काली मूसली का प्रयोग किया जाता है।

 मैंने पूछा कि क्या इस च्यवनप्राश का उपयोग पिछले 5 सालों से हो रहा है तो उन्होंने कहा कि वे 10 से भी अधिक सालों से इस च्यवनप्राश का नियमित उपयोग कर रहे हैं। अब समस्या का समाधान दिखने लगा था। मैंने उनसे कहा कि आप च्यवनप्राश का प्रयोग पूरी तरह से रोक दें और अगर इसे लेना जरूरी है तो उसमें से दोषपूर्ण काली मूसली को हटा दें। इससे उनकी समस्या का बढ़ना पूरी तरह से रुक जाएगा। 

निजी चिकित्सक ने इसकी जांच पड़ताल की और मुझे बताया कि च्यवनप्राश में जिस काली मूसली का उपयोग किया जाता है वह छत्तीसगढ़ के जंगलों से ही एकत्र की जाती है।

 च्यवनप्राश से युवराज को बहुत अधिक लाभ होता है इसलिए सबसे अच्छी बात यह है कि अगर हम दोषपूर्ण काली मूसली की जगह पर अच्छी काली मूसली का प्रयोग करने लगे तो च्यवनप्राश का दोष पूरी तरह से ठीक हो जाएगा और युवराज उसे लंबे समय तक ले सकेंगे बिना किसी नुकसान के। 

निजी चिकित्सक ने अनुरोध किया कि मैं उन्हें कुछ ऐसे उपाय बताऊँ जिससे कि वे छत्तीसगढ़ से इस वनस्पति को एकत्र करने वाले लोगों को निर्देश दे सके कि कैसे वे काली मूसली के एकत्रण के समय विशेष सावधानी रख सकते हैं। 

मैंने उन्हें बताया कि कुसुम के बड़े वृक्षों के पास उगने वाली काली मूसली में यह दोष उत्पन्न हो जाता है। संभवत: यह कुसुम के वृक्षों की जड़ों से निकलने वाले रसायनों के कारण होता है।

 भारत के पारंपरिक चिकित्सक इस बारे में विशेष जानकारी रखते हैं। वे या तो उस स्थान से काली मूसली का एकत्रण नहीं करते हैं या फिर पारंपरिक विधियों से काली मूसली का शोधन करने के बाद ही वे इसे नुस्खे में प्रयोग करते हैं।

 निजी चिकित्सक ने धन्यवाद दिया और कहा कि वे इस वनस्पति को एकत्र करने वाले लोगों को यह विशेष सलाह दे देंगे और इस पर कड़ी निगाह रखेंगे कि किसी भी प्रकार से दोषपूर्ण काली मूसली का प्रयोग च्यवनप्राश में न हो। 

मैंने उन्हें पांच प्रकार के विशेष मेडिसिनल राइस दिए जो कि उनके देश में भी उगाए जाते थे। मैंने उनसे कहा कि आप मेरे द्वारा बताई गई विधि के अनुसार इन पांचो देसी चावल को आपस में मिलाकर एक लेप बनाएं फिर उसमें पीले पलाश की छाल को मिलाकर इस लेप को प्रभावित हाथ में लगाएं। 

ऐसा करने से कुछ महीनों में युवराज का हाथ फिर से काम करने लगेगा और उसकी सारी समस्या का समाधान हो जाएगा। 

1 वर्ष बाद इस कोरोना काल में उनका यह शुभ संदेश आया कि युवराज की स्थिति में काफी सुधार हो गया है और यह सुधार लगातार हो रहा है। 

उन्होंने बताया कि राज परिवार ने आप को विशेष रूप से धन्यवाद कहा है और आपको राजकीय अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है। 

मैंने उन्हें शुभकामनाएं दी और कहा कि जब भी मैं उनके देश आऊंगा तो उनका आतिथ्य अवश्य स्वीकार कर लूंगा। 


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