Consultation in Corona Period-21
Consultation in Corona Period-21 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "आप रोज रोज हमें दवा देने के लिए बुलाते हैं। क्यों नहीं आप एक साथ 6 महीने की दवा दे देते ताकि हम ऑस्ट्रेलिया लौट जाते और 6 महीने के बाद फिर आपसे आकर दवा ले लेते।" ऑस्ट्रेलिया से आई एक महिला बस्तर के एक पारंपरिक चिकित्सक से खीझकर शिकायत कर रही थी। यह घटना 90 के दशक की है जब मुझसे ऑस्ट्रेलिया की एक महिला ने संपर्क किया और बताया कि उनके छोटे से बेटे को सिकल सेल एनीमिया है। डॉक्टरों ने कहा है कि यह रोग इतना अधिक विकट है कि बहुत अधिक समय तक इस बालक का जीवित रहना संभव नहीं है। महिला ने पहले तो दुनिया भर की चिकित्सा सुविधाओं का लाभ लिया पर सभी जगह जब दरवाजे बंद हो गए तो उन्होंने भारत का रुख किया। किसी ने उनको सलाह दी कि वे मुझसे मिले। शायद कोई मदद हो पाए। जब वे मुझसे मिलने रायपुर आई तो मैंने उनसे कहा कि आप चाहे तो मैं आपको बस्तर के एक पारंपरिक चिकित्सक के पास ले चलता हूं। वे इसकी चिकित्सा में पारंगत माने जाते हैं। मैं उन्हें निजी तौर पर जानता हूं पर उनसे दवा लेनी है या नहीं लेनी है इसका फैसला आपको करना पड़ेगा। वे तैया