कैंसर में ब्रम्हडंडी का लखटकिया तिलक, तांत्रिको का तो गुड लक पर रोगियों का बैड लक

कैंसर में ब्रम्हडंडी का लखटकिया तिलक,  तांत्रिको का तो गुड लक पर रोगियों का बैड लक  
पंकज अवधिया



तो रोज सुबह आपको चार बजे उठना पड़ता है ताकि आप नंगे बदन अपने बागीचे में लगे ब्रम्हडंडी के पौधों को हल्दी के पानी से सींच सकें. फिर वापस आकर स्नान करके आपको एक दिन पहले सींची गयी जड़ को लाकर उससे तिलक तैयार करना होता है. इस तिलक को आपको दिन भर अपने मस्तक में लगाना होता है.

आप कैंसर की जिस अवस्था में है उसमे तो यह सब करना बड़ा मुश्किल है. आपको बड़ा कष्ट होता होगा. आप तो बिस्तर से उठ ही बड़ी मुश्किल से पाते हैं पर आप अपने वैद्य की सलाह से इसे पिछले २१ दिनों से कर रहे हैं.

आपका कैंसर फैलता ही जा रहा है. आपने बताया कि केवल इस विधि से कैंसर ठीक हो जाएगा ऐसा आपके वैद्य कहते हैं. वे आपको ज्वर के लिए एक दवा देते हैं पर उससे भी आपका ज्वर ठीक नही होता है. आपने इस विधि की जानकारी देने और इस बारे में मेरे विचार जानने के लिए मुझसे मिलने का समय लिया है. मैं आपकी मदद करूंगा.

मैं आपको स्पष्ट तौर पर बताना चाहता हूँ कि आपके वैद्य वैद्य कम और तांत्रिक ज्यादा लगते हैं. कैंसर की अंतिम अवस्था में जब बड़े-बड़े जानकारों से हथियार डाल दिए हैं ऐसे में यह उपाय आपकी जान के साथ खिलवाड़ है.

समस्त मनोकामना पूरी होने का झांसा देकर तांत्रिक धनी भक्तों से यह प्रक्रिया करवाते हैं. घनी भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है या नही इसका तो पता नही पर तांत्रिको की करोडपति बनने की मनोकामना अवश्य की पूरी हो जाती है.

आपने बताया कि इस विधि के लिए तांत्रिक ने आपसे चार लाख रूपये अभी तक ले लिए हैं. इसमें ब्रम्हडंडी की कीमत शामिल नही है. इसके लिए उन्होंने आपसे तीन लाख लिए हैं.

मैं आपको बताना चाहता हूँ कि आपके बागीचे में लगा पौधा ब्रम्हडंडी का नही है. यह सत्यानाशी का पौधा है जो खरपतवार की तरह यत्र तत्र सर्वत्र मिलता है और किसान इसे उखाड़ते-उखाड़ते परेशान हो जाते हैं. इसके लिए आपसे लाखों वसूल लिए गये.

आपका कैंसर बढ़ रहा है और उसके लिए आप पिछले कई सप्ताह से कुछ भी नही कर रहे हैं. यह ठीक नही है. आपका तिलक कैंसर से नही लड़ पा रहा है.

कैंसर के कारण हो रहे ज्वर के लिए आपको सरफोंका की जड़ का चूर्ण दिया जा रहा है. यह साधारण ज्वर के लिए उपयोगी है पर कैंसर के कारण हो रहे ज्वर के लिए पारम्परिक चिकित्सा में इसमें कई तरह की जड़ी-बूटियाँ मिलाई जाती है. मैं चौबीस जड़ी-बूटियों का एक फार्मूला आपको दे देता हूँ जिससे न केवल आपको ज्वर से मुक्ति मिलेगी बल्कि  आपके कैंसर का फैलाव भी रुकेगा.  

मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.
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कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की  फिल्में आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं. 
सर्वाधिकार सुरक्षित

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