Consultation in Corona Period-33

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Pankaj Oudhia पंकज अवधिया


"बॉडी देखकर क्या आप बता सकते हैं कि मौत तेलिया कंद के कारण हुई है या नहीं?" कनाडा के स्पेशल क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी फोन में दूसरी ओर थे।


"हमने इंटरनेट पर जब तेलिया कंद खोजा तो केवल आपकी ही अकादमिक सामग्री दिखाई दी इसलिए हम आपसे संपर्क कर रहे हैं। 


यदि आप प्रोफेशनल है तो हम आपकी फीस देने को तैयार हैं। यहां एक घटना हो गई है। 


इसमें भारतीय मूल के एक युवक की मृत्यु हो गई है। उस युवक के पास से डॉक्टर की एक पर्ची मिली है जिसमें तेलिया कंद का जिक्र है।


 उस युवक को सोरायसिस की बीमारी थी और वह किसी भारतीय डॉक्टर से तेलिया कंद नामक जड़ी बूटी ले रहा था। इसी आधार पर हम आपसे संपर्क कर रहे हैं। 


क्या आप बता सकते हैं कि तेलिया कंद से अगर मृत्यु होती है तो बॉडी किस प्रकार की दिखती है?" 


 इस तरह उन्होंने अपनी बात पूरी की। 


मैंने उन्हें कहा कि मैं आपकी मदद करूंगा। 


आप मुझे बॉडी का पूरा वीडियो भेजें। जब मैंने वीडियो का अध्ययन किया तो पाया कि बहुत सारी वनस्पतियों के कारण ऐसा हो सकता है। 


पूरी की पूरी किताब मेरे दिमाग में खुल गई पर एक लक्षण बहुत खास था। 


मृतक की गर्दन अकड़ी हुई थी और दोनों हाथ भी जबकि दोनों पैर बिल्कुल सलामत थे। ये तेलिया कन्द की विषाक्तता के लक्षण नही थे।


इन लक्षणों के आधार पर मैंने अपना डेटाबेस खंगाला और 10 प्रकार के कन्दों की सूची उन्हें भेज दी। 


साथ ही उन्हें बताया कि इन कन्दों के प्रयोग से यदि विषाक्तता हो जाए तो इस प्रकार के लक्षण आते हैं जो कि उस बॉडी में दिख रहे थे। 


उन्होंने धन्यवाद दिया और फिर उनसे संपर्क नहीं हो पाया। 


कुछ दिनों बाद उन्होंने फिर से संपर्क किया। वे कामराज बूटी के बारे में जानना चाहते थे।


 उन्होंने बताया कि युवक की मृत्यु एक होटल में हुई थी और उस समय वह अपनी प्रेमिका के साथ था। उसकी प्रेमिका ने गहरी पूछताछ में बताया है कि वह युवक कामोत्तेजना के लिए भी एक प्रकार की जड़ी बूटी का प्रयोग करता था। 


उस दिन उसने जब आलिंगन से पहले उस जड़ी बूटी का प्रयोग किया तो उसे झटके आने लगे और फिर स्खलित होते ही अपनी प्रेमिका की बाहों में ही दम तोड़ दिया। 


अधिकारी ने कामराज बूटी के नमूने दिखाए। एक भारतीय वैद्य से मैंने कनाडा में यह सुनिश्चित किया कि यह कामराज बूटी ही है।


 मैंने अधिकारी से कहा कि कामराज बूटी के प्रयोग से या उसकी विषाक्तता से इस तरह के लक्षण नहीं आते हैं। 


अधिकारी ने कहा कि यदि आप चाहें तो इस केस में शामिल हो सकते हैं और अपनी मर्जी से उन लोगों से प्रश्न पूछ सकते हैं।


 मैंने हामी भरी और अनुरोध किया कि मुझे प्रेमिका से बात कराई जाए। 


प्रेमिका हिंदी भाषी थी इसलिए बात करने में कोई दिक्कत नहीं हुई। कामराज बूटी का प्रबंध प्रेमिका द्वारा ही किया जाता था।


 हर महीने यह बूटी भारत से आती थी और उसने कहा कि कभी इससे किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई। इस बार अचानक ऐसा क्यों हो गया- यह समझ से परे है।


 अधिकारी ने मुझे बताया कि बूटी को जब्त कर लिया गया है और उसकी जांच की जा रही है।


 प्रेमिका से पूछने पर उसने बताया कि भारत से यह बूटी एक वैद्य के द्वारा दी जाती है। 


जब भारत में मैंने उस वैद्य से बात की तो  उन्होंने बताया कि वे इसे जंगल से एकत्र नहीं करते हैं क्योंकि यह जंगल में बहुत मुश्किल से मिलती है। 


वे इसे पंसारी की दुकान से खरीदते हैं और फिर इसमें अपना लेबल लगाकर कनाडा भेज देते हैं। 


मैंने वैद्य से कहा कि आपको तो मालूम ही होगा कि अति दुर्लभ होने के कारण इस बूटी में कई तरह की मिलावट की जाती है इसलिए आपको इसे स्वयं ही जंगल से एकत्र करना चाहिए। 


अगर जंगल में नहीं मिलती है तो इसे अपने खेत में लगाना चाहिए। इसकी खेती आसान है पर पंसारी की दुकान से लेने से बचना चाहिए क्योंकि इसमें मिलावट की संभावना होती है। 


नंगी आंखों से यह नहीं देखा जा सकता कि यह मिलावटी है या शुद्ध है।


 जब पंसारी से बात की तो पता चला कि पंसारी भी दिल्ली के किसी बड़े बाजार से इसकी खरीद करता है। जब दिल्ली की उस दुकान का नाम मुझे बताया गया तो मुझे 10 वर्ष पुराना वाक्या याद आ गया जब हम दिल्ली की विभिन्न दुकानों से एकत्र की गई जड़ी बूटियों का रासायनिक विश्लेषण कर रहे थे।


 हम यह जानना चाहते थे कि उनमें कितनी मिलावट की जाती है और इस मिलावट का रोगियों पर क्या दुष्प्रभाव पड़ता है? 


कामराज बूटी में बहुत थोड़े स्तर पर एक और कंद की मिलावट की जाती है क्योंकि वह उसी की तरह दिखता है। 


यह कंद विषाक्त होता है। यह बात जड़ी बूटी बेचने वाले जानते हैं इसलिए बहुत कम मात्रा में इसे मिलाते हैं पर कभी-कभी भूल से इनकी मात्रा अधिक भी हो जाती है जिससे रोगियों की जान पर बन आती है।


 इस तरह की घटना की कोई रिपोर्टिंग नहीं होती इसलिए प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं देता। हम लोग इस क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं इसलिए हम ऐसी घटनाओं पर लगातार नजर बनाए रखते हैं। 


मैंने अधिकारी से कहा कि मैंने आपको जो कन्दों की सूची भेजी है उसमें जो दूसरे नंबर का कंद है वही मौत का कारण है।


 इसी कंद की मिलावट कामराज बूटी के साथ की गई है और यही जानलेवा साबित हुई है।


मैंने कंद का वैज्ञानिक नाम आपके पास भेज दिया है। उसमें कौन से विष होते हैं इसकी जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध है। आप सैंपल में इसकी जांच करवाएं।


 मुझे विश्वास है कि कामराज बूटी कम और मिलावट अधिक है जिसके कारण युवक की अचानक मृत्यु हो गई। 


संभवत: पहले की खेपों में ऐसी मिलावट नहीं होगी इसलिए उसे किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ और केवल लाभ हुआ। 


इस बार की खेप में मिलावट वाली कामराज बूटी आ गई होगी इसलिए ऐसा हुआ होगा।


मैने अपनी बात पूरी की।


 अधिकारी ने धन्यवाद दिया।


 फिर एक सप्ताह के बाद उन्होंने फिर से फोन किया और बताया कि मेरा अनुमान सही था। अब जांच की दिशा तय हो गई है। अब यह मामला अपने अंजाम तक पहुंच जाएगा।


सर्वाधिकार सुरक्षित

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