प्रोस्टेट कैंसर में जब मिले लाहा गोंदी कूट और केऊकंद, छ्पाकी छीन ले सारा जीवन आनन्द
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प्रोस्टेट कैंसर में जब मिले लाहा गोंदी कूट और केऊकंद, छ्पाकी छीन ले सारा जीवन आनन्द पंकज अवधिया लाहा गोंदी कूट पर आधारित फार्मूले पर चर्चा करने के लिए आप आये हैं अपने शोध दल के साथ. आपका स्वागत है. मुझे याद है की सात वर्ष पहले आपने मुझसे सम्पर्क किया था. आपका शोध दल प्रोस्टेट कैंसर के हर्बल फार्मूलेश्न्स पर काम करना चाहता था. जब मैंने लाहा गोंदी कूट का नाम सुझाया तो आपने इसी पर ध्यान केन्द्रित किया और इस पर आधारित पचपन जड़ी-बूटियाँ वाला एक फार्मूला तैयार किया और फिर वर्षों तक इसका परीक्षण करते रहे. इस फार्मूले के कारण आपके रोगियों को कई तरह की समस्याएं हो रही हैं. आप इन समस्याओं के समाधान के लिए एक बार फिर मुझसे मिलने आये हैं. आपने बताया कि कैंसर रोगी जब इसे एक महीने से अधिक समय तक लेते हैं तब उनकी आँखों में कई तरह की समस्याएं हो जाती हैं जिनमे एक वस्तु का दो दिखाई देना प्रमुख है. दवा के बंद होते ही एक सप्ताह के भीतर इस समस्या का अपने आप समाधान हो जाता है. मैं आपको बताना चाहता हूँ कि इस समस्या का मूल कारण फार्मूले में उपस्थित मकोय है जिस...