कैंसर में अनुमोदित मात्रा से अधिक जड़ी-बूटियों का सेवन, मुश्किल कर  सकता है आपका जीवन 

कैंसर में अनुमोदित मात्रा से अधिक जड़ी-बूटियों का सेवन, मुश्किल कर  सकता है आपका जीवन 

पंकज अवधिया 



आपकी आँखें लाल हैं, उनसे लगातार पानी बह रहा है, आपके सिर  में तेज दर्द हो रहा है, आपको नींद नही आयी है कई रातों से, आपके पूरे शरीर में कम्पन है, आपका पाचन तंत्र बिगड़ा हुआ है, मल और पेशाब में खून जा रहा है, कुल मिलाकर आपकी हालत बहुत खराब है. आपको लगता है कि  ऐसा आपके कैंसर के कारण हो रहा है. 


आपने  लीवर कैंसर के लिए  कुछ समय पूर्व जब मुझसे सम्पर्क किया था तो मैंने आपको उत्तराखंड के एक जाने-माने वैद्य के पास भेजा था. आपने उनकी दवा लेनी शुरू की तो दो दिन में ही आपको लाभ नजर आने लगा. 

आपने बताया कि उन्होंने खान-पान में कड़ाई बरतने को कहा है और कई तरह के परहेज बताये हैं.  उनकी दवा लेने के सात दिनों के बाद आपको बहुत सारी शारीरिक समस्याएं पैदा हो गई जिनका  जिक्र मैंने इस लेख के आरम्भ  में किया है. 

आपकी इस स्थिति से आपके वैद्य भी हैरान थे. उन्होंने आपको धीरज रखने को कहा पर जब पानी सिर के ऊपरः से गुजरने लगा तब आपने वैद्य से दवा न लेने का मन बनाया। आपने फिर से मुझसे मिलने का निश्चय किया। 

उत्तराखण्ड के जिन वैद्य के पास मैंने आपको भेजा था वे कैंसर की चिकित्सा में महारत रखते हैं. उनका नुस्खा बहुत ही अधिक जटिल है. वे नुस्खे में प्राथमिक घटक के रूप में बीस जंगली वृक्षों की छाल का प्रयोग करते हैं. द्वीतीयक घटक के रूप में वे दस तरह की लताओं का प्रयोग करते हैं. तृतीयक घटक के रूप में वे बीस तरह के आर्किड के सत्वों का प्रयोग करते हैं. चतुर्थक घटक के रूप में वे पन्द्रह तरह के जंगली फलों का प्रयोग करते हैं जबकि अन्य घटक के रूप में चालीस प्रकार की जड़ी-बूटियों का प्रयोग करते हैं. यही कारण है कि  उनकी चिकित्सा बहुत महंगी है पर कारगर है. वे अपने नुस्खे को अपने हाथों से तैयार करते हैं. मैं उन्हें पिछले  पच्चीस वर्षों से जानता हूँ. 

उनके नुस्खे को दिन में चार मासे  से अधिक नही लेना चाहिए। यह मात्रा यदि थोड़ी भी अधिक हो जाए तो वैसे ही भयानक लक्षण दिखाई पड़ते हैं जैसे कि आपके शरीर में दिख रहे हैं. यह सब कैंसर के कारण नही हो रहा है बल्कि वैद्य की दवा अधिक मात्रा में लेने के कारण हो रहा है. 

आपने बताया कि मात्रा के बारे में आपके वैद्य बार-बार चेताते रहे पर आपने उनकी बात पर ध्यान नही दिया। आपने समझा कि  जड़ी-बूटियां जितनी अधिक मात्रा में खाई जाएँ उतने ही कम समय में कैंसर से छुटकारा मिलेगा। यही आप ने गलती कर  दी. 


मैं आपको यही सलाह देना चाहता हूँ कि आप सही मात्रा में वैद्य की दवा लें. इससे निश्चित ही आपको लाभ होगा। 

मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं .
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कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की  फिल्में आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं. 
सर्वाधिकार सुरक्षित
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