लीवर कैंसर की दवा से हो जब नकसीर, सलिहा को फार्मूले से हटा कर बदलें तस्वीर
लीवर कैंसर की दवा से हो जब नकसीर, सलिहा को फार्मूले से हटा कर बदलें तस्वीर
पंकज अवधिया
कहीं भारी गडबड लगती है. किसी फार्मूले से रोगी की ऐसी दशा होते मैंने बहुत कम
देखा है. रोगी की नाक से लगातार खून बहना शुभ लक्ष्ण नही है. आप ऐसे फार्मूलों को
प्रयोगशाला जीवों तक ही सीमित रखें. मनुष्यों पर ऐसे घातक प्रयोग ठीक नही है.
आप दिल्ली के एक जाने-माने कैंसर प्रतिष्ठान के निदेशक हैं और साथ ही लीवर
कैंसर की एक नई दवा के विकास में लगे शोध
दल के मुखिया भी हैं. आपने जो फार्मूला विकसित किया है वो कैंसर के लिए तो लाभप्रद
है पर उसके प्रयोग से रोगियों को कई तरह की स्वास्थ समस्याएं आ रही हैं.
आपका फार्मूला पालीहर्बल फार्मूला है. जड़ी-बूटियों पर आधारित फार्मूले के कारण
होने वाली स्वास्थ समस्याओं को देखकर आप विस्मय में है. आपको लगा था कि
जड़ी-बूटियों से केवल लाभ होता है, किसी तरह की हानि नही. इस फार्मूले के कारण हो
रही समस्याओं पर चर्चा करने के लिए आपने फीस देकर परामर्श का समय लिया है. आपका स्वागत है.
आपने बताया कि आपका फार्मूला सफेद फूल वाले गदहपुरना पर आधारित है. इसके साथ
आपने चालीस जड़ी-बूटियों का प्रयोग किया है. इस फार्मूले को लेने के बाद रोगियों के
नाक से खून बहने लगता है और यह क्रम कई घंटों तक जारी रहता है.
मैं आपको बताना चाहता हूँ कि इस समस्या का मूल कारण फार्मूले में उपस्थित सलिहा
नामक वृक्ष की जड़ है. आप इसे फार्मूले से हटा देंगे तो समस्या का तुरंत समाधान हो
जाएगा. केवल जड़ का सेवन करने से यह समस्या नही आती है. फार्मूले में इसकी
नकारात्मक प्रतिक्रिया अन्य घटकों से हो रही है इसलिए फार्मूला दोषयुक्त हो गया
है.
आपने बताया कि इस फार्मूले का प्रयोग करने वाले रोगी जब खट्टे फलों को खाते
हैं तो उनके शरीर में श्वेत कुष्ठ जैसे लक्ष्ण दिखाई देते हैं. मैं आपको बताना
चाहता हूँ कि इस समस्या का मूल कारण इस फार्मूले में उपस्थित सफेद कंटकारी की जद
है. आप इसे फार्मूले में शामिल करने से पहले पारम्परिक चिकित्सकों की तरह अच्छे से
शोधित कर लें. पारम्परिक चिकित्सक इसे कलिहारी और मोदगर से शोधित करते हैं. इस
शोधन विधि पर मैंने सोलह घंटो की फिल्मे बनाई हैं. ये फिल्मे इंटरनेट पर उपलब्ध
हैं.
आपने यह भी बताया कि इस फार्मूले का प्रयोग जब बुजुर्ग रोगी करते हैं तो उनके
प्रोस्टेट की समस्या बढ़ जाती है. मैं आपको बताना चाहता हूँ कि इस समस्या का मूल
कारण फार्मूले में उपस्थित सफेद फूल वाला हुरहुर है. आप यदि इस फार्मूले में कौआ-कैनी
नामक वनस्पति शामिल कर देंगे तो फार्मूले का यह दोष भी समाप्त हो जाएगा.
मुझे पूरा विश्वास है की यदि इन दोषों को सुधार दिया जाए तो आपका फार्मूला
लीवर के कैंसर की आरम्भिक अवस्था में बहुत प्रभावी ढंग से काम करेगा. आप मेरे द्वारा
सुझाए गये उपायों को अपनाएँ.
मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं .
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कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000
घंटों से अधिक अवधि की फिल्में आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं.
सर्वाधिकार सुरक्षित
E-mail: pankajoudhia@gmail.com
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